एकेएस वि.वि. सतना के उद्यनिकी विभाग ने अनूठी नस्ल के इन्फिनिटी खीरे का 384 स्क्वेयर फीट क्षेत्र में रोपित करके उत्पादन का अच्छा प्रतिमान दिया है ड्रिप सिंचन विधि से सींचकर पानी व उर्वरक इसे प्रदान किया जाता है इन्फिनिटी खीरे का उत्पादन 30 कि.ग्रा. तक प्रति पौधा है। शानदार, चमकदार इन्फिन्टिी खीरे की अच्छी पैदावार प्राप्त की जा रही है।पाॅली हाउस में खेती के इस उन्नत तरीके से आफ सीजन में भी सब्जियाॅ और फूलों की खेती आसानी से की जा सकती है। यह तकनीक प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों में भी असरकारक हो रही है सब्जियों का चुनाव बाजार की माॅग और कीमत पर निर्भर करता है घटती जोत और अधिक मुनाफे के कारण इस तरह की खेती की तरफ किसानों का रुख बढ रहा है। एकेएस वि.वि. के संरक्षित कृषि क्षेत्र के 16’24 के क्षेत्र में इसे पैदा किया जा रहा है जो उन्नत किस्म के हैं इसका उपयोग सलाद,सब्जी के साथ सामान्य खीरे की तरह किया जाता है। एक्सपेरीमेंट लर्निग प्रोग्राम के तहत वि.वि. के एग्रीकल्चर संकाय में अध्ययनरत विद्यार्थी सब्जी और फलों को उगाने और पैदावार की यह विधि सीखकर औद्योगिक कृषि के बारे मे विस्तार से जानकारी भी कृषि विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में प्राप्त कर रहे हैं। वि.वि. के उद्यनिकी विभागाध्यक्ष डाॅ.अभिशेक ने बताया कि विगत नवंबर 2020 से 30 से 45 दिनों में इससे 30 कि.ग्रा. प्रति पौधे उत्पादन भी हुआ है। जिन्हे बाजार में बिक्री हेतु भेजा जाता है इसी के साथ क्षेत्र के किसानों को भी संरक्षित खेती के गुर सिखए जाने के प्रयास वि.वि. द्वारा किए जा रहे हैं सरकारों के द्वारा इसे लगाने के लिए सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है जो 47 से 67प्रतिशत तक होती है सरकार 500 से 4000 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र के लिए यह आर्हता प्रदान करती है। पाॅली हाउस स्टील के स्ट्रक्चर से बनता है और प्लास्टिक सीट से ढंका जाता है जो 200 माइक्रान मोटाई वाली पारदर्शी एवं पराबैगनी किरणों से प्रतिरोधी पाॅलीथीन चादर होती है।एक हजार वर्ग मीटर के लिए 10 लाख रुपये तक का खर्च आता है जिसमे नाबार्ड द्वारा लोन भी प्रदान किया जाता है। पाॅली हाउस के फायदे बताते हुए विभागाध्यक्ष ने बताया कि पाॅली हाउस के अंदर लगी फसलों से जैविक और प्राकृतिक झंझावतों से बचाया जा सकता है,पाॅली हाउस में वर्ष भर उत्पादन लिया जा सकता है, बेमौसम फसलें उगाने क ेसाथ कीटनाशक खर्चो में कमी आती है और उत्पादन सामान्य की तुलना में 3 से 4 गुना ज्यादा होता है।प्रतिदिन 300 से ज्यादा एग्रीकल्चर छात्र पाॅली हाउस के क्षेत्र में प्रायोगिक ज्ञान भी प्राप्त कर रहे हैं। एकेएस वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ.आर.एस.त्रिपाठी, डाॅ. हर्षवर्धन, डायरेक्टर अमित सोनी, विपिन व्यवहार, पूर्व चेयरमैन, एमपीपीएससी, इंजी.आर.के.श्रीवास्तव, प्रो.जी.पी.रिछारिया ओएसडी प्रो.आर.एन.त्रिपाठी नेे इसे उद्यनिकी विभाग की उपलब्धि निरुपित किया है। वि.वि. परिवार के सभी संकायों के डीन, डायरेक्टर्स ,फैकल्टी मेंम्बर्स और सभी सदस्य ने भी उद्यनिकी विभाग की सराहना की है।
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एकेएस वि.वि. सतना के उद्यनिकी विभाग ने अनूठी नस्ल के इन्फिनिटी खीरे का 384 स्क्वेयर फीट क्षेत्र में रोपित करके उत्पादन का अच्छा प्रतिमान दिया है ड्रिप सिंचन विधि से सींचकर पानी व उर्वरक इसे प्रदान किया जाता है इन्फिनिटी खीरे का उत्पादन 30 कि.ग्रा. तक प्रति पौधा है। शानदार, चमकदार इन्फिन्टिी खीरे की अच्छी पैदावार प्राप्त की जा रही है।पाॅली हाउस में खेती के इस उन्नत तरीके से आफ सीजन में भी सब्जियाॅ और फूलों की खेती आसानी से की जा सकती है। यह तकनीक प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों में भी असरकारक हो रही है सब्जियों का चुनाव बाजार की माॅग और कीमत पर निर्भर करता है घटती जोत और अधिक मुनाफे के कारण इस तरह की खेती की तरफ किसानों का रुख बढ रहा है। एकेएस वि.वि. के संरक्षित कृषि क्षेत्र के 16’24 के क्षेत्र में इसे पैदा किया जा रहा है जो उन्नत किस्म के हैं इसका उपयोग सलाद,सब्जी के साथ सामान्य खीरे की तरह किया जाता है। एक्सपेरीमेंट लर्निग प्रोग्राम के तहत वि.वि. के Agriculture संकाय में अध्ययनरत विद्यार्थी सब्जी और फलों को उगाने और पैदावार की यह विधि सीखकर औद्योगिक कृषि के बारे मे विस्तार से जानकारी भी कृषि विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में प्राप्त कर रहे हैं। वि.वि. के उद्यनिकी विभागाध्यक्ष डाॅ.अभिशेक ने बताया कि विगत नवंबर 2020 से 30 से 45 दिनों में इससे 30 कि.ग्रा. प्रति पौधे उत्पादन भी हुआ है। जिन्हे बाजार में बिक्री हेतु भेजा जाता है इसी के साथ क्षेत्र के किसानों को भी संरक्षित खेती के गुर सिखए जाने के प्रयास वि.वि. द्वारा किए जा रहे हैं सरकारों के द्वारा इसे लगाने के लिए सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है जो 47 से 67प्रतिशत तक होती है सरकार 500 से 4000 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र के लिए यह आर्हता प्रदान करती है। Poly House Steel के Structure से बनता है और प्लास्टिक सीट से ढंका जाता है जो 200 माइक्रान मोटाई वाली पारदर्शी एवं पराबैगनी किरणों से प्रतिरोधी पाॅलीथीन चादर होती है।एक हजार वर्ग मीटर के लिए 10 लाख रुपये तक का खर्च आता है जिसमे नाबार्ड द्वारा लोन भी प्रदान किया जाता है। पाॅली हाउस के फायदे बताते हुए विभागाध्यक्ष ने बताया कि पाॅली हाउस के अंदर लगी फसलों से जैविक और प्राकृतिक झंझावतों से बचाया जा सकता है,पाॅली हाउस में वर्ष भर उत्पादन लिया जा सकता है, बेमौसम फसलें उगाने क साथ कीटनाशक खर्चो में कमी आती है और उत्पादन सामान्य की तुलना में 3 से 4 गुना ज्यादा होता है।प्रतिदिन 300 से ज्यादा एग्रीकल्चर छात्र Poly House के क्षेत्र में प्रायोगिक ज्ञान भी प्राप्त कर रहे हैं। एकेएस वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ.आर.एस.त्रिपाठी, डाॅ. हर्षवर्धन, डायरेक्टर अमित सोनी, विपिन व्यवहार, पूर्व चेयरमैन, एमपीपीएससी, इंजी.आर.के.श्रीवास्तव, प्रो.जी.पी.रिछारिया ओएसडी प्रो.आर.एन.त्रिपाठी नेे इसे उद्यनिकी विभाग की उपलब्धि निरुपित किया है। वि.वि. परिवार के सभी संकायों के डीन, डायरेक्टर्स ,फैकल्टी मेंम्बर्स और सभी सदस्य ने भी उद्यनिकी विभाग की सराहना की है।
