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एकेएस के एमएससी रसायन विज्ञान के छात्र सत्यम चौरसिया को ल्यूपिन फार्मास्युटिकल कंपनी में मिला पद।         अनुसंधान और विकास विभाग में केमिस्ट ट्रेनी के रूप में करेंगे कार्य।   सतना। एकेएस के एमएससी रसायन विज्ञान के छात्र सत्यम चौरसिया को ल्यूपिन फार्मास्युटिकल कंपनी में  कार्य करने का मौका मिला है।वह        अनुसंधान और विकास विभाग में केमिस्ट ट्रेनी के रूप में कार्य करेंगे । उनकी इस उपलब्धि पर बेसिक साइंस के डीन प्रो.आर.एस. निगम ने खुशी जताई है। केमिस्ट्री विभागाध्यक्ष डॉ.शैलेन्द्र यादव समन्वयक डॉ. दिनेश मिश्र,डॉ.समित कुमार,डॉ. मनोज कुमार शर्मा,डॉ.सुषमा सिंह, नाहिद उस्मानी,कान्हा सिंह तिवारी, दिनेश वाल्मिकी और सुंदरम खरे ने उन्हें बधाई देते हुए अग्रिम शुभकामनाएं भी प्रेषित की हैं। विद्यालय प्रबंधन ने छात्र की सफलता पर खुशी व्यक्त की है।

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एकेएस फैकल्टी विनय द्विवेदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर एफडीपी में किया पार्टिसिपेट।
 
सतना।कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रो. विनय कुमार द्विवेदी ने पायथन का उपयोग करके मेडिकल इमेज विश्लेषण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर एक सप्ताह की एफडीपी में भाग लिया। यह एफडीपी सीएमआर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बेंगलुरु  में आयोजित किया गया था। एफडीपी भारत भर के विभिन्न प्रोफेसरों के कई विषयों को कवर करता है।यह एफडीपी डीप लर्निंग का उपयोग करके मेडिकल डोमेन के बारे में सीखने में बहुत उपयोगी था, साथ ही मेडिकल इमेज विश्लेषण के लिए पाई  टॉर्च  का उपयोग करके डीप लर्निंग, पाइथन  का उपयोग करके इमेज वर्गीकरण के लिए मशीन लर्निंग, और एमआरआई से डीप लर्निंग इनसाइट्स का उपयोग करके मेडिकल इमेज का कंप्यूटर निदान जैसे विभिन्न विषयों के बारे में सीखने में बहुत उपयोगी था।  संज्ञानात्मक हानि, अल्जाइमर आदि के लिए वैकल्पिक बायोमार्कर की खोज पर डॉ.जी.के.प्रधान, इंजीनियरिंग डीन और डॉ.अखिलेश ए.वाउ, एसोसिएटेड डीन और हेड सीएस/आईटी ने इस एफडीपी में सहभागिता  के लिए विनय द्विवेदी को बधाई दी है।
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तीज के उपलक्ष में मेहंदी प्रतियोगिता शिक्षा विभाग में। सतना । एकेएस विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में 16 सितंबर को मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । यह कार्यक्रम तीज के उपलक्ष्य में स्टूडेंट्स के लिए प्रतियोगिता की तरह हुआ। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि  श्रीमती साधना सोनी,श्रीमती आरती सोनी और श्रीमती ज्योति सिंह सोनी रही। प्रतियोगिता में  छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया । जिसमें प्रथम स्थान पर एमएससी बायोटेक विभाग से प्रेरणा सिंह,द्वितीय स्थान पर एमएससी कंप्यूटर साइंस विभाग से प्रतिभा कुशवाहा, तृतीय स्थान पर बीटेक से श्रुति राज, चौथे स्थान पर बीटेक सीएसई से स्वेच्छा सोनी और पांचवें स्थान पर शिवानी सोनी रही । इस मौके पर श्रीमती साधना सोनी जी ने कहा की मेहंदी प्रतियोगिता से छात्राओं की क्रियाशीलता सृजनात्मक, एकाग्रता एवं मिलकर कार्य करने की क्षमता का विकास होता है । श्रीमती आरती सोनी जी ने छात्राओं से बातचीत करते हुए उनकी मेहंदी के डिजाइनों पर चर्चा की और उनका उत्साह वर्धन किया। विजेताओं को उन्होंने और बेहतर कार्य करने की टिप्स भी प्रदान की। श्रीमती ज्योति सोनी ने प्रतिभागियों का उत्साह बढ़ाया उन्होंने कहा की सभी ने बहुत ही अच्छा कार्य किया है विजेताओं के सम्मान के दौरान डॉ. शिखा त्रिपाठी ने कहा की मेहंदी जिसे हिना भी कहते हैं दक्षिण एशिया में प्रयोग किए जाने वाला शरीर को सजाने का एक साधन होता है इसे हाथों,पैरों बाजू आदि पर लगाया जाता है 1990 के दशकों से यह पश्चिमी देशों में भी चलन में आया है। मेहंदी का प्रचलन आज के इस नए युग में ही नहीं बल्कि काफी समय पहले से हो रहा है। वहीं छात्राओं ने बताया की मेहंदी का रंग गहरा करने के लिए उन्होंने मेहंदी पर नींबू पानी का रस और शक्कर लगाया ।फिर इसके बाद तवे पर कुछ लौंग गर्म किया और लौंग से निकलने वाले धुएं से हाथों को वेपर भी दिलवाया। अव्वल स्थान पर रही विजेता स्टूडेंट ने बताया की मेहंदी लगाने से पहले हाथों को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए और निलगिरी या मेहंदी का तेल जरूर लगाना चाहिए ।मेहंदी को आप जितना अधिक समय हाथों में लगाकर रख सकते हैं रखें। कम से कम 5 घंटे मेहंदी लगी रहने से इसका रंग अच्छा आता है द्वितीय स्थान पर रही छात्र ने बताया की मेहंदी का रंग गाढ़ा करने के लिए एक बहुत अच्छा तरीका है जब आप मेहंदी लगवाते हैं उसके बाद उसे हल्का सूखने दें और फिर किसी कंबल या रजाई से मेहंदी को ढक दें अगर रात के समय मेहंदी लग रही है तो सबसे अच्छा तरीका है की रजाई ओढ़ कर सो जाएं।  गर्माहट से मेहंदी का रंग गहरा होगा। प्रतिभागियों का उत्साह वर्धन करने हेतु विश्वविद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाएं भी उपस्थित रही। कार्यक्रम के आयोजन में शिक्षा विभाग से नीरू सिंह डॉ. शिखा त्रिपाठी, डॉ.कल्पना मिश्रा,सीमा द्विवेदी,नीता सिंह गहरवार,पूर्णिमा सिंह, डॉ.आर.एस.मिश्रा, विभाग अध्यक्ष शिक्षा विभाग डॉ. सानंद कुमार गौतम, डॉ भगवान दीन पटेल और अमीर हसीब सिद्दीकी उपस्थित रहे।

