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सतना-एकेएस वि.वि. के बायोटेक विभाग द्वारा सात दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन कैन्सर पर डाॅ. अशोक कुमार,एम्स भेापाल के असिस्टेंट प्रोफेसर,माइक्रोबियल जीनोमिक्स पर डाॅ. जीतेन्द्र मालवीय,कॅरियर काॅलेज भेापाल,वायरल जीनोमिक्स पर डाॅ रजनीश अनुपम,डज्ञॅ हरी सिंह गौर यूनि. सागर और मेटाबोलिक इंजीनियरिंग पर डाॅ. सी.पी. उपाध्याय ने विस्तार से चर्चा की ।हैण्डस आन वर्कशाॅप सेशन मे जीनोमिक्स एवं प्रोटियोमिक्स पर विषय विश्लेषण किया गया। इस मौके पर डाॅ. कमलेश चैरे ,डीन प्रो. आर.एन. त्रिपाठी के साथ डाॅ. दीपक मिश्रा,कीर्ति समदडिया,रेनी निगम, डाॅ. अश्वनी वाउ, डाॅ. समित कुमार, श्रेयांस परसायी, चाहना देसाई,संध्या पाण्डे एवं स्नेहा कुमारी उपस्थित रहे।

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एकेएस विश्वविद्यालय सतना के प्रबंधन विभाग द्वारा तीन दिवसीय उद्यमिता कार्यशाला का आयोजन किया गया। उद्यमिता कार्यशाला का शुभारंभ वि.वि. के कुलाधिपति बी.पी. सोनी, कुलपति प्रो. पी.के. बनिक, चेयरमैन अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन, डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी, डीन डाॅ. जी.के. प्रधान, इंजी. आर.के. श्रीवास्तव द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण से किया गया। कार्यक्रम में वि.वि. के कुलाधिपति ने कहा कि एकेएस वि.वि. में छात्रों के लिये इस तरह की कार्यशालाएं बेहद उपयोगी हैं और विषय की बेहतर समझ के साथ-साथ यह समूची अंतर्दृष्टि भी छात्रों को प्रदान करती है। अब विद्यार्थी प्रैक्टिकल के माध्यम से विषय को समझते हैं जिससे विषय का ज्ञान बेहद अच्छा होता है। शुभारंभ के बाद उद्यमिता के विशेषज्ञ युधिष्ठिर हलदर द्वारा उद्यमिता क्या है, समाज में इसकी क्या भूमिका है, देश में उद्यमिता के विकास का क्या रोडमैप रहा है सम्पूर्ण विषय को विस्तार से समझाते हुए युधिष्ठिर ने विद्यार्थियों को उद्यमिता का इतिहास विकास और समूची पृष्ठभूमि से अवगत कराया इसी कड़ी में कार्यशाला के दूसरे दिन शासन द्वारा उद्यमिता के क्षेत्र में दी जाने वाली सब्सिडी और अन्य पहलुओं पर रोचक चर्चा के माध्यम से जानकारी दी। कार्यक्रम के तीसरे दिन वरिष्ठ प्राध्यापक तथा जिला संयोजक वी.पी. सिंह ने उद्यमिता विकास की परियोजनाओं और उद्यमिता में संवाद कितना जरूरी है इस पर चर्चा की। कार्यशाला के दौरान विषय विशेषज्ञों ने छात्र-छात्राओं की जिज्ञासाओं का भी रोचक जवाब दिया। कार्यशाला के दौरान डाॅ. कौशिक मुखर्जी, डाॅ. प्रदीप चैरसिया, प्रमोद द्विवेदी, विजय चतुर्वेदी, चन्दन सिंह, प्रकाश सेन, शीनू शुक्ला, रिद्धि बक्शी, श्वेता सिंह का सराहनीय सहयोग रहा।

मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

 

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एकेएस विश्वविद्यालय के पर्यावरण विभाग एवं वन मण्डल, सतना के तत्वाधान में अंर्तराष्ट्रीय वानिकी दिवस के उपलक्ष्य पर परसमनिया पठार के पटिहट वन क्षेत्र में एक दिवसीय कार्यशाला के मुख्य अतिथि डाॅ. एम. काली दुरई (आई.एफ.एस.) मुख्य वन संरक्षक, रीवा रहे उन्होने जल और जंगलो को संरक्षित करने के लिए आदिवासियों को समझाया एवं वनो से होने वाले लाभो पर भी प्रकाश डाला। डाॅ. एम.काली दुरई ने परसमनिया पठार के जंगलो की जैव विविधता को सुरक्षित और संरक्षित करने के लिए वन विभाग से हर संभव सहायता और नई योजनाओं को प्रदान करने का विश्वास दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डाॅ. हर्षवर्धन श्रीवास्तव प्रतिकुलपति एकेएस विश्वविद्यालय, सतना ने उद्बोधन में ग्रामीण आदिवासियों को बताया कि किस तरह वन में रहते हुये कार्य किए जा सकते है जिससे जंगल के समीप रहने वालों की जीविका सुचारू रूप से चल सके।कार्यक्रम में डाॅ. आर.एन. त्रिपाठी एकेएस वि.वि. ने आदिवासियों को वनो को सुरक्षित रखने और वनो से होने वाले लाभो पर प्रकाश डाला। डाॅ. तोमर कृषि विभाग एकेएसवि.वि. ने आदिवासियों को औषधीय पौधो से लाभ और उनकी खेती विषय पर व्याख्यान दिया। कार्यक्रम के आयोजक डाॅ. महेन्द्र कुमार तिवारी द्वारा परसमनिया पठार में मौजूद वनस्पतिक, जैव विविधता पर आदिवासियों को जानकारी दी। भूपेन्द्र सिंह के द्वारा परसमनिया पठार में मौजूद वनस्पतिक जैव विविधताओं पर प्रकाश डाला गया।
नाटक का मंचन रहा प्रभावशाली
एक दिवसीय कार्यशाला में एकेएस विश्वविद्यालय के एम.एस.डब्ल्यू. के छात्र-छात्राओं के द्वारा नाटक के माध्यम से आदिवासी और ग्रामीणों को वनो से होने वाले लाभो और वनो के नष्ट होने से जो पर्यावरण में असंतुलन होने के साथ म.प्र. शासन द्वारा आदिवासियो, महिलाओं और कन्याओं के कल्याण के लिए चलाई जा रही सभी योजनाओं की जानकारी परसमनिया पठार के आदिवासी ग्रामीणों को प्रदान की गयी। कार्यक्रम में सुरेश कुमार एस.डी.ओ. वन मण्डल सतना, श्री बी. सिंह एस.डी.ओ. वन, मैहर, जिला संरपच संघ के जिलाध्यक्ष जुगुल किशोर पाठक, डिप्टी रेंजर रमाशंकर त्रिपाठी, रेंज पटिहट, वन रक्षक, बीट गार्ड, वन रक्षक समितियों के अध्यक्ष, वैद्य, ग्रामीण, महिलाऐं, आदिवासी ग्रामीण, विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं एवं राजू सिंह उपस्थित रहे।
वनों के संरक्षण संकल्प के साथ संम्पन्न हुआ कार्यक्रम
सभी ने अंर्तराष्ट्रीय वानिकी दिवस पर आयोजित कार्यशाला में वनो को सुरक्षित एवं संरक्षित रखने का संकल्प लिया।

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सतना-एकेएस वि.वि. के बायोटेक विभाग द्वारा सात दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ कई उद्येश्यों के साथ किया गया। इसका विषय ‘‘रिसेन्ट एडवांसेस इन जीनोमिक्स एण्ड बायो इन्फार्मेटिक फार जीनोम एनालिसिस रखा गया है। कार्यशाला का आयोजन म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम के दौरान कुलपति पारितोष के बानिक ने जीनोमिक्स एवं बायो इन्फारमेंटिक्स के द्वारा किये जाने वाले शोध कार्यो से असाध्य बीमारियों के समाधान एवं मानव जीनोम सिकेन्युइंग के द्वारा विज्ञान के नवीन आयामो के विकास के लिये प्रेरित किया साथ ही विभाग को इस कार्यक्रम के भव्य आयोजन हेतु धन्यवाद ज्ञापित करते हुये उपस्थित डेलीगेट्स एवं छात्र-छात्राओं को विभिन्न संस्थाओ से पधारे हुये अतिथियों के द्वारा दिये जाने वाले वाक्तव्यो से लाभान्वित होने का संदेश दिया। कार्यक्रम के अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महोदय ने छात्र-छात्राओं को शोध के इस क्षेत्र में भी अपना ध्यान केन्द्रित करने का संदेश दिया और यह बताया कि जैव सूचना विज्ञान आधुनिक विज्ञान का वह रूप है जिसकी सहायता से संपूर्ण मानव जाति एवं संपूर्ण विश्व का कल्याण संभव हो सकेगा। टेक्निकल सेशन के दौरान सर्व प्रथम डाॅ. शरद मिश्रा ने नीम के डेंगू प्रतिरोधक तत्व पर केन्द्रित व्याख्यान प्रस्तुत करते हुये नीम के प्राचीन तथा वैज्ञानिक गुणो के बारे में उपस्थित स्त्रोताओं को अवगत कराया। डाॅ. प्रत्युश शुक्ला ने अपने व्याख्यान के दौरान सूक्ष्म जीवो के जैव तंत्र ज्ञान के संबंध में वक्तव्य प्रस्तत करते हुये इनकी सहायता से विभिन्न इन्जाइम के उत्पादन और पर्यावरण प्रदूषण के निवारण में सूंक्ष्म जीवो के महत्व की बात पर बल दिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बी.पी. सोनी, कुलाधिपति और अध्यक्षता प्रो. पी.के. बनिक कुलपति एकेएस विश्वविद्यालय,सतना ने की। विशिष्ट अतिथि डाॅ. प्रत्युश शुक्ला, महार्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक, डाॅ. शरद मिश्रा, गोरखपुर विश्वविद्यालय रहे। इस मौके पर अनंत कुमार सोनी, डाॅ. कमलेश चैरे ,डीन प्रो. आर.एन. त्रिपाठी के साथ डाॅ. दीपक मिश्रा,कीर्ति समदडिया,रेनी निगम, डाॅ. अश्वनी वाउ, डाॅ. समित कुमार, श्रेयांस परसायी, चाहना देसाई,संध्या पाण्डे एवं स्नेहा कुमारी उपस्थित रहे।

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सतना-एकेएस वि.वि.,सतना के सभागार मे अखिल भारतीय उपभेाक्ता उत्थान संगठन ने छात्र उपभेाक्ता जागरुकता शिविर का आयोजन किया इसमें खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभेाक्ता संरक्षण विभाग,भोपाल का सहयोग रहा। उपभेाक्ता हितों पर कार्यक्रम रोचक एवं प्रेरणादायक रहा। नरेश पाॅल, सतना कलेक्टर ने इस मौके पर अपने अनुभव भी उपभोक्ता मामलों केा लेकर साझे किए उन्होने कहा कि जानकारी प्राप्त करने के साधनो के बीच हमे जागरुक होना होगा। इस मौके पर नरेश पाॅल ,सतना कलेक्टर के साथ वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी,प्रतिकुलपति डाॅ.हर्षवर्धन ,अखिल भारतीय उपभेाक्ता उत्थान संगठन के पदाधिकारियों के साथ एकेएस वि.वि. के सभी संकाय के छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहे।

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एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के सभागार में आयोजित ‘‘आध्यात्मिक प्रबोधन कार्यक्रम’’ के प्रमुख वक्ता आध्यात्मिक विद्वान, न्यायाधीश अरूण कुमार ने अपने उद्बोधन में सफलता के आध्यात्मिक सूत्र पर व्याख्या करते हुए बताया कि श्रीमद् भगवदगीता में दिये गए सफलता के पंच सूत्र जैस - निष्काम कर्मयोग, अहंकार का त्याग, लोक संग्रह यानी संसार में आचरण के द्वारा उदाहरण प्रस्तुत करना, सर्मपण व भक्ति तथा ज्ञान कर्म व भक्ति का समन्वय की व्याख्या करते हुए बताया कि हमे ंएकाग्रता बढ़ाने के लिए मेडीटेशन व लक्ष्य के प्रति जागृति बनाये रखना आवश्यक है। किसी भी कार्य की सर्वोत्तम परिणिति ईश्वर को समर्पण और अपने कर्म के प्रति सजगता के साथ-साथ राम नाम व राम सेवा ही व्यक्ति के जीवन के लिए सर्वोत्तम है ऋगु वेद का सूत्र आत्मने मोक्षार्थ जगत कल्याणय च के अनुसार आत्म कल्याण व जगत कल्याण एक दूसरे के पूरक होते हैं विद्वान, न्यायाधीश ने उपस्थित छात्रों को बताया कि लक्ष्य व निर्विकार सफलता हनुमान जी के मार्ग में चलकर दृढ़ विश्वास, विचार एवं वैराग्य वृत्ति के साथ सांसारिक बाधाओं से बचते हुए अभिमान मुक्त होकर सहज सरल रूप से प्राप्त होती है, इसके पश्चात् जीवन का उद्देश्य पूर्ण होकर सांसारिक सुख के साथ भगवत् सत्ता की प्राप्ति होती है। कार्यक्रम में आध्यात्मिक उद्बोधन के पूर्व के0के0 शुक्ला सामाजिक न्याय विभाग सतना के निर्देशन में आए हुए सितार कलाकारों ने भक्ति संगीतमयी सुमधुर भजन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति पी0के0 बनिक, चेयरमैन अनंत कुमार सोनी,डाॅ.हर्षवर्धन श्रीवास्तव,आर0एन0त्रिपाठी,एम0के0 पाण्डेय, डायरेक्टर अवनीश सोनी के साथ-साथ विश्वविद्यालय के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय के बी.टेक सिविल इंजीनियरिंग पांचवें सेमेस्टर के छात्रों ने 7 से 9 मार्च तक स्काई फाई लैब सेंटर सिविल सिम्पलीफाइड बंगलौर के टेªनर विवेक सिंह के मार्गदर्शन में वोकेशनल ट्रेनिंग के दौरान बीम एण्ड सीपीएम (बिल्डिंग इन्फार्मेशन माॅडलिंग कंस्ट्रक्शन, प्लानिंग एण्ड मैनेजमेंट) की रोचक, तथ्यपूर्ण एवं तकनीकी जानकारियाँ प्राप्त कीं। गौरतलब है कि सिविल इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के लिये सीपीएम एवं बीम ट्रेनिंग द्वारा जो काम फील्ड में किया जाता था वह अब कम समय और एक्यूरेसी के साथ इस कम्प्यूटर साफ्टवेयर के माध्यम से किया जा सकता है। इससे किसी भी कंस्ट्रक्शन वर्क का सुपरवीजन कम्प्यूटर सेवा द्वारा किया जा सकता है। टेªनर्स ने लोड प्रोग्रामिंग साफ्टवेयर्स जैसे - प्राइम वेरा, आॅरकल, आर्कीकैड, स्टार्ट प्रो, आटोकैड, जीपीएम, जीआईएस इंस्ट्रूमेंट्स ट्रेनिंग का आईएसओ सर्टिफाइड सर्टिफिकेट भी प्रदान करता है। छात्रों ने वैलुएशन करना,लेबर कास्ट का अनुमान लगाना,क्वांटिटी सर्वेइंग में मटेरियल एवं कंस्ट्रक्शन प्लानिंग का निरीक्षण करना, एनालाइजेशन आॅफ बिल्डिंग स्ट्रक्चर में बिल्डिंग के लोड वैलुएशन, प्राफिट एण्ड लाॅस, इस्टीमेट आॅफ मटेरियल एण्ड टाइम मैनेजमेंट, थ्री-डी माॅडिलाइजेशन में बिल्डिंग स्ट्रक्चर की आंतरिक एवं बाहरी संरचना का सही दिशा-निर्देशों के साथ इस टेक्नाॅलाॅजी के साथ थ्री-डी माॅडल तैयार करना एवं पर्ट मैथड (पर्ट इवैलुएशन एण्ड रिव्यू टेक्निक) द्वारा किसी कंस्ट्रक्शन वर्क का प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, बिल्डिंग प्लानिंग एवं उसकी समय-सीमा का निर्धारण करने की तकनीक सीखी। तीन दिवसीय ट्रेनिंग में सिविल इंजीनियरिंग के छात्र अक्षत गुप्ता, वेदांशी सिंह, पूजा सिंह, दिव्या सिंह, अंकित सोनी, शिवम गुप्ता, विपिन चतुर्वेदी, विनय पटेल, सुशील गौतम, आशीष तिवारी, सत्यम गौतम, प्रणव मिश्रा, रोहित यादव, दीपेन्द्र सिंह, आनन्द सिंह, सौरभ पाठक, विकास विश्वकर्मा, प्रिया सिंह एवं दीपिका मिश्रा इत्यादि उपस्थित रहे।


मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

 

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National Education Excellence Award-2017, Building Entrepreneurship Eco System Role and contribution of University, an Award Distribution Ceremonywas organized recently at Imperial Hotel, New Delhi, which was presided over by the Prakash Javadekar, HRD Minister, Govt. of India. On this occasion, AKS University was selected for the “Best Innovative University Award “by the jury members. Er. Anant Kumar Soni, Chairman, AKS University was present on the occasion to receive this prestigious award. Informing about the achievement, Er. Anant Soni said that AKS University, prior to winning the award, had to go through the various criteria and standards set up by the team of judges, which comprised of renowned educationists and intellectuals. During the Prize Distribution, Chancellors and Vice-Chancellors belonging to various Universities were present. As it is well known, AKS University has been felicitated with various other prestigious national and international awards in past as well for its academic excellence, research and development.

 

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