श्री विनय कुमार, एमडी एनएमडीसी, किरंदुल काम्पलेक्स ने कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर अतिथियों के साथ स्मारिका विमोचित करते हुए Rock Blasting And Safety In Use of explosive, safety Management Plan For Iron ओर विषय पर हर्ष व्यक्त किया उन्होने कहा कि एकेएस वि.वि. से knowladge Best And Close Relationship पर बेहद खुशी है। अपने उद्गार में आपने बताया कि यह एक शानदार मौका है जब हम अपने कार्य को विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में और उन्नत कर सकते हैं। टेªनिंग कार्यक्रम की यंग इंजीनियर्स के लिए उपयोग पर चर्चा करते हुए उन्होने एकेएस वि.वि. की एकेडमिक एपरोच और विकासवादी कार्यो की सराहना की। उन्होने कहा कि दंतेवाडा से 40 किमी दूर दूरवर्ती क्षेत्र में एकेएस वि.वि. ने Training कार्यक्रम रखा जिसमें हमें सीखने के बहुत अवसर मिलेंगें। इस मौके पर पर एकेएस वि.वि. सतना के इंजीनियरिंग डीन प्रो. जी. के. प्रधान ने संबोधित किया उन्होने उल्लेख किया कि Department of Mining,सतना के द्वारा यह तीन दिवसीय Training कार्यक्रम किरंन्दुल Complex के अधिकारियों और इंजीनियर्स हेतु आयोजित किया जा रहा है। गौरतलब है कि पिछले वर्षो से अब तक माइनिंग विभाग द्वारा इस तरह के कई ट्रेनिंग कार्यक्रम विभिन्न स्थलों की कंपनियों और संस्थानों में आयोजित हो चुके हैं। एनएमडीसी, किरंदुल माइन्स के लिए 16 सितंबर से 19 सितंबर तक Engineering और Managers की टेक्निकल स्किल को बढाने हेतु एकेएस वि.वि. को दायित्व सौंपा गया है। श्री प्रधान ने बताया कि 2012 से एकेएस वि.वि. ने शानदार infrastructure, Faculty पूल, laboratory और अन्य सुविधाऐ विकसित की हैं जिससे कई उद्योग एवं कंपनियाॅ भी लाभन्वित हो रही है और अपने संस्थानों में ट्रेनिंग कार्यक्रम का आयोजन करवा रही हैं जिसके शानदार परिणाम भी उन्हें मिल रहे हैं। वि.वि. के इंजी.डीन प्रो.प्रधान अतिथियों,मैनेजर्स और यंग इंजीनियर्स का स्वागत करते हुए एकेएस वि.वि. की Mining और शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिबद्वताओं को रंखांकित किया। इसी कडी में खनन में ट्रेनिग का महत्व निरुपित करते हुए उन्होने अब तक के परिणामों पर भी चर्चा की। टेªनिंग से तकनीकी कार्य मे दक्षता के लिए 30 की संख्या में माइनिंग, Electrical,Mechanical,Biology के साथ मिनरल प्रोसेसिंग विभाग के मैनेजर्स और इंजीनियर्स एकेएस वि.वि. के कोलैबोरेशन से कार्यदक्ष किए जा रहे हैं। एकेएस वि.वि. द्वारा दी जा रही Training में क्लासरुम के साथ ,साइट विजिट भी शामिल है जिससे जीरो एक्सीडेंट के साथ कार्य के दौरान सभी का मानसिक बल भी उॅचा रहे इस पर कार्य किया जा रहा है। इस ट्रेनिंग कार्य के लिए किरंडल काम्पलेक्स के executive, SUPERVISOR और Workman सक्रिय सहभागिता दं रहे है। उल्लेखनीय है कि 2013 से एकेएस वि.वि. लगातार देश की Mining Company में Training कार्यक्रम आयोजित कर रहा है जिसमें एनएमडीसी, उत्कल एल्यूमिना, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, जेएसडब्ल्यू कर्नाटका प्रमुख,किरंडल काम्पलेक्स शामिल हैं जिनमें Trainingके पर्याप्त नतीजे मिल रहे है। एकेएस वि.वि. के 10 फैकल्टी मेंम्बर्स लगातार जरुरी विषयों पर सारगर्भित और सूक्ष्म जानकारियाॅ प्रतिभागियों से साझा कर रहे हैं। ज्ञातव्य है कि कार्यक्रम में अन्य विशिष्टजन भी उपस्थित रहे। इस कार्य में वि.वि. के इंजीनियरिंग डीन प्रो. जी. के. प्रधान ,प्रो. पी. के. पालित, प्रो.अनिल मित्तल और मनीष अग्रवाल माइंस डिवीजन के अंतर्गत आने वाली माइंस में लेटेस्ट Technology के साथ, सेफ्टी मैनेजमेंट, गुड प्लान्स फाॅर माइंस, हैवी इक्विपमेंट सेलेक्शन, Rock Blasting And Safety In Use of explosive पर व्याख्यान देंगें। ट्रेनिंग कार्यक्रम एनएमडीसी किरंदुल में 75वाॅ आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित हो रहा है।टेªनिंग के लिए सभी में उत्साह देखा गया।
