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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय में कम्प्यूटर साइंस विभाग द्वारा ”कैशलेस ट्रांजेक्शन” पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कलेक्टर सतना श्री नरेश पाॅल रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन ने अतिथियों के स्वागत उद्बोधन से किया। तत्पश्चात् कलेक्टर सतना नरेश पाल ने उपस्थित जनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि घरेलू खर्चों का प्रबंधन आमतौर पर महिलाएं ही करती हैं, कैशलेस और डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिये चल रहे अभियान के तहत महिलाएं कम से कम 50 फीसदी खर्च ई- ट्रांजेक्शन के माध्यम से करें तो यह देश की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान होगा। उन्होंने विद्यार्थियों से कैशलेस और डिजिटल भुगतान के संबंध में विस्तृत जानकारियां एवं सावधानियां शेयर कीं। उन्होंने कहा कि राज्य शासन की मंशा और निर्देशानुसार सभी शासकीय विभागों को भुगतान और लेनदेन के मामले मे कैशलेस ट्रांजेक्शन को शत-प्रतिशत अपनाया जा रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों को एटीएम, पेटीएम, भारतीय रिजर्व बैंक ,नाबाॅर्ड, पीओएस मशीनें एवं विभिन्न एप्स इत्यादि के संबंध में ज्ञानवर्धक जानकारियां दीं। तत्पश्चात् कम्प्यूटर साइंस विभागाध्यक्ष प्रो. अखिलेश ए. वाऊ ने विद्यार्थियों को पीपीटी के माध्यम से डिजिटल भुगतान, ई-पेमेंट, बैंक के प्रीपेड कार्ड, डेबिट कार्ड, एटीएम कार्ड और क्रेडिट कार्ड, दुकानों में पीओएस कार्ड का उपयोग, यूएसडी आधारित मोबाइल बैंकिंग सिस्टम, भुगतान प्राणाली माइक्रो एटीएम, ई-बटुवा, एसबीआई बडी इत्यादि से अवगत कराया।
ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर मंचासीन अतिथियों में एकेएस वि.वि. के कुलपति प्रो. पी.के. बनिक, चेयरमैन अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन, प्रतिकुलपति डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी, डायरेक्टर अवनीश सोनी, डायरेक्टर अमित सोनी , प्रो. आर.एन. त्रिपाठी एवं कम्प्यूटर साइंस फैकल्टीज के साथ छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

 

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The Computer Science Department of AKS University organized a Workshop on cashless transaction here on Tuesday. The Chief Guest of the programme was Naresh Pal, Collector, Satna district. The programme was inaugurated by Dr.Harshvardhan, Pro-Vice-Chancellor, AKSU by addressing the guests through his welcome speech. In his address, Naresh Pal, Collector, Satna said that the women especially housewives may play a vital role in promotion of cashless and digital transactions as they generally carry out the financial management of the household expenses. He urged the women to opt for the e- transaction modes to carry out the 50% of their total transactions, and this would be their remarkable contribution to the economy of the country. He shared certain information and precautions pertaining to cashless-digital transactions with the students. All the government institutions nowadays carry out their transactions through cashless transaction modes following the intentions and directives of state government, he said. He shared some essential information with students related to the ATM, PAYTM, NABARD, POS machines, and various Apps. At the concluding session Professor Akhilesh A Wau,HOD, Computer Science department apprised the students about the digital payment,e-payment,Bank prepaid cards, debit cards, ATM cards, credit cards, use of POS cards, mobile banking system based on USD,micro ATM payment system and e-Batua etc. through PPT presentation. On this occasion P.K. Banik-Vice Chancellor, Chairman-Er. Anant Soni, Pro-VC-Dr. Harshvardhan, R.S.Tripathi, Director-Avaneesh Soni, Director- Amit Soni, R.N. Tripathi, faculty members of Computer Science department and a large number of students were present.

 

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                                                                                                                                                                                               b2ap3_thumbnail_unnamed-3_20170106-061024_1.jpg

Professor Paritosh k. Banik, Vice Chancellor, AKS University participated in “Central Zone Vice-Chancellor Summit’ held recently in DDE auditorium of Maulana Azad Urdu University, Hyderabad.The summit had been organized in supervision of Association of Indian Universities. The summit was based on the topic “Sharing of Best Practices in ICT Teaching and Skill Development”. The function was presided over by Professor DS Chauhan, President, AIU and the Chief Guest of the summit was Professor HP Dixit. Addressing the audience Dr. Pervez Alam, Vice Chancellor, Maulana Azad National University conveyed detail information about the theme of the summit. Speaking during the technical session, Paritosh Banik, Vice Chancellor, AKS University expressed his views in a categorical and logical way. During his speech, Professor Banik presented a case study on “Capacity Building in the Field of Higher Education” and suggested that the universities must emphasize on sharing their best practices with one another.

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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. पारितोष के. बनिक ने मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी हैदराबाद के डीडीई आडिटोरियम में आयोजित ”सेंट्रल जोन वाइस चांसलर मीट” में शिरकत की। गौरतलब है कि ये कार्यक्रम एसोसियेशन आॅफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के तत्वावधान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम थीम ‘‘शेयरिंग बेस्ट प्रेक्टिसेस इन आईसीटी टीचिंग एण्ड स्किल डेव्हलपमेंट’’ पर आधारित था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. एच.पी. दीक्षित (पूर्व वाइस चांसलर इग्नू) रहे एवं अध्यक्षता प्रो. डी.एस. चैहान (प्रेसिडेंट एआईयू) ने की। कार्यक्रम की विषयवस्तु के बारे में डाॅ. असलम परवेज (वाइस चांसलर मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी) ने जानकारी दी। गेस्ट आॅफ आॅनर प्रो. फुरकन उमर रहे। कार्यक्रम के टेक्निकल सेशन के दौरान एकेएस वि.वि. के कुलपति प्रो. बनिक ने उपस्थित जनों को सम्बोधित करते हुए विषय पर तर्कसंगत और सुस्पष्ट राय दी और ”कैपिसिटी बिल्डिंग इन द फील्ड आॅफ हायर एजुकेशन” पर भी चर्चा करते हुए आईसीटी टीचिंग एण्ड स्किल डेव्हलपमेंट पर केस स्ट्डी प्रस्तुत की और कहा कि सारी यूनिवर्सिटीज को अपनी बेस्ट् प्रैक्टिसेेस का एक दूसरे के साथ आदान - प्रदान करना चाहिए।

मीडिया
विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

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National Institute of Cleanliness Education and Research organized the Vishwa Swacchata Sammelan on 12th to 13th of December at India International Center situated in New Delhi. The programme was presided over by Dr. Priya Ranjan Dwivedi, Chancellor, Confederation of India.

A number of organizations from all over India participated: Group-51, a group comprising 51 Universities of India is dedicated to encourage the cleanliness in educational Institutions. Akhilesh A Wau, HOD computer science department participated in Sammelan as a representative of AKS University. As it is well known that the AKS University is the only university in M.P. which is an active member of Group-51.

AKS Professor addressed the audience: on this occasion, speakers representing the various universities of India addressed the audience on environment, cleanliness and on the services of municipal corporations. Speaking on behalf of AKS University, Professor Akhilesh A Wau shared the information about the cleanliness campaign initiated by AKS University. The concluding ceremony was based on the theme cleanliness is godliness which was attended by Deep Kumar Upadhyay, the Ambassador of Nepal in India.

MoUs were signed: On this occasion, the MoUs were signed between AKS University and Niger to make the education productive and conducive in accordance with the developments taking place in 21st century.

