एकेएस वि. वि. सतना में @Agritech मध्यप्रदेश का उद्घाटन सत्र 23 फरवरी को रविवार को बारह बजे से प्रारंभ होगा जिसमें मृख्य अतिथि कमलेश्वर पटेल, मंत्री पंचायत और ग्रामीण विकास, म.प्र.शासन, अध्यक्षता कुलाधिपति बी.पी.सोनी, एकेएस वि.वि. सतना, विशिष्ट अतिथि नीलांशु चतुर्वेदी,विधायक चित्रकूट, सिद्वार्थ कुशवाहा, विधायक सतना की गरिमामयी उपस्थिति मे संपन्न होगा। एकेएस वि.वि. एवं किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग म.प्र.शासन द्वारा दूसरे @Agritech मध्यप्रदेश किसान विज्ञान मेला और कृषि उद्योग प्रदर्शनी का आयोजन किया जाना तय किया गया है जो 23 से 25 फरवरी 2020 के बीच आयोजित किया जाना तय किया गया है। उद्घाटन समारोह 23 फरवरी को पूर्वान्ह 10 बजे से जबकि पुरस्कार वितरण 25 फरवरी को अपरान्ह तीन बजे से Petroleum Conservation Research Association और Nabard के सहयोग से कई कार्यक्रम आयोजित किए जाऐंगें। मेले के प्रमुख कार्यक्रमों में अनुसंधान केन्द्रों पर परीक्षणों,प्रदर्शनों का अवलोकन,कृषि उद्योग प्रदर्शनी का अवलोकन,खरीफ की फसलों के नवीनतम प्रजातियों के बीज व मिनीकिट की बिक्री,कृषि समस्याओं के समाधान हेतु किसान गोष्ठी,शाक-भाजी एवं फलों के उन्नत बीजों व पौधों की बिक्री,आधुनिक कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी,किसानोपयोगी उन्नत तकनीकों की प्रदर्शनी,लघु एवं कुटीर उद्योग प्रदर्शनी के साथ मेले के मृख्य आकर्षण में कृषकों की आय दोगुनी करने की पद्वति की जानकारी,जैविक कृषि के फायदे,कृषकों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण,पंजीकृत किसानों का निःशुल्क मृदा परीक्षण, भारी छूट के साथ फसल संजीवनी, फल-फूल-शाक,सब्जी एवं परिरक्षित पदार्थो की प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता के साथ,वनोत्पादन आधारित लघु उद्योगों की प्रदर्शनी,एवं उत्पादों की बिक्री,विशेष व्याख्यानमाला के अंतर्गत वैज्ञानिकों के व्याख्यान एवं किसान गोष्ठी के साथ सांस्कुतिक संध्या सायंकाल 6 बजे से 8 बजे तक आयोजित की जाएगी। मेले में समस्त म.प्र. एवं अन्य प्रदेशों के किसान भी सहभागिता दर्ज कराऐंगें। इस बात की जानकारी एकेएस वि.वि. के एग्रीकल्चर संकाय ने देते हुए अधिक से अधिक संख्या में क्षेत्र के किसानों को मेले का लाभ लेने की अपील की है।

Daily University News in Hindi
- Subscribe to this category
- Subscribe via RSS
- 2500 posts in this category
एकेएस वि. वि. सतना के सभागार में 15 दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर का कार्यक्रम 05 फरवरी से 20 फरवरी तक आयोजित किया गया जिसमें डाॅ.दिलीप तिवारी,योग गुरु और फैकल्टी एकेएस वि.वि. ने बताया कि छात्रों का उन्नयन और सम्पूर्ण विकास इस कार्यक्रम का उद्येश्य रहा योग क्या है,प्राणायाम कैसे करें, कपाल भाॅति, प्राणायाम का समय, शेाधन क्रिया, अनुलोम-विलोम इत्यादि विषय क पहलुओं पर योग कराया गया और योग की विभिन्न मुद्राओं के साथ उनकी उपयोगिता पर भी प्रकाश डाला गया। प्राणायाम एक्सपर्ट ने पूरक,रेचक,कुंभक की प्रक्रिया से भी उपस्थित स्टूडेन्टस को परिचित कराया। शिविर में छात्रों के शारीरिक,मानसिक,आत्मिक और आध्यात्मिक समस्त पक्षों को संयमित और विकसित करने का प्रयास किया गया। संयमित जीवनशैली,आहार-विहार,व नियमित योग से अपने व्यक्तित्व विकास के पहलू भी सीखे। इस शिविर के उपरान्त विद्यार्थियों में चैतन्यता,एकाग्रता,व आत्मविश्वास जागृत हुआ है। विद्यार्थियों ने इस शिविर को बेहद अच्छा बताया।
