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2014 के एक्सीलेंस प्रायवेट यूनिवर्सिटी के दर्जे से नवाजी जा चुकी एकेएस यूनिवर्सिटी में संचालित बी.काॅम आनर्स कोर्स विद्यार्थियों को सीए और सीएस बनने में मदद करता है। इस कोर्स में विद्यार्थियों को डिग्री तो प्राप्त होती ही है इस वर्ष के सी ए के एक्जाम में 80 प्रतिशत विद्याथियों का चयन होना इस कोस्र की विशेषता खुद बयाॅ करता है और सेकेण्ड लेयर की संभावनाओं के द्वार भी खुलते हैं इसी के साथ-साथ चाटर्ड एकाउंटेन्ट और कार्पोरेट सेक्रेटियल प्रेक्टिसेस के लिये तो मार्ग प्रशस्त होता है। एकेएस यूनिवर्सिटी के बी.काॅम आनर्स सीएसपी (कार्पोरेट एकाउंटिंग प्रैक्टिसेस) तीन वर्षीय कोर्स में प्रवेश के लिये 12वीं किसी भी संकाय से उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इसी तरह बी.काॅम आनर्स सीएपी (कार्पोरेट सेकक्रेटियल प्रैक्टिसेस) तीन वर्षीय कोर्स में 12वीं किसी भी संकाय से उत्तीर्ण विद्यार्थी प्रवेश की पात्रता रखते हैं।

बी.काॅम आनर्स सीएसपी व सीएपी में नौकरी की संभावनाएं

विद्यार्थी बी.काॅम आनर्स सीएसपी करने के बाद विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त कर सकते हैं जैसे कि लाॅ फर्म, सेक्रेटियल फर्म, सर्विस फर्म, केपीओ, एलपीओ एण्ड एक्जीक्यूटिव इन कार्पोरेट सेक्टर इत्यादि इसके अलावा जो विद्यार्थी बी.काॅम आॅनर्स सीएसपी के साथ सीएस व सीएमए कर लेते हैं तो ये किसी भी संस्था की अहम कड़ी होते हैं। कार्पोरेट गर्वेनेस, कार्पोरेट सेक्रेटियल पेेेै्रेक्टिसेस, कार्पोरेट लाॅ, सलाहकार बोर्ड व कम्प्लाइंस आॅफीसर्स एवं चीफ फाइनेंसियल आॅफीसर के रूप में नियुक्त किये जा सकते हैं। इसी तरह विद्यार्थी पब्लिक सेटर, गवर्मेंट सेक्टर, प्राइवेट सेक्टर, फाइनेंसियल इंस्टीट्यूशन, इंश्योरेंश सेक्टर, शैक्षणिक संस्थान, बैंकिंग सेक्टर, सर्विस सेक्टर, एलएलपी इत्यादि को अपने कॅरियर के रूप में चुन सकते हैं। स्टूडेंट्स आॅन लाइन एकेएस यूनिवर्सिटी सतना की वेबसाईट या आॅफ लाइन एकेएस कैम्पस, बस स्टैण्ड व माखन लाल बिल्डिंग से फार्म प्राप्त कर सकते हैं।

एकेएसयू में इंटरनेशनल डायबिटीज डे पर परिचर्चा का आयोजन

सतना। विंध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस यूनिवर्सिटी सतना में ‘‘इंटरनेशनल डायबिटीज डे’’ के अवसर पर फार्मेसी विभाग द्वारा परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा के दौरान फार्मेसी विभाग के प्राचार्य डाॅ. सूर्य प्रकाश गुप्ता ने बताया कि प्रत्येक वर्ष डायबिटीज डे का अलग लक्ष्य होता है, इस वर्ष डायबिटीज डे का लक्ष्य है डायबिटीज के विषय में लोगों को शिक्षत करना। इंटरनेशनल डायबिटीज डे को इंटरनेशनल डायबिटीज संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 1991 में शुरू किया गया था। विदित हो कि वर्ष 2030 तक भारत में मधुमेह रोगियों की संख्या 10 करोड़ पार कर जाने का अनुमान है। डायबिटीज एक जानलेवा बीमारी है और स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों से जुड़ी हुई है। डायबिटीज के मरीजों में अक्सर 65 साल की उम्र में पहुंचते पहुंचते दिल के दौरे की समस्या शुरू हो जाती है इससे बचने के लिये ग्लूकोज स्तर नियंत्रण में रखने के साथ-साथ ब्लड प्रेशर, कैलेस्ट्राल और तनाव पर नियंत्रण रखना भी जरूरी है। डायबिटीज से हार्ट अटैक, स्ट्रोक्स, लकवा, इन्फेक्शन और किडनी फेल होने का खतरा बना रहता है। डायबिटीज पेसेंट को आहार के साथ-साथ कुछ नियमित सावधानियां जरूरी हैं जैसे - नियमित शुगर स्तर की जांच, घावों को खुला न छोड़ें, फल खाएं, व्यायाम करें, वजन नियंत्रित करें, योग भी डायबिटीज के रोगियों के लिये अच्छा होता है। अभी तक डायबिटीज रोगियों के लिये कोई भी स्थाई उपचार नहीं है, आप इसके खतरों से बचने के लिये सावधानी रखने के साथ-साथ नियमित रूप से व्यायाम करें। देश में जागरूक लोगों के भी बहुत कम व्यक्ति समय से मधुमेह को लेकर चिकित्सा जांच करवाते हैं, उम्र के साथ होने वाले इस रोग से बचाव के लिये शुरू से चिकित्सा जांच जरूरी है। इस अवसर पर समस्त विभागों के फैकल्टीज एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

