सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना की सेशनल परीक्षाएं 7 अप्रैल से प्रारंभ हुई थी। इस बारे में जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डाॅ. शेखर मिश्रा ने बताया कि सत्र-2014-15 के लिए सभी संकायों जिनमें इंजीनियरिंग,एग्रीकल्चर, मैनेजमेंट, काॅमर्स, बी.एड., कम्प्यूटर सांइस, बाॅयोटेक, फूड टेक्नालाॅजी, फार्मेसी, एम.एस.डब्ल्यू की सेश्नल परीक्षाएं 7 अप्रैल से प्रारंभ होकर 16 अप्रैल को सुनियोजित रूप से सम्पन्न हुई ।
एकेएसयू मे 29 को पूल कैम्पस ड्राइव
विश्वविद्यालय में 29 अप्रैल को ओपेन कूल कैम्पस ड्राइव का आयोजन किया जा रहा है। इस बारे मे जानकारी देते हुए वि.वि. के ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट आफीसर एम.के. पाण्डेय ने बताया कि श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कम्पनी के कैम्पस ड्राइव मे सभी महाविद्यालयों , विश्वविद्यालयों के बीई एवं एमबीए के छात्र शामिल हो सकते है। इसी कड़ी में 19 अप्रैल को स्ट्राटा ग्रुप मुम्बई मे डिप्लोमा सिविल इंजीनियरिंग के 5 छात्र इंटरव्यू मे शामिल होगें ।
मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना
एकेएस विश्वविद्यालय के माइनिंग डीन डाॅ. जी.के. प्रधान, हार्टीकल्चर विभाग के फैकल्टी अभिषेक सिंह एवं फैकल्टी मनीष अग्रवाल ने इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है, यह कार्य एकेएसयू के माइनिंग इंजीनियरिंग विभाग और एग्रीकल्चर विभाग के संयुक्त प्रयासों से पूर्ण हुआ है। इस रिसर्च प्रोजेक्ट के लिये 8 अप्रैल से 11 अप्रैल तक एकेएस की टीम ने उड़ीसा के उत्कल एलुमिना बाक्साइड माइन्स की विजिट की। इसके पूर्व भी एनएमडीसी पन्ना और उत्कल एलुमिना में यह प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक संचालित किया जा चुका है।
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वेजिटेबल ड्रायर, अकोला दाल मिल, मल्टी शीड ग्रेडर मशीनों की होगी जानकारी
एकेएस विश्वविद्यालय के कृषि अभियांत्रिकीय विभाग द्वारा पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र एवं सीआईएई से विभिन्न प्रकार के फसल प्रसंस्करण हेतु उन्नत मशीनें जैसे वेजिटेबल ड्रायर, अकोला दाल मिल, मल्टी शीड ग्रेडर, राइस पाॅलिशर, रबर रोल राइस सेलर खरीदे गये हैं, जिनसे कि विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ-साथ स्थानीय कृषकों भी प्रशिक्षित किया जायेगा जिससे कृषि उत्पादों को उन्नत तरीके से प्रसंस्करित कर अधिकतम पैदावार से लाभ अर्जित किया जा सकता है। कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय मप्र शासन संभाग रीवा द्वारा एक कृषकों का दल वि.वि. भ्रमण पर आया था। इस दौरान उन्हें लोबिया से दाल बनाने का प्रशिक्षण दिया गया साथ ही उन्हें विभिन्न उत्पादों के मूल्य संवर्धन संबंधी तकनीक के बारे में जानकारी दी गई। एकेएस वि.वि. हमेशा से ही कृषि के विकास में भागीदार बनने के अपने उद्देश्य पर निरंतर अग्रसर रहा है। इस हेतु कृषि संकाय में सब्जियो की विभिन्न उन्नत किस्मों को सीधे किसानों द्वारा उगायाा गया है जिससे क्षेत्र के किसान लाभन्वित हो रहे हैं। इसी कड़ी में डीन एग्रीकल्चर डाॅ. आर.एस. पाठक, डाॅ. नीरज वर्मा एवं इं. अजीत सराठे द्वारा किसानों को हैण्ड्स आॅन ट्रेनिंग प्रोग्राम के माध्यम से तकनीकों का ज्ञान दिया जा रहा है।
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एकेएस विश्वविद्यालय, सतना
पब्लिक सेक्टर में सहकारी बैंकों की भूमिका अहम - डाॅ. ओझा
13 मार्च, 2015 को भव्य कार्यक्रम ‘‘आदर्श ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशन्स बैगलुरू’’ में आयोजित किया गया। एकेएस विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करते हुए डाॅ. धीरेन्द्र ओझा ने कहा कि ‘‘पब्लिक सेक्टर में सहकारी बैंको’’ के आने से ग्रामीण किसानों के जीवन में सकारात्मक सुधार हुआ है। विषय के प्रभावी होने से ‘‘एशिया पैसेफिक जर्नल’’ के मार्च के अंक में इसे जगह मिली है।
एकेएस के दल ने की आॅयल इंडिया दुलियाजान की विजिट
एकेएस विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग डीन डा.ॅ जी. के. प्रधान , माइनिंग विभागाध्यक्ष डाॅ. बी. के. मिश्रा , सिविल विभागाध्यक्ष डाॅ. मजूमदार , फिजिक्स विभागाध्यक्ष मनीष अग्रवाल के संयुक्त दल ने ‘‘आॅयल इंडिया दुलियाजान’’ की विजिट की । जहां सभी ने कच्चे तेल के अनुसंधान की प्रक्रिया को देखा एवं उससे संबधित जानकारी प्राप्त की । विश्वविद्यालय के माइनिंग, इलेक्ट्रिकल, एवं मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के लिए ट्रेनिंग भी आयोजित की जाएगी ।
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एकेएस विश्वविद्यालय, सतना
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एकेएस विश्वविद्यालय का सिलेबस इंडस्ट्री ओरिएन्टेड हो और विद्यार्थी जाॅब के अनुरुप अध्ययन करें इस उद्येष्य की पूर्ति हेतु इंजीनियरिंग डीन डाॅ. जी. के. प्रधान , माइनिंग एचओडी डाॅ. बी. के. मिश्रा, सिविल एचओडी डाॅ. मजूमदार , फिजिक्स एचओडी मनीष अग्रवाल ने ‘‘साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड के दीपिका क्षेत्र’’ का भ्रमण किया एवं वर्तमान मे ‘‘कोल प्रोडक्सन कोल माइनिंग,एवं एशिया की सबसे बड़ीª ड्रिलिग मशीन’’ के बारे मे तकनीकी ज्ञान अर्जित किया एवं ड्रिलिग इंचार्ज एसइसीएल से वर्तमान समय मे कोल माइनिंग की आवश्यकताओ एवं समस्याओं के बारे में भी जानकारी ली।
एकेएस के प्रतिनिधि शामिल हुए डी.जी.एम.एस वीक में
डाॅ. जी.के. प्रधान एवं मनीष अग्रवाल ने कोलकाता पश्चिम बंगाल में 29 मार्च को डी.जी.एम.एस
(डायरेक्टर जर्नल आॅफ माइन्स सेफ्टी) द्वारा आयोजित ‘‘माइन्स इन्वार्यमेन्ट एवं मिनिरल कन्जर्वेशन
वीक’’ में एकेएस विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया। समारोह में मि. थाॅमस (डिप्टी डी.जी.एम.
एस नागपुर रीजन), आई.आई.टी. खड़गपुर, टाटा स्टील, सेल इंडिया एवं देश के विभिन्न
औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिघियों ने भी भाग लिया।
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आई.आई.टी गुवाहाटी एवं मिनिस्ट्री अर्थ रिर्सोसेश सेन्ट्रल गवर्नमेन्ट के संयुक्त तत्वाधान में 3 एवं 4 अप्रैल को रिसर्च ‘‘अर्पाच्यूनिटीज इन हाईड्रोलाॅजी एंड वाटर रिर्सोसेश अन्डर इन क्लाइमेट चेन्ज’’ विषय पर आयोजित ‘‘दो दिवसीय नेशनल सेमिनार’’ में एकेएस विश्वविद्यालय के माइनिंग डीन डाॅ. जी.के. प्रधान, डाॅ. मजूमदार, डाॅ. वी.के. मिश्रा एवं मनीष अग्रवाल ने भाग लिया। कार्यक्रम इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ साइन्स, आई.आई.टी. कानपुर, इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ हाइड्रोलाॅजी, आई.आई.टी. गोहाटी के प्रबुद्ध वैज्ञानिकों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये एवं वाटर रिर्सोसेश की वर्तमान समस्याओं पर चर्चा की। सेमिनार के अगले चरण में गुवाहाटी में ब्रम्हपुत्र नदी पर पर्यावरण के प्रभाव विषय पर प्रयोगिक सत्यापन के लिए सभी प्रतिभागियों को क्रूज पर ले जाया गया। साथ ही देश प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के साथ मिनिस्ट्री आॅफ अर्थ रिर्सोसेश के दल ने विभिन्न रिसर्च प्रोजेक्टस पर चर्चा की। विश्वविद्यालय के दल ने डाॅ. मजूमदार की अगुवाई में ‘‘ग्राउण्ड वाटर स्टोरेज’’ विषय पर प्रोजेक्ट प्रेजेन्ट किया। जिसे काफी सराहना मिली।
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