Simple Joomla Templates by Web Hosting

  • Home
    Home This is where you can find all the blog posts throughout the site.
  • Categories
    Categories Displays a list of categories from this blog.
  • Archives
    Archives Contains a list of blog posts that were created previously.

b2ap3_thumbnail_FB_IMG_1531747802555.jpgb2ap3_thumbnail_FB_IMG_1531747745422.jpgb2ap3_thumbnail_FB_IMG_1531747755733.jpg

सतना। कौन कहता है कि आसमां में सुराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों, कुछ ऐसा ही भाव लेकर एकेएस वि.वि. सतना के आईटी प्रशासक सोनू कुमार सोनी ने अपने जज्बे से वो कर दिखाया जिसकी हम आप कल्पना करते हैं। उन्होंने सफलतापूर्वक सतना से लेह तक का सफर मोटर साइकल से पूर्ण किया। जिद, जज्बे और जुनून की हद तक इस यात्रा का लुत्फ उठाते हुए उन्होंने तकरीबन 4600 किमी. की 14 दिनों की साहसिक यात्रा अपने दोस्त के साथ मिलकर सफलतापूर्वक पूरी की। 28 जून को अपनी यात्रा की शुरुआत करते हुए सोनू कुमार सोनी ने 400 सीसी की बाइक से यह यात्रा खुशी खुशी पूरी की। भोर के उजास से लेकर रात के तम तक वह आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते रहे। दुर्गम और कठिन रास्तों पर चलते हुए भी उन्होंने आशा नहीं छोड़ी। सोनू के मित्र सुभाष शरण ने भी उनके साथ ग्वालियर, दिल्ली, अम्बाला, उधमपुर होते हुए द्रास कारगिल तक यात्रा की। इसी रास्ते से दोनों मित्र लेह लद्दाख पहुंचे, लेह से सियाचिन मार्ग होते हुए सोनू और सुभाष पैगकांग लेक पहुंचे। इस झील का 80 फीसदी हिस्सा चीन में और 20 फीसदी हिस्सा हिन्दुस्तान में है। हसीन वादियों का नजारा करते हुए प्रकृति की सुदरता की असीम खूबसूरती को निहारते और आगे बढते सोनू ने बताया कि सचमुच यात्रा प्रेरणदायक और बेमिसाल रही ।मोबाइल से लगातार जीपीएस का सहारा लेते हुए दोनों दोस्त लेह मनाली हाइवे पर पहुंचे जहां जिंग जिंग बार में टेंट के भीतर पूरी रात गुजारी। मोबाइल का जीपीएस सिस्टम उनके लिये वरदान की तरह रहा। चूंकि दुरूह और मुश्किल रास्ते होने के कारण मोबाइल का नेटवर्क भी कई बार साथ छोड़ देता था। ऐसे में उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आॅफलाइन मैप का सहारा लेकर आगे बढ़ते रहे। इसके पहले सोनू ने एक साल तक इस यात्रा के लिये तैयारियां कीं। सोनू ने बताया कि यात्रा के लिये फिजिकल और मेंटल पावर जरूरी थी। इसके पहले आम तौर पर 80 फीसदी से ज्यादा राहगीर मनाली पहुंचकर बाइक या फ्लाइट से पहले लेह जाते हैं और लेह के आगे का सफर फिर बाइक से करते हैं। जवाहर टनल से गुजरने की इजाजत न मिलने की वजह से दोनों ने छोटे से गांव बनिहाल में रात बिताई। सोनू ने कहा कि उन्हें लगातार हौसला और हिम्मत वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी और वि.वि. में कार्यरत लोगों से मिलता रहा। आईटी हेड ने बताया कि लेह में विशाल दर्रों का समूह है। जहां बाइक या 4 पहिया वाहन चलाना आसान नहीं है। जोजिला पास के पास चांगला पास में सबसे मुश्किल काम ड्राइविंग का था। इसी बीच लेह और नुब्रा वैली के बीच विश्व का सबसे ऊंचा पास है खार डुंगला, इसकी ऊंचाई 18300 फिट है। यहां गर्व और हर्ष से दोनों मित्रों ने भारत का राष्ट्रध्वज तिरंगा फहराया। फ्यूलिंग के लिये 10 लीटर पेट्रोल रिजर्व रखकर चलते चलते लेह और मनाली के बीच 345 किमी. का एक ऐसा क्षेत्र भी पडा जहां पेट्रोल पंप नहीं हैं। ऐसी जगह रिजर्व पेट्रोल काम आया। सोनू के इस जज्बेपूर्ण हिम्मत और हौसले भरे कार्य के लिये वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी और कुलपति प्रो. पारितोष के. बनिक, प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन, डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी, ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी और वि.वि. के समस्त संकायों के डीन, डायरेक्टर्स एवं फैकल्टीज ने उन्हें बधाई दी है। सोनू कुमार सोनी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी के आशीर्वाद और मार्गदर्शन की वजह से वे इस साहसिक कार्य के लिये जज्बा जुटा पाये उन्होने कहा कि मेरी मंजिले इससे भी आगे की हैं मुझे रास्तों की तलास है मन में उमंग है कुछ और करने की खुद को खेाजने की और जहाॅ का सफर करने की।

Hits: 1599

20180708_113607.jpg

सतना। एकेएस वि.वि. सतना के डिपार्टमेंट आॅफ बायोटेक्नोलाॅजी विभागाध्यक्ष डाॅ. कमलेश चैरे ने इंटरनेशनल सोसायटी फार रूट रिसर्च (आईएसआरआर) द्वारा आयोजित 10वीं इंटरनेशनल सिम्पोजियम फार रूट रिसर्च एट दि फोरफ्रंट आॅफ साइंस में अपनी उल्लेखनीय उपस्थिति दर्ज कराई। यह सिम्पोजियम 8-12 जुलाई 2018 को येरूशेलम, इजराइल में आयोजित किया गया। इस सिम्पोजियम में भारत की ओर से अकेले डाॅ. कमलेश चैरे द्वारा पेपर प्रजेंटेशन किया गया। डाॅ. चैरे का रिसर्च एरिया ‘एप्लीकेशन आॅफ नैनो टेक्नोलाॅजी विथ माइक्रोबियल टेक्नोलाॅजी फार इनोवेशन इन एग्रीकल्चरल प्रेक्टिसेस’ है। इसी को ध्यान में रखते हुये उन्होंने अपने रिसर्च ग्रुप के साथ मिलकर जिसमें डाॅ. जी.पी. रिछारिया, डाॅ. समित कुमार, मोनिका सोनी, हर्ष सिंह, शिल्पी सिंह, विवेक अग्निहोत्री, सौरभ सिंह, श्रेयांष परसाई, डाॅ. अरविंद गुप्ता, डाॅ. दीपक मिश्रा, डाॅ. अश्विनी वाऊ, संध्या पाण्डेय, रेनी निगम, कीर्ति समदरिया सम्मिलित हैं के संयुक्त प्रयासों से एक इनोवेटिव एग्रीकल्चरल टेक्नोलाॅजी पर कार्य किया है। इस रिसर्च में उन्होंने विश्व में सर्वप्रथम नैनो सेल्यूलेज आधारित माइक्रोबियल बायोफार्मुलेशन तैयार किया है जिसके आधार पर बायोफर्टिलाइजर की सेल्फ लाईफ 3-5 साल तक बढ़ाई जा सकती है। इस रिसर्च के आधार पर अब नवीनतम बायोफर्टिलाइजर तैयार किये जा सकेंगे जो कृषकों को होने वाली कई परेशानियों को दूर करेंगे क्योंकि यह बायोफर्टिलाइजर कृषि पैदावार के लिये अत्यंत उपयोगी होगा। इस रिसर्च के नवीनतम एवं इनोवेटिव होने की वजह से इसे इंटरनेशनल फोरम पर प्रजेंट करने हेतु डाॅ. कमलेश चैरे को इस इंटरनेशनल सिम्पोजियम में इनोवेटिव थीम में प्रजेंट करने हेतु विश्व के सात प्रमुख इनोवेटिव रिसर्च के साथ सम्मिलित किया गया। डाॅ. चैरे के अलावा इस इनावेटिव श्रेणी में डाॅ. एलवीन स्मकर, मशीगन स्टेट युनिवर्सिटी यूएसए, डाॅ. सोलोमन इथोसिके, युनिवर्सिटी आॅफ लाॅज, बेल्जियम, डाॅ. क्रिशिचियन टीजके, युनिवर्सिटी आॅफ पोस्टडेम, जर्मनी, निर्तिन बर्नस्टीव, वोलकेनी सेंटर, इजराइल एवं डाॅ. डोटिस वेटरलीन, डिपार्टमेंट आॅफ स्वाइल सिस्टम, जर्मनी के पेपर सम्मिलित किये गये थे। डाॅ. चैरे के रिसर्च को भरपूर प्रशंसा मिली। डाॅ. चैरे का यह रिसर्च वर्क स्प्रिंगर पब्लिकेशन के प्लांट एण्ड स्वाइन जर्नल में जल्द प्रकाशित होगा। डाॅ. कमलेश चैरे को यह सिम्पोजियम पार्टिशिपेट करने के लिये म.प्र. सरकार की एमपी काउन्सिल आॅफ साइंस एण्ड टेक्नोलाॅजी (मेपकोस्ट), भोपाल द्वारा इंटरनेशनल ट्रेवल ग्रांट प्रदान की गयी एवं एकेएस वि.वि. द्वारा रजिस्ट्रेशन एवं एकोमोडेशन हेतु अनुदान प्रदान किया गया। इस इंटरनेशनल सिम्पोजियम में 36 देशों मुख्यतः अमेरिका, इजराइल, ब्रिटेन, साउथ अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, जर्मनी, रशिया, चाइना, साउथ कोरिया, जापान आदि के विश्वविख्यात रिसर्च इंस्टीट्यूशन्स एवं विश्वविद्यालयों के 360 साइन्टिस्ट, प्रोफेसर्स, रिसर्चर एवं स्टूडेन्ट्स ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया जिसमें लगभग 120 रिसर्च पेपर्स का प्रजेंटेशन किया गया, इसके अलावा 182 पोस्टर्स का भी प्रजेंटेशन हुआ। डाॅ. कमलेश चैरे ने इसके लिये श्रेय अपनी पत्नी श्रीमति माही चैरे और बेटी शैलीन चैरे को दिया। उन्होंने अपने प्रेरणस्त्रोत चेयरमैन अनंत कुमार सोनी एवं स्वर्गीय डाॅ. आर.पी.एस. धाकरे को एवं डाॅ. आर.सी. दुबे को अपना मार्गदर्शक बताया। इस उपलब्धि के साथ डाॅ. चैरे ने इजराइल के सबसे पुराने विश्वविद्यालय हिब्रू विश्वविद्यालय का भ्रमण किया और वहां पर उन्होंने सेन्टर आॅफ एक्सीलेंस इन इजराइल फाॅर रिसर्च आॅन क्राॅप अंडर क्लाइमेट चेंज का भ्रमण किया। वहां पर हो रही नवीनतम रिसर्च पर जानकारी ली। यह सेन्टर वल्र्ड में रियल टाइम रिसर्च आॅन प्लांट ग्रोथ अंडर स्ट्रेस कंडीशन के लिये जाना जाता है जहां पर उन्होंने प्रोफेसर मेनाखेम मोसलिआॅन से विचार विमर्श किया और उन्होंने भविष्य में कोलेबोरेशन के ऊपर सहमति जताई। इस आधार पर भविष्य में एकेएस के छात्र इजराइल जाकर ट्रेनिंग ले सकेंगे एवं रिसर्चर्स को भी फायदा मिलेगा।डाॅ. कमलेश चैरे ने इजराइल स्थित प्लान्ट डीटेक कम्पनी के सीईओ डाॅ. केरेन से भी विश्वविद्यालय के कोलेबोरेशन हेतु विचार विमर्श किया जिसके तहत वह विश्वविद्यालय के छात्रों को नवीनतम एग्रीकल्चर प्रेक्टिसेस के ऊपर ट्रेनिंग प्रदान करेंगे। साथ ही डाॅ. कमलेश चैरे ने विश्वविख्यात एवं सबसे सुरक्षित नर्सरी हिश्टील नर्सरी का भ्रमण किया। यह नर्सरी सीड प्राइमिंग, डिसीज फ्री प्लांट एवं माइक्रोप्रोपागेशन के लिये जानी जाती है। वहां पर उन्होंने उनके सभी इंडस्ट्रियल डिपार्टमेंट्स का भ्रमण किया एवं डाॅ इयाल क्लेव, मैनेजर हिश्टील नर्सरी ने कोलेबोरेशन के लिये सहमति जताई। साथ ही डाॅ. चैरे ने इजराइल स्थित ड्रिप इरीगेशन सिस्टम, पाॅलीहाउस, ग्रीन हाउस एवं अन्य एग्रीकल्चरल प्रेक्टिसेस का भी अवलोकन किया ताकि भविष्य में ट्रेनिंग लेकर इन टेक्नोलाॅजी का उपयोग कर भारतवर्ष की कृषि संबंधी समस्याओं का निराकरण किया जा सके, साथ ही डाॅ चैरे ने येरूशेलम एवं तेल अवीव का भ्रमण कर उनके इतिहास एवं कल्चर को भी जानने की कोशिश की। डाॅ. चैरे के इस इजराइल भ्रमण में उनके स्वयं की ग्रोथ के साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय में पढ़ रहे छात्रों के साथ एग्रीकल्चरल, बायोटेक्नोलाॅजी एवं फूड प्रोसेसिंग में कार्यरत रिसर्चर्स को नवीनतम टेक्नोलाॅजी एडवांसमेंट्स पर ट्रेनिंग दिलाई जा सके ताकि वो भारतवर्ष के विकास में सहभागी बन पायें, साथ ही डाॅ. चैरे ने तेल अवीव विश्वविद्यालय इजराइल, चाइना एग्रीकल्चरल विश्वविद्यालय चाइना एवं मिशीगन स्टेट युनिवर्सिटी यूएसए के प्रोफेसर्स से भविष्य में कोलेबोरेशन हेतु विचार मंथन किया। डाॅ. चैरे की इस उपलब्धि पर वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी और कुलपति प्रो. पारितोष के. बनिक, प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन, डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी, ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी और वि.वि. के समस्त संकायों के डीन, डायरेक्टर्स एवं फैकल्टीज ने बधाई दी हैं।

