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एकेएस वि. वि. सतना के  Engineering Dean प्रो. जी.के. प्रधान ने Indian Industrial Mineral federation of Indian Industry,अहमदाबाद के कार्यक्रम में शिरकत की। यहाॅ पर प्रो. जी. के. प्रधान ने अपना Paper भी Present किया जिसका Taitil blasting Free Mining रहा जिसे व्यापक सराहना विषयवार और Content के हिसाब से मिली। उन्होंने प्रासार को एकेएस वि.वि. की शिक्षा प्रणाली और Mining के क्षेत्र में हो रहे समस्त बदलावों पर अवगत कराया। इसके साथ ही उन्होने बताया कि इस मौके पर पूरे देश से सौ से भी ज्यादा Paper Present हुए। एकेएस वि.वि. गुजरात की खानों में भी consultancy प्रदान कर रही है इसकी जानकारी भी उन्होंने प्रदान की।   

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b2ap3_thumbnail_IMG20200222170134_20200224-064637_1.jpgb2ap3_thumbnail_IMG20200222170055_20200224-064647_1.jpgb2ap3_thumbnail_IMG20200222170011_20200224-064709_1.jpgb2ap3_thumbnail_IMG20200222165813_20200224-064714_1.jpg

एकेएस वि. वि. सतना में @Agritech मध्यप्रदेश का उद्घाटन सत्र 23 फरवरी को रविवार को बारह बजे से प्रारंभ होगा जिसमें मृख्य अतिथि कमलेश्वर पटेल, मंत्री पंचायत और ग्रामीण विकास, म.प्र.शासन, अध्यक्षता कुलाधिपति बी.पी.सोनी, एकेएस वि.वि. सतना, विशिष्ट अतिथि नीलांशु चतुर्वेदी,विधायक चित्रकूट, सिद्वार्थ कुशवाहा, विधायक सतना की गरिमामयी उपस्थिति मे संपन्न होगा। एकेएस वि.वि. एवं किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग म.प्र.शासन द्वारा दूसरे @Agritech मध्यप्रदेश किसान विज्ञान मेला और कृषि उद्योग प्रदर्शनी का आयोजन किया जाना तय किया गया है जो 23 से 25 फरवरी 2020 के बीच आयोजित किया जाना तय किया गया है। उद्घाटन समारोह 23 फरवरी को पूर्वान्ह 10 बजे से जबकि पुरस्कार वितरण 25 फरवरी को अपरान्ह तीन बजे से Petroleum Conservation Research Association और Nabard के सहयोग से कई कार्यक्रम आयोजित किए जाऐंगें। मेले के प्रमुख कार्यक्रमों में अनुसंधान केन्द्रों पर परीक्षणों,प्रदर्शनों का अवलोकन,कृषि उद्योग प्रदर्शनी का अवलोकन,खरीफ की फसलों के नवीनतम प्रजातियों के बीज व मिनीकिट की बिक्री,कृषि समस्याओं के समाधान हेतु किसान गोष्ठी,शाक-भाजी एवं फलों के उन्नत बीजों व पौधों की बिक्री,आधुनिक कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी,किसानोपयोगी उन्नत तकनीकों की प्रदर्शनी,लघु एवं कुटीर उद्योग प्रदर्शनी के साथ मेले के मृख्य आकर्षण में कृषकों की आय दोगुनी करने की पद्वति की जानकारी,जैविक कृषि के फायदे,कृषकों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण,पंजीकृत किसानों का निःशुल्क मृदा परीक्षण, भारी छूट के साथ फसल संजीवनी, फल-फूल-शाक,सब्जी एवं परिरक्षित पदार्थो की प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता के साथ,वनोत्पादन आधारित लघु उद्योगों की प्रदर्शनी,एवं उत्पादों की बिक्री,विशेष व्याख्यानमाला के अंतर्गत वैज्ञानिकों के व्याख्यान एवं किसान गोष्ठी के साथ सांस्कुतिक संध्या सायंकाल 6 बजे से 8 बजे तक आयोजित की जाएगी। मेले में समस्त म.प्र. एवं अन्य प्रदेशों के किसान भी सहभागिता दर्ज कराऐंगें। इस बात की जानकारी एकेएस वि.वि. के एग्रीकल्चर संकाय ने देते हुए अधिक से अधिक संख्या में क्षेत्र के किसानों को मेले का लाभ लेने की अपील की है। 

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The Kisan Vigyan Mela to be organized under joint auspices of the AKS University and District Administration will now be held on 23 to 25 February 2020 in the presence of the Honorable Mr. Kamleshwar Patel, the Minister of Panchayat and Rural Development of Madhya Pradesh.  It is known that earlier this fair was to be held between 18 to 20 February 2020 but the said date has been amended with the approval of the District Administration and Hon'ble Minister. It is worth mentioning that in this grand Kisan Vigyan Mela, many prestigious companies of the country  Apart from this, cooperation of NABARD and Petroleum Research Institute are providing  thier contribution in this event.  AKS University management has informed that in this fair, various latest techniques of agriculture will help farmers to earn more profit at a lower cost.  Techniques, benefits of organic farming, information about the beneficial schemes of agricultural horticulture will be provided.

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एकेएस वि. वि. सतना के सभागार में 15 दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर का कार्यक्रम 05 फरवरी से 20 फरवरी तक आयोजित किया गया जिसमें डाॅ.दिलीप तिवारी,योग गुरु और फैकल्टी एकेएस वि.वि. ने बताया कि छात्रों का उन्नयन और सम्पूर्ण विकास इस कार्यक्रम का उद्येश्य रहा योग क्या है,प्राणायाम कैसे करें, कपाल भाॅति, प्राणायाम का समय, शेाधन क्रिया, अनुलोम-विलोम इत्यादि विषय क पहलुओं पर योग कराया गया और योग की विभिन्न मुद्राओं के साथ उनकी उपयोगिता पर भी प्रकाश डाला गया। प्राणायाम एक्सपर्ट ने पूरक,रेचक,कुंभक की प्रक्रिया से भी उपस्थित स्टूडेन्टस को परिचित कराया। शिविर में छात्रों के शारीरिक,मानसिक,आत्मिक और आध्यात्मिक समस्त पक्षों को संयमित और विकसित करने का प्रयास किया गया। संयमित जीवनशैली,आहार-विहार,व नियमित योग से अपने व्यक्तित्व विकास के पहलू भी सीखे। इस शिविर के उपरान्त विद्यार्थियों में चैतन्यता,एकाग्रता,व आत्मविश्वास जागृत हुआ है। विद्यार्थियों ने इस शिविर को बेहद अच्छा बताया।

में वास्तु विशेषज्ञ राजीव बैरागी ने एक दिवसीय कार्यशाला में सतत चार घंटे व्याख्यान दिया उन्होने समस्त जनों की जिज्ञासाओं का यथोचित समाधान भी दिया। उन्होंने कहा कि वास्तु विज्ञान घर,प्रासाद,भवन अथवा मंदिर निर्माण करने का प्राचीन विज्ञान है। दक्षिण भारत में वास्तु का नीव परंपरागत साधु मायन को माना जाता है और उत्तर भारत में विश्वकर्मा को वास्तु स्वामी माना जाता है। वास्तु के अनुसार पूर्व दिशा को खुला रखना चाहिए क्योंकि यह सूर्योदय की दिशा है। रसोईघर का निर्माण आग्नेय और दक्षिण में दोष होने से परेशानी होती है। ईशान कोण में शौचालय नहीं बनाना चाहिए। दैनिक जीवन में व्यक्ति के उत्थान के लिए वास्तु बहुत उपयोगी हो सकता है।