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सतना। एकेएस वि.वि. के विभिन्न विभागों के फैकल्टीज ने अलग अलग क्षेत्रों मे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। डिपार्टमेंट आॅफ एग्रीकल्चर साइंस एण्ड टेक्नालाॅजी में कार्यरत विवेक कुमार सिंह को आर्गेनाइजिंग कमेटी प्रगति 2017 के 2 दिवसीय नेशनल कांफ्रेंस प्रमोटिंग एण्ड रीइनविगोरेटिंग एग्री हार्टी टेक्नालाॅजीज इनोवेशन्स धनबाद, झारखंड में यंग प्रोफेशनल्स अवार्ड से नवाजा गया। काॅमर्स विभाग के फैकल्टी धीरेन्द्र ओझा का पेपर‘‘एफडीआई इम्पैक्ट अपान इंडियाज इकोनामिक डेव्हलपमेंट विद स्पेशल रिफरेंस टू रिटेल सेक्टर’’ इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित हुआ है। उन्होंने रिसर्च पेपर में विस्तार से एफडीआई पर तथ्यपूर्ण तार्किक एवं न्यायसंगत तथ्य रखे हैं। जबकि मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. प्रदीप चैरसिया को इंटरनेशनल जर्नल आॅफ साइंस, टेक्नालाॅजी एण्ड मैनेजमेंट गाजियाबाद के एडिटोरियल बोर्ड की सदस्यता प्राप्त हुई है। इसके पूर्व डाॅ. चैरसिया ने जीएसटी और एनजीओ से संबंधित पेपर भी प्रजेंट किये हैं।फैकल्टीज के कार्यो की वि.वि. प्रबंधन ने सराहना की है।

 

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b2ap3_thumbnail_r-p1.jpgb2ap3_thumbnail_IMG_20171203_162226.jpg                                                                                                                     सतना, मंगलवार। एकऐस विश्वविद्यालय सतना के डिपार्टमेंट आॅफ फूड टेक्नालाॅजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर रितिका सामंता और वीरेन्द्र कुमार पाण्डेय टीचिंग एसोसियेट का ‘‘न्यूट्रीटिव हेल्थ ड्रिंक‘‘ पर रिसर्च पेपर इंटरनेशनल रिसर्च जर्नल इंडियन सोसायटी आॅफ पल्सेस रिसर्च एण्ड डेव्हलपमेंट एण्ड आईसीएआर (इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ पल्सेस रिसर्च में प्रकाशित हुआ है। कार्यक्रम 2 से 4 दिसम्बर तक कानपुर में पल्सेस फार न्यूट्रीशनल सिक्येारिटी एण्ड एग्रीकल्चरल सस्टेनिबिलिटी विषय पर आईसीएआर, आईआईपीआर द्वारा आयोजित हुआ। रितिका सामंता एवं वीरेन्द्र कुमार पाण्डेय के रिसर्च पेपर का विषय‘‘टू डेव्हलप अ न्यूट्रीटिव हेल्दी ड्रिंक इनहिबिटिंग एण्ड लोवरिंग कार्टीसोल लेवल इन मेल्स’’रहा। रितिका और वीरेन्द्र ने बताया कि केार्टीसोल का हायर लेवल पुरुषों में चिंता, दबाव, उच्च रक्तचाप, हाइपर ग्लाइसीमिया और स्थूलता लाता है। कोर्टीसोल एक तनाव हार्मोन है जब शरीर में इसका स्तर ज्यादा होता है तो इससे कई तरह की परेशानियाँ होती हैं, इससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर भी असर पड़ता है इसलिये इसके स्तर को कम करना बहुत जरूरी है। इसको नियंत्रित करने के लिये बायो फोर्टीफाइड हेल्थ ड्रिंक कम कीमत पर तैयार होता है। भारतवर्ष सोयाबीन और सूखे सोयाबीन पावडर के उत्पादन में पांचवें स्थान पर है और एनएचडी में इसकी बहुतायत है। इस न्यूट्रीटिव हेल्थ ड्रिंक में 36 ग्राम प्रोटीन, विटामिन बी-6 के लिये ड्राइड बनाना पावडर, विटामिन सी के लिये पपीता, मैग्नीशियम के लिये कद्दू के बीज, एन्टी आॅक्सीडेंट के लिये ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट और तनाव कम करने के लिये अश्वगंधा एक्सट्रैक्ट, कार्बोहाइड्रेट के लिये ब्राउन राइस पावडर और चाकलेट पावडर के साथ फ्लेवर्स का इस्तेमाल किया गया है। इससे पुरुषों में केार्टीसोल लेवल कम पाया गया। नेशनल हेल्थ एनएचडी (न्यूट्रीटिव हेल्थ ड्रिंक) केाटीसोल के स्तर को कम करने में उत्तम है। इनकी इस उपलब्धि पर वि.वि. के डाॅ.सी.के.टेकचंदानी,डाॅ.राजेश मिश्रा, और अन्य फैकल्टीज ने बधाई दी है।

