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फैकल्टी डेव्हलपमेंट का समापन सत्र रहा ज्ञानवर्धक

सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न संकायों के फैकल्टीज के उन्नयन की दिशा में फैकल्टी डेव्हलपमेंट कार्यशाला के ‘‘द्वितीय दिवस’’ पर डाॅ. सी.के. टेकचन्दानी एवं प्रो. एस.पी. गुप्ता तथा के.पी. चैरे ने अपने प्रभावी उद्बोधन में कहा कि ‘‘सच्ची शिक्षा के दो लक्ष्य है एक बुद्धिमत्ता और दूसरा चरित्र’’ उन्होंने अपने उद्बोधन में टीचिंग मैथड्स, कम्यूनिकेशन स्किल्स, टीचिंग स्ट्रक्चर, लेक्चर प्रेजेन्टेशन स्किल्स, लेक्चर इन्फाॅरमेशन एंड मैटेरियल, प्रैक्टिकल लेबोरेट्री बेस्ट क्लासेस जैसे- विषयों पर व्याख्यान दिया। इसी क्रम में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डाॅ. एस.एस. तोमर ने समापन समारोह के दूसरे सत्र में कहा कि ‘‘शिक्षा की जडे़ कड़वी है लेकिन फल बहुत मीठा है।’’ उन्होंने इफेक्टिव वे आॅफ टीचिंग, टीचिंग टेक्निक, क्लास एक्टिविटी, स्टैण्डर्ड वाइज टीचिंग, टीचिंग टेªनिंग जैसे विषयों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर समस्त विभागों के फैकल्टीज उपस्थित रहें।

समापन सत्र् के अवसर पर मुख्य अतिथि डाॅ. आ.पी.एस. धाकरे, अध्यक्ष डाॅ. जी.के. प्रधान, विश्वविद्यालय अतिथि इंजी. आर.के. श्रीवास्तव, इंजी. डी.सी. शर्मा एवं आयोजक आर.एन. त्रिपाठी तथा संयोजक संचालक डाॅ. आर.एस. मिश्रा ने अपने उद्बोधनों से शिक्षकों को अकादमिक गुणवत्ता के उच्च आयाम प्राप्त करने के महत्वपूर्ण सूत्र बताये।

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सीमेंट टेक्नालाॅजी के छात्र एन.़सी.सी.बी.एम में

एकेएस विश्वविद्यालय के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने एसिया के सबसे बडे आर. एण्ड डी. आर्ग. ‘‘नेशनल काउंसिल आॅफ सीमेन्ट एडं बिल्डिंग मेटेरियल, बल्लभगढ़’’के टेªनिंग कार्यक्रम की शुरुआत की जबकि प्रारंभिक उदबोधन मे ‘‘नेशनल काउंसिल आॅफ सीमेन्ट एडं बिल्डिंग मेटेरियल, प्रमुख एस अग्रवाल ने क्लिंकर के बारे मे जानकारी दी । एकेएस के सीमेन्ट टेक्नालाॅजी (डिप्लोमा) विभाग के चतुर्थ सेमेस्टर के विद्यार्थी एन.सी.सी.बी.एम के पाइरो प्रोसेंिसंग के तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए ‘‘नेशनल काउंसिल आॅफ सीमेन्ट एडं बिल्डिंग मेटेरियल, बल्लभगढ़’’ के लिए सीमेंट टेक्नालाॅजी के डायरेक्टर डाॅ. जी.सी. मिश्रा एवं अनुज वर्मा के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण के लिए रवाना हुए। विद्यार्थियों को इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में सिम्यूलेशन प्रशिक्षण दिया जाएगा। विद्यार्थियों का पहला बी.पी. नामदेव के मार्गदर्शन में 6 जुलाई को रवाना हुआ। जबकि दूसरा दल 9 जुलाई को असिस्टेन्ट प्रोफेसर राकेश सिंह के मार्गदर्शन में बुधवार को रवाना हो रहा है। विद्यार्थियांे का अन्तिम समूह 13 जुलाई को दिनेश मिश्रा के मार्गदर्शन में ‘‘नेशनल काउंसिल आॅफ सीमेन्ट एडं बिल्डिंग मेटेरियल, बल्लभगढ़’’ के लिए रवाना होगा। गौरतलब है कि एकेएस विश्वविद्यालय के विद्यार्थी लार्निंग व्हाइल डूइंग की तर्ज पर कोर्स के दौरान ही जाॅब रेडी होते है और सत् प्रतिशत प्लेसमंेट भी इस बात की तस्दीक करते है। सीमेंट टेक्नालाॅजी के डायरेक्टर जी.सी. मिश्रा जी ने बताया कि विद्यार्थियों को कम्प्यूटर साॅफ्टवेयर द्वारा सीमेन्ट मैन्यूफेक्चरिंग कन्ट्रोल करने की सम्पूर्ण विधि का प्रशिक्षण दिया जाएगा। जो कॅरियर के लिहाज से काफी अहम होगा।

