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सतना। एकेएस वि.वि. में छात्र.छात्राओे के सम्पूर्ण विकास के लिए कई हाॅवीज में विद्यार्थियों को निखारा जाता है इसी में प्रमुख है हस्तलेखन ”कैलीग्राफी हैण्डरायटिंग इम्प्रूव्हमेंट” विभाग सतत छात्रों के लिए वर्कशॅाप एवं कार्यक्रम का आयोजन करता है। शुक्रवार को एकेएस वि.वि. के सभागार में हैण्डरायटिंग पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वैद्यराज अब्दुल वारसी (मास्टर ट्रेनर गौअमृत वनस्पति, दुर्ग) ने वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी,प्रतिकुलपति प्रो.आर.एस.त्रिपाठी,ओएसडी प्रो.आर.एन त्रिपाठी ने हैन्डराइटिंग के महत्व से छात्रों को अवगत कराया और उन्हे शुभकामनाऐं भी दीं।अव्वल विकास पटेल रहे रूपेश कुमार एवं अतुल कुमार साह ने द्वितीय और तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। 60 विद्यार्थियों को कान्सोलेशन सर्टिफिकेट एवं स्मृति चिन्ह देकर पुरस्कृत किया गया। इस अववर पर टेªेनर अनिल कुशवाहा के साथ विश्वविद्यालय के समस्त संकायों के छात्र छात्रायें उपस्थित रहे।


मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

 

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एकेएस विश्वविद्यालय के सभागार में 7 से 9 नवम्बर तक आयोजित मध्यप्रदेश स्थापना की 60वीं वर्षगांठ एवं 61वें स्थापना दिवस के समापन अवसर पर विविध कार्यक्रमों के बीच भारत के ह्दय स्थल मध्यप्रदेश की भौगोलिक विविधता, निर्माण की रोचकता, कलारंग के अद्भुत रंग लोकसंस्कृति की बानगी के साथ सप्तरंगी साहित्य की कड़ियाॅ जोडते हुए कलाकारों की सोच में लिपटे विभिन्न कार्यक्रम एवं विविध प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को कुलपति प्रो. पी. के. बनिक, प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवधन, प्रो. आर. एन. त्रिपाठी, डाॅ. आर. एस. निगम, इंजी आर. के. श्रीवास्तव द्वारा पुरूष्कृत किया गया। कार्यक्रम का संचालन बी.एड. विभागाध्यक्ष डाॅ. आर. एस. मिश्रा ने किया।
तीन दिवसीय कार्यक्रम में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ विविध प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। चयनित विजेता प्रतिभागियों में रंगोली में प्रथम, द्वतीय एवं तृतीय विजेता अंजली, ज्योती, प्रीती, सोलो सांग में प्रथम, द्वतीय एवं तृतीय विजेता नेहा , कल्याणी, अंकिता, रैम्प वाॅक में प्रथम, द्वतीय एवं तृतीय विजेता रेशमा, शुसमा, पूजा, क्विज काॅम्पटीशन में प्रथम, द्वतीय एवं तृतीय विजेता टीम ए में प्रशांत , पूजा, मीना टीम बी से सत्येन्द्र , हिमांशू, अमित, टीम सी से सोनाली , प्रिया एवं ज्योती , सलाद डेकोरेशन में प्रथम, द्वतीय एवं तृतीय विजेता ज्योती , पुष्पा, स्वाती, आर्ट एंड क्राफ्ट में प्रथम, द्वतीय एवं तृतीय विजेता पूजा, राखी, अनामिका रही। इस मौके पर बी.एड. फैकल्टीज डाॅ. बी. डी. पटेल, नीता सिंह, अनिरूद्ध गुप्ता, शिखा त्रिपाठी, रानू सोनी, कल्पना मिश्रा के साथ बी.एड. एवं डी.एल.एड. के छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहें।

 

