04/07/2014
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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय के बायोटेक्नालाॅजी एवं माइक्रो बायोलाॅजी विभाग में एडवांस माइक्रो इमेजिंग सुविधा की स्थापना की गई है जिसके द्वारा माइक्रोबियल टेक्नालाॅजी एवं नैनो टेक्नालाॅजी में रिसर्च को गति मिलेगी। सूक्ष्म जी जिनको हम अपनी आंखों से देखने में असमर्थ होते हैं। वह सही मायने में हमारे लिये अत्यंत महत्वपूर्ण हैं इन्हीं से हम जीवित हैं। इस तरह के जीवों को लाभकारी सूक्ष्म जीव कहते हैं। लेकिन इन सूक्ष्म जीवों में से कुछ सूक्ष्म जीव हानिकारक होते हैं। जो बीमारियों का कारण बनते हैं और हमें हानि पहुंचाते हैं। इन सभी सूक्ष्म जीवों के अध्ययन हेतु आधुनिक माइक्रोस्कोप की आवश्यकता होती है। जिसकी मदद से हम अच्छे एवं हानिकारक सूक्ष्म जीवों का पता करते हैं। इन पर रिसर्च करके हम पता कर सकते हैं कि ये हमारे लिये लाभदायक हैं अथवा हानिकारक। इसी आधुनिक रिसर्च को बढ़ावा देने हेतु एकेएस विश्वविद्यालय के बायोटेक्नालाॅजी एवं माइक्रो बायोलाॅजी विभाग में जापान से आयातित एडवांस माइक्रो इमेजिंग सुविधा की स्थापना की गई है। इसके माध्यम से अब विभाग में हर तरह के सूक्ष्म जीवों पर रिसर्च एवं अध्ययन किया जा सकेगा जिसका सबसे ज्यादा फायदा यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियो को मिलेगा जो कि बायोटेक एवं माइक्रो बायोलाॅजी की नवीनतम टेक्नालाॅजी जैसे जिनोमिक्स, मेटा जिनोमिक्स, प्रोटियोमिक्स, बायो प्रोसेस टेक्नालाॅजी के साथ इस माइक्रोबियल टेक्नालाॅजी एवं नैनो टेक्नालाॅजी पर कार्य कर कुशल बनेंगे। इस अवसर पर डीन लाइफ साइंस आरपीएस धाकरे, डायरेक्टर अवनीश सोनी एवं समस्त विभागों के फैकल्टीज एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे, जिन्होंने इस पर कार्य करने की ट्रेनिंग ली।
एकेएस यूनिवर्सिटी सतना में वल्र्ड जूनोसेस डे पर होगी संगोष्ठी
सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना में वल्र्ड जूनोसेस डे (विश्व पशुजन्य रोग दिवस) के अवसर पर एनवायरमेंट साइंस विभाग द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया जायेगा। इस बात की जानकारी देते हुए एनवायरमेंट साइंस के विभागाध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र तिवारी ने बताया कि संगोष्ठी में पशुओं के संक्रामक रोगों, पशु चकित्सा, पशु विज्ञान, पशु पालन जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की जायेगी। जिसमें समस्त विभागों के फैकल्टीज एवं छात्र-छात्राएं भाग लेंगे।