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एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना जुलाई 2014 सत्र से एक नया एवं जाॅब की बहुलता से युक्त कोर्स - फूड इन्जीनियरिंग एवं टेक्नोलाॅजी,प्रारंभ करने जा रही है । तीन वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में दसवीं पास विद्यार्थी एवं चार वर्षीय बी.टेक कोर्स में बारहवीं पास विद्यार्थी प्रवेश ले सकेंगे। कोर्सेस मे बायोलाॅजी एवं मैथ्स स्ट्रीम के विद्याथर््िायों को दाखिला मिल सकेगा।

कोर्स की यह होगी विशेषता
इंडस्ट्री की माॅग के अनुसार इस कोर्स के अन्तर्गत विद्यार्थियों को प्रयोगशाला के साथ-साथ वृहद रूप में उद्योगों का भी अध्ययन करवाया जायेगा जहां वे निर्माण के साथ-साथ बाजार में खाद्य उत्पादों की सेलिंग का अनुभव भी प्राप्त कर सकेंगे।

विद्याथर््िायों क लिए लैब हुए तैयार
‘‘लर्निग व्हाइल डूइंग‘‘ की तर्ज पर अपने हर कोर्स में भरपूर प्रैक्टिकल्स एकेएस की खूबी है जिससे विद्यार्थी विषय में दक्ष हो सके इस कोर्स के प्रारम्भ होने से पहले ही यहां बेकरी बन चुकी है। जहां ब्रेड, बन, बिस्कुट एवं पैटिस का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। जल्द ही यहां अन्य खाद्य उत्पाद, औद्योगिक रूप में प्रारंभ होंगे जिनका प्रशिक्षण इन खाद्य तकनीकी विद्यार्थियों को दिया जायेगा।

इनमें मुख्य रूप से ये उद्योग होंगे खास
गेहूं से दलिया, अनेक प्रकार के मसाले, बेसन, सोया मिल्क, पनीर इत्यादि,। यह देश में अपने प्रकार का पहला प्रयोग रहेगा जहां विद्यार्थी खुद खाद्य उत्पादों को निर्माण करना सीखेंगे एवं उनका प्रबंधन भी करेंगे इस तरह से विद्यार्थी किसी भी खाद्य उद्योग में कार्य करने में पारंगत होंगे।

विभाग प्रमुख ने दी जानकारी
खाद्य व संस्करण विभाग के निदेशक डाॅ. सी.के. टेकचंदानी ने उपस्थित जनों को ब्रेड, बन आइस्क्रीम, सोया दूध, पनीर तथा बड़ी एवं मसाला संस्करण में उद्यमिता विकास पर बल दिया उनका सुझाव था कि ग्रामीण औद्योगीकरण पर ध्यान केन्द्रित कर ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति सुधारी जा सकती है। उन्होंने बताया कि एकेएस विश्वविद्यालय में जुलाई 2014 से खाद्य प्रसंस्करण डिप्लोमा डिग्री प्रोग्राम शुरू किया जायेगा, यह पाठ्यक्रम खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के प्रशिक्षित युवा एवं युवतियों की कमी को पूरा करेगा।

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‘‘मेरा खेत मेरी माटी‘‘कार्यक्रम के तहत‘‘किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग‘‘के तत्वाधान में हुआ कार्यक्रम

सतना। एकेएस विश्वविद्यालय,सतना के सभागार में ‘‘मेरा खेत मेरी माटी‘‘ कार्यक्रम के तहत ‘‘किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग ‘‘एवं एकेएस वि.वि. के संयुक्त तत्वाधान मे सतना जिले के अधिकारियों की कार्यशाला खरीफ फसलो की बुवाई के पूर्व की तैयारी के सिलसिले मे शनिवार को सम्पन्न हुई। कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में मोहनलाल मीणा, कलेक्टर सतना ने कृषि को उद्योग का दर्जा मिले उस पर कार्य करने के लिये उपस्थित अधिकारियों से आह्वान किया। श्री मीणा ने कृषि कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के अधिकारियों को दो बार कृषि कर्मण पुरस्कार जीतने पर हार्दिक बधाई भी दी कलेक्टर सतना ने कहा कि किसानों को ऐसी तकनीक दी जाय जिससे उन्हें नियमित आय प्राप्त होती रहे। जिलाधीश ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में एकेएस विश्वविद्यालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय म.प्र. के विन्ध्य क्षेत्र का अग्रणी विश्वविद्यालय है एकेएस एवं किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग को कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करने की आवश्यकता है, तभी म.प्र. के किसानों का कल्याण हो सकेगा।

