हर चैथा व्यक्ति है अस्थमा से पीडित
गौरतलब है कि मई माह में विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। यह मई के पहले मंगलवार को पूरे विश्व में घोषित किया गया है। एकेएस सभागार में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए पर्यावरण विभागाध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र तिवारी ने बताया कि स्वास्थ्य को समझकर, अस्थमा या दमा के मरीज भी मौसम का मज़ा ले सकते हैं। वातावरण में मौजूद नमी अस्थमा के मरीजों को कई प्रकार से प्रभावित करती है। बरसात आने के साथ ही अस्थमैटिक्स की मुसीबत भी बढ़ जाती है, ऐसे में उन्हें नमी वाली जगहों पर नहीं जाना चाहिए। अस्थमा के मरीज़ों के लिए आहार की कोई बाध्यता नहीं होती, लेकिन अगर किसी खास प्रकार के आहार से एलर्जी हो तो उससे परहेज करना चाहिए। अस्थमा अटैक से बचने के टिप्स भी विद्यार्थियों का दिये गये। जिसमें आँाधी और तफान के समय घर से बाहर ना निकलें, अस्थमा को नियंत्रित रखे और अपनी दवाएं हमेशा साथ रखें, अगर बच्चा अस्थमैटिक है, तो उसके दोस्तों व अध्यापक को बता दें कि अटैक की स्थिति में क्या करना है, हो सके तो अपने पास स्कार्फ रखें जिससे आप हवा के साथ आने वाले पालेन से बच सकें, घर के अंदर किसी प्रकार का धुंआ न फैलने दे। अलग-अलग लोगों में दमा के दौरे के कारण भिन्न हो सकते हैं इसलिए सबसे आवश्यक बात यह है कि आप अपनी स्थितियों को समझें। 10 वर्ष पूर्व जहां 100 में 24वां व्यक्ति अस्थमा से पीड़ित था। वही आज के परिवेश में हर चैथा व्यक्ति अस्थमा पीड़ित है। इस मौके पर विभिन्न संकायों के विद्यार्थी शामिल रहे।
‘‘कोल माइन्स डे’’
एकेएस यूूनिवर्सिटी, सतना के विशाल सभागार में बी.टेक माइनिंग विभाग द्वारा एक संक्षिप्त एवं सारगर्भित कार्यक्रम रख कर ‘‘कोल माइन्स डे’’ सेलीब्रेट किया गया। कार्यक्रम के दौरान माइनिंग फैकल्टीज ने कोल माइन्स का इतिहास, कोयला निकालने की विधियां, स्ट्रिप माइनिंग, काउंटर माइनिंग, माउण्टेन टाॅप रिमूवल माइनिंग, अण्डर ग्राउण्ड माइनिंग, कोल प्रोडक्शन और माॅडर्न माइनिंग के बारे में विद्यार्थियों को रूबरू कराया। इस दौरान विद्यार्थियों को बताया गया कि कोयला 1880 से ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है। इसका इस्तेमाल स्टील और सीमेंट इंडस्ट्रीज में बहुतायत में किया जाता है। माइनिंग के स्केल, ड्रेग लाइन्स, ट्रक्स, कान्वेयर्स, जैक्स और शीयरर्स के बारे में भी बताया गया। इसी के साथ यह भी बताया गया कि 18वीं शताब्दी से ब्रिटेन से औद्योगिक क्रांति प्रारंभ हुई थी। जो धीरे-धीरे यूरोप और नाॅर्थ अमेरिका तक पहंुची। इसी के साथ विश्व की कई कोल फील्डस के बारे में भी जानकारी दी गई। जिनमें यूनाइटेड किंगडम की टाॅवर कोलियरी, साउथ वेल्स वैली के बारे में जानकारी दी गई। सभागार में उपस्थित विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए। यह चर्चा की गई कोल माइन्स डे मनाने के पीछे मूल मकसद क्या है? इससे जुड़े तमाम तथ्यों और तर्को की भी बात की गई। यह भी बताया गया कि माइनिंग का कार्य अमेरिका से 1730 में ही प्रारंभ हो गया था।
