नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन में एकेएस विश्वविद्यालय की विशिष्ट पहल सतना। भारत सरकार द्वारा घोषित नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन में मध्य प्रदेश शासन द्वारा सम्पूर्ण भारत में पहल करते हुए अग्रणी स्थान बनाया गया है। इसी तारतम्य में म.प्र. शासन द्वारा गठित टास्कफोर्स के निर्माण के पश्चात् यह निर्णय लिया गया था कि मध्य प्रदेश में चालू सत्र से ही नवीन शिक्षा नीति का क्रियान्वयन किया जायेगा।
- Font size: Larger Smaller
- Hits: 745
- 0 Comments
- Subscribe to this entry
- Bookmark
एकेएस वि.वि. में शासन की मंशानुसार होगा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन
विंध्य अंचल में स्थापित सर्वाधिक लोकप्रिय एकेएस विश्वविद्यालय द्वारा मध्य प्रदेश शासन की मंशानुसार अपने विश्वविद्यालय में नवीन शिक्षा नीति के क्रियान्वयन का निर्णय लिया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश शासन ने नवीन शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन हेतु प्रतिष्ठित शिक्षाविदों की टास्कफोर्स कमेटी गठित की गई है। जिसमें विंध्य अंचल से एकेएस विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन इसके महत्वपूर्ण सदस्य हैं। और उनके व्यवहारिक सुझावों को शासन ने प्रमुखता से माना भी है। स्मरणीय है कि एकेएस विश्वविद्यालय में नवीन शिक्षा नीति में प्रवेशित छात्रों को अब पहले से अधिक लचीला पाठ्यक्रम लेने की स्वतंत्रता होगी, इसके अंतर्गत छात्र अपनी रुचि के अनुसार विभिन्न विषयों का चयन कर सकेंगे। अब पहले के प्रतिबंध शिथिल किये जा चुके हैं। छात्रों को हैण्ड्स आॅन ट्रेनिंग, व्यावहारिक प्रशिक्षण, अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग व इंटर्नशिप प्राप्त करने के अवसर सुलभ हो जायेंगे।
नवीन शिक्षा नीति की भावना के अनुरूप व्यावहारिक प्रशिक्षण एवं इण्स्ट्रीज पर आधारित पाठ्यक्रमों का समावेश
उल्लेखनीय है विश्विद्यालय ने उपरोक्त प्रावधानों के अनुरूप अधिकारिक रूप से नवीन शिक्षा नीति की भावना के अनुरूप व्यावहारिक प्रशिक्षण एवं इण्स्ट्रीज पर आधारित पाठ्यक्रमों का समावेश इसी सत्र से किया जा रहा है। साथ ही छात्रों को विशेष तौर से जर्नल स्ट्रीम यथा बी.एससी., बीबीए, बी.काॅम, बीसीए आदि पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले छात्रों को भारत सरकार द्वारा स्थापित बोर्ड आॅफ अप्रंेटिश ट्रेनिंग मुम्बई कार्यालय के अंतर्गत विभिन्न सेंटर काउंसिल एसोसियेशन तथा स्थानीय उद्योगों से अनुबंध के आधार पर प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इसके अतिरिक्त ऐसे छात्रों को नियमानुसार स्ट्रायपेंड की भी सुविधा उपलब्ध होगी, अभी तक यह सुविधा केवल टेक्निकल कोर्सेस के विद्यार्थियों को प्राप्त होती रही है परन्तु नवीन शिक्षा नीति में अब सभी संकायों के छात्रों को प्रशिक्षण के दौरान इस तरह की सुविधा प्रदान की जायेगी। ज्ञातव्य है कि इसी कड़ी में विश्वविद्यालय निरंतर इण्डस्ट्री एवं एकेडमिया मीट पर जोर दे रहा है ताकि औद्योगिक संगठनों, उद्योगों के प्रतिनिधियों के सहयोग से पाठ्यक्रमों में संशोधन के साथ-साथ रोजगार की दृष्टि से तथा व्यावहारिक प्रशिक्षण उद्योगों में ही उपलब्ध कराकर छात्रों को रोजगार के लायक बनाया जा सके तथा वोकेशनल पाठ्यक्रमों के माध्यम से स्वरोजगार स्थापित करने के विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।
प्लेसमेंट पर सर्वाधिक जोर,, अधिकांश छात्र औद्योगिक प्रतिष्ठानों में चयनित
इस विश्वविद्यालय की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह भी है कि जो भी छात्र विश्वविद्यालय में प्रवेश लेते हैं उन छात्रों के प्लेसमेंट पर सर्वाधिक जोर दिया जाता है और अधिकांश छात्र औद्योगिक प्रतिष्ठानों में चयनित भी हो रहे हैं। यहां यह भी बताना जरूरी है कि एकेएस विश्वविद्यालय की अपनी विशेषता रही है कि यहाँ पाठ्यक्रमों को निरन्तर आद्यतन एवं विश्व स्तरीय बनाने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। परीक्षाएं समय पर आयोजित की जाती हैं ताकि छात्र उच्च शिक्षा एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये समयानुसार अवसर प्राप्त कर सकें। यहाँ एक विशेषता यह भी है कि छात्र अपनी उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन परीक्षोपरांत स्वयं भी कर सकते हैं तथा पेपर बैक होने पर उनके पाठ्यक्रम की अवधि अनावश्यक रूप से अधिक न हो इसलिये ऐसे छात्रों की परीक्षायें यथा समय तत्परता से कराई जाती हैं ताकि छात्र के कॅरियर पर इसका प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर इंजी. अनंत कुमार सोनी ने यह भी अवगत कराया है कि शीघ्र ही जिले में स्थित विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों, सीमेन्ट फैक्टरीज, खनिज से संबंधित प्रतिनिधियों, विभिन्न उद्योगपतियों, चैम्बर आॅफ काॅमर्स, जिला उद्योग संघ आदि की एक विशेष बैठक सतना सांसद श्री गणेश सिंह के मुख्य आतिथ्य में आयोजित की जा रही है जिसमें उद्योग के प्रतिनिधियों के परामर्श के आधार पर एवं स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार विशेष पाठ्यक्रम भी विश्वविद्यालय में प्रारम्भ किये जायेंगे। इन समस्त विशिष्ट प्रयासों के बाद विश्वविद्यालय लगातार एकेडेमिक एक्सिलेंस के लिये वैचारिक आदान प्रदान विषय विशेषज्ञों से प्राप्त करता है जिसके सकारात्मक परिणाम दृष्टिगोचर हो रहे हैं।