ज्वाइंट डायरेक्टर एग्रीकल्चर विभाग ने इस मौके पर कहा कि खरीफ की फसलों की बुवाई से पूर्व किसानों को उन्नत तकनीक से रुबरु कराया जाएगा जिसका खाका खींच लिया गया है और भविष्य में अच्छे परिणाम मिलने की उम्मीद है।
एकेएस विश्वविद्यालय के चेयरमैन अनंत सोनी ने वि.वि. के कृषि अभियंत्रकीय संकाय की विविधता और कोर्स के दौरान विद्यार्थियों को सिखाई जाने वाली तकनीक के बारे में विस्तार से बताया। चेयरमैन ने कहा कि मानव संसाधन विकास के द्वारा हम देश को उन्नति के शिखर तक पहुंचा सकते हैं। कार्यशाला के दौरान एकेएस वि.वि.के फूड टेक्नाॅलाजी विभाग द्वारा तैयार उत्पादों का डेमोस्ट्रशन किया गया जिसे अतिथियों ने जाना एवं कलेक्टर ने अघिकारियों के साथ वि.वि का भ्रमण भी किया।एकेएस विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. भूषण दीवान ने किसानों के आर्थिक विकास पर चर्चा करते हुए कहा कि किसानों को बाजार से जोड़ने की जरूरत है।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभिजीत अग्रवाल, डाॅ. अग्रवाल अध्यक्ष विन्ध्य विकास फोरम,,सहायक संचालक कृषि, सी.के.शर्मा एवं एकेएस विश्वविद्यालय की ओर से चेयरमैन इं. अनंत सोनी, प्रति कुलपति प्रो. भूषण दीवान, डाॅ. के.आर. मौर्य, डाॅ. टेकचंदानी, प्रो.आर.एन.त्रिपाठी, की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।वर्कशॅाप के मौके पर जिले के सतना जिले के दूरस्थ अंचलो तक फैले ‘‘किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

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एकेएस में नाइटर की वर्कशाॅप का समापन

सतना। विन्ध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के वीडियों कान्फ्रेसिंग हाॅल में ‘‘ कम्प्यूटर नेटवर्किग ’’ पर पांच दिवसीय सफल टेªनिंग प्रोग्राम का शुभारंभ 19 मई को एवं समापन 23 मई को किया गया। समापन समारोह के मुख्य अतिथि चेयरमैन अनंत कुमार सोनी रहे । महत्वपूर्ण विषयों े मे ‘‘कन्फिगरेषन एण्ड स्टेटिक राउटिंग ,राउटिंग इन्फारमेषन प्रोटोकाल ,ईआईजीआरपी ‘‘ओएसपीएफ ‘‘ ‘‘नैट एवं पैट‘‘ पर दी गई जानकारी के दौरान विंध्य क्षेत्र के तकनीकी संस्थानों के षिक्षकों,एकेएस विष्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के फैकल्टीज एवं विद्यार्थियों ने सहभागिता निभाई। नाइटर के विशय विषेशज्ञों ने प्रतिभागियों को प्रैक्टिकल्स भी परफार्म करवाए एवं प्रष्नों के आॅनलाइन रिप्लाए भी दिए। षुक्रवार को कार्यक्रम का गरिमामय समापन किया गया।

