इजिप्ट, इजरायल, स्पेन एवं साउथ अफ्रीका से अयातित प्लांट रिसर्च के लिए है मुफीद
सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के हर्बल गार्डन में आॅलिव्स आॅयल प्लांट्स का प्लांटेशन विश्व की जानी मानी कंपनी एग्रोलाइनेज जारा गोसा स्पेन एवं एकेएस यूनिवर्सिटी के साथ पूर्व अनुबंधित एम.ओ.यू. के तहत कंपनी के शंकर क्रिस्पिन एवं यूनिवर्सिटी के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी,एग्री. डीन प्रो. के.आर. मौर्य, डाॅ. नीरज वर्मा, प्रो. सी.के. टेकचन्दानी एवं समस्त विभागों के फैकल्टीज की उपस्थिति में इजिप्ट, इजरायल, स्पेन एवं साउथ अफ्रीका से अयातित आॅलिव्य आॅयल एवं डेटपाॅम (खजूर) के पौधों का रोपण किया गया। भविष्य में एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना द्वारा पौधों पर एग्रीकल्चरल, हार्टीकल्चरल, बाॅयोटेक्नालाॅजिकल तथा फूड प्रोसेसिंग में रिसर्च करने योजना है। आॅलिव्य आॅयल मुख्यतः मनुष्य में होने वाले हृदय रोग से संबंधित बीमारियों को होने से रोकता है। वर्तमान में इस पौधे पर रिसर्च करने की भारत में महती आवश्यकता है।एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना ने इस क्षेत्र में एक अनूठा कदम रखने की पहल की है। इसी के साथ एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना में साउथ अफ्रीका से आए आयत किये गये डेटपाॅम के पौधों पर एकेएसयू के वैज्ञानिकों द्वारा रिसर्च भी की जाएगी। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना मध्यप्रदेश की ऐसी पहली यूनिवर्सिटी होगी जिसनें इस तरह की रिसर्च करने की पहल की है।
एकेएसयू में मनाया गया डाॅक्टर्स डे
सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना अपने विद्यार्थियों के क्षैक्षणिक, मानसिक, सामाजिक एवं नैतिक शिक्षा के साथ ही आध्यात्मिक सर्वांगीण विकास हेतु कटिबद्ध रहते हुए समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करती है। एकेएसयू के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा “डाक्टर्स डे” के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. दीपक मिश्रा ने बताया कि महान भारतीय चिकित्सक डाॅ. विधानचन्द्र राय का जन्मदिन हर साल एक जुलाई को मनाया जाता है। उनका जन्म 1882 में बिहार के पटना जिले में हुआ था। कोलकाता में मेडिकल की शिक्षा पूरी करने के बाद डाॅ. राय ने एमआरसीएस लंदन से उपाधि प्राप्त की। 1911 में उन्हांेने भारत में मेडिकल प्रोफेशन की शुरुआत की। इसके बाद वे कोलकाता मेडिकल काॅलेज में व्याख्याता बने तथा वहां से वे कैंपबेल मे मेडिकल स्कूल और फिर कारमिकेल मेडिकल काॅलेज गए। यही नहीं महात्मा गांधी के साथ असहयोग आंदोलन में शामिल होने से भी उनकी ख्याति बढ़ी। इसके बाद वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बने तथा पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री निर्वाचित किए गए। डाॅ. राय को भारत रत्र से भी सम्मानित किया गया। उनके जन्मदिन को पश्चिम सरकार ने डाॅक्टर्स -डे के रूप में मनाने का निर्णय लिया, तभी से देश में एक जुलाई को डाॅक्टर्स-डे मनाया जाता है। कार्यक्रम में व्यक्तिगत जीवन समुदायों में डाक्टरों के योगदान पर विशेष चर्चा की गई जिसमें समस्त विभागों के फैकल्टीज एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।