 

 
 
 
 
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एकेएस में विश्व फिजियोथेरेपी दिवस मनाया गया                  सतना।  एकेएस विश्वविद्यालय के केन्द्रीय सभागार में विश्व फिजियोथेरेपी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों द्वारा फिजियोथेरेपी का महत्व बच्चो को बताया गया और कैसे मानव जीवन मैं इसका महत्व है इस कार्यक्रम में छात्रों ने लघु नाटक की मनमोहक प्रस्तुति देकर फिजियोथेरेपी के उपयोग सभागार मैं प्रदर्शित किए। कार्यक्रम में  लाइफ साइंस संकाय के डीन प्रोफेसर जी.पी. रिछारिया,एसोसिएट डीन  प्रोफेसर डॉ. कमलेश चौरे, विभागाध्यक्ष डा. अनिल कुमार मिश्रा, विशिष्ट अथिति डॉ. तोषण सिंह,डॉ.मोहम्मदी अशरफ, विश्वविद्यालय  के पैरामेडिकल विभाग से डॉ. बी.के. पटेल, डॉ. शैलेंद्र तिवारी ,डॉ. पूनम ,अमित द्विवेदी , रहमान , ब्रजनंदन सिंह, शैलेश साकेत ,अख्तर अली ने इसकी प्रासंगिकता पर अपने विचार रखते हुए फिजियोथैरेपी डे की शुरुआत, इसके महत्व और उसके ऐतिहासिक संदर्भों को रेखांकित किया और छात्रों को कई जानकारियां से रूबरू कराया।कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों को मोमेंटो देकर सम्मानित करते हुए आभार प्रदर्शित किया गया