एकेएस वि.वि. सतना के उद्यनिकी विभाग ने अनूठी नस्ल के टाॅप सीक्रेट गुलाब एक एकड क्षेत्र में रोपित करके अच्छा प्रतिमान बनाया है और शानदार गुलाब की पैदावार प्राप्त की है जिसमें लाल और पीला गुलाब लहलहा रहा है। पाॅली हाउस में खेती के इस उन्नत तरीके से आॅफ सीजन में भी सब्जियाॅ ओर फूलों की खेती आसानी से की जा रही है। यह तकनीक प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों में भी असरकारक हो रही है फूलों का चुनाव बाजार की माॅग और कीमत पर निर्भर करता है घटती जोत ओर अधिक मुनाफे के कारण इस तरह की खेती की तरफ रुख बढ रहा है। एकेएस वि.वि. के संरक्षित कृषि क्षेत्र के एक एकड में 4000 कट फ्लावर पैदा हुए है जो उन्नत किस्म के हैं इसका उपयोग कट फ्लावर के साथ,बुके,स्टेज डेकोरेशन,माला इत्यादि बनाने में किया जाता है। एक्सपेरीमेंट लर्निग प्रोग्राम के तहत वि.वि. के एग्रीकल्चर संकाय में अध्ययनरत विद्यार्थी यह विधि सीखकर औद्योगिक कृषि के बारे मे विस्तार से जानकारी भी कृषि विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में सीख रहे हैं। वि.वि. के उद्यनिकी विभागाध्यक्ष डाॅ.अभिशेक सिंह ने बताया कि विगत अक्टूबर 2020 से जनवरी 20 तक एक एकड में 65000 कट फ्लावर उत्पादित हुए है जिन्हे बाजार में बिक्री हेतु भेजा गया है। क्षेत्र के किसानों को भी संरक्षित खेती के गुर सिखए जाने के प्रयास वि.वि. द्वारा किए जा रहे हैं सरकारों के द्वारा इसे लगाने के लिए सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है जो 47 से 67प्रतिशत तक होती है सरकार 500 से 4000 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र के लिए यह आर्हता प्रदान करती है। पाॅली हाउस स्टील के स्ट्रक्चर से बनता है और प्लास्टिक सीट से ढंका जाता है जो 200 माइक्रान मोटाई वाली पारदर्शी एवं पराबैगनी किरणों से प्रतिरोधी पाॅलीथीन चादर होती है। एक हजार वर्ग मीटर के लिए 10 लाख रुपये तक का खर्च आता है जिसमे नाबाड्र द्वारा लोन भी प्रदान किया जाता है। पाॅली हाउस के फायदे बताते हुए विभागाध्यक्ष ने बताया कि पाॅली हाउस के अंदर लगी फसलों से जैविक और प्राकृतिक झंझावतों से बचाया जा सकता है,पाॅली हाउस में वर्ष भर उत्पादन लिया जा सकता है,बेमौसम फसलें उगाने क ेसाथ कीटनाशक खर्चो में कमी आती है और उत्पादन सामान्य की तुलना में 3 से 4 गुना ज्यादा होता है। प्रतिदिन 300 से ज्यादा एग्रीकल्चर छात्र पाॅली हाउस के गुलाबों पर प्रायोगिक ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं। एकेएस वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ.आर.एस.त्रिपाठी, डाॅ. हर्षवर्धन, डायरेक्टर अमित सोनी, विपिन व्यवहार, पूर्व चेयरमैन, एमपीपीएससी, इंजी.आर.के.श्रीवास्तव, प्रो.जी.पी.रिछारिया ओएसडी प्रो.आर.एन.त्रिपाठी नेे इसे उद्यनिकी विभाग की उपलब्धि निरुपित किया है। वि.वि. परिवार के सभी संकायों के डीन, डायरेक्टर्स ,फैकल्टी मेंम्बर्स और सभी सदस्य ने भी उद्यनिकी विभाग की सराहना की है।
