06-05-2014 एकेएस यूनिवर्सिटी में सेलीब्रेट हुआ
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‘‘कोल माइन्स डे’’
एकेएस यूूनिवर्सिटी, सतना के विशाल सभागार में बी.टेक माइनिंग विभाग द्वारा एक संक्षिप्त एवं सारगर्भित कार्यक्रम रख कर ‘‘कोल माइन्स डे’’ सेलीब्रेट किया गया। कार्यक्रम के दौरान माइनिंग फैकल्टीज ने कोल माइन्स का इतिहास, कोयला निकालने की विधियां, स्ट्रिप माइनिंग, काउंटर माइनिंग, माउण्टेन टाॅप रिमूवल माइनिंग, अण्डर ग्राउण्ड माइनिंग, कोल प्रोडक्शन और माॅडर्न माइनिंग के बारे में विद्यार्थियों को रूबरू कराया। इस दौरान विद्यार्थियों को बताया गया कि कोयला 1880 से ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है। इसका इस्तेमाल स्टील और सीमेंट इंडस्ट्रीज में बहुतायत में किया जाता है। माइनिंग के स्केल, ड्रेग लाइन्स, ट्रक्स, कान्वेयर्स, जैक्स और शीयरर्स के बारे में भी बताया गया। इसी के साथ यह भी बताया गया कि 18वीं शताब्दी से ब्रिटेन से औद्योगिक क्रांति प्रारंभ हुई थी। जो धीरे-धीरे यूरोप और नाॅर्थ अमेरिका तक पहंुची। इसी के साथ विश्व की कई कोल फील्डस के बारे में भी जानकारी दी गई। जिनमें यूनाइटेड किंगडम की टाॅवर कोलियरी, साउथ वेल्स वैली के बारे में जानकारी दी गई। सभागार में उपस्थित विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए। यह चर्चा की गई कोल माइन्स डे मनाने के पीछे मूल मकसद क्या है? इससे जुड़े तमाम तथ्यों और तर्को की भी बात की गई। यह भी बताया गया कि माइनिंग का कार्य अमेरिका से 1730 में ही प्रारंभ हो गया था।