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12 से 13 दिसम्बर 2016 को इण्डिया इन्टरनेशनल सेन्टर, नई दिल्ली में ‘‘नेशनल इस्टीट्यूट आॅफ क्लीन्लीनेस एजुकेशन एण्ड रिसर्च’’ नाइसर द्वारा थीम ‘‘क्लीन-अप द अर्थ’’ पर विश्व स्वच्छता महासम्मेलन आयोजित किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता कन्फेडरेशन आॅफ इंडियन के चांसलर डाॅ. प्रिय रंजन द्विवेदी ने की।
प्ूाूरे भारतवर्ष से शामिल हुए संस्थान
कार्यक्रम में पूरे भारत वर्ष के विश्वविद्यालयों के ग्रुप जी-51 जो शिक्षण संस्थाओं में सफाई और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत है के सदस्य के तौर पर एकेएस वि. वि. की ओर से कम्प्यूटर सांइस विभागाध्यक्ष प्रो. अखिलेश ए.वाऊ ने सहभागिता दर्ज की। गौरतलब है कि यह म.प्र. का एकमात्र विश्वविद्यालय है जो इसके सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
एकेएस के प्रोफेसर ने दिया व्याख्यान
कार्यक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालयों से आये वक्ताओं ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित होकर परिस्थितिकीय, पर्यावरण, स्वच्छता, हरियाली, नगर निगम सेवाओं एवं कूड़ा-कचरा एकत्रिकरण प्रबंधन पर व्याख्यान दिया। प्रो. अखिलेश ने अपने व्याख्यान में वि. वि. द्वारा किए जा रहे विश्वविद्यालय परिसर एवं सतना शहर में स्वच्छता अभियान पर आधारित नुक्कड नाटक एवं अन्य विषयों पर विस्तृत व्याख्यान दिया जो काफी सराहनीय रहा।”क्लीन्लीनेस इस गाॅडनेस” थीम पर आयोजित समापन अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नेपाल के एम्बेसडर (राजदूत) दीप कुमार उपाध्याय रहे।
एमओयू पर हुए हस्ताक्षर
इस अवसर पर एकेएस वि. वि. के प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन श्रीवास्तव द्वारा हस्ताक्षरित एम.ओ.यू. पर वि. वि. की ओर से प्रो. अखिलेश ए.वाऊ एवं नाइसर की ओर से डायरेक्टर उत्कर्ष शर्मा के बीच एक सामान कॅरियर रूचि और उद्ेश्यों को लेकर शिक्षा को 21वीं शताब्दी के अनुकूल बनाने की दिशा मे एम.ओ.यू.एक्सचेंज किया गया।
वि.वि. में प्रारंभ होंगें नए कोर्सेस
उल्लेखनीय है कि एकेएस विश्वविद्यालय सतना द्वारा सत्र 2017-18 में स्वच्छता संबंधी 3 महीने, 6 महीने, 1 वर्षीय एवं 3 वर्षीय सर्टिफिकेट डिप्लोमा एवं डिग्री पाठ्यक्रम संचालित कर सकेगा। जिससे शहर एवं ग्रामीण अंचलों के विभिन्न आयु वर्ग के विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।

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एकेएस विश्वविद्यालय शेरगंज स्थित पाॅलीहाउस में नरेन्द्र शिवानी और नरेन्द्र शिशिर नामक लौकी उन्न्त प्रजातियां इस समय फलत मे है। इन प्रजातियों के परीक्षण के लिए डाॅ. शिवपूजन सिंह प्रो. एग्रीकल्चर संकाय एकेएस वि. वि. एवं प्रियंका मिश्रा द्वारा बुआई का कार्य 28 अगस्त 2016 को संपन्न किया गया। नरेन्द्र शिवानी के फलों की लम्बाई वर्तमान में 5 फुट के आस-पास हो चुकी है और इनकी लम्बाई 2‘‘ से 3‘‘ प्रतिदिन की गति से बढ़ रही है। कुछ दिनों में इस फलों की लम्बाई 6 फीट से अधिक हो जाने की सम्भावना है। लौकी की यह प्रजाति उपर्युक्त रखरखाव के बाद अक्टूबर से फरवरी तक लगभग 5 माह फलती ही रहती है। एकेएस विश्वविद्यालय में यह लौकी किसानों के खेत पर प्रदर्शन के लिए एवं शुद्ध बीज के लिए उगाई जा रही है। विश्वविद्यालय के पाॅलीहाउस प्रक्षेत्र में गोल फलों वाली प्रजाति नरेन्द्र शिशिर भी लगाई गई है। इसकी पत्तियां सामान्य लौकी की पत्तियांे की तुलना में भिन्न है। जो करेले या पपीते की पत्तियों के समान कटी हुई होती है। इन प्रजातियों की पैदावार मचान विधि से मध्य जुलाई में बुआई करके 700 से 1300 क्विंटल प्रति हैक्टेयर किया गया है। एक पौधे से पौधे के बीच पर्याप्त दूरी एवं उचित देखभाल से 50 से 200 खाने योग्य फल प्रति पौधों प्राप्त किया जा सकता है। लौकी एक अनूठी सब्जी है जो सब्जी के अतिरिक्त अन्य कई रूपों जैसे औषधि वाद्ययन्त्र, सजावट आदि के रूप में प्रयुक्त होती है। लैाकी केे कोमल फल मध्य प्रदेश सहित पूरे उत्तर भारत के मैदानी भागों में बाजार में वर्ष-भर उपलब्ध रहते हैं। लौकी की प्रजातियाँ दो प्रकार की होती है- शीत कालीन एवं ग्रीष्म कालीन प्रजातियां। इन दोनो प्रजातियों के बीज वि. वि. में किसानों के लिए अगले वर्ष खेती के लिए अप्रैल-मई 2017 में उपलब्ध हो सकेगी। जिसे वि. वि. से प्राप्त किया जा सकता है ।

 

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