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एकेएस विश्वविद्यालय सतना के सभागार में इंजीनियर्स डे का विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया इस मौके पर Electrical Engineering विभाग में LED BULB पर Workshop का आयोजन हुआ जिसमें B TEch Electrical और Diploma Electrical के 70 से ज्यादा Students ने सहभागिता दर्ज कराई। जबकि Civil Engineering विभाग द्वारा क्विज का आयोजन किया गया जिसमें 500 से ज्यादा प्रतिभागियों ने भाग लिया। इंजीनियर्स डे के मौके पर डाॅ. एम. विश्वेश्वरैया जिन्हें 1955 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया को याद करते हुए Engineers day Celebration हुआ। उल्लेखनीय है कि इंजीनियर्स ने अपनी स्क्लि से पूरी दुनिया में अनोखें कार्य किए हंै। 15 सितम्बर को मनाया जाने वाला यह डे इंजी.डाॅ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्मदिन है जो एक महान इंजीनियर थे उन्हीं को समर्पित करते हुए और श्रद्धांजलि देते हुए इंजीनियर्स डे का भव्य कार्यक्रम विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित किया गया। इस मौके पर इंजी.रमा शुक्ला ने बताया कि इंजीनियर्स के हाथ में देश का नव निर्माण है। तकनीकी ज्ञान के बढ़ने के साथ ही इंजीनियरों का दायित्व बढ़ गया है। सिविल इंजीनियर दुनिया की भौतिक संरचनाओं का निर्माण करते हैं, मैकेनिकल इंजीनियर दुनिया अपने उपकरणों से दुनिया चलाते है,Electrical Engineering दुनिया को पावर देते हैं जो बिजली के माध्यम से आता है कम्प्यूटर इंजीनियर दुनिया की प्रोग्रामिंग की शान हैं। Electronic Engineering दुनिया को गैजेट उपलब्ध कराकर जीवन को सरल बनातै हैं।क्विज प्रतियोगिता जो सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा आयोजित हुई उसमें प्रथम आदेश अग्रवाल,बी.टेक सिविल,सूरज सोनी, बी.टेक. सीएस, सारांश मिश्रा, बी.टेक. सीई और चैथे स्थान पर उत्कर्ष शर्मा, बी.टेक, सीई रहे। इन्हें पारितोषिक प्रदान किए गए। इस मौके पर विश्वविद्यालय के सभागार में विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति प्रो. आर.एस. त्रिपाठी, डाॅ. हर्षवर्धन, डाॅ. आर.एन. त्रिपाठी, प्रो.जी.सी.मिश्रा, प्रो.जी.पी.रिछारिया, प्रो.विपिन व्योहार और आॅनलाइन इंजी. आर.के. श्रीवास्तव उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन इंजी.रमा शुक्ला ने जबकि आभार अतुलदीप सोनी ने व्यक्त किया।
एकेएस वि.वि. सतना का प्रथम दीक्षांत समारोह दिसंबर में प्रस्तावित किया गया है इस आशय का निर्णय वि.वि. की एकेडमिक परिषद द्वारा गत दिवस बैठक में लिया गया। प्रथम दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि के रुप में माननीय महामहिम म.प्र. के राज्यपाल श्री मंगूभाई छगनभाई पटेल को मुख्य अतिथि के रुप में आमंत्रित करने का निर्णय लिया गया है। इस प्रायोजन से वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी एवं प्रतिकुलपति डाॅ.हर्षवर्धन द्वारा दिनांक 25 अगस्त को महामहिम से भेंट कर उन्हें इस गरिमामयी समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में आमंत्रित करने का अनुरोध किया जिसे माननीय महामहिम ने दीक्षंत समारोह में उपस्थित होने हेतु अपनी सैद्वान्तिक सहमति प्रदान कर दी है। उल्लेखनीय है कि वि. वि. की स्थापना वर्ष 2011 में म.प्र. शासन एवं विधान सभा द्वारा पारित एक्ट के अंतर्गत हुई है। वि.वि. का प्रथम सत्र 2012 से प्रारंभ हुआ है और लगभग 1000 विद्यार्थियों को उनके पाठ्यक्रम पूर्ण होने के उपलक्ष्य में वि.वि. में उपाधि से सम्मानित किया जाएगा। वि.वि. प्रबंधन द्वारा समारोह की विधिवत तैयारी प्रारंभ की जा रही है। इस अवसर पर प्रोचांसलर ने विश्वशांति स्थापना के लिए विश्व सरकार की परिकल्पना पर आधारित एक पुस्तक माननीय महामहिम को समर्पित की जिसकी परिकल्पना वि.वि. के चांसलर श्री बी.पी.सोनी ने तैयार की है।
