एकेएस विश्वविद्यालय के सभागार में माॅ की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन के बाद त्रिभुवन सचदेव ने ट्रुथ,नाॅन वायलेन्स,राइट कन्डक्ट,लव,पीस की महत्ता को विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के डीन, डायरेक्टर्स, फैकल्टीज एवं विद्यार्थियों से श्ेयर किया।उन्होने कहा कि ‘‘मूल्य परक शिक्षा जरूरी है’’ सत्य साई ने हमें देवत्व की राह दिखाई है। उन्होंने कहा कि नैतिक शिक्षा हमारी शिक्षा प्रणाली का एक ऐसा स्वरूप है जो विद्यार्थी को जीवन के सकारात्मक पक्षों से रूबरू कराता है धर्म जोड़ने का काम करता न कि तोड़ने का उन्होंने किस्से,कहानियों के माध्यम से शिक्षा एवं जीवन को पारिभाषित किया। सत्य साई के जीवन में घटित वाकयों पर उपस्थित जनों को देश हित, स्वाहित आदि पर स्प्रिच्युलिज्म से ओतप्रोत व्याख्यान दिया उन्होने सुन्दर उदाहरण देते हुए कहा कि ‘‘पहले खुद को बदलिए, उसके बाद चीजे आपकी उम्मीद के मुताबिक तत्परता से बदलती जाएगी।’’ इस मौके पर स्वागत प्रो. आर.एन. त्रिपाठी , संचालन इंजी. आर.के. श्रीवास्तव ,आभार प्रदर्शन प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन श्रीवास्तव एवं अतिथि परिचय सिंघई संजय जैन ने दिया।
मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना