सतना। एकेएस वि.वि. सतना के एग्रीकल्चर विभाग फैकल्टी सात्विक सहाय बिसारिया और राफिया डिपार्टमेंट आफ एग्रीकल्चर साइंस एकेएस वि.वि. सतना ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय मे आयोजित नेशनल सेमिनाॅर में अपना विषयसम्मत पेपर प्रजेन्ट किया। उनका विषय इफ़ेक्ट ऑफ एग्रीकल्चर बैंकिंग न फार्मर्स रहा। जिस पर सात्विक व राफिया ने 04 और 05 फरवरी को आयोजित कार्यक्रम में अपना विषय विषय विशेषज्ञों के समक्ष प्रस्तुत करते हुए मंच को बताया कि भारतीय कृषि सेक्टर भारत में रोजगार का प्रमुख स्रोत है। । सात्विक भारतीय कृषि क्षेत्र का योगदान 2014.15 में लगभग 17ः के आस.पास हुआ था। हर व्यापारी संगठन को कार्यशील पूंजी की जरूरत होती है जैसे कृषि क्षेत्र को भी कार्यशील पूंजी चाहिए। किसानों को ऋण सुविधा की भी आवश्यकता होती है जो विभिन्न स्रोतों से उपलब्ध कराई जाती है। इसमें वाणिज्यिक बैंकए सहकारी बैंकए धन उधारदाता और सरकार आदि शामिल हैं। अगर किसान उचित समय पर उचित ऋण सुविधा प्राप्त करते हैं तो यह सीधे उत्पाद की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। फैकल्टी सात्विक व राफिया को डीन डॉ एस एस तोमर ने बधाई दी है।