रीमिक्स ओ मेरे सोना ने भरा पार्टी में रंग
एकेएस यूूनिवर्सिटी, सतना के सभागार में एम.बी.ए. फाइनल ईयर के स्टूडेन्टस को जूनियर्स ने यादगार शानदार फेयरवेल पार्टी दी। फेयरवेल पार्टी में कई ऐसे पल आए जब म्यूजिंग, मस्ती और रोमांच चरम पर रहा। हौले-हौले आगे बढ़ रही फेयरवेल पार्टी में गीत, संगीत और मस्ती का शानदार कम्बीनेशन बना रहा। फेयरवेल पार्टी के दौरान एक-दूसरे से दूर होने का गम भी नृत्य, गीत और संगीत के माध्यम से उभरा। एम.बी.ए. फाइनल ईयर के स्टूडेन्टस को मैनेजमेंट और काॅमर्स डिपार्टमेन्ट द्वारा फेयरवेल पार्टी दी गई। जूनियर्स को सीनीयर्स द्वारा टिप्स भी दिए गए। जिसे जूनियर्स ने तहे दिल से स्वीकार किया। रंगारंग कार्यक्रमों के दौरान नृत्य, गीत, कविता के साथ-साथ पार्टी गेम्स भी आयोजित किए गए। जिसे सभी प्रतिभागियांे ने खूब एन्ज्वाय किया। नोड गेम, वैल्यूम गेम, खेलते हुए विद्यार्थियों ने अपने टीचर्स के नाम एनाउन्स करके जब टीचर्स को स्टेज पर बुलाया तो उन्होंने भी विद्यार्थियों की गुजारिश को अस्वीकार न करते हुए सुमधुर प्रस्तुतियां दी। जिससे विद्यार्थी रोमांचित हुए। क्योंकि अब तक वो अपने प्रोफेसर्स के एक ही हुनर ये वाकिफ थे। कुल मिलाकर एकेएस यूनिवर्सिटी के विशाल सभागार में आयोजित फेयरवेल पार्टी-2014 के अन्तिम पलों में मिसेज फेयरवेल हिना गुप्ता और मिस्टर फेयरवेल आशीष सिंह एनाउन्स हुए। जबकि अन्य कैटगरी में मिस्टर पाप्यूलर उत्तम गोयल और मिस पाप्यूलर कृति गुप्ता चुनी गई। फेयरवेल पार्टी कार्यक्रम का संचालन भारती त्रिपाठी और अंकिता परिहार ने किया। कार्यक्रम के दौरान चेयरमैन अनंत सोनी, प्रतिकुलपति प्रो. भूषण दीवान के साथ मैनेजमेंट तथा काॅमर्स विभाग के सभी शिक्षकगण मौजूद रहे।
जानी माडर्न इलेक्ट्रिक सबस्टेशन की कार्यप्रणाली
एकेएस यूनि. के बी.टेक. इले. के विद्याथियों ने सितपुरा सबस्टेशन के बारे में जानकारी प्राप्त की । 3 मई को भ्रमण कार्यक्रम के दौरान सितपुरा के माडर्न सबस्टेशन के भ्रमण में शामिल 40 विद्याथियों का कुशल मार्गदर्शन इंजी. डी.सी. शर्मा, इजी. आशुतोष दुबे एवं मधु सोनी ने किया । सितपुरा सबस्टेशन के बारे में जानकारी देते हुए ए.ई.नवनीत कुमार पयासी, एम.पी.पी.के.वी.वी. व डिविजनल इंजी.एम.पी.पटेल ने विद्याथियो को सबस्टेशन की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से जानकारी दी । एकेएस यूनिवर्सिअी सतना के चेयरमैन अनंत सोनी ने विद्यार्थियों को वधाई दी है। भविष्य में इसी तरह के कार्यक्रम डिप्लोमा और बी.टेक के विद्यार्थियों हेतु भी रखे जाऐंगें।