वास्तु के अनुसार कोई दिशा अशुभ नहीं होती हैं उन्होने द्वार चक्र पर विशेष जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि सभी दिशाओं के स्वामी की स्थिति के अनुसार ही घर निर्माण का कार्य संपन्न कराना चाहिए। नेतृत्व हासिल करने ऋण से मुक्ति पाने,कन्या का सही समय पर विवाह,नौकरी आदि प्राप्त करने में भी वास्तु का सही उपयोग है। इस मौके पर वि. वि. के प्रोचांसलर और चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने कहा कि वास्तु में कई अभिनव प्रयोग हैं जो उपयोगी भी होते हैं। उन्हें प्रोत्साहित करें। इस मौके पर वि.वि. के प्रोचांसलर और चेयरमैन अनंत कुमार सोनी, आर्ट्स विभाग के विभागाध्यक्ष मिर्जा समीउल्ला बेग,प्राची सिंह, योग गुरु दिलीप तिवारी, सिविल विभागाध्यक्ष विशुतोष वाजपेयी,सिविल विभाग के विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम बीए आर्ट््स के तत्वावधान में आयोजित किया गया।

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एकेएस वि. वि. सतना के विशाल प्रांगण में वास्तु विशेषज्ञ राजीव बैरागी ने एक दिवसीय कार्यशाला में सतत चार घंटे व्याख्यान दिया उन्होने समस्त जनों की जिज्ञासाओं का यथोचित समाधान भी दिया। उन्होंने कहा कि वास्तु विज्ञान घर,प्रासाद,भवन अथवा मंदिर निर्माण करने का प्राचीन विज्ञान है। दक्षिण भारत में वास्तु का नीव परंपरागत साधु मायन को माना जाता है और उत्तर भारत में विश्वकर्मा को वास्तु स्वामी माना जाता है। वास्तु के अनुसार पूर्व दिशा को खुला रखना चाहिए क्योंकि यह सूर्योदय की दिशा है। रसोईघर का निर्माण आग्नेय और दक्षिण में दोष होने से परेशानी होती है। ईशान कोण में शौचालय नहीं बनाना चाहिए। दैनिक जीवन में व्यक्ति के उत्थान के लिए वास्तु बहुत उपयोगी हो सकता है।वास्तु के अनुसार कोई दिशा अशुभ नहीं होती हैं उन्होने द्वार चक्र पर विशेष जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि सभी दिशाओं के स्वामी की स्थिति के अनुसार ही घर निर्माण का कार्य संपन्न कराना चाहिए। नेतृत्व हासिल करने ऋण से मुक्ति पाने,कन्या का सही समय पर विवाह,नौकरी आदि प्राप्त करने में भी वास्तु का सही उपयोग है। इस मौके पर वि. वि. के प्रोचांसलर और चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने कहा कि वास्तु में कई अभिनव प्रयोग हैं जो उपयोगी भी होते हैं। उन्हें प्रोत्साहित करें। इस मौके पर वि.वि. के प्रोचांसलर और चेयरमैन अनंत कुमार सोनी, आर्ट्स विभाग के विभागाध्यक्ष मिर्जा समीउल्ला बेग,प्राची सिंह, योग गुरु दिलीप तिवारी, सिविल विभागाध्यक्ष विशुतोष वाजपेयी,सिविल विभाग के विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम BA Arts के तत्वावधान में आयोजित किया गया।  