सतना के बीएससी,एग्रीकल्चर संकाय के पूर्व छात्र गाडे रमन रेडडी ने 2019 में अपना Cycling का पैशन Follow करना प्रारंभ किया और इस बारे में वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी को अवगत कराया विभिन्न क्षेत्रों के युवाओं को उनके हुनर क आधार पर हमेशा प्रोत्साहित करने वाले अनंत सोनी ने गाडे रमन रेडडी को भरपूर प्रोत्साहित करने के साथ ही सतना cycling Association से भी संबद्व कराया ओर उसकी मंजिल कैसे सहज होगी उसे क्या करना होगा इत्यादि जानकारियाॅ दिलवाई इसके बाद उसने Cycling के क्षेत्र में पीछे मुडकर नहीं देखा गाडे ने सबसे पहले Indian Record पर नजरें जमाई और Save Nature, Save Mother Earth कैम्पेन के तहत 3200 कि.मी. की यात्रा केा 14 दिन और 10 घंटे में कोलकाता से मुम्बई होते हुए छः राज्यों का सफर तय किया। इसे पूर्ण करके Indian Record बनाया फिर उसने अपना लक्ष्य Asia Book of Record पर केन्द्रित करते हुए 3200 कि.मी. की यात्रा 11 प्रदेशों से होते हुए 15 दिनों में पूर्ण करके Asia Book of Record में भी अपना नाम दर्ज कराया है।जिसे उसने सेना के वीर जवानों को समर्पित किया है और जय जवान,जय किसान के नारे के साथ वर्तमान में वह अपने साइक्लिस्ट मित्र के साथ अपने अगले पडाव की तरफ ध्यान केन्द्रित किए हुए है। एकेएस वि.वि. सतना के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ. आर.एस.त्रिपाठी, डाॅ. हर्षवर्धन, इंजी. डीन प्रो. जी. के. प्रधान ,डायरेक्टर अमित सोनी, विपिन व्यवहार, पूर्व चेयरमैन, एमपीपीएससी, इंजी. आर. के. श्रीवास्तव, प्रो.जी.पी.रिछारिया ओएसडी प्रो.आर.एन.त्रिपाठी, डाॅ.आर.एस.निगम, Department of Agriculture के डाॅ.एस.एस.तोमर, विभागाध्यक्ष डाॅ.नीरज वर्मा, डाॅ.के.आर.मौर्या, एडमिनिस्ट्रेटर बृजेन्द्र सोनी, आईटी हेड सोनू कुमार सोनी इत्यादि ने स्टूडेैन्ट गाडे रमन रेडडी,पूर्व छात्र,ए केएस वि.वि. के प्रयासों और उपलब्धियों की सराहना की है और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाऐं प्रदान की है।वि.वि. क प्रोचांसलर से आशीर्वचन लेने आए स्टूडेन्ट ने उनको इस समस्त उपलब्धियों का श्रेय देते हुए कहा कि उनकी प्रेरणा वजह से ही वह इस मुकाम को हासिल करने में सफल हुआ।
एकेएस वि.वि. सतना के उद्यनिकी विभाग ने अनूठी नस्ल के Top cecreate गुलाब एक एकड क्षेत्र में रोपित करके अच्छा प्रतिमान बनाया है और शानदार गुलाब की पैदावार प्राप्त की है जिसमें लाल और पीला गुलाब लहलहा रहा है। Poly House में खेती के इस उन्नत तरीके से आफ सीजन में भी सब्जियाॅ ओर फूलों की खेती आसानी से की जा रही है। यह तकनीक प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों में भी असरकारक हो रही है फूलों का चुनाव बाजार की माॅग और कीमत पर निर्भर करता है घटती जोत ओर अधिक मुनाफे के कारण इस तरह की खेती की तरफ रुख बढ रहा है। एकेएस वि.वि. के संरक्षित कृषि क्षेत्र के एक एकड में 4000 कट फ्लावर पैदा हुए है जो उन्नत किस्म के हैं इसका उपयोग कट फ्लावर के साथ,बुके,स्टेज डेकोरेशन,माला इत्यादि बनाने में किया जाता है। एक्सपेरीमेंट Learning Program के तहत वि.वि. के Agriculture संकाय में अध्ययनरत विद्यार्थी यह विधि सीखकर औद्योगिक कृषि के बारे मे विस्तार से जानकारी भी कृषि विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में सीख रहे हैं। वि.