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चंद्रयान मिशन में शामिल सतना के सपूत ओम पांडे ने एकेएस के छात्रों से किया संवाद। ज़िद, जज्बा और जुनून हो तो कोई भी मुकाम मुश्किल नहीं ,ओम पांडे। सतना। एकेएस विश्वविद्यालय, सतना के सभागार में चंद्रयान मिशन में शामिल सतना के रैगांव क्षेत्र के करसरा गांव के निवासी मध्यम वर्गीय परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाले ओम पांडे ने  इंजीनियरिंग और अन्य संकाय के छात्रों के साथ संवाद किया। उन्होंने छात्रों को मोटिवेट करते हुए कहा की ज़िद, जज्बा और जुनून हो तो कोई भी मुकाम मुश्किल नहीं। आपका बैकग्राउंड आपके विकास में आड़े नहीं आता, सपने उन्हीं के पूरे होते हैं जिनके सपनों में जान होती है। अनुशासित जीवन से ही उन्हें यह मुकाम हासिल हुआ है। कक्षा 8 तक उन्होंने गांव के स्कूल में अभावों के बीच शिक्षा ग्रहण की, लेकिन आगे बढ़ाने की ललक और तड़प ने उन्हें सोने नहीं दिया। कक्षा 12 एक्सीलेंस स्कूल से 85% अंकों के साथ उत्तीर्ण की और स्कॉलरशिप भी मिली जिससे उन्हें रोशनी की किरणें दिखाई दी। सफर चलता रहा। उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग  पूर्ण की ।गेट एग्जाम क्लियर करने के बाद आईआईटी कानपुर में उन्होंने दाखिला लिया। छात्रों को संबोधित करते हुए ओम पांडे जी ने कहा की जब आपका मन यह कहता है कि आप कर सकते हो तो आप निश्चित रूप से कर सकते हो। उन्होंने खेलों के महत्व, व्यक्तित्व और एटिकेट्स पर भी छात्रों को अधिक से अधिक सीखने की सलाह दी।उज्जैन कॉलेज में उन्होंने कुछ समय तक टीचिंग भी की बाद में ऑल इंडिया टेस्ट में भाग लेकर 2018 में बतौर साइंटिस्ट सी कैटिगरी उन्हें इसरो में कार्य करने का मौका प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष मिशन बहुत बड़ा मिशन होता है , जिसमें हजारों लोग शामिल होते हैं जब वैज्ञानिकों के लिए मंदिरों में हवन, पूजन होते हैं, लोग उनके लिए प्रार्थना करते हुए मिलते हैं तो उत्साह बढ़ता है ,यह अपना कार्य नहीं होता ,बल्कि देश का काम होता है। भारत मां का काम होता है और चंद्रमा के साउथ पोल पर जाने वाला भारत पहला देश बना यह हम सब के लिए गर्व के बहुत बड़े पल थे। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों में देश के गांव तक जागरूकता पहुंची है इसी के साथ उन्होंने L1 मिशन, आदित्य, गगनयान मिशन के साथ स्टूडेंट्स को इसरो में प्रवेश के माध्यम भी बताएं। स्टूडेंट की उत्सुकताओं के जवाब भी उन्होंने दिए। सम्मान से अभिभूत ओम पांडे ने कहा की आज से 10,15 वर्ष पहले एकेएस जैसा विशिष्ट संस्थान नहीं था ।अब आप सबके पास सुविधाओं और संस्थान की भरमार है। मुक्त आकाश आपके लिए खुला हुआ है ।आप जो सपना देखेंगे वह पूरा होगा यह तकनीकी के माध्यम से हुआ है। ओम पांडे का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर अनंत कुमार सोनी ने कहा कि टेक्नोलॉजिकल पहलू से हम तकनीकी के चरम पर हैं ।चंद्रयान इसी की एक बड़ी कड़ी है। प्रोफेसर बी.ए.चोपड़े ने कहा की 21वीं सदी की सबसे बड़ी उपलब्धि भारत के लिए चंद्रयान मिशन है। उन्होंने डॉ. होमी भाभा डॉ. विक्रम साराभाई और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के स्पेस मिशन के क्षेत्र में किए गए कार्यों को मुक्त कंठ से सराहा। कार्यक्रम में एकेएस विश्वविद्यालय के सभी संकाय के डीन, डायरेक्टर, फैकल्टी मेंबर्स उपस्थित रहे।

 

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अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी ने महाराष्ट्र प्लांट के लिए चयनित किया  सूर्यमान और वीरेंद्र को, एकेएस विश्वविद्यालय डिप्लोमा सीमेंट 2023 के छात्रों को अच्छे पैकेज पर कार्य अवसर।      सतना। हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स ब्रिटिश पार्लियामेंट में सोल ऑफ़ इंडिया अवार्ड 2023 प्राप्तऔर आउटलुक सर्वे 2022 में इंडिया' की बेस्ट प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में 25th रैंक के लिए चयनित हुई एकेएस विश्वविद्यालय,सतना के डिप्लोमा सीमेंट टेक्नोलॉजी 2023 बैच के दो छात्रों को महाराष्ट्र में कार्य का अवसर मिला है । इनका चयन ट्रेनी इंजीनियर के पद पर किया गया है। अच्छे पैकेज पर चयन होने के बाद दोनों छात्रों ने बताया की ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर बालेंद्र विश्वकर्मा के मार्गदर्शन में उन्हें कंपनी के द्वारा आयोजित कैंपस सिलेक्शन में भाग लेने का मौका मिला ।इस दौरान उन्हें  रिटन टेस्ट और इंटरव्यू के बाद कंपनी के एचआर मैनेजर ने चयनित किया ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर बालेंद्र विश्वकर्मा ने बताया की अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड में सीमेंट टेक्नोलॉजी संकाय के कई छात्र पूर्व से ही कार्यरत है । सूर्यमाम सिंह और वीरेंद्र कुमार सिंह को उन्होंने चयन पर बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। एकेएस विश्वविद्यालय के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी और सीमेंट टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर प्रोफेसर जी.सी.मिश्रा ने दोनों छात्रों के चयन पर खुशी व्यक्त की है।

 

 
 
 
 
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कृषि आदान विक्रेताओं का डिप्लोमा कार्यक्रम
सतना। राष्ट्रीय कृषि प्रसार संस्थान, मैनेज,हैदराबाद एवं कृषि विस्तार प्रशिक्षण संस्थान सिएट, भोपाल के निर्देशन एवं वित्तीय सहयोग से कृषि आदान विक्रेताओं के लिए एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स का संचालन नोडल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट एकेएस विश्वविद्यालय सतना द्वारा किया जा रहा है वर्तमान में जिले के 40 ऐसे बीज, उर्वरक एवं कीटनाशक विक्रेता जिनके पास आवश्यक योग्यता नहीं थी इनके लिए प्रत्येक रविवार को मैनेज द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार नियमित कक्षाओं का संचालन 05 नवम्बर 2022 से किया जा रहा है।देसी डिप्लोमा के लिए 40 कक्षाएं एवं 08 प्रक्षेत्र भ्रमण का प्रावधान,
पाठ्यक्रम के अनुसार अब तक 36 रविवार को 72 क्लासरूम सेशन एवं 06 प्रक्षेत्र भ्रमण के साथ 12 कृषि एवं उससे संबंधित तकनीकों जैसे सम्भागीय कृषि यंत्री संस्थान एवं एग्रो सर्विस सेंटर सतना, कस्टम हायरिंग सेंटर, एकेएस विश्वविद्यालय में स्थापित ऑटोमेटिक मौसम वेधशाला एवं मृदा परीक्षण प्रयोगशाला के साथ ही नेट हाउस, पाली हाउस तकनीकी, शासकीय कृषि प्रक्षेत्र गहवरा फ़ार्म पर फसल उत्पादन एवं सीड प्रोसेसिंग यूनिट, दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट के प्रकल्प आरोग्यधाम में हर्बल गार्डन, सीढ़ीनुमा खेती-बाड़ी पद्धति, गौशाला, कृषि विज्ञान केन्द्र मझगवां परिसर में विकसित कृषि टेक्नोलॉजी पार्क, हाईटेक नर्सरी, बहुमंजिली खेती पद्धति, वर्षा जल प्रबंधन तकनीकी का शैक्षणिक भ्रमण कराया गया। 
होती रही परीक्षाएं एवं क्विज
मैनेज द्वारा निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार मुख्य परीक्षा से पूर्व 4 क्विज एवं 01 मध्यावधि मिड टर्म मूल्यांकन के प्रावधान के अनुपालन में अब तक 03 क्विज एवं 1 मिड टर्म मूल्यांकन का कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया है। 
सभी आदान विक्रेता अपने व्यवसाय के साथ ही साथ प्रत्येक रविवार को समय से नोडल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट एकेएस विश्वविद्यालय में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए रिसोर्स पर्सन द्वारा बताए एवं पढ़ाए जा रहे विषयों की जानकारी अर्जित करते हुए अपनी अपनी जिज्ञासा का समाधान भी प्राप्त कर रहे हैं।
प्रारंभ में आदान विक्रेता इस डिप्लोमा कार्यक्रम को औपचारिकता ही समझ रहे थे किन्तु जैसे-जैसे रिसोर्स पर्सन द्वारा विषयों की आकर्षक प्रस्तुति एवं फील्ड विजिट के दौरान विकसित एवं उन्नत कृषि तकनीकों के साथ ही अभिनव प्रयोगों का प्रत्यक्ष दर्शन हुआ, रुचि बढ़ती चली गई।
देसी डिप्लोमा तृतीय बैच के फैसिलिटेटर कृषि वैज्ञानिक डा. वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि 48 सप्ताह के कोर्स में आज हमने सफलतापूर्वक 42 सप्ताह सार्थक पूर्ण किए हैं। 
इनका योगदान रहा सराहनीय
डिप्लोमा कार्यक्रम के फैसिलिटेटर सेवानिवृत्त वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ वेद प्रकाश सिंह की मानें तो नोडल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट द्वारा सभी प्रकार की सुविधाओं से युक्त क्लास रूम के साथ ही योग्य एवं अनुभवी प्रोफ़ेसर एवं विषय विशेषज्ञ जो विषय की आकर्षक प्रस्तुति के साथ आदान विक्रेताओं की जिज्ञासा का समाधान प्रभावी ढंग से कर रहे हैं। पाठ्यक्रम के प्रभावी संचालन में विश्व विद्यालय के चेयरमैन अनंत सोनी, डायरेक्टर रिसर्च डॉ एसएस तोमर, विभागाध्यक्ष डॉ नीरज वर्मा, संचालक "सिएट" भोपाल के पी अहरवाल, परियोजना संचालक आत्मा, सतना राजेश त्रिपाठी तथा नोडल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट से समन्वयक राजवीर सिंह का योगदान सराहनीय रहा है।
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एकेएस विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट संकाय के 39 छात्रों का चयन सेफ एक्सप्रेस में।      बिजनेस ऑपरेशन एग्जीक्यूटिव के रूप में करेंगे कार्य।         सतना, एकेएस विश्वविद्यालय में केंपस ड्राइव के माध्यम से छात्रों के चयन का सिलसिला निरंतर जारी है इसी कड़ी में सतना के मैनेजमेंट संकाय के 39 छात्रों का चयन देश की नामी गिरामी कंपनी सेफ एक्सप्रेस में किया गया है । सेफ एक्सप्रेस विश्व स्तरीय दक्षता के साथ सबसे अच्छी गुणवत्ता सेवा प्रदान करती है इसी के साथ वेबसाइट एक विस्तृत सेफ एक्सप्रेस ऑनलाइन ट्रैकिंग सेवा प्रदान करती है। दैनिक छात्रों में 36 विद्यार्थी लॉजिस्टिक्स एंड सप्लाई चैन मैनेजमेंट से हैं जबकि तीन विद्यार्थी एमबीए के हैं इनका चयन बतौर बिजनेस ऑपरेशन एग्जीक्यूटिव किया गया है। एसोसिएट डीन और मैनेजमेंट संकाय के विभाग अध्यक्ष डॉ. कौशिक मुखर्जी की पहल पर सेफ एक्सप्रेस ने एकेएस विश्वविद्यालय में केंपस ड्राइव का आयोजन किया, जिसमें एमबीए लॉजिस्टिक्स और मैनेजमेंट के अन्य संकाय के छात्रों ने सहभागिता दर्ज कराई इनका चयन तीन चरणों की चरणबद्ध प्रक्रिया के बाद हुआ। सबसे पहले छात्रों का रिटन टेस्ट लिया गया ।इसके पश्चात ग्रुप डिस्कशन हुआ और शॉर्ट लिस्ट स्टूडेंट्स का इंटरव्यू लिया गया। बड़े पैमाने पर छात्रों का सेफ एक्सप्रेस में चयन होने से विश्वविद्यालय में हर्ष का माहौल है। सेफ एक्सप्रेस के एचआर मैनेजर ने बताया की भारत में विश्व स्तरीय वेयरहाउसिंग समर्थन के साथ सबसे अच्छी आपूर्ति श्रृंखला और लॉजिस्टिक ब्रांडों में से एक है सेफ एक्सप्रेस सेफ एक्सप्रेस ट्रैकिंग सेवा सबसे अच्छी गुणवत्ता की भी है कंपनी रसद और श्रृंखला आपूर्ति सेवाओं में सर्वश्रेष्ठ में से एक है इसकी ग्राहक सेवा बहुत ही पेशेवर है कंपनी कूरियर संपर्क नंबर का उपयोग करके ग्राहक उनके ऑर्डर को ट्रैक कर सकते हैं जब यह उन तक पहुंचने वाला है। मुकेश विश्वविद्यालय के चयनित छात्रों को प्रतिभाशाली करार देते हुए उन्होंने बताया कि इनका चयन पन इंडिया के लिए किया गया है इन्हें 3 लाख पर एनम के साथ अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाएगी भविष्य में इन्हें प्रमोशन के अनेक अवसर भी प्राप्त होंगे।सेफ एक्सप्रेस डाटा के माध्यम से सिक्योर डिलीवरी के लिए जानी जाती है। एकेएस विश्वविद्यालय के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी, कुलपति प्रोफेसर बी.ए. चोपडे और मैनेजमेंट संकाय के समस्त  फैकल्टी ने चयनित छात्रों को शुभकामनाएं प्रदान की हैं।