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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय में मंगलवार को एसीसी सीमेंट द्वारा सिविल इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के लिये ‘कनेक्ट टू यंग’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके अंतर्गत ‘चैलेंजेस फेस्ड ड्यूरिंग कंस्ट्रक्शन’ विषय पर एक दिवसीय सेमिनार में मनीष दुबे (सीईओ, एमडी कंसल्टेंसी, जबलपुर) ने विद्यार्थियों को इण्डस्ट्री और कंस्ट्रक्शन्स में आने वाली समस्याओं और उनके निदानों से रूबरू कराया। उन्होने कहा कि अच्छे काम का जुनून किसी भी कार्य को रोचक बना देता है आपमें लगन हो, प्रतिभा हो और भविष्य और वर्तमान को लेकर बेहतर नजरिया हो तो सब कुछ सुकून और अच्छा लगेगा क्योंकि आप सपने पूरे कर रहे हो फोर्स वर्क हमेंशा ही उबाउ होता है वही करो जो दिल की गहराइयों से निकले और इसके अलावा राकेश जैन (मैनेजर, कस्टमर सर्विस, एसीसी सीमेंट) ने विभिन्न प्रकार की सीमेंट, सिविल की लेटेस्ट टेक्नाॅलाॅजी एवं कंस्ट्रक्शन साइट पर किये जाने वाले क्वालिटी कंट्रोल टेस्ट के बारे में ज्ञानवर्धक जानकारियां विद्यार्थियों से साझा की। कार्यक्रम के समापन पर विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट वितरित किये गये। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डाॅ. पी.के.मजूमदार, फैकल्टी शिवानी गर्ग, भगवानदास, विशुतोष वाजपेयी, राधेश्याम सोनी, हर्ष सिंह, सरोजिनी सिंह के साथ डिप्लोमा एव बी.टेक सिविल इंजीनियरिंग के छात्र छात्रायें उपस्थित रहे।


मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

 

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सतना। भारतवर्ष में गोपाष्टमी का खास महत्व है एकेएस विश्वविद्यालय के ”पारम्परिक ज्ञान अनुसंधान एवं उपयोगिता केन्द्र (सीटीकेआरए)” द्वारा गौ विज्ञान सम्मेलन का आयोजन किया गया। हमारे वेदों और शास्त्रों में गाय की बहुत महिमा है। अथर्ववेद में 2000 श्लोक गौ विज्ञान पर आधारित हैं।
ये रहे कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वैद्यराज अब्दुल वारसी (मास्टर ट्रेनर गौअमृत वनस्पति, दुर्ग) ने अपने व्याख्यान में महाभारत, आयुर्वेद, अथर्ववेद और गीता में गौ विज्ञान की महिमा का जो ज्ञान है उसके बारे में विद्यार्थियों को अवगत कराया। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि न केवल स्वास्थ्य के लिये वरन् कृषि क्षेत्र में भी जैविक खेती के लिये पंचगव्यों का प्रयोग वरदान सिद्ध हो सकता है। अनेकों जड़ी बूटियों जिनको खरपतवार के रूप में नष्ट कर दिया जाता है उनका प्रयोग गौमूत्र के साथ करके टिकाऊ जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिये वरदान सिद्ध हो सकता है। कई किसान मूल रूप से इस पर सफलतापूर्वक कार्य कर रहे हैं।विश्वविद्यालय के सीमेन्ट टेक्नाॅलाॅजी के छात्र लक्ष्मीकांत द्विवेदी ने अपने ग्राम मुकुन्दपुर में गौविज्ञान पर आधारित गौशाला का निर्माण किया है जहां इनके पास 200 गौवंश हैं। इन्होंने गोबर से कृषि में प्रयोग आने वाले कीटनाशकों के साथ अगरबत्ती, धूप, साबुन, शैम्पू, घनवटी इत्यादि का भी निर्माण किया है। गौ माता एक चलता फिरता चिकित्सालय है, इससे प्राप्त होने वाला पंचगव्य दूध, घी, दही, गौमूत्र, गौम्य (गौरस) इन सबका स्वास्थ्य के अंदर बहुत महत्व है केवल गौमूत्र से ही मनुष्य में पाये जाने वाले 105 रोग ठीक होते हैं और इन सबको वैज्ञानिक स्तर पर अनुसंधान करके प्रमाणित किया गया है। इन सबमें मुख्य योगदान लखनऊ के विश्वविख्यात अनुसंधान संस्थान एवं एनवीआरआई (राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान), सीआईएमएपी लखनऊ के वैज्ञानिकों को जाता है जिन्होंने गौमूत्र पर 6 पेटेन्ट यूएसए और चायना में लिये हैं। गुजरात के वैज्ञानिको ने अपने अनुसंधान से यह सिद्ध कर दिया है कि गौमूत्र में नैनो पार्टिकल के रूप में सोना भी उपलब्ध है जिसके कारण इसके औषधीय गुण भस्मों की तरह अधिक प्रभावशाली हैं। इन छः पेटेंटों में 2014 में लिया गया चायनीज पेटेंट भी शामिल है जिसमें गौमूत्र में डीएनए रिपेयर करने की क्षमता है, क्योंकि यह डीएनए डैमेज को रोकता है। इसमें बायो इनहेंसमेंट, एन्टीआॅक्सीडेंट, कब्ज नाशक व त्वचा के रोगों को खत्म करने का विशेष गुण है। कार्यक्रम में डाॅ. भूमानंद सरस्वती (निदेशक पारंपरिक ज्ञान एवं अनुसंधान उपयोगिता केन्द्र, एकेएस वि.वि.) ने भी गौविज्ञान के बारे में और इस पर अनुसंधान और पेटेंट के बारे में जागरुक किया इन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपने अपने क्षेत्र में गौशालाओं का निर्माण करे व फिर से जैविक खेती को वापस लाकर नौकरी के बजाय सेल्फ एम्प्लायमेंट से जुड़कर अपना भविष्य बनाए। आगे आने वाले समय मे यह एक बहुत बड़ी इण्डस्ट्री के रूप में उभरकर सामने आने वाला है। कार्यक्रम के अंत में डाॅ. एस.एस. तोमर ने धन्यवाद प्रस्ताव देते हुए विद्यार्थियों को गौविज्ञान को अपना लक्ष्य बनाने, धरती की उत्पादका को टिकाऊ रूप से स्थापित करने, गौशालाओं एवं गौ विज्ञान का महत्व समझने के लिये प्रेरित किया। वि.वि. के चेयरमैन इंजी. अनंत कुमार सोनी ने वैद्य अब्दुल खान वारिस द्वारा लिखित पुस्तिका गौमूत्र चिकित्सा का अनुमोदन किया और विद्यार्थियों से कहा कि इस पुस्तिका को पढ़ें और इसमें दिये हुए नुस्खों का प्रयोग स्वास्थ्य और कृषि में करें। इस अवसर पर चेयरमैन अनंत कुमार सोनी,डायरेक्टर अमित सोनी,एग्रीकल्चर विभागाध्यक्ष डाॅ. नीरज वर्मा के साथ फैकल्टीज एवं बी.एस.सी. एग्रीकल्चर के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

