08-07-2014 विद्या अमूल्य और अनश्वर धन है - प्रोफे. डाॅ. त्रिपाठी
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एकेएसयू में फैकल्टी उन्नयन कार्यशाला का आयोजन
सतना। एकेएस युनिवर्सिटी सतना में एज्युकेशन विभाग द्वारा विभिन्न संकायों की फैकल्टीज के उन्नयन की दिशा में दो दिवसीय फैकल्टी डवेलपमेंट कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए डाॅ. आर.एन. त्रिपाठी ने कहा ‘‘विद्या अमूल्य और अनश्वर धन है।’’ इसी क्रम में कार्यक्रम का संचालन करते हुए डाॅ. आर.एस. मिश्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि ‘‘शिक्षा जीवन की तैयारी का शिक्षण काल है’’ ‘‘एक शिक्षक को कांसेप्ट, नाॅलेज, ट्रांसमिशन और रिसीवर चारों बिंदुओं पर विचार करना चाहिए तब जाकर शैक्षणिक शैली विकसित हो पायेगी। यह कार्यशाला सभी के लिये एक अनुभव की पाठशाला है।’’ मुख्य अतिथि इं. आर.के. श्रीवास्तव ने कहा कि ‘‘एक शिक्षक में शिक्षकीय गुण होना परम आवश्यक हैं। साथ ही शिक्षक के लिये फीडबैक लेना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया होनी चाहिए।’’ उन्होंने शिक्षकों की दक्षता संवर्धन हेतु दिशा निर्देश दिये।
प्रथम सत्र में टीचिंग मैथेडोलाॅजी पर चर्चा
कार्यशाला के प्रथम सत्र में इंजीनियरिंग फैकल्टी डी.एस. माथुर एवं आर.सी. शर्मा ने वर्तमान परिवेश में शिक्षा व्यवस्था एवं इसकी समस्याएं व शिक्षकों द्वारा किये जाने वाले निवारण, शैक्षणिक विधियां, शैक्षणिक प्रस्तुतिकरण, मनोवैज्ञानिक तरीके की शिक्षण व्यवस्था एवं छात्रों की रुचियों को ध्यान में रखते हुए उन तक अपनी बात पहुंचाने जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की।
द्वितीय सत्र में फैकल्टी क्वालिटी इंडेक्स पर चर्चा
कार्यशाला के द्वितीय सत्र में कृषि संकाय के अधिष्ठाता डाॅ. के.आर. मौर्य ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में शिक्षक के व्यक्तित्व, शिक्षण विधियों एवं शिक्षण कौशल पर विस्तृत प्रकाश डाला एवं प्रभावी शिक्षक के गुंण बताते हुए फैकल्टीज को इन्हें अपनाने की सलाह दी। मैनेजमेंट फैकल्टी डाॅ. कौशिक मुखर्जी ने शैक्षणिक मापदंड, अकेडिमिक रिसर्च, टीचिंग डेफिनीशन, कंटेंट डिलेवरी, प्रेजेन्टेशन, क्लास मैनेजमेंट जैसे विषयों पर पावर प्वाइंट प्रेजेन्टेशन दी।
ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर इं. आर.के. श्रीवास्तव, प्रो. आर.एन. त्रिपाठी, डीन एग्रीकल्चर डाॅ. के.आर. मौर्य, डाॅ. कौशिक मुखर्जी, डाॅ. एस.एस. तोमर, डाॅ. आर.एस. मिश्रा, डी.एस. माथुर, आर.सी. शर्मा एवं समस्त विभागों के फैकल्टीज उपस्थित रहे।