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सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी में संचालित फार्मेसी कोर्स एक महत्वपूर्ण विषय है जिसमें भविष्य की संभावनाएं असीमित हैं। फार्मेसी के बारे मे मैकेंजी की रिपोर्ट कहती है कि 2020 तक फार्मेसी उद्योग तीन गुना वृद्धि कर सकेगा। एकेएस में संचालित कोर्सेस में से डीण्फार्मा दो वर्षीय कोर्स में प्रवेश के लिये 12वीं ;बायो मैथ्सए बायोटेकद्ध संकाय से पास विद्यार्थी प्रवेश की पात्रता रखते हैं। इसी तरह बीण्फार्मा चार वर्षीय कोर्स में प्रवेश के लिये 12वीं ;बायो मैथ्सए बायोटेकद्ध में उत्तीर्ण होना आवश्यक है। एमण्फार्मा दो वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री के लिये बीण्फार्मा होना आवश्यक है।
फार्मेसी में नौकरी की संभावनाएं
भारत में इस समय 23 हजार से भी अधिक रजिस्टर्ड फार्मास्यूटिकल कम्पनियां हैं एक अनुमान के अनुसार इस इण्डस्ट्री में तकरीबन दो लाख लोगों को काम मिला हुआ है। फार्मा इण्डस्ट्री की वर्तमान प्रगति को देखते हुए अगले कुछ वर्षों में इस इण्डस्ट्री की दो से तीन गुना स्किल्ड लोगों की आवश्यकता होगी। नये.नये उत्पाद आने से यह क्षेत्र आज सर्वाधिक संभावनाओं से भरा है। इसे तीन क्षेत्रों में बांटा गया है पहला उत्पादन संबंधी कार्यए दूसरा प्रशासनिक कार्य और तीसरा सेल्स व मार्केटिंग इसमें दक्ष युवा विभिन्न कम्पनियों में मार्केटिंग एक्सक्यूटिव प्रोडक्ट जैसे पदों पर नौकरी हासिल कर सकते हैं। साथ ही पब्लिक सेक्टरए मार्केटिंगए एकेडमिकए फार्मेसी इण्डस्ट्री में भी जाॅब की असीम संभावनाएं हैं। स्टूडेंट्स आॅन लाइन एकेएस यूनिवर्सिटी सतना की वेबसाईट या आॅफ लाइन एकेएस कैम्पसए बस स्टैण्ड व माखन लाल बिल्डिंग से फार्म प्राप्त कर सकते हैं।

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सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना का नया सत्र जुलाई 2014 से आरंभ होने जा रहा है। इस दिश में यूनिवर्सिटी ने वर्तमान समय के व्यवसायिक और पेशेवर दौर को ध्यान में रखते हुए नए सत्र की शुरूआत में चार नए कोर्सेस प्रारम्भ किए हैं जिनमें फूड टेक्नालाॅजी, एप्लाईड जियोलाॅजी, बीएसडब्ल्यू व एकेएस द लैंग्वेज इंस्टीट्यूट शामिल हैं।