एकेएस के एम.एस.डब्ल्यू विद्याथर््िायों का नेत्र चिकित्सालय भ्रमण

सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी,सतना के एमएसडब्ल्यू विभाग के छात्र-छात्राओं ने सतना में स्थित चित्रकूट चैरिटेबल हास्पिटल का भ्रमण किया, जहां पर नेत्र रोग विशेषज्ञ डाॅ. चारूलता सोई ने छः वर्ष पूर्व स्थापित हास्पिटल के उद्देश्यों की विधिवत जानकारी छात्र-छात्राओं को प्रदान की, तथा अभी तक के नेत्र सुरक्षा कार्यक्रमों का विस्तारपूर्वक विवरण दिया। डाॅ. सोई ने हास्पिटल में उपलब्ध सभी संसाधनों, मशीनों की जानकारी देते हुए नेत्रों में होने वाली विभिन्न समस्याओं में उनका उपयोग बताया। उन्होंने बताया कि वो हर वर्ष अपने कर्मचारियों के साथ आंखों से संबंधित बीमारियों से पीड़ित गरीबजनों का मुफ्त इलाज देख रेख एवं दवाईयां आदि उपलब्ध कराती हैं तथा आने वाले समय में अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से कार्यक्रम को दूर-दूर तक प्रसार करेंगी, जिससे अधिक से अधिक नेत्र रोगी लाभान्वित हो सकें।

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जैव विविधता संरक्षण से बचेगा विष्व

सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना में विश्व जैव विविधता दिवस पर विश्वविद्यालय के बायोटेक एवं माइक्रोबायोलाॅजी विभाग द्वारा एक दिवसीय जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष डाॅ. कमलेश चैरे ने जैव विविधता की महत्ता एवं उसके संरक्षण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। उन्होंने बताया कि जैव विविधता के रूप में हमारे पास जेनेटिक इको सिस्टम एवं साइंटिफिक जैव विविधता मौजूद हैं, जिससे हम अपने लिये महत्वपूर्ण दवाइयां, खाद्य पदार्थ एवं अन्य जीवन यापन की वस्तुएं प्राप्त करते हैं। इन जैव विविधताओं के संरक्षण का कार्य अब हमारा सबसे बड़ा दायित्व होना चाहिये। इन्होंने बताया कि आज मानव द्वारा की जाने वाली सतत् प्रगति की वजह से समस्त पर्यावरण पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है जैसे अत्यधिक कार्बनडाई आॅक्साइड के उत्सर्जन एवं अन्य ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन की वजह से वातावरण का तापमान बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण कई तरह की महत्वपूर्ण प्रजातियां खत्म होती जा रही हैं। जंगालों के अत्यधिक दोहन एवं औद्योगिक कार्यों में बढ़ाव की वजह से सम्पूर्ण विश्व को संकट में डाल चुके हैं। अभी तो दूसरी प्रजातियां ही खत्म हो रही हैं पर शीघ्र ही इसका प्रभाव सम्पूर्ण मानव जगत को भी खतरे में डाल देगा। इससे बचने के लिये उन्होंने बताया कि हमें हर कार्य एक सोची समझी रणनीति बना कर करना होगा, जिससे दूसरी प्रजातियों के साथ-साथ हमारा भी संरक्षण हो सके। हमें जैव विविधता के संरक्षण के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी, और अच्छे जीव के रूप कार्य कर सम्पूर्ण विश्व के साथ-साथ सभी जीवों की मदद करनी होगी। इस अवसर पर विभाग के सभी फैकल्टीज एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

