Simple Joomla Templates by Web Hosting

  • Home
    Home This is where you can find all the blog posts throughout the site.
  • Categories
    Categories Displays a list of categories from this blog.
  • Archives
    Archives Contains a list of blog posts that were created previously.

एकेएस वि.वि. के बायोटेक विभागाध्यक्ष कमलेश चैरे ने किया इजराइल में पेपर प्रजेंट

Posted by on in Daily University News in Hindi
  • Font size: Larger Smaller
  • Hits: 1486
  • 0 Comments
  • Subscribe to this entry
  • Print

20180708_113607.jpg

सतना। एकेएस वि.वि. सतना के डिपार्टमेंट आॅफ बायोटेक्नोलाॅजी विभागाध्यक्ष डाॅ. कमलेश चैरे ने इंटरनेशनल सोसायटी फार रूट रिसर्च (आईएसआरआर) द्वारा आयोजित 10वीं इंटरनेशनल सिम्पोजियम फार रूट रिसर्च एट दि फोरफ्रंट आॅफ साइंस में अपनी उल्लेखनीय उपस्थिति दर्ज कराई। यह सिम्पोजियम 8-12 जुलाई 2018 को येरूशेलम, इजराइल में आयोजित किया गया। इस सिम्पोजियम में भारत की ओर से अकेले डाॅ. कमलेश चैरे द्वारा पेपर प्रजेंटेशन किया गया। डाॅ. चैरे का रिसर्च एरिया ‘एप्लीकेशन आॅफ नैनो टेक्नोलाॅजी विथ माइक्रोबियल टेक्नोलाॅजी फार इनोवेशन इन एग्रीकल्चरल प्रेक्टिसेस’ है। इसी को ध्यान में रखते हुये उन्होंने अपने रिसर्च ग्रुप के साथ मिलकर जिसमें डाॅ. जी.पी. रिछारिया, डाॅ. समित कुमार, मोनिका सोनी, हर्ष सिंह, शिल्पी सिंह, विवेक अग्निहोत्री, सौरभ सिंह, श्रेयांष परसाई, डाॅ. अरविंद गुप्ता, डाॅ. दीपक मिश्रा, डाॅ. अश्विनी वाऊ, संध्या पाण्डेय, रेनी निगम, कीर्ति समदरिया सम्मिलित हैं के संयुक्त प्रयासों से एक इनोवेटिव एग्रीकल्चरल टेक्नोलाॅजी पर कार्य किया है। इस रिसर्च में उन्होंने विश्व में सर्वप्रथम नैनो सेल्यूलेज आधारित माइक्रोबियल बायोफार्मुलेशन तैयार किया है जिसके आधार पर बायोफर्टिलाइजर की सेल्फ लाईफ 3-5 साल तक बढ़ाई जा सकती है। इस रिसर्च के आधार पर अब नवीनतम बायोफर्टिलाइजर तैयार किये जा सकेंगे जो कृषकों को होने वाली कई परेशानियों को दूर करेंगे क्योंकि यह बायोफर्टिलाइजर कृषि पैदावार के लिये अत्यंत उपयोगी होगा। इस रिसर्च के नवीनतम एवं इनोवेटिव होने की वजह से इसे इंटरनेशनल फोरम पर प्रजेंट करने हेतु डाॅ. कमलेश चैरे को इस इंटरनेशनल सिम्पोजियम में इनोवेटिव थीम में प्रजेंट करने हेतु विश्व के सात प्रमुख इनोवेटिव रिसर्च के साथ सम्मिलित किया गया। डाॅ. चैरे के अलावा इस इनावेटिव श्रेणी में डाॅ. एलवीन स्मकर, मशीगन स्टेट युनिवर्सिटी यूएसए, डाॅ. सोलोमन इथोसिके, युनिवर्सिटी आॅफ लाॅज, बेल्जियम, डाॅ. क्रिशिचियन टीजके, युनिवर्सिटी आॅफ पोस्टडेम, जर्मनी, निर्तिन बर्नस्टीव, वोलकेनी सेंटर, इजराइल एवं डाॅ. डोटिस वेटरलीन, डिपार्टमेंट आॅफ स्वाइल सिस्टम, जर्मनी के पेपर सम्मिलित किये गये थे। डाॅ. चैरे के रिसर्च को भरपूर प्रशंसा मिली। डाॅ. चैरे का यह रिसर्च वर्क स्प्रिंगर पब्लिकेशन के प्लांट एण्ड स्वाइन जर्नल में जल्द प्रकाशित होगा। डाॅ. कमलेश चैरे को यह सिम्पोजियम पार्टिशिपेट करने के लिये म.प्र. सरकार की एमपी काउन्सिल आॅफ साइंस एण्ड टेक्नोलाॅजी (मेपकोस्ट), भोपाल द्वारा इंटरनेशनल ट्रेवल ग्रांट प्रदान की गयी एवं एकेएस वि.