 

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एकेएस विश्वविद्यालय के सभागार में ‘‘एकात्म मानववाद शोध पीठ’’ के तत्वावधान में ‘‘शिक्षा में नवाचार’’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान के प्रमुख वक्ता विद्वान एवं चिन्तक विभूति नारायण राय ने विषय पर प्रबुद्ध रूप से एकेएस विश्वविद्यालय के शिक्षकों से वर्तालाप किया उन्होंने कहा कि छात्रों में सवाल पूछने की जिज्ञासा होनी चाहिए। रूढ़ियों से निकलिए, ज्ञान के लिए नए एप्रोच रखे। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति आब्रहम लिंकन के अपने बेटे के अध्यापक को लिखे पत्र का जिक्र करते हुए पत्र मे उल्लिखित बिन्दुओं पर चर्चा करते हुए कहा कि शिक्षक को छात्रों को‘‘बेहतर मनुष्य बनने ’’की प्रेरणा देनी चाहिए। शिक्षा में इनोवेशन का अर्थ है रुढियों से निकलकर वक्त की जरुरत के अनुसार शिक्षा प्रणाली मे बदलाव लाना। उन्होंने कहा कि अध्यापकों को छात्रों का मूल्यांकन जाति, धर्म एवं भाषा के आधार पर न करते हुए छात्र की शैक्षणिक गुणवत्ता के आधार पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नवाचार नई चुनौतियां लाऐगें आप नवाचार करके सफलता और असफलता दोनों हासिल कर सकते है पर दोनो का स्वागत करिए। डाॅ. राॅय ने अतीत, वर्तमान व भविष्य की शिक्षा प्रणाली की चर्चा करते हुए बताया कि कैसे वर्तमान की शिक्षा प्रणाली अवनति की और जा रही है और इसे प्रोन्नत कैसे किया जा सकता है उन्होंने अध्यापक कैसे करें इनोवेशन एवं भारत एवं विश्व की शिक्षा प्रणाली पर सवालों के सारगर्भित जबाव भी दिये। इस मौके पर विश्वविद्यालय के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने कहा कि विश्वविद्यालय में वर्तमान सत्र तक सात हजार छात्र-छात्रायें अध्ययनरत् है और एकेएस वि.वि. को भविष्य मे देश की टाॅप यूनिवर्सिटी में शामिल करना हमारा उद्देश्य है। कार्यक्रम के समापन अवसर पर शिक्षाविद् प्रहलाद अग्रवाल ने कहा कि ज्ञान की कीमत पैसे से नहीं आंकी जा सकती। डाॅ. राय का आभार प्रदर्शन करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पी. के. बनिक एवं विश्वविद्यालय के पदाधिकारियांे ने स्मृति चिन्ह देकर उन्हें सम्मानित भी किया।