में वास्तु विशेषज्ञ राजीव बैरागी ने एक दिवसीय कार्यशाला में सतत चार घंटे व्याख्यान दिया उन्होने समस्त जनों की जिज्ञासाओं का यथोचित समाधान भी दिया। उन्होंने कहा कि वास्तु विज्ञान घर,प्रासाद,भवन अथवा मंदिर निर्माण करने का प्राचीन विज्ञान है। दक्षिण भारत में वास्तु का नीव परंपरागत साधु मायन को माना जाता है और उत्तर भारत में विश्वकर्मा को वास्तु स्वामी माना जाता है। वास्तु के अनुसार पूर्व दिशा को खुला रखना चाहिए क्योंकि यह सूर्योदय की दिशा है। रसोईघर का निर्माण आग्नेय और दक्षिण में दोष होने से परेशानी होती है। ईशान कोण में शौचालय नहीं बनाना चाहिए। दैनिक जीवन में व्यक्ति के उत्थान के लिए वास्तु बहुत उपयोगी हो सकता है।वास्तु के अनुसार कोई दिशा अशुभ नहीं होती हैं उन्होने द्वार चक्र पर विशेष जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि सभी दिशाओं के स्वामी की स्थिति के अनुसार ही घर निर्माण का कार्य संपन्न कराना चाहिए। नेतृत्व हासिल करने ऋण से मुक्ति पाने,कन्या का सही समय पर विवाह,नौकरी आदि प्राप्त करने में भी वास्तु का सही उपयोग है। इस मौके पर वि. वि. के प्रोचांसलर और चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने कहा कि वास्तु में कई अभिनव प्रयोग हैं जो उपयोगी भी होते हैं। उन्हें प्रोत्साहित करें। इस मौके पर वि.वि. के प्रोचांसलर और चेयरमैन अनंत कुमार सोनी, आर्ट्स विभाग के विभागाध्यक्ष मिर्जा समीउल्ला बेग,प्राची सिंह, योग गुरु दिलीप तिवारी, सिविल विभागाध्यक्ष विशुतोष वाजपेयी,सिविल विभाग के विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम बीए आर्ट््स के तत्वावधान में आयोजित किया गया।
एकेएस वि. वि. सतना के विशाल प्रांगण में वास्तु विशेषज्ञ राजीव बैरागी ने एक दिवसीय कार्यशाला में सतत चार घंटे व्याख्यान दिया उन्होने समस्त जनों की जिज्ञासाओं का यथोचित समाधान भी दिया। उन्होंने कहा कि वास्तु विज्ञान घर,प्रासाद,भवन अथवा मंदिर निर्माण करने का प्राचीन विज्ञान है। दक्षिण भारत में वास्तु का नीव परंपरागत साधु मायन को माना जाता है और उत्तर भारत में विश्वकर्मा को वास्तु स्वामी माना जाता है। वास्तु के अनुसार पूर्व दिशा को खुला रखना चाहिए क्योंकि यह सूर्योदय की दिशा है। रसोईघर का निर्माण आग्नेय और दक्षिण में दोष होने से परेशानी होती है। ईशान कोण में शौचालय नहीं बनाना चाहिए। दैनिक जीवन में व्यक्ति के उत्थान के लिए वास्तु बहुत उपयोगी हो सकता है।वास्तु के अनुसार कोई दिशा अशुभ नहीं होती हैं उन्होने द्वार चक्र पर विशेष जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि सभी दिशाओं के स्वामी की स्थिति के अनुसार ही घर निर्माण का कार्य संपन्न कराना चाहिए। नेतृत्व हासिल करने ऋण से मुक्ति पाने,कन्या का सही समय पर विवाह,नौकरी आदि प्राप्त करने में भी वास्तु का सही उपयोग है। इस मौके पर वि. वि. के प्रोचांसलर और चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने कहा कि वास्तु में कई अभिनव प्रयोग हैं जो उपयोगी भी होते हैं। उन्हें प्रोत्साहित करें। इस मौके पर वि.वि. के प्रोचांसलर और चेयरमैन अनंत कुमार सोनी, आर्ट्स विभाग के विभागाध्यक्ष मिर्जा समीउल्ला बेग,प्राची सिंह, योग गुरु दिलीप तिवारी, सिविल विभागाध्यक्ष विशुतोष वाजपेयी,सिविल विभाग के विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम BA Arts के तत्वावधान में आयोजित किया गया।