वि. द्वारा रजिस्ट्रेशन एवं एकोमोडेशन हेतु अनुदान प्रदान किया गया। इस इंटरनेशनल सिम्पोजियम में 36 देशों मुख्यतः अमेरिका, इजराइल, ब्रिटेन, साउथ अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, जर्मनी, रशिया, चाइना, साउथ कोरिया, जापान आदि के विश्वविख्यात रिसर्च इंस्टीट्यूशन्स एवं विश्वविद्यालयों के 360 साइन्टिस्ट, प्रोफेसर्स, रिसर्चर एवं स्टूडेन्ट्स ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया जिसमें लगभग 120 रिसर्च पेपर्स का प्रजेंटेशन किया गया, इसके अलावा 182 पोस्टर्स का भी प्रजेंटेशन हुआ। डाॅ. कमलेश चैरे ने इसके लिये श्रेय अपनी पत्नी श्रीमति माही चैरे और बेटी शैलीन चैरे को दिया। उन्होंने अपने प्रेरणस्त्रोत चेयरमैन अनंत कुमार सोनी एवं स्वर्गीय डाॅ. आर.पी.एस. धाकरे को एवं डाॅ. आर.सी. दुबे को अपना मार्गदर्शक बताया। इस उपलब्धि के साथ डाॅ. चैरे ने इजराइल के सबसे पुराने विश्वविद्यालय हिब्रू विश्वविद्यालय का भ्रमण किया और वहां पर उन्होंने सेन्टर आॅफ एक्सीलेंस इन इजराइल फाॅर रिसर्च आॅन क्राॅप अंडर क्लाइमेट चेंज का भ्रमण किया। वहां पर हो रही नवीनतम रिसर्च पर जानकारी ली। यह सेन्टर वल्र्ड में रियल टाइम रिसर्च आॅन प्लांट ग्रोथ अंडर स्ट्रेस कंडीशन के लिये जाना जाता है जहां पर उन्होंने प्रोफेसर मेनाखेम मोसलिआॅन से विचार विमर्श किया और उन्होंने भविष्य में कोलेबोरेशन के ऊपर सहमति जताई। इस आधार पर भविष्य में एकेएस के छात्र इजराइल जाकर ट्रेनिंग ले सकेंगे एवं रिसर्चर्स को भी फायदा मिलेगा।डाॅ. कमलेश चैरे ने इजराइल स्थित प्लान्ट डीटेक कम्पनी के सीईओ डाॅ. केरेन से भी विश्वविद्यालय के कोलेबोरेशन हेतु विचार विमर्श किया जिसके तहत वह विश्वविद्यालय के छात्रों को नवीनतम एग्रीकल्चर प्रेक्टिसेस के ऊपर ट्रेनिंग प्रदान करेंगे। साथ ही डाॅ. कमलेश चैरे ने विश्वविख्यात एवं सबसे सुरक्षित नर्सरी हिश्टील नर्सरी का भ्रमण किया। यह नर्सरी सीड प्राइमिंग, डिसीज फ्री प्लांट एवं माइक्रोप्रोपागेशन के लिये जानी जाती है। वहां पर उन्होंने उनके सभी इंडस्ट्रियल डिपार्टमेंट्स का भ्रमण किया एवं डाॅ इयाल क्लेव, मैनेजर हिश्टील नर्सरी ने कोलेबोरेशन के लिये सहमति जताई। साथ ही डाॅ. चैरे ने इजराइल स्थित ड्रिप इरीगेशन सिस्टम, पाॅलीहाउस, ग्रीन हाउस एवं अन्य एग्रीकल्चरल प्रेक्टिसेस का भी अवलोकन किया ताकि भविष्य में ट्रेनिंग लेकर इन टेक्नोलाॅजी का उपयोग कर भारतवर्ष की कृषि संबंधी समस्याओं का निराकरण किया जा सके, साथ ही डाॅ चैरे ने येरूशेलम एवं तेल अवीव का भ्रमण कर उनके इतिहास एवं कल्चर को भी जानने की कोशिश की। डाॅ. चैरे के इस इजराइल भ्रमण में उनके स्वयं की ग्रोथ के साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय में पढ़ रहे छात्रों के साथ एग्रीकल्चरल, बायोटेक्नोलाॅजी एवं फूड प्रोसेसिंग में कार्यरत रिसर्चर्स को नवीनतम टेक्नोलाॅजी एडवांसमेंट्स पर ट्रेनिंग दिलाई जा सके ताकि वो भारतवर्ष के विकास में सहभागी बन पायें, साथ ही डाॅ. चैरे ने तेल अवीव विश्वविद्यालय इजराइल, चाइना एग्रीकल्चरल विश्वविद्यालय चाइना एवं मिशीगन स्टेट युनिवर्सिटी यूएसए के प्रोफेसर्स से भविष्य में कोलेबोरेशन हेतु विचार मंथन किया। डाॅ. चैरे की इस उपलब्धि पर वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी और कुलपति प्रो. पारितोष के. बनिक, प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन, डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी, ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी और वि.वि. के समस्त संकायों के डीन, डायरेक्टर्स एवं फैकल्टीज ने बधाई दी हैं।

 

0

Comments

  • No comments made yet. Be the first to submit a comment

Leave your comment

Guest Saturday, 16 November 2024