वि. के उद्यनिकी विभागाध्यक्ष डाॅ.अभिशेक सिंह ने बताया कि विगत अक्टूबर 2020 से जनवरी 20 तक एक एकड में 65000 कट फ्लावर उत्पादित हुए है जिन्हे बाजार में बिक्री हेतु भेजा गया है। क्षेत्र के किसानों को भी संरक्षित खेती के गुर सिखए जाने के प्रयास वि.वि. द्वारा किए जा रहे हैं सरकारों के द्वारा इसे लगाने के लिए सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है जो 47 से 67प्रतिशत तक होती है सरकार 500 से 4000 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र के लिए यह आर्हता प्रदान करती है। पाॅली हाउस स्टील के स्ट्रक्चर से बनता है और प्लास्टिक सीट से ढंका जाता है जो 200 माइक्रान मोटाई वाली पारदर्शी एवं पराबैगनी किरणों से प्रतिरोधी पाॅलीथीन चादर होती है। एक हजार वर्ग मीटर के लिए 10 लाख रुपये तक का खर्च आता है जिसमे नाबाड्र द्वारा लोन भी प्रदान किया जाता है। पाॅली हाउस के फायदे बताते हुए विभागाध्यक्ष ने बताया कि पाॅली हाउस के अंदर लगी फसलों से जैविक और प्राकृतिक झंझावतों से बचाया जा सकता है,पाॅली हाउस में वर्ष भर उत्पादन लिया जा सकता है,बेमौसम फसलें उगाने क साथ कीटनाशक खर्चो में कमी आती है और उत्पादन सामान्य की तुलना में 3 से 4 गुना ज्यादा होता है। प्रतिदिन 300 से ज्यादा Agriculture छात्र Poly House के गुलाबों पर प्रायोगिक ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं। एकेएस वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ.आर.एस.त्रिपाठी, डाॅ. हर्षवर्धन, डायरेक्टर अमित सोनी, विपिन व्यवहार, पूर्व चेयरमैन, एमपीपीएससी, इंजी.आर.के.श्रीवास्तव, प्रो.जी.पी.रिछारिया ओएसडी प्रो.आर.एन.त्रिपाठी नेे इसे उद्यनिकी विभाग की उपलब्धि निरुपित किया है। वि.वि. परिवार के सभी संकायों के डीन, डायरेक्टर्स ,फैकल्टी मेंम्बर्स और सभी सदस्य ने भी उद्यनिकी विभाग की सराहना की है।
एकेएस वि.वि. सतना के माइनिंग इंजीनियरिंग संकाय के चार विद्याथ्रियों अकुला प्रसन्ना कुमार, पोंगुला प्रशांत यादव, कुचनपल्ली मुरारी कृष्ण, चिंतमसाॅई सुमन का चयन भारत सरकार की नेवेली लिग्नाइट corporation तमिलनाडु में अप्रेटिंस Traning हेतु चयन किया गया है। सभी विद्यार्थी एकेएस वि.व. सतना में अध्ययनरत हैं और तेलंगाना के मूल निवासी हैं। एकेएस वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ.आर.एस.त्रिपाठी, डाॅ. हर्षवर्धन, डायरेक्टर अमित सोनी, विपिन व्यवहार, पूर्व चेयरमैन, एमपीपीएससी, इंजी.आर.के.श्रीवास्तव, प्रो.जी.पी.रिछारिया ओएसडी प्रो.आर.एन.त्रिपाठी नेे छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना की है। वि.वि. परिवार के सभी संकायों के डीन, डायरेक्टर्स ,Faculty Member और सभी सदस्य ने भी उन्हें शुभकामनाऐं दी हैं।
