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Posted by on in AKS in News Papers

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विन्ध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस विश्वविद्यालय के मैकेनिकल इंजीनियरिंग संकाय के अंतिम सेमेस्टर छात्रों द्वारा सौर ऊर्जा आधारित हाई ब्रिड प्रणाली की कार के निर्माण की एक अतिमहत्वाकांक्षी परियोजना पर कार्य किया जा रहा है। इस कार्य में विद्यार्थियों का मार्गदर्शन फैकल्टी शैलेन्द्र सिंह परिहार एवं के.के. कोरी कर रहे है।उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इस पöति से निर्मित कार स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग करते हुए न केवल प्राकृतिक ऊर्जा संसाधनों के दोहन द्वारा उन पर पड़ रहे दबाव को कम करने में सहायक होगी वरन यातायात द्वारा हो रहे पर्यावरण प्रदूषण को न्यूनतम स्तर तक लाने में उपयोगी रहेगी। इसमें उपयोग होने वाली सोलर बैटरी की चार्जिंग कास्ट विद्युत ऊर्जा से चार्ज होने वाली बैटरी की तुलना में 80 प्रतिशत कम होगी। इस कार की अनुमानित लागत 1,10,000 रहने की संभावना है। इसकी भार वाहन क्षमता 400 कि. ग्रा. तक हो सकती है, जो कि वर्तमान में बाजार में उपलब्ध अन्य वाहनो की तुलना में काफी बेहतर मानी जा सकती है।

 

 

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AKS University has always been laying emphasis upon the research and development, in this series final semester students of Mechanical Engineering are working upon the invention of solar energy based HYBRID SYSTEM CAR under the guidance of Shailendra Singh Parihar and K.C. KORI (faculty members from Mechanical Engineering department). Informing about it faculty members told that the invented car will not only minimize the consumption of conventional sources of energy but also bring down the level of pollution. Moreover the charging cost of the used solar battery will be 80% less than the charging cost of electric battery. The cost of the car is estimated to be 1, 10,000 and weight carrying capacity is expected to be 400 k.g. which is far better than the weight carrying capacity of the cars available in market.

 

 

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विंन्ध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस विश्वविद्यालय के डिप्लोमा इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग संकाय के 14 स्टूडेंन्ट्स ने 12 जून से 24 जून तक एडवांस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, कानपुर में ट्रेनिंग प्राप्त की।इस बारे में जानकारी देते हुए विभागाध्यक्ष रमा शुक्ला ने बताया कि छात्रों को बेहतर टेªनिंग के माध्यम से इंडस्ट्रीज मे जाॅब के योग्य बनाना इस तरह की टेªनिंग का उद्येश्य है एकेएस वि.वि. के सभी संकाय के विद्यार्थी इसी तरह की टेªनिंग से विषयवार पारंगत होते हैं। टेªनिंग के दौरान विद्यार्थियों ने एसी मोटर ट्रांसफार्मर के मेन्टीनेन्स एवं वर्किंग के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। छात्रों का मार्गदर्शन फैकल्टी दिवाकर दुबे ने किया। छात्रों ने बताया कि विषय के आधार पर यह ट्रेनिंग काफी ज्ञानप्रद रही इससे विषय के बारे में प्रैक्टिकल नाॅलेज भी बेहतर हुआ।