ऐ के एस विश्वविद्यालय एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित होने वाला किसान विज्ञान मेला अब दिनांक 23.25फरवरी 2020 को मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री आदरणीय श्री कमलेश्वर पटेल जी के कर कमलों से होगा। ज्ञातव्य है कि पूर्व में इस मेले का आयोजन 18 से 20 फरवरी 2020 के मध्य होना था लेकिन जिला प्रशासन एवं माननीय मंत्री जी की स्वीकृति से उक्त तिथि में संशोधन किया गया है।उल्लेखनीय है कि इस भव्य किसान विज्ञान मेले में देश की कई प्रतिष्ठित कंपनियों के अतिरिक्त नाबार्ड एवं पेट्रोलियम अनुसंधान संस्थान का सहयोग प्राप्त हो रहा है इस आयोजन में कृषि से संबंधित जिले में स्थित विभिन्न शासकीय कार्यालय भी अपने स्टाल द्वारा शासन की विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं की जानकारी प्रदर्शनी के माध्यम से प्रस्तुत करेंगे।ए के एस विश्वविद्यालय प्रबंधन ने अवगत कराया है कि इस मेले में कृषकों को कृषि की विभिन्न नवीनतम तकनीक कम लागत में अधिक लाभ आय को दोगुना करने की तकनीकए जैविक कृषि के फायदेए कृषि उद्यानिकी की लाभकारी योजनाओं की जानकारी देश के प्रतिष्ठित विषय विशेषज्ञों द्वारा कृषकों को प्रदान की जाएगी।अतएव कृषकगण इस आयोजन में जो कि ए के एस विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित होना है भारी संख्या में उपस्थित होकर किसान विज्ञान मेले का लाभ उठाएं।
कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत अतिथियों ने देवार्चन, दीप प्रच्वलन और माल्यार्पण करके की। सभागार में उद्यमिता विकास अवसर एवं प्रसार की संभावनाओं पर सात दिवशीय कार्यशाला में अतिथियों ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यशाला में एकेएस वि.वि. के कुलपति प्रो.पारितोष के बनिक ने कहा कि शिक्षा का उचित एवं सही दिशा मे प्रयोग जरुरी है जिससे किसी एक क्षेत्र को चुनकर उसमें ईमानदारी से कार्य करते हुएसही अर्थो में आप उद्यमी बन सकते है। वि.वि. में संपन्न हुए कार्यक्रम में महत्वपूर्ण अतिथियों में मुख्य अतिथि एकेएस वि.वि. के कुलपति प्रो.पारितोष के बनिक रहे कार्यशाला के संयोजक शिवेश प्रताप सिंह, प्राध्यापक जंतु विज्ञान, डाॅ.शैला तिवारी,ने अपनी संस्था के कार्यो से उपस्थित जनों को अवगत कराया। डाॅ.महेन्द्र तिवारी ने अपशिष्ट पदार्थो के वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन पर व्याख्यान दिया। कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा प्रतिभागियों को कार्यक्रम का सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। डाॅ.नीरजा खरे ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जीवन मे रिस्क उठाना महत्वपूर्ण है किसी एक लक्ष्य का पीछा करना भी आसान है। कार्यक्रम के संयोजक एवं संचालक डाॅ. शिवेश प्रताप सिंह, ने कहा कि सात दिवसीरूा कार्यक्रम में सभी जनों का व्यापक सहयोग ही सफलता का कारण रहा। कार्यक्रम में सतना शहर के विभिन्न संस्थानों के छात्र-छात्राऐं प्रमुख रुप से उपस्थित रहे। सवाल जवाब सेशन के बाद सभी प्रतिभागियों ने अपने अनुभव शेयर किए। कार्यक्रम के सहसंयोजक पर्यावरण विभागाध्यक्ष डाॅ.महेन्द्र तिवारी ने समस्त सात दिनों की रुपरेखा और कार्यक्रम की संरचना के बारे में अतिथियों और विद्यार्थियों को अवगत कराया। कार्यशाला एकेएस वि.वि. पर्यावरण विज्ञान विभाग और शासकीय पी.जी.काॅलेज के संयुक्त तत्वावधान एवं नासी प्रयागराज के सहयोग से आयोजित की गई।