एकेएस वि.वि. सतना के Computer Science विभाग के द्वारा विभिन्न मोडृयूल पर 21 जनवरी से Intership Training कार्यक्रम का आयोजन नियत किया गया है जिसमें सीसीएनए Networking Concept, आरएचसीएसए, Linux Server And Security, एन्सिबल Automation, डाॅकर,, कंटेनर And कुबरनेटस, एडब्ल्यूएस Cloud Computer ,Python पर Red Hat एकेडमी, रोस्ट्रिस Infotech Limited के साथ 15 दिन और 30 दिन की Training Module के हिसाब से प्रदान की जाएगी, जो विद्यार्थियों के लिए रोजगार के लहजे से काॅफी अहम है। ट्रेनिंग के लिए विद्यार्थी एकेएस वि.वि. के कार्यक्रम के हेड डाॅ.अखिलेश ए.वाऊ और कोआॅर्डिनेटर इंजी.हरिमोहन मिश्रा से जानकारी लेकर Registration प्राप्त कर सकते हैं। एकेएस वि.वि. सतना के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ. आर.एस.त्रिपाठी, डाॅ. हर्षवर्धन, इंजी. डीन प्रो. जी. के. प्रधान ,डायरेक्टर अमित सोनी, विपिन व्यवहार, पूर्व चेयरमैन, एमपीपीएससी, इंजी. आर. के. श्रीवास्तव, प्रो.जी.पी.रिछारिया ओएसडी प्रो.आर.एन.त्रिपाठी, डाॅ.आर.एस.निगम, विभागाध्यक्ष अखिलेश ए.बाऊ ने Intership Training कार्यक्रम के Content की सराहना की है जिससे विद्यार्थी बडे पैमाने पर लाभन्वित होगें। वि.वि. के साथ अन्य विद्यार्थी भी Registration करवा कर लाभन्वित हो सकते हैं।
एकेएस वि.वि. सतना के Computer Science विभाग के दो छात्रों हर्ष शर्मा और अभिजीत मिश्रा को Red Hat corporation ने प्रशंशा पत्र से सम्मानित किया है दोनो छात्र एकेएस वि.वि. की तरफ से Red Hat Academic के Student Brand Ambassador थे। एकेएस वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ.आर.एस.त्रिपाठी, डाॅ. हर्षवर्धन, डायरेक्टर अमित सोनी, विपिन व्यवहार, पूर्व चेयरमैन, एमपीपीएससी, इंजी.आर.के.श्रीवास्तव, प्रो.जी.पी.रिछारिया ओएसडी प्रो.आर.एन.त्रिपाठी,विभागाध्यक्ष अखिलेश ए.बाऊ ने दोनो छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना की है। वि.वि. परिवार के सभी संकायों के Dean, डायरेक्टर्स ,Faculty मेंम्बर्स और सभी सदस्य ने भी उन्हें शुभकामनाऐं दी हैं।
एकेएस वि.वि. सतना के कलागृह में विवेकानंद जयंजी और युवा दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मृख्य अतिथि के.के.पयासी ने कहा कि योग का जीवन निर्माण में अहम योगदान है मानव मष्तिष्क में दो दशमलव पाॅच प्रतिषत विकास होता है इसे बढाकर सौ फीसदी किया जा सकता है यह योग से ही संभव है। आर..एस.त्रिपाठी रिटायर्ड ज्वाइंट कलेक्टर ने स्वामी विवेकानंद जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कई अनछुए पहलुओे पर चर्चा की।विशिष्ट अतिथि मोटिवेशनल स्पीकर राकेश तिवारी ने मानसिक रोगों से लडने में यौगिक क्रिया की सराहना की।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वि.वि. के डायरेक्टर अमित सोनी ने युवाओं को संदश देते हुए कहा कि जीनव की परिस्थितियों से सफलता पूर्वक सामना करने क ेलिए मानसिक मजबूती जरुरी है ओर एक मार्गदर्शक हमारे सफर को और आसान कर सकता है। एक आदर्श और मार्गदर्शक जीवन में प्रकाश का संचरण करते हैं। मार्गदर्शक रास्ते के काॅटों को फूलों में बदल देता है। परिवार और समाज हमारे जीवन में अहम भूमिका का निर्वहन करते हैं ओर हमें लगातार प्रोत्साहित भी करते है। सफलता कदमों को आगे ले जाने से मिलती है।युवा दिवस कार्यक्रम में एकेएस वि.वि. के प्रतिकुलपति डाॅ.आर.एस.त्रिपाठी, डाॅ.हर्षवर्धन, डायरेक्टर अमित सोनी, विपिन व्यवहार,पूर्व चेयरमैन,एमपीपीएससी, इंजी.आर.के.श्रीवास्तव, प्रो.