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ऐ के एस विश्वविद्यालय एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित होने वाला किसान विज्ञान मेला अब दिनांक 23.25फरवरी 2020 को मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री आदरणीय श्री कमलेश्वर पटेल जी के कर कमलों  से होगा। ज्ञातव्य है कि पूर्व में इस मेले का आयोजन 18 से 20 फरवरी 2020 के मध्य होना था लेकिन जिला प्रशासन एवं माननीय मंत्री जी  की स्वीकृति से उक्त तिथि में संशोधन किया गया है।उल्लेखनीय है कि इस भव्य किसान विज्ञान मेले में  देश की कई प्रतिष्ठित कंपनियों के अतिरिक्त नाबार्ड एवं पेट्रोलियम अनुसंधान संस्थान का सहयोग प्राप्त हो रहा है इस आयोजन में कृषि से संबंधित जिले में स्थित विभिन्न शासकीय कार्यालय भी अपने स्टाल द्वारा शासन की विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं की जानकारी प्रदर्शनी के माध्यम से प्रस्तुत करेंगे।ए के एस विश्वविद्यालय प्रबंधन ने अवगत कराया है कि इस मेले में कृषकों को कृषि की विभिन्न नवीनतम तकनीक कम लागत में अधिक लाभ आय को दोगुना करने की तकनीकए जैविक कृषि के फायदेए कृषि उद्यानिकी की लाभकारी योजनाओं की जानकारी देश के प्रतिष्ठित विषय विशेषज्ञों द्वारा कृषकों को प्रदान की जाएगी।अतएव कृषकगण इस  आयोजन में जो कि ए के एस विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित होना है भारी संख्या में उपस्थित होकर किसान विज्ञान मेले का लाभ उठाएं।

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कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत अतिथियों ने देवार्चन, दीप प्रच्वलन और माल्यार्पण करके की। सभागार में उद्यमिता विकास अवसर एवं प्रसार की संभावनाओं पर सात दिवशीय कार्यशाला में अतिथियों ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यशाला में एकेएस वि.वि. के कुलपति प्रो.पारितोष के बनिक ने कहा कि शिक्षा का उचित एवं सही दिशा मे प्रयोग जरुरी है जिससे किसी एक क्षेत्र को चुनकर उसमें ईमानदारी से कार्य करते हुएसही अर्थो में आप उद्यमी बन सकते है। वि.वि. में संपन्न हुए कार्यक्रम में महत्वपूर्ण अतिथियों में मुख्य अतिथि एकेएस वि.वि. के कुलपति प्रो.पारितोष के बनिक रहे कार्यशाला के संयोजक शिवेश प्रताप सिंह, प्राध्यापक जंतु विज्ञान, डाॅ.शैला तिवारी,ने अपनी संस्था के कार्यो से उपस्थित जनों को अवगत कराया। डाॅ.महेन्द्र तिवारी ने अपशिष्ट पदार्थो के वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन पर व्याख्यान दिया। कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा प्रतिभागियों को कार्यक्रम का सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। डाॅ.नीरजा खरे ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जीवन मे रिस्क उठाना महत्वपूर्ण है किसी एक लक्ष्य का पीछा करना भी आसान है। कार्यक्रम के संयोजक एवं संचालक डाॅ. शिवेश प्रताप सिंह, ने कहा कि सात दिवसीरूा कार्यक्रम में सभी जनों का व्यापक सहयोग ही सफलता का कारण रहा। कार्यक्रम में सतना शहर के विभिन्न संस्थानों के छात्र-छात्राऐं प्रमुख रुप से उपस्थित रहे। सवाल जवाब सेशन के बाद सभी प्रतिभागियों ने अपने अनुभव शेयर किए। कार्यक्रम के सहसंयोजक पर्यावरण विभागाध्यक्ष डाॅ.महेन्द्र तिवारी ने समस्त सात दिनों की रुपरेखा और कार्यक्रम की संरचना के बारे में अतिथियों और विद्यार्थियों को अवगत कराया। कार्यशाला एकेएस वि.वि. पर्यावरण विज्ञान विभाग और शासकीय पी.जी.काॅलेज के संयुक्त तत्वावधान एवं नासी प्रयागराज के सहयोग से आयोजित की गई। 

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एकेएस विश्वविद्यालय सतना के सभागार में उद्यमिता विकास अवसर एवं प्रसार की संभावनाओं पर सात दिवसीश कार्यशाला में अतिथियों ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यशाला एकेएस वि.वि. पार्यावरण विज्ञान विभाग और शासकीय पी.जी.काॅलेज के संयुक्त तत्वावधान एवं नासी प्रयागराज के सहयोग से आयोजित की गई। कार्यशाला में नासी सचिव डाॅ.नीरज कुमार ने खाद्य उत्पादों के प्रकार एवं उनके पोषक तत्वों के बारे में बताया। डाॅ.अनीश रिजवी,Applied Science प्रयागराज नेफिसरीज Products और मुनगा उत्पादों को कैसे प्रयोग में लाकर व्यवसाय का रुप दिया जा सकता है इस पर व्याख्यान दिया। डाॅ.मोहम्मद मकसूद ने खाद्य पदार्थो में मिलावट का परीक्षण कैसे करें और टेस्टिंग किट के माध्यम से पै्रक्टिकल करके बताया। कार्यक्रम में मनीष नागरथ ने एक्वेरियम और Biotechnical Garden कैसे तैयार करके उसको व्यवसाय के रुप में बदला जा सकता है पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत अतिथियों ने देवार्चन, दीप प्रच्वलन और माल्यार्पण करके की कार्यक्रम का संचालन करते हुए पर्यावरण विभागाध्यक्ष डाॅ.महेन्द्र तिवारी ने समस्त दिनों की रुपरेखा और कार्यक्रम की संरचना के बारे में प्रासार को अवगत कराया। वि.वि. में संपन्न हुए कार्यक्रम में महत्वपूर्ण अतिथियों में डाॅ.हर्षवर्धन,डाॅ.नीरजा खरे,डाॅ.जी.पी.रिछारिया,कार्यक्रम के संयोजक डाॅ.शिवेश प्रताप सिंह,प्रेा.रश्मि सिंह,प्रो.अर्जना निगम,प्रो.राजीव तिवारी,प्रो.कमलेश चैरे और प्र्यावरण विभाग के faculty Members के साथ सतना शहर के विभिन्न संस्थानों के छात्र-छात्राऐं प्रमुख रुप से उपस्थित रहे। छात्र-छात्राओं नें वि.वि. की मशरुम उत्पादन प्रयोगशाला, vermicomposting, Food processing, बेकरी, Poly House, Floriculture और nursery की Visit करते हुए एकेएस वि.वि. में हो रहे कार्यो के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।

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डाॅ. अब्दुल कलाम आजाद भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं उच्च कोटि के वैज्ञानिक मिसाइल मैन ने एक कल्पना की थी विकसित भारत 2020 की। पूरे यूरोप के देश अमेरिका, रुस, जापान आदि देश विकसित श्रेणी मे आते हैं। भारत,चीन, पाकिस्तान एवं एशिया महाद्वीप के देश विकास शील देशों के श्र्रेणी में हैं।अफ्रीका महाद्वीप के बहुत से देश बहुत पिछड़े है उन्हे अविकसित श्रेणी मे रखा गया है। डाॅ. अब्दुल कलाम आजाद जब राष्ट्रपति थे उस समय उन्होंने एक पुस्तक लिखी थी विकसित भारत 2020 और उनकी कल्पना थी कि यदि सरकार चाहे तो चरणबद्ध तरीके से देश को विकसित राष्ट्र बना सकती है। डाॅ. कलाम के अनुसार विकसित राष्ट्र में भारत के प्रत्येक ग्रामों एवं गलियों मे पक्की सड़के होगी ।प्रत्येक ग्राम के प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छ पानी एवं पर्याप्त पानी प्राप्त होगा ।प्रत्येक ग्राम में उच्च कोटि की षालाये होगी जिनमे सभी वर्ग के बच्चे पढ़ेगें ।ग्राम के प्रत्येक व्यक्ति के पास आय के पर्याप्त साधन होगें । सभी आधुनिक सुविधायें प्रत्येक परिवार में होगी ।खाद्यान का उत्पादन वैज्ञानिक ढंग से पर्याप्त मात्रा में किया जावेगा ।प्रत्येक ग्राम में खेल-कूद का मैदान होगा जिसमे बच्चे खेलेगें ।प्रत्येक ग्राम मे विद्युत लाइन होगी जो 24 घण्टें पर्याप्त बिजली देगी ।प्रत्येक षहर सुव्यवस्थित होगे, प्रत्येक परिवार को स्वच्छ पानी एवं 24 घण्टें बिजली मिलेगी ।प्रत्येक ग्राम एवं षहर साफ - सुथरा होगा ।प्रत्येक जिले में बड़े उद्योग एवं ग्रामो मे कुटीर उद्योग होगे जहाॅ लोग काम करेंगे ।आने-जाने के लिये पर्याप्त साधन होगे हवाई यात्रा की पर्याप्त सुविधा होगी ।पर्यटन स्थलो को विकसित किया जायेगा । डाॅ. अब्दुल कलाम आजाद ने कल्पना की थी। मार्ग दर्शन किया था परन्तु किसी सरकार ने उनकी पुस्तक को आधार मानकर कार्य योजना तैयार नही की सन् 2020 का अन्तिम वर्ष है । भारत आज भी विकास शील राष्ट्र रह गया।विकसित राष्ट्र बनाने की योजना तैयार नही की गई।वर्तमान प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना अपना है, वे अपने ढंग से देष को विकसित करना चाहते हैं।भारत के प्रधान मंत्री का सबसे बड़ा सपना है।शक्तिशाली भारत बनाना विकास का उनका अपना अर्थ है। मेरा भी स्वप्न है विकसित जिला सतना बनाना विकसित जिला सतना 2025 मेरे स्वप्न को भी जिले के अधिकारी, सांसद, विधायक एवं ग्राम पंचायते, नगर पंचायतंे,नगर निगम साकार कर सकते है चिन्तन मेरा है साकार आप को करना है।विकसित जिला सतना 2025 को साकार करने के लिये सतना शहर, माधवगढ़, अमरपाटन, मैहर, ऊंचेहरा आदि शहरों मे पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने के लिये माधवगढ़ बड़ी पुल के पास टमस नदी को बाधना ।जिले के प्रत्येक नदी को प्रति 2 किलो मीटर मे 20 फुट ऊंचा रपटाकम स्टाप डैम बनाना। इससे पूरे नदी मे बरसात का पानी भर जावेगा जिससे 12 माह पानी मिलेगा ।प्रत्येक ग्राम-षहर मे पर्याप्त मात्रा मे पानी की टंकी बनाना तथा नहर द्वारा प्रत्येक परिवार को पर्याप्त पानी उपलब्ध कराना ।प्रत्येक परिवार के पास रहने के लिये पर्याप्त आवास की सुविधा उपलब्ध कराना । प्रत्येक ग्राम पंचायत मे ग्राम से खरीदे गये अनाज को सुरक्षित रखने के लिये गोदाम तैयार करना । ग्राम पंचायत से ग्राम का अनाज तभी दूसरे जगह भेजा जावे जब ग्राम की आवश्यकता से अधिक हो ।प्रत्येक स्कूलों मे पर्याप्त जगह हो जिससे प्रत्येक कक्षाये अलग-अलग कमरों में लग सकें ।ग्राम के प्रत्येक पढ़ने लायक बच्चे को षिक्षा अनिवार्य करदी जावे । ग्राम का एक भी बच्चा षिक्षा से वंचित न रहे ।प्रत्येक स्कूलों में पर्याप्त षिक्षक हों ।प्रत्येक ग्राम के प्रत्येक व्यक्ति को पर्याप्त काम मिलें ऐसी योजना तैयार की जाये । प्रत्येक खेत मे नहरो के माध्यम से पानी उपलब्ध कराया जावें ।सभी किसानों को एक एकड़ जमीन मे फलदार वृक्ष लगाने हेतु प्रोत्साहित किया जावें ।जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जावें ।ग्राम -शहर की नालियों को अन्डर ग्राउण्ड बनाया जावे।खुली नाली से गन्दगी फैलती है।अतः सभी नालियो को अन्डर ग्राउड कर दिया जावें।प्रत्येक ग्राम के पास नदी में पक्के घाट बनाया जावे सतना मे एक बड़ा पार्क बने जहाॅ केवल फूलों का बगीचा हो। योजना कठिन नही है सरकार क्रमषः एक-एक योजना लेकर सन 2025 तक विकसित जिला सतना बना सकती है।भारत के प्रत्येक ग्रामों एवं गलियों मे पक्की सड़के होगी।प्रत्येक ग्राम के प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छ पानी एवं पर्याप्त पानी प्राप्त होगा।प्रत्येक ग्राम में उच्च कोटि की शालाये होगी जिनमे सभी वर्ग के बच्चे पढ़ेगें।ग्राम के प्रत्येक व्यक्ति के पास आय के पर्याप्त साधन होगें।सभी आधुनिक सुविधायें प्रत्येक परिवार में होगी।खाद्यान का उत्पादन वैज्ञानिक ढंग से पर्याप्त मात्रा में किया जावेगा ।प्रत्येक ग्राम में खेल-कूद का मैदान होगा जिसमे बच्चे खेलेगें ।प्रत्येक ग्राम मे विद्युत लाइन होगी जो 24 घण्टें पर्याप्त बिजली देगी।प्रत्येक षहर सुव्यवस्थित होगे, प्रत्येक परिवार को स्वच्छ पानी एवं 24 घण्टें बिजली मिलेगी।प्रत्येक ग्राम एवं शहर साफ - सुथरा होगा ।प्रत्येक जिले में बड़े उद्योग एवं ग्रामो मे कुटीर उद्योग होगे जहाॅ लोग काम करेंगे ।आने-जाने के लिये पर्याप्त साधन होगे हवाई यात्रा की पर्याप्त सुविधा होगी ।पर्यटन स्थलो को विकसित किया जायेगा ।डाॅ. अब्दुल कलाम आजाद ने कल्पना की थी। मार्ग दर्षन किया था परन्तु किसी सरकार ने उनकी पुस्तक को आधार मानकर कार्य योजना तैयार नही की सन् 2020 का अन्तिम वर्श है । भारत आज भी विकास षील राश्ट्र रह गया । विकसित राश्ट्र बनाने की योजना तैयार नही की गई ।वर्तमान प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना अपना है, वे अपने ढंग से देश को विकसित करना चाहते हैं।भारत के प्रधान मंत्री का सबसे बड़ा सपना है।शक्तिषाली भारत बनाना विकास का उनका अपना अर्थ है।मेरा भी स्वप्न है विकसित जिला सतना बनाना विकसित जिला सतना 2025 मेरे स्वप्न को भी साकार जिले के अधिकारी, सांसद, विधायक एवं ग्राम पंचायते, नगर पंचायतंे,नगर निगम कर सकते है।चिन्तन मेरा है साकार आप को करना है।विकसित जिला सतना 2025 को साकार करने के लिये सतना शहर, माधवगढ़, अमरपाटन, मैहर, ऊंचेहरा आदि शहरों मे पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने के लिये माधवगढ़ बड़ी पुल के पास टमस नदी को बाधना।जिले की प्रत्येक नदी को प्रति 2 किलो मीटर मे 20 फुट ऊंचा रपटा कम स्टाप डैम बनाना। इससे पूरी नदी मे बरसात का पानी भर जावेगा जिससे 12 माह पानी मिलेगा।प्रत्येक ग्राम-शहर मे पर्याप्त मात्रा मे पानी की टंकी बनाना तथा नहर द्वारा प्रत्येक परिवार को पर्याप्त पानी उपलब्ध कराना।प्रत्येक परिवार के पास रहने के लिये आवास की सुविधा उपलब्ध कराना।प्रत्येक ग्राम पंचायत मे ग्राम से खरीदे गये अनाज को सुरक्षित रखने के लिये गोदाम तैयार करना।ग्राम पंचायत से ग्राम का अनाज तभी दूसरी जगह भेजा जावे जब ग्राम की आवश्यकता से अधिक हो ।