 

Hits: 1674

b2ap3_thumbnail_aks-image_20180717-051343_1.jpg

सतना। एकेएस वि.वि. सतना के बी.एससी. एग्रीकल्चर सातवें सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने डाम्हा में जैविक कृषि प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया। कार्यक्रम में कृषकों को प्रशिक्षण वैद्य अब्दुल वारसी ने दिया। उन्होंने जैविक खेती के महत्व से सभी को परिचित कराया। कार्यक्रम में रावे कोआर्डिनेटर सात्विक सहाय बिसारिया और मुख्य अतिथि कृषि संकाय के अधिष्ठाता एस.एस. तोमर ने भी ग्रामीणों को जैविक खेती की बारीकियों से अवगत कराया। ग्राम मढ़ी में ही विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी के मार्गदर्शन में विश्व में बढ़ने वाली जनसंख्या से होने वाली हानियों एवं दुष्प्रभावों से समाज एवं पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों से ग्रामीणों को अवगत कराया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सरपंच श्रीनिवास त्रिपाठी, सहायक सचिव संदीप बागरी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन बलराम शर्मा ने किया। छात्र अरुण धाकड़, बलराम शर्मा, शिव नारायण वर्मा, सूरज कुर्मी, आकाश सिंह, शिवार्चन शुक्ला, संदीप गोयल, नारायण पडरचा, अवध नारायण चैबे, दुर्गेश साहू, अनुराग धारे ने समस्त व्यवस्थायें सम्हालीं।

 

Hits: 1598

Posted by on in AKS in News Papers

b2ap3_thumbnail_18G15DAINIKBHASKAR.jpg

Hits: 1684

b2ap3_thumbnail_DSC_0236.JPG

सतना। मध्यप्रदेश स्टेट समिट एज्युकेशन एक्सिलेंस अवार्ड के मंच से एकेएस वि.वि. सतना को अब बेस्ट इनोवेटिव युनिवर्सिटी का अवार्ड भारत सरकार के मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उच्च शिक्षा, सत्यपाल सिंह एवं मध्यप्रदेश शासन के उच्च शिक्षा मंत्री दीपक जोशी द्वारा भोपाल में आयोजित गरिमामय कार्यक्रम के दौरान प्रदान किया गया। इस अवार्ड समारोह में मध्यप्रदेश शासन के वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षाविद् तथा गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में एकेएस वि.वि. के डायरेक्टर अजय सोनी ने यह अवार्ड ग्रहण किया। उल्लेखनीय है कि पूर्व में वि.वि. को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान द्वारा लीडिंग युनिवर्सिटी इन सेन्ट्रल इंडिया 2018 का सम्मान 19 जून को प्रदान किया गया था। ज्ञातव्य है कि यह विश्वविद्यालय इंडिया टुडे सर्वे द्वारा देश की सर्वश्रेष्ठ प्राइवेट युनिवर्सिटीज में से 27वां स्थान प्राप्त कर चुका है। वि.वि. निरंतर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ इनावेशन एवं रिसर्च में अग्रणी संस्थान के रूप में सराहनीय उपलब्धियों के कारण विद्यार्थियों के अध्ययन के लिये एक उत्साह का केन्द्र बन चुका है। इसके पूर्व एकेएस वि.वि. को एज्युकेशनल नेशनल एक्सिलेंस अवार्ड, बेस्ट इनोवेटिव युनिवर्सिटी अवार्ड, मोस्ट इनोवेटिव युनिवर्सिटी इन मध्यप्रदेश अवार्ड भी देश के विभिन्न मंचों से प्रदान किये जा चुके हैं। वि.वि. को मिली इस उपलब्धि पर समाज के विभिन्न वर्गों, बुद्धिजीवियों के साथ शिक्षा के क्षेत्र के मनीषियों, वि.वि. में अध्ययनरत विद्यार्थियों के परिजनों और विद्यार्थियों में भी  प्रसन्नता है। 

