सतरंगी फलक और कला जगत में सौ से ज्यादा फिल्मों और दर्जनों टी.वी.सीरियल्स में दमदार उपस्थिति दर्ज कराने वाली एक्ट्रेस सुष्मिता मुखर्जी ने एकेएस वि.वि. के कार्यक्रम में शिरकत की उन्होंने प्रासार में एकेएस वि.वि. के विभिन्न संकायों के डीन, डायरेक्टर्स, फैकल्टी मेम्बर्स के साथ स्टूडेन्टस के साथ संवाद किया और फिल्म जगत के कई पहलुओं पर अपनी राय जाहिर की। उन्होंने कहा कि वालीवुड बडा क्षेत्र ह,स्ट्रगल को सीख का माध्यम मानिए और आगे बढिए।उनके साथ स्टूडेन्टस में सेल्फी लेने की भीड रही उनकी सादगी ने सभी का दिल जीत लिया।
38 वर्षो की यात्रा को मंच से उन्होंने किया शेयर-ये कहा उन्होंने
उन्होंने कहा कि यंगस्टर्स जों करना चाहते हैं उन्हे सायमन साइनिंल की Ask Yourself Why,पढनी चाहिए और Why का उत्तर ढूॅढना चाहिए। Fame ,Money, Name या Passion के आधार पर फैसला लेकर जाना चाहिए तकनीकी क्रान्ति,OTT Platform के साथ उन्होंने कलाकारों को अंदर की यात्रा करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि Emotional Memory आपके अभिनय में रंग भरती है। मुम्बई फिल्म नगरी की किस्सागोई और हकीकत पर वरिष्ट अभिनेत्री सुष्मिता मुखर्जी ने वेबाॅक जवाब दिया। शिक्षकों और Students से अपनी कलायात्रा और अपने अनुभवों को उन्होंने साझा किया। उन्होंने संवाद के दौरान कहा कि अपना सारा जीवन मैने कला जगत को समर्पित किया है उजालों की तलास में अधेरे छॅटते रहे उन्होंने नेपोटिज्म,कैंपिंग और अन्य मामलों में कहा कि राजेन्द्र कुमार जुबली कुमार थे,शाहरुख गैरफिल्मी परिवार से आए और छा गए। प्रतिभा कभी दबी नहीं रह सकती है वह अपना मुकाम बना लेती है। सुशांत मर्डर मिस्ट्री पर उनका कहना था कि हो सकता है वह Flim Industry का दबाव न सह पाऐं हो या अन्य वहज हो पर आप को मजबूत बनना है। सतना शहर मे उनका आगमन कला प्रेमियों और रंगमंच कलाकारों,नगमानिगारों,गुलूकारों और फिल्म क्षेत्र में नाम-दाम कमाने की ख्वाहिश रखने वालों के लिए एक सुनहरे मौके की तरह रहा। कार्यक्रम में फिल्म और कला क्षेत्र में रुचि रखने वाले और कॅरियर बनाने की ख्वाहिश रखने वाले स्टूडेन्टस ने अपने सवाल पूॅछे जिनमें नाट्यशास्त्र, फिल्म एक्टिंग, चरित्र चित्रण,भावभंगिमा पर उन्होंने बात की। उन्होंने कहा कि आगे बढने के लिए साहस ,धैय्र और कुशलता की जरुरत है।नजर बदलिए नजारे बदल जाऐगें।लेटलतीफी ने कइयों को घर बैठा दिया और अमिताभ बच्च्न की समयबद्वता ने उन्हें शहंशाह बना दिया। Industry के बारे मे उन्होंने कहा कि हर जगह की तरह यहाॅ भी अच्छे और बुरे दोनो तरह के लोग हैं। आपको अच्छा चुनना है, वो Students के सवालों के जवाब दे रही थी।
फिल्मों में लंबी पारी, अब दो उपन्यास पूर्ण, तीसरे पर कार्य जारी