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It is no denying the fact that the top most companies of India have organized the campus drive in AKS University, and have selected the students from various streams. In this series, KJS cement, one of the fast growing industries made its presence in AKS University with a campus placement drive, in which 125 students from AKS University, Rajiv Gandhi College and Rajiv Gandhi Computer College participated. Informing about it, MK Pandey, Director T& P told that the campus drive had the three steps: written test, technical round and face to face interview. At the end of the drive, two students were selected, who will be occupying the position of Quality Controller with salary package of two lacks/annum. “Selected students will be posted in Satna and Maihar region” he further informed.”

 

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सतना-एकेएस वि.वि. सतना में कृषि तकनीकी प्रबंधन अभिकरण,सतना एवं एकेएस वि.वि. के संयुक्त तत्वावधान में कृषि विस्तार सेवाओं के आदान विक्रेताओं के लिए डिप्लोमा प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन जी.पी. प्रजापति, संचालक राज्य कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण संस्थान म.प्र. भोपाल की उपस्थिति में गरिमामय तरीके से किया गया।
इन विशिष्टजनों ने किया सभागार को संबोधित
मि. प्रजापति ने डिप्लोमा प्रशिक्षण संस्थान के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि एकेएस वि.वि. को प्रशिक्षण सेंटर के रूप में चयनित करने के पूर्व वि.वि. में उपस्थित संसाधनों पर गौर किया गया। वि.वि. के एग्रीकल्चर संकाय में कृषि विशेषज्ञों की बड़ी तादाद है, ऐसे में म.प्र. शासन की मंशानुरूप लायसेंसधारी डीलर्स के लिये एक वर्षीय डिप्लोमा प्रशिक्षण कार्यक्रम का केन्द्र एकेएस वि.वि. को चुना गया है। उन्होंने डिप्लोमा सेंटर बनने के लिये वि.वि. प्रबंधन को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण पूर्व में कृषि विज्ञान केन्द्र मझगवाँ में स्थापित था। एकेएस वि.वि. में प्रशिक्षण बेहतर होगा और प्रशिक्षण की गंभीरता भी होगी जिसकी मानीटरिंग परियोजना संचालक कृषि करेंगे। पहले बैच में 40 लायसेंसधारी डीलर्स उपस्थित होंगे, इन्हें सप्ताह में एक दिन प्रशिक्षण के लिये आना होगा। फील्ड विजिट के साथ साथ किसानों की मदद कैसे करें इसका भी प्रशिक्षण डीलर्स को प्रदान किया जायेगा। इसके अतिरिक्त स्ववित्तीय व्यवस्था में भी भविष्य में एकेएस वि.वि. में डिप्लोमा सेंटर शासन के अधीन स्थापित होगा। प्रशिक्षण के अंत में ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट प्रदान किया जायेगा। कार्यक्रम में आर.एन. शर्मा, उप संचालक कृषि, सह परियोजना संचालक आत्मा ने बताया कि कृषि आदान विक्रेता के डिप्लोमा कोर्स के लिये सहकारी एवं निजी पंजीयन विक्रेता रजिस्टर्ड हैं।डिप्लोमा कार्यक्रम में बीज, खाद, सिंचाई यंत्र, कीटनाशक और नवीन एग्रीकल्चर टेक्नालाॅजी की जानकारी प्रदान की जायेगी। सही जानकारी प्रदान करने के लिये डिप्लोमा कोर्स प्रभावी होगा। उन्होंने कहा कि खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिये कृषि आदान विक्रेताओं को कार्य को मिशन की तरह लेना होगा।
