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CS department of AKS University on Saturday organized a “One day workshop” in which the contents related to the cyber security and ethical hacking were discussed in detail. Keynote- speaker, Abhishek Raj shared specific information on cyber security and ethical hacking, and demonstrated the ways through which the sites could be blocked and the passwords could be changed.

 “Though the word Hacker sounds negative but the fact remains, they are like other IT professionals, who save the computers from cyber attack. They are also called Security Analyst and Penetration Testers” he said, adding that the hackers secure the country’s information system from ‘Black Hat Hackers’.

 During the Workshop, Dr. GK Pradhan, Akhilesh A Waoo, Vijay Vishwakarma, Deependra Shukla, Pragya Shrivastava, Pragya Shriwastava, Dr. Subhadra Shaw, Shivani Patanha, Balendra Garg, Ankita Sharma, Varsha Tiwari and Lab faculty members were present.

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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के मैनेजमेंट विभाग में बसंत पंचमी के अवसर पर सरस्वती पूजन का भव्य आयोजन किया गया। प्रकृति के श्रंगार नवीनता और खुशी के पर्व बसंत पंचमी पर विश्वविद्यालय के एमबीए और बीबीए के विद्यार्थियों ने सरस्वती पूजन में हिस्सा लिया। शनिवार को सुदरकांड के मनमोहक पाठ को विश्वदीप और साथियों ने वाद्ययंत्रों की सुमधुर तान के बीच आध्यात्म की गंगा से सभी को सात्रराबोर किया। यादगार बना यह पल स्टूडेन्टस ने कैमरे में कैद किया।। विद्या की देवी सरस्वती की स्थापना के साथ पूजन अर्चन किया गया। बसंत के मौसम का प्रतीक पीला और केशरिया रंग विजय और उल्लास का रंग है। जो हंसते और खिलखिलाते हुए अपनी कमजोरियों से पार पाने का संदेश देता है। मंत्रोच्चार के बीच सुवासित सुगंधित बासंती बयार हमारे विचारों को सुवासित करने का संदेश देती है। बसंत पंचमी पर चारों ओर पीले फूलों की बहार छा जाती है। वर दे वीणा वादिनी वर दे की धुन पर सरस्वती पूजन का आयोजन वि.वि. में किया गया चारों ओर फैले उल्लास के बीच विद्या की देवी सरस्वती की पूजा पीले फूलों, फलों और पीले व्यंजनों से की गई। मां सरस्वती का यह दिन बच्चों की शिक्षा-दीक्षा के आरम्भ के लिये शुभ माना जाता है। बसंत पंचमी हिन्दू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। यह त्यौहार हर वर्ष माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन ही बह्माण्ड की रचना हुई तथा समस्त जीवों और मानवों का प्रादुर्भाव हुआ था। इसी दिन को देवी सरस्वती का प्राकट्य उत्सव माना जाता है, इसीलिये देवी सरस्वती की पूजा का विधान है। अतिथियों ने बताया कि मां सरस्वती को बुद्धि, ज्ञान और कला की देवी माना जाता है इसलिये इस दिन गुरू के समक्ष बैठकर उनसे शिक्षा ग्रहण करने का शुभारंभ करते हैं। पुस्तक, वाद्य यंत्रों आदि को देवी के समक्ष रखकर पूजा की जाती है। बसंत पंचमी का अर्थ है शुक्ल पक्ष का पांचवाँ दिन, अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार यह पर्व जनवरी फरवरी तथा हिन्दू तिथि के अनुसार माघ के महीने में मनाया जाता है। बसंत को ऋतुओं का राजा अर्थात सर्वश्रेष्ठ ऋतु माना गया है, इस समय पंचतत्व अपना प्रकोप छोड़कर सुहावने रूप में प्रकट होते हैं। पंचतत्व यानि जल, वायु, धरती, आकाश और अग्नि सभी अपना मोहक रूप दिखाते हैं। वि.वि. में आयोजित सरस्वती पूजन के दौरान मैनेजमेंट विभाग की समस्त फैकल्टीज डाॅ. कौशिक मुखर्जी, डाॅ. प्रदीप चैरसिया, प्रमोद द्विवेदी, प्रकाश सेन, श्वेता सिंह, शीनू शुक्ला, प्रियंका शर्मा और चंदन सिंह आदि उपस्थित रहे। पूजा के बाद हवन किया गया जिसमें वि.वि. परिवार ने हिस्सा लिया।

 

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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय, सतना के कम्प्यूटर साइंस विभाग द्वारा सायबर सिक्योरिटी एण्ड एथिकल हैकिंग पर एक दिवसीय वर्कशाप का आयोजन किया गया, वर्कशाप एप्पइन द्वारा सपोर्टेड रहा। अभिषेक राज ने व्याख्यान के दौरान विविध जानकारियाॅ दीं। निशांत शर्मा ओर अमरीश श्रीवास्तव कार्यक्रम के कोआर्डिनेटर रहे। सबसे पहले सायबर सिक्योरिटी और एथिकल हैकिंग का परिचय दिया गया जिसमें साइट कैसे ब्लाक करें, पासवर्ड कैसे बदलें, डेमोस्ट्रेशन के दौरान एथिकल हैकिंग और सायबर सिक्योरिटी जैसे अहम विषय पर जानकारियां दी गई। इस मौके पर यह बताया गया कि हैकर्स का नाम सुनकर हमारे अंदर निगेटिव फीलिंग आने लगती है लेकिन एथिकल हैकर्स आईटी सिक्योरिटी प्रोफेशनल्स की तरह काम करते हैं, इनका काम लीगल होता है और ये हैकर्स की दुनिया को नाकाम करने का काम करते हैं। ये हैकर्स ही होते हैं लेकिन ये अपने काम का इस्तेमाल कम्प्यूटर और साइबर अटैक से बचाने के लिये करते हैं, इन्हें सुरक्षा विश्लेषक, पैनिटेशन टेस्टर्स या वाइट हैकर्स के नाम से भी जाना जाता है। ये कम्पनी या किसी देश के इन्फर्मेशन सिस्टम को ब्लैक हैट हैकर्स से बचाने का काम करते हैं। वर्कशाॅप के दौरान एकेएस वि.वि. के कम्प्यूटर साइंस विभाग के इंजीनियर डीन डाॅ. जी.के. प्रधान, विभागाध्यक्ष अखिलेश ए वाऊ, फैकल्टी मेम्बर्स विजय विश्वकर्मा, दीपेन्द्र कुमार शुक्ला, प्रज्ञा श्रीवास्तव, डाॅ. सुभद्रा शा, शिवानी पटनहा, बालेन्द्र गर्ग, अंकिता शर्मा, वर्षा तिवारी के साथ समस्त लैब फैकल्टी मेम्बर्स उपस्थित रहे।

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Students named Garima Tamrakar, Virendra Vaishya, Anshul Gautam and Nikhil Mishra (all from civil engineering), have recently been selected by CSIR, CBRI Roorkee for their projects, related to the civil engineering. Garima will be completing her project on “Durability of concrete and fire resistance of self compacting concrete” under the guidance of Dr. Monalisa Badhera and Virendra on the topic “Design against progressive collapse failure of precast concrete”, which he will complete under the guidance of Dr. Mickey Meckan. Staying there in Roorkee, Anshul, under the guidance of D Raju, will complete his research work on the topic “Bamboo reinforced concrete structures” while Nikhil will complete his research work on the topic “Retrofitting of concrete”, under the guidance of Dr. HC Arora. Notably, Central Building Research Institute is the only institution which helps the students in their research and development projects. Informing further, students told that the training, thus received, will help them in creating job opportunities in research and development projects of both government and private sectors. Students have been wished “All the best” by the Management (AKSU) for their projects.

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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के बी.टेक सिविल इंजीनियरिंग विभाग के 4 विद्यार्थी गरिमा ताम्रकार, वीरेन्द्र वैश्य, अंशुल गौतम और निखिल मिश्रा का चयन सिविल कार्यों के लिये सीएसआईआर सीबीआरआई रुड़की में प्रोजेक्ट वर्क के लिये हुआ है। चयनित विद्यार्थी गरिमा ताम्रकार, ड्यूरेबिलिटी आॅफ कंक्रीट एण्ड फायर रेजिस्टेंस आॅफ सेल्फ काम्पेक्टिंग कांक्रीट पर डाॅ.मोनालिसा बढेरा के मार्गदर्शन में, डॅा. मिकी मेकन के मार्गदर्शन में बीरेन्द्र वैश्य, डिजाइन अगेन्स्ट प्रोग्रेसिव कोलेप्स फेलर आॅफ प्रीकास्ट कांक्रीट, डाॅ. अंशुल गाॅतम, डी राजू के मार्गदर्शन में बैम्बू रेनफोस्र्ड कांक्रीट स्ट्रक्चर्स के बारे में और डाॅ.एच.सी.अरोरा के मार्गदर्शन में निखिल मिश्रा रिपेयर और रेट्रोफिटिंग आॅफ कांक्रीट पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे। उल्लेखनीय है कि सेन्ट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रुड़की देश का एक मात्र संस्थान है जो इस तरह के प्रोजेक्ट वर्क के लिये विद्यार्थियों को ट्रेनिंग ओर प्रोजेक्ट देता है। गोरतलब है कि यह ट्रेनिंग रिसर्च और पब्लिेकेशन के लिये अति अहम है। इस ट्रेनिंग के बाद विद्यार्थी गवर्मेंट आॅफ इंडिया के रिसर्च एण्ड डेव्हलपमेंट प्रोजेक्ट और प्राइवेट संस्थानों में कार्य के लिये बेहद काबिल हो जायेंगे। ड्यूरेबिलिटी एण्ड फाइन रजिस्टेंस आॅफ सेल्फ काम्पेक्टिंग बैम्बू रेनफोस्र्ड कांक्रीट रिपेयरिंग एण्ड रेट्रोफिटिंग आॅफ कांक्रीट बिल्ंिडग एण्ड स्ट्रैंथ पर विद्यार्थियों के कार्य निश्चित ही उनके लिए अहम और रोजगारपरक होगें।  एकेएस वि.वि. के सिविल इंजी. के विद्यार्थियों के चयन पर विभागाध्यक्ष बी.डी.मेहरा, फैकल्टीज विशुतोष वाजपेयी,सतीश तिवारी, हर्ष सिंह,राधेश्याम सोनी,सरोजिनी सिंह,गरिमा पाण्डेय और श्रद्धा पाण्डेय ने 3 माह के प्रोजेक्ट वर्क ट्रेनिंग के लिये शुभकामनाएं दी हैं। गौरतलब है कि विश्वविद्यालय के अन्य कई विद्यार्थियांे का भी चयन अन्य संस्थानों में हुआ है। देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में अन्य संकायों के विद्यार्थी भी ट्रेनिग और प्रोजेक्ट वर्क कर रहे है।वि.वि. प्रबंधन ने भी विद्यार्थियों को शुभकामना दी है। ट्रेनिंग 28 जनवरी से 30 अप्रैल तक चलेगी।