प्रत्येक स्कूलों मे पर्याप्त जगह हो जिससे प्रत्येक कक्षाये अलग-अलग कमरों में लग सकें ।ग्राम के प्रत्येक पढ़ने लायक बच्चे को शिक्षा अनिवार्य कर दी जावे।ग्राम का एक भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक हों ।ग्राम के प्रत्येक व्यक्ति को पर्याप्त काम मिलें ऐसी योजना तैयार की जाये । खेत मे नहरो के माध्यम से पानी उपलब्ध कराया जावें । सभी किसानों को एक एकड़ जमीन मे फलदार वृक्ष लगाने हेतु प्रोत्साहित किया जावें।जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जावें ग्राम-शहर की नालियों को अन्डर ग्राउण्ड बनाया जावे।खुली नाली से गन्दगी फैलती है अतः सभी नालियो को अन्डर ग्राउड कर दिया जावें ग्राम के पास नदी में पक्के घाट बनाया जावे । सतना मे एक बड़ा पार्क बने जहाॅ केवल फूलों का बगीचा हो। योजना कठिन नही है सरकार क्रमशः एक -एक योजना लेकर सन 2025 तक विकसित जिला सतना बना सकती है ।
बी. पी. सोनी, कुलाधिपति, एकेएस वि. वि. सतना म. प्र.

 

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चैथा अंतर्राष्ट्रीय Seminar आई.सी.एम.आर.डी.-2020 का आयोजन भोपाल में संपन्न हुआ,। International Social Science And Management Wellfare Association एवं International Conference Non Multidisciplinary Research And Development के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित Seminar में बदलती वैश्विक स्थितियों से उत्पन्न हो रही समस्याओं पर समाधान प्रदान करते हुए देश विदेश के विद्वानों ने अपने Research एवं अनुसंधान पत्र प्रस्तुत किए। International Seminar में एकेएस विश्वविद्यालय, सतना के Commerce विभाग के Prof. एवं विद्यार्थियों ने 6 Paper प्रस्तुत किए जिसमें सभी Paper स्वीकृत हुए एवं उनका वाचन Prof. विकास साहा, Prof. सच्चिदानंद, Teaching Associative, विपिन सोनी के अलावा Commerce विभाग के बी.काम. अंतिम वर्ष की छात्रा मानसी दर्शन, रिया सिंह, पल्लवी, सुस्मिता, सुयश, शिवांशु, शैली, श्रांजली एंव दीपिका सिंह ने क्रमशः Digital India, महिला उद्यमिता विकास, Right to Education एवं ग्रामीण बैंकिंग द्वारा ग्राम विकास की अवधारणा पर अपने Research Paper प्रस्तुत किए। prof. विकास साहा ने अपने प्रस्तुत शोध पत्र में National pension Funds पर प्रकाश डाला। उन्होने Retirement पर Financial Planning किस तरह की जानी चाहिए,Mutual funds और National Pension योजना का तुलनात्मक अध्ययन किया। Prof. सच्चिदानंद ने अपने शोध पत्र में विदेशी मुद्रा में डालर के मुकाबले यूरो के महत्व को रेखांकित करते हुए यूरो की आर्थिक शक्तियोें का विस्तृत वर्णन किया। इस Seminar में एकेएस विश्वविद्यालय को Best पांच paper में चुना गया जिसमे वरीयता क्रम में तृतीय स्थान प्राप्त हुआ तथा एकेएस विश्वविद्यालय को best group presentation Award प्रदान किया गया। एकेएस विश्वविद्यालय के प्रो.चांसलर और चेयरमैन अनंत कुमार सोनी, डायरेक्टर अमित सोनी, सहित समस्त विभाग के डीन,डायरेक्टर्स ने उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त किया है।

 

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