डाॅ.हर्षवर्धन ने किया म.प्र. शासन एवं मोहनलाल मीणा का आभार व्यक्त
डाॅ. हर्षवर्धन ने बतलाया कि इस कार्यक्रम को स्वीकृति प्रदान करने में म.प्र. शासन एवं मोहनलाल मीणा,आईएएस,संचालक,किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग का विशेष धन्यवाद प्रतिकुलपति ने ज्ञापित किया। उन्होने कहा कि वि.वि.कृषि के अन्य रिफ्रेशर कोर्सेस भी संचालित करना चाहता है और इसके लिये वि.वि. के पास पर्याप्त संसाधन हैं। प्रतिकुलपति डाॅ. त्रिपाठी ने कहा कि कृषि से संबंधित सभी जानकारी और उनका समाधान वि.वि. से पत्रोत्तर द्वारा भी प्राप्त किया जा सकता है। इस कोर्स के दौरान कृषि को तकनीकी से जोड़ा जायेगा। अनंत सोनी, वि.वि. के चेयरमैन ने उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा कि किसान आपके विश्वास पर जीता है। धर्मपूर्वक किसान की जरूरत को समझिये और वि.वि. की भरसक कोशिश होगी कि यह डिप्लोमा कोर्स पूरे म.प्र. के लिये एक माडल डिप्लोमा कोर्स बने जिसका अनुसरण किया जाय। वि.वि. के कुलपति प्रो. पारितोष के. बनिक का कहना था कि कोर्स का माड्यूल तैयार होना चाहिये और यह डिप्लोमा कोर्स वि.वि. के लिये अहम है जिसमें प्रशिक्षणार्थियों को पूरी तरह से दक्ष किया जायेगा। कार्यक्रम के दौरान वि.वि. के कुलपति और चेयरमैन द्वारा मुख्य अतिथि जी.पी. प्रजापति का शाल, श्रीफल एवं स्मृतिचिन्ह से स्वागत किया गया। इस मौके पर डाॅ. आर.एस. तोमर ने कार्यक्रम की रूपरेखा के साथ अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के अंत में डाॅ. आर.एस. पाठक ने सभी उपस्थितजनों का आभार व्यक्त किया।
इन महानुभावों की उपस्थिति रही उल्लेखनीय
कार्यक्रम का संचालन ओ.एस.डी. प्रो. आर.एन. त्रिपाठी ने किया। आत्मा के पूर्व उपसंचालक एवं फैसिलिटेटर मि. त्रिपाठी, डायरेक्टर अवनीश सोनी, डाॅ. नीरज वर्मा, डाॅ. नंदराम, डाॅ. त्रिभुवन सिंह, अभिषेक सिंह के साथ सतना अंचल के सैकड़ों इनपुट डीलर्स की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
ऐसे हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ-म.प्र.गान के ओज से गर्वित हुए चेहरे
डिप्लोमा कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की अराधना के पश्चात दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण करके किया गया तत्पश्चात संगीत की धुनों के बीच मध्यप्रदेश गान से कार्यक्रम की गरिमा में चार चांद लगे और अतिथियों का स्वागत माल्यार्पण से किया गया।डिप्लोमा कोर्स का आरंभ 3 दिसम्बर से प्रारंभ होगा जो वि.वि. के ए ब्लाॅक में सी-7 सभागार में चलेगा।

 