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सतना। एकेएस वि.वि. सतना के एग्रीकल्चर विभाग फैकल्टी सात्विक सहाय बिसारिया और राफिया डिपार्टमेंट आफ एग्रीकल्चर साइंस एकेएस वि.वि. सतना ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय मे आयोजित नेशनल सेमिनाॅर में अपना विषयसम्मत पेपर प्रजेन्ट किया। उनका विषय इफ़ेक्ट ऑफ एग्रीकल्चर बैंकिंग न फार्मर्स रहा। जिस पर सात्विक व राफिया  ने 04 और 05 फरवरी को आयोजित कार्यक्रम में अपना विषय विषय विशेषज्ञों के समक्ष प्रस्तुत करते हुए मंच को बताया कि भारतीय कृषि सेक्टर भारत में रोजगार का प्रमुख स्रोत है। । सात्विक भारतीय कृषि क्षेत्र का योगदान 2014.15 में लगभग 17ः के आस.पास हुआ था। हर व्यापारी संगठन को कार्यशील पूंजी की जरूरत होती है जैसे कृषि क्षेत्र को भी कार्यशील पूंजी चाहिए। किसानों को ऋण सुविधा की भी आवश्यकता होती है जो विभिन्न स्रोतों से उपलब्ध कराई जाती है। इसमें वाणिज्यिक बैंकए सहकारी बैंकए धन उधारदाता और सरकार आदि शामिल हैं। अगर किसान उचित समय पर उचित ऋण सुविधा प्राप्त करते हैं तो यह सीधे उत्पाद की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। फैकल्टी सात्विक व राफिया को  डीन डॉ एस एस तोमर ने बधाई दी है। 

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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के मैनेजमेंट विभाग द्वारा दो दिवसीय कल्चरल फेस्ट का आयोजन शुक्रवार को किया गया। शुभारंभ अवसर पर एकेएस वि.वि. के कुलपति प्रो. पारितोष के बनिक, प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन, ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी और मैनेजमेंट विभागाध्यक्ष कौशिक मुखर्जी की उपस्थिति में कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। मैनेजमेंट कल्चरल फेस्ट की थीम लाइन मैनेजमेंट इज डुइंग थिंग्स राइट, लीडरशिप इस डुइंग द राइट थिंग्स और टाइम इज मनी के साथ हुआ। कार्यक्रम में एडमैड शो उपस्थितजनों के लिये खास आकर्षण का केन्द्र रहा। एडमैड शो के अलावा आकांक्षा यादव का सोलो डांस लोगों के लिये खास रहा। मुस्कान शर्मा ने गीत पे अ लिटिल लांगर  से उपस्थितजनों के लिये खास पल मुहैया करवाये। वैष्णवी शर्मा ने शी मूव्ड इट लाइक पर गृ्रप डांस प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के दौरान, डाॅ. प्रदीप चैरसिया, प्रमोद द्विवेदी, प्रकाश सेन, श्वेता सिंह,शीनू शुक्ला,प्रियंका शर्मा और चंदन सिंह के मार्गदर्शन में दिव्यांशु, स्मृति, वैभव, जुनैद, शिवानी, दीपांशी ने अपनी एंकरिंग के माध्यम से सभागार को बांधे रखा। मैनेजमेंट कल्चरल फेस्ट के दौरान मो. जुनैद, शिवानी, अभिषेक, वैभव, आमिर, सुहैल, सूरज, शुभम, राहुल, सागर, स्मृति, अम्बिका, तृप्ति, नितेश, किशन, अंचल, निखिल और नितिन विश्वकर्मा ने कोआर्डिनेशन किया। मैनेजमेंट कल्चरल फेस्ट के दूसरे दिन सरस्वती पूजन का गरिमामय आयोजन किया जायेगा इस बात की जानकारी मैनेजमेंट विभाग ने दी है।

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