एकेएस वि.वि. में शासन की मंशानुसार होगा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन
विंध्य अंचल में स्थापित सर्वाधिक लोकप्रिय एकेएस विश्वविद्यालय द्वारा मध्य प्रदेश शासन की मंशानुसार अपने विश्वविद्यालय में नवीन शिक्षा नीति के क्रियान्वयन का निर्णय लिया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश शासन ने नवीन शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन हेतु प्रतिष्ठित शिक्षाविदों की टास्कफोर्स कमेटी गठित की गई है। जिसमें विंध्य अंचल से एकेएस विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन इसके महत्वपूर्ण सदस्य हैं। और उनके व्यवहारिक सुझावों को शासन ने प्रमुखता से माना भी है। स्मरणीय है कि एकेएस विश्वविद्यालय में नवीन शिक्षा नीति में प्रवेशित छात्रों को अब पहले से अधिक लचीला पाठ्यक्रम लेने की स्वतंत्रता होगी, इसके अंतर्गत छात्र अपनी रुचि के अनुसार विभिन्न विषयों का चयन कर सकेंगे। अब पहले के प्रतिबंध शिथिल किये जा चुके हैं। छात्रों को हैण्ड्स आॅन ट्रेनिंग, व्यावहारिक प्रशिक्षण, अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग व इंटर्नशिप प्राप्त करने के अवसर सुलभ हो जायेंगे।
नवीन शिक्षा नीति की भावना के अनुरूप व्यावहारिक प्रशिक्षण एवं इण्स्ट्रीज पर आधारित पाठ्यक्रमों का समावेश
उल्लेखनीय है विश्विद्यालय ने उपरोक्त प्रावधानों के अनुरूप अधिकारिक रूप से नवीन शिक्षा नीति की भावना के अनुरूप व्यावहारिक प्रशिक्षण एवं इण्स्ट्रीज पर आधारित पाठ्यक्रमों का समावेश इसी सत्र से किया जा रहा है। साथ ही छात्रों को विशेष तौर से जर्नल स्ट्रीम यथा बी.एससी., बीबीए, बी.काॅम, बीसीए आदि पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले छात्रों को भारत सरकार द्वारा स्थापित बोर्ड आॅफ अप्रंेटिश ट्रेनिंग मुम्बई कार्यालय के अंतर्गत विभिन्न सेंटर काउंसिल एसोसियेशन तथा स्थानीय उद्योगों से अनुबंध के आधार पर प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इसके अतिरिक्त ऐसे छात्रों को नियमानुसार स्ट्रायपेंड की भी सुविधा उपलब्ध होगी, अभी तक यह सुविधा केवल टेक्निकल कोर्सेस के विद्यार्थियों को प्राप्त होती रही है परन्तु नवीन शिक्षा नीति में अब सभी संकायों के छात्रों को प्रशिक्षण के दौरान इस तरह की सुविधा प्रदान की जायेगी। ज्ञातव्य है कि इसी कड़ी में विश्वविद्यालय निरंतर इण्डस्ट्री एवं एकेडमिया मीट पर जोर दे रहा है ताकि औद्योगिक संगठनों, उद्योगों के प्रतिनिधियों के सहयोग से पाठ्यक्रमों में संशोधन के साथ-साथ रोजगार की दृष्टि से तथा व्यावहारिक प्रशिक्षण उद्योगों में ही उपलब्ध कराकर छात्रों को रोजगार के लायक बनाया जा सके तथा वोकेशनल पाठ्यक्रमों के माध्यम से स्वरोजगार स्थापित करने के विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।
प्लेसमेंट पर सर्वाधिक जोर,, अधिकांश छात्र औद्योगिक प्रतिष्ठानों में चयनित