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b2ap3_thumbnail_kjs_20171202-091917_1.JPG                                                                                                                                    सतना। विंध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस विश्वविद्यालय में ख्याति के अनुरूप भारत वर्ष की सभी प्रतिष्ठित कम्पनियां प्लेसमेंट के लिए नियमित रूप से कैम्पस का आयोजन करके विभिन्न संकाय के विद्यार्थियों का चयन कर रही है। इसी कड़ी में सीमेंन्ट इंडस्ट्री मे तेजी से उभरते नाम केजेएस के एचआर मैनेजर ने कैम्पस का आयोजन किया। एकेएस विश्वविद्यालय,राजीव गाॅधी कम्प्यूटर काॅलेज एवं राजीव गाॅधी काॅलेज के एमएससी एवं बीएससी पासआउट विद्यार्थियों ने कैम्पस में पार्टिसिपेट किया। कैम्पस के दौरान 125 छात्रों ने सहभागिता दर्ज कराई। इनमे से छात्रों का चयन क्वालिटी कन्ट्रोलर के रुप मे कंपनी द्वारा किया जाएगा। क्वालिटी कन्ट्रोलर पद के चयन के लिए विषय पर चर्चा, लिखित परीक्षा, टेक्निकल परीक्षा,एचआर राउण्ड वन-टू-वन डिस्कसन किया गया। विद्यार्थियों का सेलरी पैकेज दो लाख पर एनम तय किया गया है। चयनित छात्रों का वर्कफील्ड सतना, मैहर रहेगा। चयनित छात्र दो लाख पर एनम के पैकेज पर कार्य करेंगें।

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b2ap3_thumbnail_ct1.JPGb2ap3_thumbnail_ct2.JPGb2ap3_thumbnail_ct3.JPG                    सतना, शुक्रवार। एकऐस विश्वविद्यालय,सतना के सभागार में ड्यूरेबल कांक्रीट मेकिंग प्रैक्टिसेस विषय पर अल्ट्राटेक सीमेन्ट में कार्यरत 15 इंजीनियर्स को एकेएस वि.वि. के सीमेन्ट टेक्नालाॅजी विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। पहले दिन थ्योरेटिकल क्लासेस के बाद ड्यूरेबल कांक्रीट मेकिंग पद्धति पर प्रैक्टिकल परफार्म करवाये गये। इंजीनियर्स ने खुद कांक्रीट निर्माण किया और इसकी उपयोगिता समझी। स्लैम्प टेस्ट, जिसके द्वारा यह समझा गया कि कांक्रीट निर्माण के समय कितने पानी का इस्तेमाल करना है। एग्रीगेट टेस्टिंग में सैंड, सिल्ट के व्यवहार को समझा गया। टेक्नोमार्केटिंग के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए असिस्टेंट प्रोफेसर सीमेंट टेक्नालाॅजी मि. बी.के. सिंह ने इंजीनियरों को प्रैक्टिकल परफार्म करवाकर विषय की मूल जानकारी दी। अल्ट्राटेक सीमेन्ट में कार्यरत एप्लीकेशन इंजीनिर्स के प्रशिक्षण कार्यक्रम के डायरेक्टर डाॅ. जी.सी. मिश्रा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का सम्पूर्ण विषय रेखांकित किया। कार्यक्रम के कोआर्डिनेटर डाॅ. के.एन. भट्टाचार्य रहे जबकि असिस्टेंट कोआर्डिनेटर मि. बी.के. सिंह रहे। प्रशिक्षण कार्यक्रम की अवधि दो दिन की रही। इस बावत इंजीनियर्स का कहना था कि प्रशिक्षण कार्यक्रम जानकारीपूर्ण, रुचिपूर्ण और विविधतापूर्ण रहा जिसमें कांक्रीट मेकिंग की बेहतर तकनीक से परिचित कराया गया। उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व प्रिज्म सीमेन्ट में सफलतापूर्वक वि.वि. के फैकल्टीज जिनका अनुभव सीमेन्ट टेक्नालाॅजी के क्षेत्र में 30 वर्षों से ज्यादा का है उन्होंने और भी प्रशिक्षण कार्यक्रमों में इंजीनियर्स को प्रशिक्षित किया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफलतापूर्वक आयोजन के बाद वि.वि. प्रबंधन ने सीमेंन्ट टेक्नाॅलाॅजी विभाग को भविष्य के सफल प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए शुभकामनाऐं दीं हैं।

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