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विश्वविद्यालय के सभागार में मध्यप्रदेश स्थापना की 60वीं वर्षगांठ एवं 61वें स्थापना दिवस का गरिमामय कार्यक्रम मध्यप्रदेश की संस्कृति और जीवन शैली के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप का अद्वितीय और दुर्लभ संमाजस्य लिए प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के नृत्य महोत्सव, लोकरंग समारोह , लोक कला, लोक संस्कृति, लोक नृत्य, जनजातीय नृत्य, शास्त्रीय नृत्य की अद्भुत प्रस्तुतियों ने शानदार शमा बाॅधा। अतिथियों का स्वागत पुष्पहार एवं माल्यापर्ण से करते हुए स्वागतम्, सुस्वागतम् की प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम अगले पायदान पर पहुँचा।
मध्यप्रदेश गान ने बांधा समा
मृदंग एवं ढोलक की थापो और संगीत साधनों के साथ माधुर्य एवं संगीत से भरे अद्वितीय संकलन को ‘‘सुख का दाता, सबका साथी, सबका मध्यप्रदेश का स्वर दिया गया मध्यप्रदेश गान की सुर लहरियों को स्वर दिव्या, पूनम, सुनील एवं आशा ने देकर उपस्थित जनों को मंत्र मुग्ध कर दिया।
गणेश वंदना रही मनमोहक
परम्परिक संगीत की लय पर प्रेमपूर्ण एवं उत्साह से भरपूर विशिष्ट लोक शैली में शंख की मधुर ध्वनि एवं लावणी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति के साथ गणेश वंदना ने कार्यक्रम में एक अद्वितीय रंग,साज और ध्वनि बिखेरी । उपस्थित जनों को अपलक कार्यक्रम को निहारने के लिए प्रेरित किया।
अन्य कार्यक्रमों ने भी बांधा समा
मध्यप्रदेश में देवी देवताओं के समक्ष किए जाने वाले विभिन्न नृत्य, अनुष्ठानों द्वारा अपनी सांस्कृति का परिपूर्ण दृश्य जब छात्र-छात्राओं ने प्रस्तुत किया तो पूरा महौल और उपस्थित जन मध्यप्रदेश की विभिन्नता की रौ में बहने लगे, संगीत वादकों के साथ माधुर्य और संगीत से नर्तक एवं नर्तकियों ने परम्परिक पोषकों और गहनों के साथ ढोल की ताल पर अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। एकल नृत्यों में कल्याणी, ज्योति, प्रिया, स्नेहा, पूजा नें रंग भरा। ड्यूअल डांस में संजू, अन्जली के साथ पूजा एवं राखी ने शानदान प्रस्तुति दी।
ये फैकल्टीज रहे उपस्थित
मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के शुभारंभ कार्यक्रम के मौके पर एकेएस वि.वि. के कुलपति प्रो. पी. के. बनिक, प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन, प्रो. आर. एन. त्रिपाठी, डाॅ. आर. एस. निगम उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन बी.एड. विभागाध्यक्ष डाॅ. आर. एस. मिश्रा ने किया। इस मौके पर बी.एड. फैकल्टीज डाॅ. बी. डी. पटेल, नीता सिंह, अनिरूद्ध गुप्ता, शिखा त्रिपाठी, रानू शानू के साथ बी.एड. एवं डी.एल.एड. के छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहें।

 

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सतना। एकेएस वि.वि. में ”मध्यप्रदेश स्थापना दिवस” के अवसर पर तीन दिवसीय कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा । इस बारे में जानकारी देते हुए विभागाध्यक्ष डाॅ आर. एस मिश्रा ने बताया कि 7 से 8 अक्टूबर 2016 तक बीएड एवं डीएलएड के छात्र - छात्राओं द्वारा विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमो का प्रस्तुतीकरण किया जायेगा जिसमें प्रथम दिवस मध्यप्रदेश गान , एकल नृत्य, समूह नृत्य , ड्रामा, द्वितीय दिवस एकल गायन, निबंध लेखन, प्रश्नमंच प्रतियोगिता, रैम्पवाॅक , रंगोली, तृतीय दिवस सलाद डेकोरेशन, वेस्टर्न काॅम्पटीशन, आर्ट एंड क्राफ्ट प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।


मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

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