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एकेएसयू में फैकल्टी उन्नयन कार्यशाला का आयोजन

सतना। एकेएस युनिवर्सिटी सतना में एज्युकेशन विभाग द्वारा विभिन्न संकायों की फैकल्टीज के उन्नयन की दिशा में दो दिवसीय फैकल्टी डवेलपमेंट कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए डाॅ. आर.एन. त्रिपाठी ने कहा ‘‘विद्या अमूल्य और अनश्वर धन है।’’ इसी क्रम में कार्यक्रम का संचालन करते हुए डाॅ. आर.एस. मिश्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि ‘‘शिक्षा जीवन की तैयारी का शिक्षण काल है’’ ‘‘एक शिक्षक को कांसेप्ट, नाॅलेज, ट्रांसमिशन और रिसीवर चारों बिंदुओं पर विचार करना चाहिए तब जाकर शैक्षणिक शैली विकसित हो पायेगी। यह कार्यशाला सभी के लिये एक अनुभव की पाठशाला है।’’ मुख्य अतिथि इं. आर.के. श्रीवास्तव ने कहा कि ‘‘एक शिक्षक में शिक्षकीय गुण होना परम आवश्यक हैं। साथ ही शिक्षक के लिये फीडबैक लेना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया होनी चाहिए।’’ उन्होंने शिक्षकों की दक्षता संवर्धन हेतु दिशा निर्देश दिये।

प्रथम सत्र में टीचिंग मैथेडोलाॅजी पर चर्चा

कार्यशाला के प्रथम सत्र में इंजीनियरिंग फैकल्टी डी.एस. माथुर एवं आर.सी. शर्मा ने वर्तमान परिवेश में शिक्षा व्यवस्था एवं इसकी समस्याएं व शिक्षकों द्वारा किये जाने वाले निवारण, शैक्षणिक विधियां, शैक्षणिक प्रस्तुतिकरण, मनोवैज्ञानिक तरीके की शिक्षण व्यवस्था एवं छात्रों की रुचियों को ध्यान में रखते हुए उन तक अपनी बात पहुंचाने जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की।
द्वितीय सत्र में फैकल्टी क्वालिटी इंडेक्स पर चर्चा
कार्यशाला के द्वितीय सत्र में कृषि संकाय के अधिष्ठाता डाॅ. के.आर. मौर्य ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में शिक्षक के व्यक्तित्व, शिक्षण विधियों एवं शिक्षण कौशल पर विस्तृत प्रकाश डाला एवं प्रभावी शिक्षक के गुंण बताते हुए फैकल्टीज को इन्हें अपनाने की सलाह दी। मैनेजमेंट फैकल्टी डाॅ. कौशिक मुखर्जी ने शैक्षणिक मापदंड, अकेडिमिक रिसर्च, टीचिंग डेफिनीशन, कंटेंट डिलेवरी, प्रेजेन्टेशन, क्लास मैनेजमेंट जैसे विषयों पर पावर प्वाइंट प्रेजेन्टेशन दी।