जी.पी.रिछारिया मिर्जा समीउल्ला बेग,राजीव बैरागी के साथ वि.वि. परिवार के सभी संकायों के डीन, डायरेक्टर्स ,फैकल्टी मेंम्बर्स और सभी सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन राजीव बैरागी ने किया। योग विभागाध्यक्ष डाॅ.दिलीप तिवारी ने सामूहिक योग क्रिया संपन्न कराई। स्वागत भाषण डाॅ.हर्षवर्धन ने दिया।सामूहिक योग कार्यक्रम के दौरान योग की विभिन्न विधियाॅ और यौगिक मुद्राऐं कराई गई।विवेका ने दजी के जीवन प्रकाश को युवाओं तक पहुॅचाने का संदेश भी दिया गया।
एकेएस वि.वि. सतना के department Of Mathematics ,National Counsil For Science And Technology Communication, न्यूदिल्ली And म.प्र.Counsil Of Science And Technology के संयुक्त तत्ववाधान में National Mathematics Day-2020 का बृहद स्तर पर आयोजन किया गया। डाॅ.आर.के.तिवारी ,माॅडल Science College ने एक्सपैडिंग Univers इन काॅस्मोलाॅजी पर विधिवत जानकारी दी। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डाॅ..आदित्य अग्निहोत्री, अल सिद्वीकी स्कूल,यूएई रहे। कार्यक्रम में रामानुजन पर Quiz competition आयोजित हुआ जिसमें प्रतिभागियों ने खुब बढ-चढकर हिस्सा लिया। क्विज के विजेता शुभी श्रीवास्तव, सेंट माइकल सेके.स्कूल, सिद्वि श्रीवास्तव, सेंट माइकल सेके. स्कूल, विपिन कुमार पटेल, ज.एन. विद्यालय रहिकवारा, मान्सू चैरसिया, राहूल विश्वकर्मा, सुदर लाल चैधरी, गौरव कुमार तिवारी, सुनीता कुशवाहा, अंकित प्रजापति, सभी ,एकेएस वि.वि. सतना रहे। डाॅ.अबेका खरे, असिस्टेंट प्रोफेसर शहीद भगत सिंह गवर्नमेंट डिग्री काॅलेज, सीहोरा ने आप्टिमाइजेशन-Classic Too Morden Revolution इन Problems And Solution टेक्नीक्स पर Presentation से कई आधारभूत जानकारियों के साथ उनके थ्यारी और प्रैक्अिकल पहलुओं पर चर्चा की। डाॅ.अमोल खांडागाले, असिस्टेंट प्रोफेसर ,Department Of Mathematics, डाॅ.बाबासाहेब अंबेडकर मराठवाडा यूनिवर्सिटी औरंगाबाद ने हिफलर प्रभाकर फ्रैक्सनल डेरिवेटिव्स एण्ड इटस एप्लीकेश्ज्ञन के विविध पहलुओं पर जानकारी शेयर की। डाॅ.आर.के.आर्या,चीफ साइंटिस्ट, म.प्र.Consil Of Science And Technology,ने कहा कि गणित के बारे में व्याप्त कठिन धारणाओं को सरल करना टीचर्स का कार्य है,गणित को विद्यार्थियों के लिए इजी और इंटरेस्टिंग बनाना चाहिए। डाॅ.एन.के.शिवहरे, सीनियर प्रिंसिपल साइंटिस्ट, म.प्र.Counsil Of Science And Technology ,विशिष्ट अतिथि ने कहा कि लगातार Workshop ,Confrence और कार्यक्रम होने से Mathematics और सुगम होगी। विकास शेन्डे,म.प्र.Consil Of Science And Technology ,वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी, डाॅ.हर्षवर्धन श्रीवास्तव,प्रतिकुलपति एकेएस वि.वि.,प्रो.आर.एन.त्रिपाठी की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।।कार्यक्रम की आर्गनायजिंग कमेटी में डाॅ.सुधा अग्रवाल ने आभार दिया। ,प्रो.कमलेश चैरे,मेम्बर,यूनिवर्सिटी सेल, म.प्र.Counsil Of Science And Technology, ,coordinator राधाकृष्ण शुक्ला रहे कार्यक्रम में संचालन का जिम्मा डाॅ.एकता श्रीवास्तव ने उठाया सभी प्रतिभागियों को ई सर्टिफिकेट भी प्रदान किए गए।