फूड इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलाॅजी के विस्तार के साथ फूड प्रोसेसिंग की मांग को देखते हुए यूनिवर्सिटी ने यह नया कोर्स प्रारम्भ किया है। फूड इंजीनियरिंग एवं टेक्नालाॅजी के डिप्लोमा एवं बैचलर डिग्री कोर्स में छात्रों को लाइफ साइंसेस, थर्मोडायनेमिक्स, फूड प्रोसेसिंग, फूड इंजीनियरिंग, फूड साइंस, फूड टेक्नालाॅजी, फूड क्वालिटी एनालिसिस, माइक्रो बायोलाॅजी आदि विषयों के बारे में अध्ययन कराया जायेगा। कोर्स में 3 वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में 10वीं पास विद्यार्थी प्रवेश ले सकेंगे। जबकि डिग्री कोर्स में 4 वर्षीय बी.टेक कोर्स होगा।
एम.टेक एप्लाईड जियोलाॅजी कोर्स भारतीय सीमाओं और खाड़ी देशों में एम.टेक किये इंजीनियरों की विशेष मांग को देखते हुए प्रारम्भ किया गया है। इस कोर्स की मुख्य विशेषता यह है कि इसमें विद्यार्थियों को देश-विदेश के विषय विशेषज्ञों द्वारा अध्ययन एवं स्पेसिफिक प्रेक्टिकल्स करवाये जायेंगे। इस कोर्स की अवधि 2 वर्ष है, जबकि इन्टीग्रेटेड कोर्स 5 साल का है। विज्ञान में 12वीं पास विद्यार्थी एम.टेक एप्लाईड जियोलाॅजी की पात्रता रखते हैं। इस कोर्स का उद्देश्य जियो इन्जीनियरिंग के लिये बेहतरीन इन्जीनियर्स तैयार करना है।
‘‘एकेएस द इंस्टीट्यूट आॅफ लैंग्वेज’’ में सर्टिफिकेट कोर्सेस प्रारम्भ किये जायेंगे। ‘‘एकेएस द इंस्टीट्यूट आॅफ लैंग्वेज’’ का संचालन एवं मार्गदर्शन एकेएस के विभिन्न विभागों में कार्यरत इण्डस्टीªयल एक्सपर्ट्स की निगरानी में होगा।
बीएसडब्ल्यू कोर्स में सोसल वर्क की पढ़ाई करने वाले छात्रों को एनजीओ, सरकार के विभिन्न विभागों जिनमें सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्था, मनोविज्ञान केन्द्र, परामर्श मंच, सुधार केन्द्र, मानव विज्ञान संबंधी अनुसंधान से जुड़े संगठनों में नियुक्त किया जाता है। यूनेस्को, डब्ल्यूएचओ जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में भी इन पेशेवरों की नियुक्ति की जाती है। बीएसडब्ल्यू कोर्स किसी भी विषय के विद्यार्थी जिसने कक्षा 12वीं 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की है, इस रोजगारोन्मुखी कोर्स में एडमीशन ले सकता है। इस बात की जानकारी विश्वविद्यालय प्रबंधन ने दी है।

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 एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के बायोटेक विभाग में एमएससी बायोटेक के विद्यार्थियों ने कम लागत का आधुनिक उन्नत बैच फरमेंटर का निर्माण सफलतापूर्वक किया है। इस महत्वपूर्ण रिसर्च को सम्पन्न करने में एमएससी बायोटेक के विद्यार्थी ज्योति पाण्डेय, ज्योत्सना पाठक, रामजी, लक्ष्मण सोनी, मोनिका सोनी, रेखा विश्वकर्मा इत्यादि थे। विद्यार्थियों का मार्गदर्शन बायोटेक विभाग मे कार्यरत प्रो. (डाॅ.) मनोज कुमार घोष द्वारा किया गया जो कि आईआईटी रुड़की में रिसर्चर रहे हैं। इस उन्नत फरमेंटर द्वारा अब विभाग में महत्वपूर्ण बैक्टीरिया पर रिसर्च होगी जो कि भविष्य में बायोफर्टिलाइजर, बायोपेस्टिसाइट्स एवं बायो डीजल बनाने का कार्य सम्भव हो सकेगा। विदित है एकेएस विश्वविद्यालय यह फटिलाइजर सतना जिले के किसानों को अति कम दर में उपलब्ध करवायेंगे। जिससे कृषि पैदावार में वृद्धि होगी। इस अवसर पर एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के डीन लाइफ साइंस आरपीएस धाकरे, डाॅ. कमलेश चैरे, डाॅ. मनोज कुमार घोष इत्यादि उपस्थित रहे। चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने छात्रों की सफलता पर शुभकामनाएं दी हैं।