Hits: 0

b2ap3_thumbnail_Akhilesh_20180726-070236_1.jpg

30 faculty members from various faculties of AKS University were trained under the Faculty Development Programme organized recently in Department of Computer Science. The 15 days programme, which commenced from 25th of June, under the guidance of experienced and proficient trainers, helped the faculty members in learning the topics like internet, E-mail, blogging and networking. Trainers named Madhuri Soni, Akhilesh A Waoo, Shivani Patanha, Shankar Bera, Vijay Vishvakarma and Shweta Gupta actively participated in programme. Briefing about the FDP, Akhilesh A Waoo (HoD) said that the programmes like this will continue to take place in future as well.

 

Hits: 1953

Posted by on in AKS in News Papers

b2ap3_thumbnail_18G13DAINIKBHASKAR.jpg

Hits: 1636

b2ap3_thumbnail_Akhilesh_20180716-055122_1.jpgb2ap3_thumbnail_aks-image_20180716-055123_1.jpg

सतना। एकेएस वि.वि. सतना के डिपार्टमेंट आॅफ कम्प्यूटर साइंस विभाग द्वारा 15 दिवसीय फैकल्टी डेव्हलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन वि.वि. में किया गया। एकऐस वि.वि. के विभिन्न संकायों के 30  फैकल्टीज को यह ट्रेनिंग प्रदान की गई। इस कार्यक्रम के तहत एम.एस. आॅफिस, कम्प्यूटर के विभिन्न विषयों, इंटरनेट, ईमेल, ब्लागिंग, नेटवर्किंग इत्यादि का प्रयोग 25 जून से 7 जुलाई तक विषय के दक्ष फैकल्टीज के मार्गदर्शन में दी गई। विभिन्न विषयों में माधुरी सोनी, अखिलेश ए. वाऊ, शिवानी पटनहा, शंकर बेरा, विजय विश्वकर्मा और श्वेता गुप्ता ने फैकल्टी डेव्हलपमेंट प्रोग्राम में सक्रिय सहभागिता निभाई। विभागाध्यक्ष कम्प्यूटर साइंस अखिलेश ए. वाऊ ने बताया कि भविष्य में इस तरह के और भी कार्यक्रम एफडीपी के अंतर्गत कराये जायेंगे। 

Hits: 1692

b2ap3_thumbnail_IMG-20180712-WA0020_20180716-054818_1.jpg

सतना। एकेएस वि.वि. सतना के बी.एससी. एग्रीकल्चर सातवें सेमेस्टर की छात्राओं ने रावे कार्यक्रम के तहत कार्यक्रम अधिकारी सात्विक सहाय बिसारिया के मार्गदर्शन में भाद गांव में स्थित माध्यमिक शाला के बच्चों के पठन-पाठन की प्रक्रिया देखी। इस दौरान वहां उपस्थित छात्र छात्राओं को विभिन्न विषयों का अध्यापन भी रावे की छात्राओं द्वारा किया गया। साफ-सफाई के बारे में जानकारी देते हुए छात्राओं मांडवी पाण्डेय, हर्षिता मिश्रा, अंजलि शुक्ला, अनामिका सिंह, रिया साहू, निकिता सिंह, कृतिका पाण्डेय, प्राची कुशवाहा, माया बिसेन, निहारिका अवस्थी, हर्षिता तिवारी, आकृति तिवारी, शिखा द्विवेदी, पूजा सिंह, सुशंतिका पयासी, शिवानी मास्के, प्रियंका, रश्मि, प्रियंका सोनी, मीना, प्रिया, निकिता ने विद्यालय के विद्यार्थियों के साथ स्वच्छता अभियान चलाकर किशोरी बालिकाओं को भी इसमें शामिल किया और स्वच्छता का महत्व बताया। विद्यार्थियों का मार्गदर्शन साहिब सिंह तोमर, सात्विक सहाय बिसारिया, के साथ शीलेन्द्र उपाध्याय ने किया।

Hits: 1653

Posted by on in AKS in News Papers

b2ap3_thumbnail_18G12DAINIKBHASKAR.jpg

Hits: 1698