ये रहे उपस्थित

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एकेएसयू के विभिन्न संकायों के फैकल्टीज के लिए फैकल्टी डेवलपमेंट वर्कशाप का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला में सभी संकायों के फैकल्टीज उपस्थित रहेंगे। विद्यार्थियों को एज्युकेशन की विशिष्ट पद्धति से परिचित कराने के लिये ये कार्यशाला काफी महत्वपूर्ण है। कार्यशाला के संयोजक डाॅ. आर.एस. मिश्रा, विभागाध्यक्ष बी.एड.रहेंगे। जो फैकल्टीज को इस दिशा में विषय से परिचित करायेंगे। इस बात की जानकारी विश्वविद्यालय प्रबंधन ने दी।

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 एक्सीलेंस प्रायवेट यूनिवर्सिटीइन इन 2014 के दर्जे से नवाजी जा चुकी एकेएस यूनिवर्सिटी सतना अपने विद्यार्थियों के विकास के प्रति प्रतिबद्ध रहते हुए समय-समय पर विद्यर्थियों के लिये सेमिनार, वर्कशाप, गेस्ट लेक्चर और विजिट के माध्यम से विषय का समुचित ज्ञान कराती है। इसी परिपेक्ष्य में एकेएस विश्वविद्यालय के विद्यार्थी साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड लिमि. कार्यालय बिलासपुर में अवकाश के दौरान बिना भुगतान के अध्ययन बावत जा रहे हैं। विद्याथियों का प्रशिक्षण 28 दिवसीय है। विद्यार्थी बैकुण्ठपुर छत्तीसगढ़ में प्रेक्टिकल ट्रेनिंग करेंगे। इनमें ये विद्यार्थी शामिल हैं - संजीव कुमार सिंह, पंकज कुमार शर्मा, दीपक द्विवेदी, अश्विनी कुमार प्रजापति, मो. राहिब, अभिषेक शर्मा, प्रशांत कुमार सिंह, दीपक साहू इत्यादि हैं। इस बात की जानकारी देते हुए एकेएसयू के माइनिंग डीन डाॅ. जी.के. प्रधान ने बताया कि विद्यार्थी एसईसीएल की खदान एवं इकाइयों मे कार्य करेंगे। और विषय का समुचित ज्ञान प्राप्त करेगें जो उनके कैरियर के लिये काफी अहम् साबित होगा।

एकेएस यूनिवर्सिटी सतना में वल्र्ड जूनोसेस डे पर हुई संगोष्ठी

सतना। विध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस यूनिवर्सिटी सतना अपने विद्यार्थियों के शैक्षणिक, सामाजिक एवं नैतिक शिक्षा के साथ ही आध्यात्मिक सर्वांगीण विकास हेतु कटिबद्ध रहते हुए समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करती है। एकेएसयू के एनवायरमेंट साइंस विभाग द्वारा वल्र्ड जूनोसेस डे (विश्व पशुजन्य रोग दिवस) के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें एनवायरमेंट साइंस के विभागाध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र तिवारी ने बताया कि जूनोटिक रोग स्वाभाविक रूप से हड्डी वाले जानवरों से मनुष्यो के बीच संचारित एक संक्रामक रोग है। भारत एक कृषि प्रधान देश है। 80 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण आबादी पशुओं के साथ निकट संयोग में रहती है। इस तरह मनुष्यों में रोगों के संचरण की संभावना अधिक पाई जाती है। जूनोटिक रोगों के निवारण एवं देखाभाल के लिये लोगों में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है। डब्ल्यूएचओ ने जोनेटिक रोगों की रोकथापपूर्ण चेतावनी और प्रतिक्रिया प्रणाली का सुझााव दिया था। कुछ उभरती हुई बीमारियां 75 प्रतिशत जूनोसेस के कारण होती हैं जैसे - जापानी इन्सेफेलाइटिस, लेप्टो इस्पाईरोसेस, स्वाईन फ्लू, बर्ड फ्लू। इस अवसर पर समस्त विभागों के फैकल्टीज एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय के बायोटेक्नालाॅजी एवं माइक्रो बायोलाॅजी विभाग में एडवांस माइक्रो इमेजिंग सुविधा की स्थापना की गई है जिसके द्वारा माइक्रोबियल टेक्नालाॅजी एवं नैनो टेक्नालाॅजी में रिसर्च को गति मिलेगी। सूक्ष्म जी जिनको हम अपनी आंखों से देखने में असमर्थ होते हैं। वह सही मायने में हमारे लिये अत्यंत महत्वपूर्ण हैं इन्हीं से हम जीवित हैं। इस तरह के जीवों को लाभकारी सूक्ष्म जीव कहते हैं। लेकिन इन सूक्ष्म जीवों में से कुछ सूक्ष्म जीव हानिकारक होते हैं। जो बीमारियों का कारण बनते हैं और हमें हानि पहुंचाते हैं। इन सभी सूक्ष्म जीवों के अध्ययन हेतु आधुनिक माइक्रोस्कोप की आवश्यकता होती है। जिसकी मदद से हम अच्छे एवं हानिकारक सूक्ष्म जीवों का पता करते हैं। इन पर रिसर्च करके हम पता कर सकते हैं कि ये हमारे लिये लाभदायक हैं अथवा हानिकारक। इसी आधुनिक रिसर्च को बढ़ावा देने हेतु एकेएस विश्वविद्यालय के बायोटेक्नालाॅजी एवं माइक्रो बायोलाॅजी विभाग में जापान से आयातित एडवांस माइक्रो इमेजिंग सुविधा की स्थापना की गई है। इसके माध्यम से अब विभाग में हर तरह के सूक्ष्म जीवों पर रिसर्च एवं अध्ययन किया जा सकेगा जिसका सबसे ज्यादा फायदा यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियो को मिलेगा जो कि बायोटेक एवं माइक्रो बायोलाॅजी की नवीनतम टेक्नालाॅजी जैसे जिनोमिक्स, मेटा जिनोमिक्स, प्रोटियोमिक्स, बायो प्रोसेस टेक्नालाॅजी के साथ इस माइक्रोबियल टेक्नालाॅजी एवं नैनो टेक्नालाॅजी पर कार्य कर कुशल बनेंगे। इस अवसर पर डीन लाइफ साइंस आरपीएस धाकरे, डायरेक्टर अवनीश सोनी एवं समस्त विभागों के फैकल्टीज एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे, जिन्होंने इस पर कार्य करने की ट्रेनिंग ली।

एकेएस यूनिवर्सिटी सतना में वल्र्ड जूनोसेस डे पर होगी संगोष्ठी

सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना में वल्र्ड जूनोसेस डे (विश्व पशुजन्य रोग दिवस) के अवसर पर एनवायरमेंट साइंस विभाग द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया जायेगा। इस बात की जानकारी देते हुए एनवायरमेंट साइंस के विभागाध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र तिवारी ने बताया कि संगोष्ठी में पशुओं के संक्रामक रोगों, पशु चकित्सा, पशु विज्ञान, पशु पालन जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की जायेगी। जिसमें समस्त विभागों के फैकल्टीज एवं छात्र-छात्राएं भाग लेंगे।

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सिंगापुर में रहा उत्कृष्ट प्रदर्शन

सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी के फिजिक्स फैकल्टी डाॅ. नीलेश राय को 15 जून 2015 में “की-स्टोन कोलोराडो ”अमेरिका मे होने वाली कांफ्रेंस में आमंत्रित किया गया है, यह आमंत्रण एशिया की नंबर 1 रैंक यूनिवर्सिटी नेशनल यूनिवर्सिटी सिंगापुर में 14वीं कांफ्रेंस “आॅन साॅलिड स्टेट आॅयनिक्स” में जो कि 22 से 30 जून तक सिंगापुर में आयोजिर्त में मिला है। एकेएस यूनिवर्सिटी न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपने कदम बढ़ा रही है। अंतरराष्ट्रीय टाई-अप करने के बाद यूनिवर्सिटी अब अपने फैकल्टीज को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैयार कर रही है जिससे इसका सीधा फायदा विश्वविद्यालय के छात्रों को मिल सकेगा। गौरतलब है कि विश्वविद्यालय के फिजिक्स विभाग में पदस्थ फैक्ल्टी नीलेश राय अपने रिसर्च पेपर प्रेजेंटेशन हेतु पिछले वर्ष जापान गए थे। उनके प्रदर्शन को देखते हुए “इंटरनेशनल सोसायटी आॅफ साॅलिड स्टेट आॅयनिक्स” द्वारा उन्हें आमंत्रित किया गया। सिंगापुर यूनिवर्सिटी के फैकल्टीज आॅफ इंजीनियरिंग में आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय प्रेस कांफ्रेंस में राय न दो रिसर्च पेपर प्रस्तुत किये जो कि ‘‘एक्सपेरिमेंटल स्टडीज आॅन ब्लैंड बेस पोलिमर जेल इलेक्ट्रो लाइट कन्टेनिंग नैनो फिलर’’ पर आधारित है। इन पेपर्स को वल्र्ड साइंटिफिक प्रकाशक द्वारा प्रकाशित भी किया गया है। कांफ्रेंस में लगभग 40 देशों के उत्कृष्ट शिक्षण संस्थानों के लगभग 300 रिसर्च पेपर्स प्रजेंट किये गये। जिसमें नीलेश राय का प्रजेंटेशन काफी सराहनीय रहा। कांफ्रेंस में नैनो टेक्नालाॅजी के अनुप्रयोगों पर विचार विमर्श प्रस्तुत किये गये। राय के अनुसार नैनो टेक्नालाॅजी एक इंटरडिस्पेलनरी ब्रांच है जिसकी सभी विद्यार्थियों को बेसिक जानकारी होनी चाहिए।

एकेएसयू के विद्यार्थी जाऐंगे 28 दिवसीय प्रशिक्षण में

सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना विद्यार्थियों के विकास के प्रति प्रतिबद्ध रहते हुए समय-समय पर विद्यर्थियों के लिये सेमिनार, वर्कशाप, गेस्ट लेक्चर और विजिट के माध्यम से विषय का समुचित ज्ञान कराती है। इसी परिपेक्ष्य में एकेएस विश्वविद्यालय के विद्यार्थी “साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड लिमि.” कार्यालय बिलासपुर में अवकाश के दौरान बिना भुगतान के अध्ययन बावत जा रहे हैं। विद्याथिर्या का प्रशिक्षण 28 दिवसीय है। विद्यार्थी कोरबा, छत्तीसगढ़ में प्रेक्टिकल ट्रेनिंग करेंगे। इनमें ये विद्यार्थी शामिल हैं - तुलसी राठौर, रवि कुमार पटेल, भूपेन्द्र पटेल, वीरेन्द्र पटेल, अग्रज सिंह सेंगर, राजकुमार गुप्ता, राजीव सिंह परिहार, प्रकाश तिवारी इत्यादि हैं। इस बात की जानकारी देते हुए एकेएसयू के माइनिंग डीन डाॅ. जी.के. प्रधान ने बताया कि विद्यार्थी “एसईसीएल की खदान एवं इकाइयों .” मे कार्य करेंगे।और विषय का समुचित ज्ञान प्राप्त करेगें जो उनके कैरियर के लिये काफी अहम् साबित होगा।

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एकेएस विश्वविद्यालय के फिजिक्स विभाग में पदस्थ फैकल्टी नीलेश राय अपने रिसर्च पेपर प्रेजेन्टेशन हेतु विश्व की टाप टेन यूनिवर्सिटीज में से एक नेशनल यूनिवर्सिटी आॅफ सिंगापुर में 22 जून से 28 जून तक चली 14वीं अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेस आॅन साॅलिड स्टेट आॅयनिक्स में शामिल हुए । यहां राय ने 28 जून को नैनो इंजीनियरिंग फिजिक्स पर पेपर प्रेजेन्ट किया । उनके नैनो टेक्नोलाॅजी के पेपर प्रेजेन्टेशन पर उपस्थित विद्यवानों ने काफी सराहा विश्वविद्यालय परिवार ने उनकी इस उपलब्धि पर बधाइयां एवं शुभकामनाएं दी हैं।

एकेएसयू के बी.काॅम आॅनर्स सीएसपी के विद्यार्थियों की ट्रेनिंग प्रारंभ

सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना बी.काॅम आॅनर्स सीएसपी के छात्रों की नागपुर के चोटवानी एसोसिएट्स में बैंकिग आॅडिट ट्रेनिंग प्रारंभ हुई। ट्रेनिंग में पहले दिन सीए संदीप चोटवानी एवं अमन सुखेजा ने विद्यार्थियों को बैंक में होने वाले प्रारंभिक कार्यों की जानकारी दी जिससे विद्यार्थी आगे आने वाले बैंकिग कार्यों को आसानी से समझ सकेंगे। बी.काॅम आॅनर्स सीएसपी के प्रो. विपुल शर्मा ने बताया कि बैंक की आॅडिट ट्रेनिंग के बाद विद्यार्थियों को अपने कॅरियर में बेहतर प्रयास करने के अवसर मिलेंगे।

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इजिप्ट, इजरायल, स्पेन एवं साउथ अफ्रीका से अयातित प्लांट रिसर्च के लिए है मुफीद
सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के हर्बल गार्डन में आॅलिव्स आॅयल प्लांट्स का प्लांटेशन विश्व की जानी मानी कंपनी एग्रोलाइनेज जारा गोसा स्पेन एवं एकेएस यूनिवर्सिटी के साथ पूर्व अनुबंधित एम.ओ.यू. के तहत कंपनी के शंकर क्रिस्पिन एवं यूनिवर्सिटी के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी,एग्री. डीन प्रो. के.आर. मौर्य, डाॅ. नीरज वर्मा, प्रो. सी.के. टेकचन्दानी एवं समस्त विभागों के फैकल्टीज की उपस्थिति में इजिप्ट, इजरायल, स्पेन एवं साउथ अफ्रीका से अयातित आॅलिव्य आॅयल एवं डेटपाॅम (खजूर) के पौधों का रोपण किया गया। भविष्य में एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना द्वारा पौधों पर एग्रीकल्चरल, हार्टीकल्चरल, बाॅयोटेक्नालाॅजिकल तथा फूड प्रोसेसिंग में रिसर्च करने योजना है। आॅलिव्य आॅयल मुख्यतः मनुष्य में होने वाले हृदय रोग से संबंधित बीमारियों को होने से रोकता है। वर्तमान में इस पौधे पर रिसर्च करने की भारत में महती आवश्यकता है।एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना ने इस क्षेत्र में एक अनूठा कदम रखने की पहल की है। इसी के साथ एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना में साउथ अफ्रीका से आए आयत किये गये डेटपाॅम के पौधों पर एकेएसयू के वैज्ञानिकों द्वारा रिसर्च भी की जाएगी। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना मध्यप्रदेश की ऐसी पहली यूनिवर्सिटी होगी जिसनें इस तरह की रिसर्च करने की पहल की है।

एकेएसयू में मनाया गया डाॅक्टर्स डे

सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना अपने विद्यार्थियों के क्षैक्षणिक, मानसिक, सामाजिक एवं नैतिक शिक्षा के साथ ही आध्यात्मिक सर्वांगीण विकास हेतु कटिबद्ध रहते हुए समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करती है। एकेएसयू के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा “डाक्टर्स डे” के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. दीपक मिश्रा ने बताया कि महान भारतीय चिकित्सक डाॅ. विधानचन्द्र राय का जन्मदिन हर साल एक जुलाई को मनाया जाता है। उनका जन्म 1882 में बिहार के पटना जिले में हुआ था। कोलकाता में मेडिकल की शिक्षा पूरी करने के बाद डाॅ. राय ने एमआरसीएस लंदन से उपाधि प्राप्त की। 1911 में उन्हांेने भारत में मेडिकल प्रोफेशन की शुरुआत की। इसके बाद वे कोलकाता मेडिकल काॅलेज में व्याख्याता बने तथा वहां से वे कैंपबेल मे मेडिकल स्कूल और फिर कारमिकेल मेडिकल काॅलेज गए। यही नहीं महात्मा गांधी के साथ असहयोग आंदोलन में शामिल होने से भी उनकी ख्याति बढ़ी। इसके बाद वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बने तथा पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री निर्वाचित किए गए। डाॅ. राय को भारत रत्र से भी सम्मानित किया गया। उनके जन्मदिन को पश्चिम सरकार ने डाॅक्टर्स -डे के रूप में मनाने का निर्णय लिया, तभी से देश में एक जुलाई को डाॅक्टर्स-डे मनाया जाता है। कार्यक्रम में व्यक्तिगत जीवन समुदायों में डाक्टरों के योगदान पर विशेष चर्चा की गई जिसमें समस्त विभागों के फैकल्टीज एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

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सतना। एकेएस विष्वविद्यालय, सतना के बाॅयोटेक्नालाॅजी, माइक्रोबाॅयोलाॅजी विभाग एवं ‘‘सेंटर फाॅर रिसर्च स्किल्स डेवलेपमेंट’’ के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय ‘‘राष्ट्रीय सिम्पोजियम एवं हैन्डस आॅन टेनिंग’’ का आयोजन 11 और 12 अगस्त को यूनिवर्सिटी प्रांगण में किया जाएगा। जिसकी थीम ‘‘वर्तमान में बाॅयोटेक्नालाॅजी रिसर्च’’ रखी गई है। इसमें विंध्य क्षेत्र के सतना, रीवा के साथ-साथ देष के सभी बाॅयोटेक्नालाॅजी एवं माइक्रोबाॅयोलाॅजी विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों एवं प्राध्यापकों को आमंत्रित किया गया है। आयोजन में मुख्य वक्ता के रूप में (मध्यप्रदेष प्राइवेट रेग्यूलेटरी कमीषन, भोपाल मध्यप्रदेष षासन के चेयरमैन) प्रो. डाॅ. अखिलेष पाण्डेय एवं (डिपार्टमेंट आॅफ बाॅयोटेक्नालाॅजी, भारत सरकार, नई दिल्ली के एडवाइजर) डाॅ. राजेश कपूर अपना महत्वपूर्ण व्याख्यान प्रस्तुत कर बाॅयोटेक क्षेत्र में हो रही उन्नति रिसर्च एवं डेवलेपमेंट में उपस्थित अवसरों की महत्वपूर्ण जानकारियां प्रस्तुत करेंगे। अन्य आमंत्रित वक्ताओं में देष  के प्रतिष्ठित संस्थाओं  आई.आई.टी. नई दिल्ली, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर्स एवं वैज्ञानिकों को आमंत्रित किया गया है। जो बाॅयोटेक क्षेत्र में हो रही नवीनतम रिसर्च पर अपना मार्गदर्शन देगें। इस  अवसर पर प्रतिभागियों के लिए दो दिवसीय हैन्डस आॅन टेनिंग का आयोजन किया जाएगा। जो कि जिनोमिक्स, फरमेटेषन, प्लांट टिष्यू कल्चर पर होगी। यह टेनिंग बाॅयोटेक विभाग की आधुनिक प्रयोगषाला में कराई जाएगी। 

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