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विंध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के सभागार में 23 एवं 24 जून को ओपन मेगा जाॅब फेयर का आयोजन किया गया। इसमें सतना एवं आसपास के क्षेत्र में विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा परखने का बड़ा मंच मिला। जिसमें विद्यार्थियों ने भारी उत्साह से सहभागिता दर्ज कराई। मेगा जाॅब फेयर में एशियन पेन्टस, ट्रिविम, इंडिया मार्ट एक्सट्रा मार्ट, जैसी भारत की नामचीन कंपनियों ने अभ्यार्थियों के तीन स्तरीय नाॅलेज को परखा। कंपनियों के एच.आर. मैनेजर्स ने एकेएस के आयोजन की तहे दिल से सराहना की।

एकेएस में नई उम्मीदों का जाॅब फेयर

रीवा, सतना, पन्ना, कटनी, जबलपुर, अमरपाटन, मैहर इत्यादि जगहों से आए विद्यार्थियों ने मेगा जाॅब फेयर के पहले दिन विद्यार्थियों का एप्टीट्यूट टेस्टएवं ग्रुप डिस्कशन दिया जबकि दूसरे दिन पर्सनल इंटरव्यू कंन्डक्ट हुए। मेगा जाॅब फेयर में एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के साथ-साथ स्थानीय काॅलेजेस एवं संस्थानों के विद्यार्थियों ने भी हिस्सा लिया। आस-पास के विद्यार्थियों को मिलाकर लगभग 1100 विद्यार्थियों ने जाॅब फेयर में भाग लिया।

होगा फाइनल सलेक्शन

मेगा जाॅब फेयर के सम्पन्न होने पर कंपनियों के अधिकारियों ने बताया कि विद्यार्थियों को शार्ट लिस्टेड किया गया है। जिनमे अभिषेख गौतम,हीना गुप्ता,दिव्या नेमा,कीर्ति गुप्ता,वर्शा सिंह,षर्मिला सिंह,मेनका तिवारी,श्रितिका दीक्षित का चयन किया गया। विद्यार्थियों को कंपनियों की विभिन्न शाखाओं में रिक्यूट किया जाएगा। चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने विद्यार्थियों को उत्साह से जाॅब फेयर में भाग लेने के लिए बधाई देते हुए चयन के लिए शुभकामनाऐं दी है।

इनकी रही विषेश भूमिका

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सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना में संचालित बी.काॅम आनर्स (सीएसपी) प्रथम वर्ष के 80 प्रतिशत विद्यार्थियों ने सीएस फाउन्डेशन की परीक्षा उत्तीर्ण की है। यूनिवर्सिटी में बी.काॅम आनर्स (सीएसपी) और बी.काॅम आनर्स (सीएपी) का ऐसा कोर्स तैयार किया है जो विद्यार्थियों को तीन साल के अध्ययनकाल में ही डिग्री के साथ सीए, सीएस, सीएनपी जैसी परीक्षाओं को आसानी से उत्तीर्ण करने योग्य बनाएगा। इस पाठ्यक्रम में वही विषय सामग्री शामिल की गई है जिन्हें देश के नामी संस्थान आईसीएसआई, आईसीएआई, आईसीएमआई क्रमशः सीएस, सीए एवं सीएमए पाठ्क्रम में पढ़ाते हैं। यह ऐसे कोर्स हैं जो डिग्री के साथ कम्पनी की सेक्रेटियल प्रैक्टिस से संबंधित प्रोफेशनल योग्यता भी प्रदान करता है।

बी.काॅम आनर्स (सीएपी) के विद्यार्थियों को ऐसी ट्रेनिंग दी जाती है जो एक प्रोफेशनल एकाउन्टेंट के पास होती है। कार्पोरेट सेक्टर में एकाउन्टेंट महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जैसे - टैक्स विभाग, मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट, सेल्स विभाग, एकाउन्ट और फाइनेन्स विभाग इसलिये बी.काॅम आनर्स सीएसपी के विद्यार्थियों के लिये सभी विभागों में कॅरियर के अवसर उपलब्ध हैं। यूनिवर्सिटी में बी.काॅम आनर्स सीएसपी का संचालन एवं उसकी पढ़ाई सीए, सीएस व सीएमए द्वारा ही कराई जाती है। जिससे विद्यार्थियों को उचित मार्गदर्शन मिल सके। इसमें विभिन्न प्रकार के टैक्सों का भी अध्ययन कराया जाता है। जिससे वह लीगल टैक्स एडवाइजर के रूप में भी कार्य कर सकते हैं। छात्रों की इस उपलब्धि पर चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है। चयनित विद्यार्थियों मंे नीलेश, मिताली, श्रद्धा, सुबोध, अंजली, शिवम, राधिका, नीतेश, सेजल, दीक्षा, मेहुल, अर्चना, रिनु, रेनू इत्यादि हैं।

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