इस विश्वविद्यालय की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह भी है कि जो भी छात्र विश्वविद्यालय में प्रवेश लेते हैं उन छात्रों के प्लेसमेंट पर सर्वाधिक जोर दिया जाता है और अधिकांश छात्र औद्योगिक प्रतिष्ठानों में चयनित भी हो रहे हैं। यहां यह भी बताना जरूरी है कि एकेएस विश्वविद्यालय की अपनी विशेषता रही है कि यहाँ पाठ्यक्रमों को निरन्तर आद्यतन एवं विश्व स्तरीय बनाने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। परीक्षाएं समय पर आयोजित की जाती हैं ताकि छात्र उच्च शिक्षा एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये समयानुसार अवसर प्राप्त कर सकें। यहाँ एक विशेषता यह भी है कि छात्र अपनी उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन परीक्षोपरांत स्वयं भी कर सकते हैं तथा पेपर बैक होने पर उनके पाठ्यक्रम की अवधि अनावश्यक रूप से अधिक न हो इसलिये ऐसे छात्रों की परीक्षायें यथा समय तत्परता से कराई जाती हैं ताकि छात्र के कॅरियर पर इसका प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर इंजी. अनंत कुमार सोनी ने यह भी अवगत कराया है कि शीघ्र ही जिले में स्थित विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों, सीमेन्ट फैक्टरीज, खनिज से संबंधित प्रतिनिधियों, विभिन्न उद्योगपतियों, चैम्बर आॅफ काॅमर्स, जिला उद्योग संघ आदि की एक विशेष बैठक सतना सांसद श्री गणेश सिंह के मुख्य आतिथ्य में आयोजित की जा रही है जिसमें उद्योग के प्रतिनिधियों के परामर्श के आधार पर एवं स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार विशेष पाठ्यक्रम भी विश्वविद्यालय में प्रारम्भ किये जायेंगे। इन समस्त विशिष्ट प्रयासों के बाद विश्वविद्यालय लगातार एकेडेमिक एक्सिलेंस के लिये वैचारिक आदान प्रदान विषय विशेषज्ञों से प्राप्त करता है जिसके सकारात्मक परिणाम दृष्टिगोचर हो रहे हैं।
पुस्तके साक्षात जीवंत देव प्रतिमाऐं है और शिक्षक उनको अपनी दुष्टि देकर जीवन समझाने वाले प्रणेता, अघ्येता और इतिहासवेत्ता जो अपनी ज्ञान की लौ को निरंतर प्रवाहमय रखते हुए इतिहास के पन्नों पर अमिट छाप छोड जाते हैं ऐसे ही अमर क्षिक्षक थे भारत के पूर्व राष्ट्रपति और शिक्षा जगत में अध्यापक की मिसाल सर्वपल्ली राधकृष्ण जी, जिनकी याद में हम दिवस को न सिर्फ याद करते हैं बल्कि उनके विचारों की स्फटिक शिला सी आभा में अपने को विचारमग्न भी पाते हैं। और हर बार नया उजास लेकर धन्य होते हैं। शिक्षा की लौ को अंतिम व्यक्ति तक पहुॅचाने के लिए कृत संकल्पित एकेएस वि.वि. सतना के सभागार में शिक्षक दिवस समारोहपूर्वक 6 सितम्बर को मनाया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान उत्सवमयी रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ विशिष्टजनों के अमूल्य उद्बोधन मौके की गरिमा में चार चाॅद लगाऐंगें। कुछ यादें होगी,विरासत होगी और पीछे छूट रही परिपाटी गुरु शिक्षक और उनके शिष्यों के संबंधों पर रोशनी डालती विचार प्रक्रिया भी होगी। इस मौके पर सभी शिक्षको को शिक्षक दिवस की गरिमा के अनुकूल श्रीफल से सम्मानित करने के साथ ही उन्हें सम्मान से नवाजा जाएगा। उनके उन्नत विचारों की अलख से जगी रोशनी से सभी जनों को अवगत कराया जाएगा। गुरुब्रहमा, गुर्रुविष्णु, गुर्रुदेवो महेश्वरः, गुरु साक्षात परब्रहमा, तस्मै श्री गुरुवे नमः...की परम्परा के अनुकूल गरिमा, विशिष्टता का भान कराते हुए सम्पूर्ण परिदृष्य को प्रस्तुत किया जाएगा। जिनके सम्मान में यह दिवस मनाया जाता है वह हैं सर्वपल्ली राधाकृष्ण जी उन्हें नमन करते हुए दिचस की विराटता और समसामयिक परिदृष्य में गुरुओं की चुनौतियों पर भी चर्चा होगी। दैदीप्यमान मंच पर विशिष्टजन विराजमान रहेंगें और परम्पराओं के वक्त के साथ परिवर्तनों की गाथा के साथ गुरु की महिमा पर विचार साझा करेगें। कार्यक्रम में एकेएस वि.वि. परिवार के सभी डीन,डायरेक्टर्स,फैकलटी मेम्बर्स और सभी जन शामिल होगें।