एकेएसयू में ‘‘कम्प्यूटर नेटवर्किग‘‘ के विशय ‘‘नैट एवं पैट ‘‘पर प्रैक्टिकल्स

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सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी न सिर्फ विद्वाथर््िायों मे एकेडमिक उन्नति के प्रति प्रतिबद्व है बल्कि सांस्कृतिक व सामाजिक गतिविधियों से भी परिचय करवाने की दिषा में कैम्पस में कार्यक्रम आयोजित होते है जिससे विद्वार्थी की सर्वागीण विकाससुनिष्चित होता है इसी पहरप्रेक्ष्यव उद्वेष्य के तहत सभागार में ‘‘वल्र्ड म्यूजियम डे‘‘ सेलीब्रेट किया गया। इस मौके पर संगोश्ठी मे चर्चा की गई कि हमारे जीवन के महत्वपूर्ण आयामों में हमारे उन ऐतिहासिक धरोहरों की महती भूमिका है। जो तब प्रासंगिक थे जब अतीत पल-पल आगे बढ रहा था। म्यूजिमय ऐसे महत्व के स्थान है जिससे हमें अतीत के देषकाल, परिस्थिति और वातावरण के बारे में वो जानकारियाॅ नुमाॅयाॅ होती हैं जो हमे इस बात का आभास कराती हैं कि तब और अब में क्या अंतर आया है और हम समय के पहिए पर सवार होकर कितने आगे आ चुके हैं । सभागार में उपस्थित विद्वार्थियों को बताया गया कि ऐतिहासिक विरासतों के मायनें में रीवा का बाघेला म्यूजियम , खजुराहो की मूर्तियाॅ, रामवन मे स्थित रामायण कालीन वस्तुऐं , साॅची के स्तूप के साथ वैष्विक म्यूजियम के बारे में भी संगोश्ठी मे चर्चा की गई। म्यूजिमय से हमें कई ऐसी जानकारियाॅ मिलती हैं जो हमारे जीवन को काफी गहरे प्रभावित करती हैं ।हमारी ग्लोबल सोच भी समृद्व होती है। उनके संरक्षण व रखरखाव के बारे में भी सरकारी व गैरसरकारी प्रयासो की भी जानकारियॅा दी गई।समाजकार्य विभाग की इस संगोश्ठी में राजीव सोनी ने महत्वपूर्ण जानकारियों से विद्वाथियों को रुबरु करवाया।

 

एकेएसयू में ‘‘कम्प्यूटर नेटवर्किग‘‘ के विशय ‘‘सीसीएनए ‘‘पर प्रैक्टिकल्स

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उमरिया काॅलरी के बारे मे प्राप्त की जानकारी

एकेएस वि.वि. के ‘‘लर्निग व्हाइल डूइंग‘‘के विजन के तहत माइनिंग डिप्लोमा फोर्थ सेम के 50 विद्याथियों ने उमरिया स्थित प्राचीनतम, कॅालरी का भ्रमण किया।कंपनी के अधिकारियों ने यहाॅ सरफेस लेआउट, वेन्टिलेषन, लैम्प रुम,और कोल हैण्डलिंग के बारे में जानकारी प्रदान की तत्पष्चात विद्याथर््िायों ने माइन्स एरिया की कार्यप्रणली के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।

विद्यार्थियों का इन्होने किया मार्गदर्षन

एकेएस विवि के माइनिंग डीन डाॅ.जी.के. प्रधान एवं डाॅ. आर के शर्मा ने कॅालरी के भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों को विभिन्न विशयों कन्वेयर वर्किग, एफ बोल्टिंग, वेन्टिलेषन सिस्टम, बोर्ड एवं पिलर के बारे मे उमरिया काॅलरी के अधिकारियों के मार्गदर्षन मे बताया कि काॅलरी मे कैसे कार्य अंजाम दिया जाता है विद्यार्थियों का कहना है कि ढाई कि.मी. के दायरे मे फैले अंडरग्राउंड एरिया के बारे में इतनी रोचक जानकारियाॅ प्राप्त हुई जो हमे भविश्य की स्किल्ड माइनिंग इंजीनियर के रुप मे कार्य करने मे अहम भूमिका निभाएंगी।यहाॅ विद्याथियों ने ब्लास्टिंग,ड्रिलिंग व एसडीएल मषीन से कोल लोडिंग प्रक्रिया के बारे मे भी विस्तार से जानकारी प्राप्त की ।एकेएस वि.वि. के चेयरमैन अनंत सोनी ने विद्याथर््िायों केा सफलतापूर्वक भ्रमण पूर्ण करने पर बधाई दी है

 

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