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एकेएस विश्वविद्यालय में बीटेक फूड टेक एवं डिप्लोमा फूड टेक कोर्सेस संचालित है। और ये फूड टेक्नाॅलाजी में जाॅब के लिए बेहतर कोर्स है। वर्तमान में विश्वविद्यालय के 30 विद्यार्थी विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानो में फूड टेिस्ंटंग की ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे है । इस बारे में जानकारी देते हुए फूड टेक्नाॅलाजी विभाग केे डायरेक्टर डाॅ. सी. के. टेकचंदानी ने बताया कि 13 विद्यार्थी आईआईसीपीटी तंजौर, 8 विद्यार्थी श्रीजी एनालिटिकल एंड रिसर्च लेबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड इन्दौर , 8 विद्यार्थी जेएनकेवीवी जबलपुर में 13 जून से 12 जुलाई तक प्राप्त कर रहे है। इस दौरान विद्यार्थी फूड क्वालिटी टेस्टिंग, कन्टेन्ट्स, मिनिरल्स, विटामिन्स, माइक्रोबियल लोड, फूड सेफ्टी की प्रैक्टिकल जानकारी विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में ले रहे है।
गौरतलब है कि सरकार के प्रायोरिटी सेक्टर में शामिल फूड प्रोसेसिंग सबसे तेजी से बढ़ने वाली इंडस्ट्री में शामिल है। कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के अनुसार देश की फूड इंडस्ट्री में 32 फीसदी हिस्सेदारी अकेले फूड प्रोसेसिंग सेक्टर की है और यह तेजी से बढ़ रहा है। पिछले 15 वर्षों में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को 6.70 अरब डॉलर विदेशी निवेश मिला है जबकि अगले दस वर्षों में 33 अरब डॉलर के निवेश की संभावना है। तेज विकास के चलते आने वाले 10 वर्षों में इस इंडस्ट्री में 90 लाख रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियों के अलावा इस इंडस्ट्री में छात्रों के लिए आंत्रप्रेन्योरशिप की संभावनाएं भी मौजूद हैं। इन बातो से वाकिफ विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के छात्रों के लिए नियमित रूप से ”लर्न व्हाइल ड”ू की तर्ज पर ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते है।
10$2 के बाद ले सकते हैं प्रवेश
फूड टेक्नोलॉजी में प्रवेश के लिए छात्र को न्यूनतम 12वीं ( फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथ्स अथवा बाॅयोलाॅजी सहित) पास होना चाहिए तभी बीटेक में एडमीशन मिल पाएगा, मास्टर एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए शैक्षणिक योग्यता स्नातक निर्धारित है। यदि किसी ने होम साइंस , न्यूट्रीशियन, डइटीशियन एवं होटल मैनेजमेंट में ग्रेजुएशन किया है तो फूड टेक्नोलॉजी में मास्टर डिग्री प्राप्त कर सकता है। डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 10 वीं के बाद प्रवेश ले सकतें है। फूड इंडस्ट्री में यूजी कोर्स कर एंट्री लेने वाले छात्रों का शुरुआती सालाना पैकेज डेढ़ से दो लाख रुपए सालाना होता है। दो-तीन साल का अनुभव होने पर सैलरी 4 से 5 लाख रुपए सालाना तक होती है। मास्टर डिग्री प्राप्त कर चुके छात्रों को शुरुआत में 3 से 4 लाख रुपए सालाना का पैकेज मिल सकता है। वहीं, मैनेजमेंट डिग्री वाले छात्रों को ढ़ाई से तीन लाख रुपए सालाना पैकेज वाली नौकरियां मिल सकती हैं।
सरकारी से ज्यादा अवसर प्राइवेट क्षेत्र में
सरकारी क्षेत्र में डिपार्टमेंट ऑफ फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन हर साल बड़ी तादाद में फूड टेक्नोलॉजिस्ट्स की नियुक्ति करता है। इसके अलावा फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया और सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन में भी छात्रों हेतु अवसर मौजूद हैं। हालांकि, नौकरी के ज्यादातर अवसर प्राइवेट सेक्टर में हैं। निजी क्षेत्र में मिल्क प्रोडक्ट्स, फ्रूट्स एंड वेजिटेबल, फिशरीज, प्लांटेशन, कंफेक्शनरी, बेवरेजेस, हेल्थ फूड्स जैसे सेक्टर में ट्रेंड प्रोफेशनल्स की जरूरत होती है। फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के अलावा रिसर्च लैबोरेटरी, सॉफ्ट ड्रिंक फैक्टरी, डिस्टिलरी, हॉस्पिटैलिटी, पैकेजिंग और मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज के प्रोडक्शन, क्वालिटी अश्योरेंस, आर एंड डी सेक्टर में फूड टेक्नोलॉजी की डिग्री ले चुके छात्रों के लिए अवसर हो सकते हैं। मास्टर डिग्री वाले छात्र टीचिंग का विकल्प भी चुन सकते हैं।
इस क्षेत्र में कार्यरत् कंपनिया एवं भविष्य
एसोचैम के एक सर्वे के अनुसार देश में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के तेज विस्तार का बड़ा कारण पैकेज्ड फूड पर बढ़ रहा खर्च है। सर्वे के मुताबिक 2010 से 2015 के बीच पांच वर्षों में देश में पैकेज्ड फूड पर होने वाले खर्च में 22.5 फीसदी बढ़ोतरी हुई है और 2017 तक यह आंकड़ा 32 फीसदी हो जाने का अनुमान है। फूड प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी क्षेत्र में कार्यरत् कंपनियों में जैन खाद्य प्रा. लि. जलगांव, एग्रोसा प्रा. लि. अंबाला, कैडबरी, नेस्ले इंडिया, आईटीसी, रिलायंस, ब्रिटानिया पार्ले, हल्दीराम नागपुर, दिनसा, टेट्रापैक में कार्य के अवसर प्राप्त कर सकते है।

मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

 

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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के खचाखच भरे सभागार में संवाद कार्यक्रम का आयोजन हुआ। संवाद कार्यक्रम मे भारतवर्ष के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में चल रही भारत सरकार की प्रगति पर चर्चा हेतु सभागार में उत्साह था। केन्द्र सरकार की दो वर्षों की उपलब्धियों पर छात्रों से संवाद के लिये गरिमामय कार्यक्रम मे विचार प्रक्रिया रोचक रही। कार्यक्रम के दौरान केन्द्र सरकार की विभिन्न जनहितकारी योजनाओं ‘‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृöि योजना, स्किल इंडिया, स्टैन्ड अप इंडिया, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, सशक्त नारी ,समृö किसान उन्नत भारत, डिजिटल इंडिया, सुशासन के नए आयाम, कौशल ऋण योजना पर प्रजेंटेशन हुआ।
केन्द्रीय मंत्रियों के करकमलों से हुआ विश्वविद्यालय में एडवांस बायोटेक प्रयोगशाला का उद्घाटन
एकेएस विश्वविद्यालय में सेंटर आॅफ एक्सिलेंस इन बायोटेक्नालाॅजी रिसर्च एवं ट्रेनिंग की एडवांस एवं नवीन टेक्नालाॅजी से सुसज्जित प्रयोगशाला का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया जाना एक महत्वपूर्ण कडी रहा। बायोटेक प्रयोगशाला के माध्यम से बायोटेक विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को बायोटेक के क्षेत्र में रिसर्च करने की सुविधा मिलेगी। बायोटेक लैब के उद्घाटन के बाद मंत्रीद्वय ने एकेएस वि.वि. की शैक्षणिक प्रगति एवं वि.वि. की वैश्विक सोच ‘‘थिंक ग्लोबल,एक्ट लोकल‘‘ एवं वि.वि. मे पढाए जा रहे गीता,कुरान जैसे विषयों के बारे जाना और भरपूर सराहना भी की।
मंत्रीद्वय ने उद्बोधन के बाद किया छात्रों से संवाद
मंच से छात्रों का आह्वान करते हुए राज्यवर्धन सिंह राठौर ,राज्य मंत्री ,सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार ने कहा कि ‘‘असफलताओं से घबराना नहीं चाहिये निरंतर प्रयास करने से आपको अपने लक्ष्य पाने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी के मार्ग में भी इसी प्रकार कतिपय नेताओं ने राजनैतिक कारणों से बाधाएं उत्पन्न की लेकिन प्रधानमंत्री अविचलित रहे एवं देश सेवा के सर्वोपरि भाव से भारत देश की ज्वलंत समस्याओं को हल करने में जुटे है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की बढती ख्याति एवं एनएसजी में भारत के शामिल नहीं हो पाने के कारणेंा का भी उन्होंने जिक्र किया। छात्रों ने मनोयोग से उन्हे सुना और अंत में तालियों की करतल ध्वनि से श्री राठौर का स्वागत किया। श्री जुएल ओराम मान. केन्द्रीय मंत्री ,आदिवासी कल्याण मंत्रालय भारत सरकार, ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि छात्रों को समय प्रबंधन करना चाहिए।, श्री ओराम ने कहा कि इन्फार्मेशन इज पावर और इसका इस्तेमाल वैश्विक विकास एवं व्यक्तित्व विकास के लिए करना चाहिए। उनके वक्तव्य से छात्र पे्ररित हुए। अविनाश राय खन्ना पूर्व राज्यसभा सांसद,भाजपा ने कहा कि छात्रों को अपने शिक्षकों से निरंतर सम्पर्क एवं मार्गदर्शन लेते रहना चाहिए तो उन्हें मंजिल अवश्य मिलती है क्योंकि शिक्षक का पद हमेशा उॅचा होता है। वि.वि. के कुलाधिपति माननीय बी.पी. सोनी जी ने अध्यक्षीय उद्बोधन दिया।
ये रहे उपस्थित
वि.वि. का प्रगति प्रतिवेदन चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने पेश किया। एकेएस वि.वि. के भव्य एवं सुसज्जित सभागार में ममता पाण्डेय, महापौर,सतना, सुधा सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष,,सुरेन्द्र सिंह गहरवार, पूर्व विधायक, गगनेन्द्र प्रताप सिंह, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष, सुरेन्द्र सिंह बघेल, जिलाध्यक्ष भाजपा, उमेश प्रताप ,जिला पंचायत सदस्य के साथ वि.वि. के फैकल्टीज एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।। कार्यक्रम का संचालन ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम मे अतिथियों को विन्ध्य की पहचान सुपारी के गणेश जी स्मृति चिन्ह के रुप मे भेंट किए गए।स्वागत उद्बोधन डाॅ. हर्षवर्धन ने दिया।

 

मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

 

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AKS University has been made the Local Chapter of the “National Programme of Technology Enhance Learning”. This is being observed as one of the major initiatives of MHRD, IITS and IIS in context of AKS University.Management HOD of AKS University Dr. Kaushik Mukharjee has been appointed as the Local Co-ordinator by IIT Kanpur, now the students of AKS University will be able to pursue all those vocational and professional courses free of cost which will be certified by the NPTEL moreover the faculty members of AKS University will be able to participate in workshops and seminars organized by IIT Kanpur.

 

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