फिल्मों और सीरियल्स में अपनी महत्वपूर्ण भूमिकाओं और उपस्थिति से उन्होंने अपनी धाक जमाई है जिनमें आदमी खिलौना है,सर,मीटर गुल बत्ती चालू, किंग अंकल, आजा नचले, दोस्ताना, गोलमाल इत्यादि फिल्में प्रमुख है जबकि उनकी दो फिल्में फ्लोर पर जा रही है जिसमें एक फिल्म अभिनेता आर.माधवन और दूसरी सोनाक्षी सिन्हा के साथ है। रचनात्मकता के नए आयाम रचते हुए उन्होंने लेखन,निदेशन और अभिनय के साथ कलम भी चलाई है। उनकी पुस्तक मी एण्ड जूही बेबी माॅ और बेटी के अंर्तसंबंधों पर आधारित है यह तीन पीढियों की कहानी है। जबकि मर्म समेटती बाॅझ उपन्यास समाज की विसंगतियों पर कुठाराधात करती है। पुस्तक एमेजन पर उपलब्ध है उनके साथ वि.वि. के सभागार में प्रकृति प्रेमी और कलाप्रेमी अशोक श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे उन्होंने कहा कि घ्यान की मुद्रा में अपलक निहारते हुए जब हम प्रकृति की गोद में जाते हैं जो नेचर हमसे संवाद करती है,पक्षियों का कलरव,नदी का बहाव,पत्तियों की सरसराहट और जंगल का उल्लास हमें नया करने की प्रेरणा देता है। इसी प्रेम में उन्होंने अपने जीवन को प्रकुति को प्रस्तुत कर दिया है।
परी सोनी का स्केच खूब भाया सुष्मिता को -स्मृति चिन्ह, शॅाल श्रीफल से किया गया स्वागत,बताई योजनाऐं
कार्यक्रम के बाद उन्हें वि.वि. की तरफ से परी सोनी का स्केच किया हुआ चित्र दिया गया जिसे उन्होंने खूब सराहा और उनकी स्किल की तहेदिल से तारीफ की, भविष्य की शुभकामनाऐं भी दीं। एकेएस वि.वि. में फिल्मो की शुटिंग की भी इच्छा उन्होंने जाहिर की। खजुराहो इंटरनेशनल फिल्म महोत्सव 6 वर्ष से अनवरत फिल्म कलाकार और उनके पति राजा बुंदेला के मार्गदर्शन में चल रहा है भविष्य में खजुराहों में 7 दिवसीय रंगमंच कार्यक्रम की योजना पर कार्य प्रारंभ है। बुदेलखंड फिल्म एकेडमी की रुपरेखा तय हो चुकी है जिसे जल्द ही मूर्त स्वरुप दिया जाएगा जिसमें विश्वस्तरीय कला कोर्सेस चलेंगें। कलागाॅव और अन्य जानकारियाॅ भी उन्होंने शेयर कीं। उन्हे स्मृति चिन्ह,शॅाल और श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। उन्होंने वि.वि. के साथ मिलकर कार्य करने की ख्वाहिश जाहिर की।
ये रहे कार्यक्रम के दौरान उपस्थित
कार्यक्रम के दौरान ऐसा पावन सुहावन समय आज है सरस्वती वंदना प्रस्तुत करने के बाद अतिथि सत्कार की बेला में डाॅ.हर्षवर्धन ने अतिथियों का अभिनंदन व स्वागत किया तत्पश्चात डाॅ.विपिन व्योहार ने अतिथि परिचय दिया। कार्यक्रम में वि.वि. के प्रोचासलर अनंत कुमार सोनी,ने वि.वि. के नूतन प्रयासो पर चर्चा की।स्पिक मैके के डाॅ.हेमंत डेनियल के साथ अन्य सदस्यों ने उनका प्रशस्तिपत्र देकर सम्मन किया। प्रतिकुलपति डाॅ. आर.एस.त्रिपाठी के साथ स्टूडेन्टस और कलाप्रेमी जन दीर्घा में उपस्थित रहे। आएसडी प्रो.आर.एन.त्रिपाठी ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया।