सतना। विंध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस विश्वविद्यालय सतना में स्पिक मैके संस्था के तत्वावधान में गुरुवार को पद्श्री अवार्ड से विभूषित ओडिसी नृत्यांगना माधवी मुद्गल द्वारा मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति दी गई।
शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति रही मनमोहक
पद्मश्री नृत्यागना माधवी मुद्गल ने एकेएस वि.वि. के मंच से प्रस्तुति दी। प्रस्तुति के दौरान उन्होंने समूचे नृत्य का भाव भंगिमा के साथ प्रस्तुतिकरण किया। नृत्य के दौरान सौंदर्य और महारथ का बेजोड़ नमूना देखने के लिये मिला। थिरकते कदमों, नेत्रों की भंगिमाओं और तन-मन से की गई प्रस्तुति ने सभागार में उपस्थित सभीजनों का मन मोह लिया। नृत्य की प्रस्तुति के बाद उन्होंने सभी का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर वि.वि. परिवार के वरिष्ठजन छात्र छात्राओं के साथ उपस्थित रहे और प्रस्तुति का लुत्फ उठाया।
साझा किये अपने अनुभव
पद्मश्री नृत्यागना माधवी मुद्गल ने कहा कि शास्त्रीय नृत्य उनके लिये पूजा है, जो सौंदर्य से परिपूर्ण है। ओडिसी नृत्य लातित्य और सौंदर्य का समागम है। पुरातात्विक साक्ष्यों की बात मानें तो सबसे पुराने नृत्य रूपों को अलग ढंग से प्रस्तुत किया जाता है। उन्होंने एकेएस वि.वि. में लगभग 50 मुद्राओं के माध्यम से नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि शास्त्रीय नृत्य का प्रसारण होना चाहिये जिससे इसे अलग पहचान मिले। उन्होंने देश विदेश के शोज के अनुभव भी शेयर किये। युवाओं को संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि परिस्थितियां कैसी भी हों अपनी और अपने देश की अस्मिता को बनाए रखें।
संगत में ये कलाकार रहे शामिल
स्पिक मैके सोसाइटी फार प्रमोशन आॅफ इंडियन क्लासिकल म्यूजिक एण्ड कल्चर अमंग्स यूथ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उनके साथ संगत कलाकार के रूप में पखावज पर दीपेन्द्र कुमार, गायन पर मनीकुन्तला भौमिक, सितार पर यार मोहम्मद और सह कलाकार सलाखा राय रहीं।
कई अवार्डों से नवाजी जा चुकी हैं माधवी मुद्गल
शास्त्रीय नृत्यांगना माधवी मुद्गल 1990 में भारत सरकार के पद्मश्री सम्मान से सम्मानित हो चुकी हैं। 4 अक्टूबर 1991 में जन्मी मुद्गल ओडिसी नृत्यांगना हैं परंतु वे भरतनाट्यम, कथक पर भी समान अधिकार रखती हैं। 68 वर्ष की आयु में भी ओडिसी तथा शास्त्रीय नृत्य की प्रशिक्षक वह वर्तमान में भी हैं। मुद्गल को अब तक कई अवार्डों से नवाजा गया है जिनमें 1984 में संस्कृति अवार्ड, 1990 में पद्श्री अवार्ड, 1996 में उड़ीसा संगीत नाटक अकादमी अवार्ड के साथ और कई पुरस्कार उन्हें प्राप्त हो चुके हैं।एंकर कुलदीप सक्सेना ने सभी उपस्थितजनों एवं वरिष्ठजनों के परिचय दिया जबकि इंजी. आर.के. श्रीवास्तव ने एकेएस वि.वि. की तरफ से सभी उपस्थितजनों का आभार व्यक्त किया।