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वायरस बीमारियों  पर बायोटेक विभाग में आयोजित हुआ रंगोली मेकिंग कंपटीशन। तीन विजेता प्रतिभागी राज्य स्तर पर करेंगे विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व।                        
सतना। एकेएस विश्वविद्यालय, सतना के बायोटेक विभाग के संयोजकत्व में रंगोली मेकिंग कंपटीशन का वृहद आयोजन किया गया। इसकी थीम "वायरल डिजीज" हैं ।जिस पर वैज्ञानिक तरीके से स्टूडेंट्स ने रंगोली कंपटीशन में अपनी कला का परिचय देते हुए उत्कृष्ट रंग भरे हैं। कार्यक्रम की कोऑर्डिनेटर डॉ. अश्वनी ए. वाउ रहीं और कार्यक्रम के जज डॉ नीरज वर्मा, डॉ महेंद्र तिवारी और नीरू सिंह रहें। इस रंगोली कंपटीशन में डिपार्टमेंट आफ फूड टेक्नोलॉजी, डिपार्टमेंट ऑफ़ पैरामेडिकल साइंस, डिपार्टमेंट ऑफ़ फार्मेसी और डिपार्टमेंट ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी के छात्र-छात्राएं अपना हुनर दिखा रहे हैं। जजेज ने फर्स्ट प्राइज अव्वल नंबर के लिए ग्रुप 5 एकता ग्रुप ,एकता गुप्ता ,साक्षी सिंह और ईशा कश्यप का चयन किया। जबकि दूसरे नंबर के लिए दीपांजलि सोनी ,संजना सोनी, और गरिमा सोनी। दूसरे ही नंबर के लिए आंचल सोनी ,सरस्वती पांडे ,अनामिका पांडे । तीसरे विजेता के रूप में अमृता वर्मा, आकाश सोनी , शिवानी पटेल और तीसरे ही नंबर के लिए काजल दहायत, सपना और श्वेता श्रीवास्तव का चयन किया गया। माइक्रोबायोलॉजी सोसाइटी ऑफ इंडिया के कार्यक्रम की संयोजक डॉ. अश्विनी ने बताया कि प्रतियोगिता के तीन अव्वल विजेता राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में एकेएस विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करेंगे। रंगोली मेकिंग प्रक्रिया के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल प्रतिबंधित किया गया और एक रंगोली मेकिंग में तीन प्रतिभागी शामिल हुए। रंगोली प्रतियोगिता के लिए 2 घंटे का समय निश्चित किया गया।सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। इसकी क्षेत्रीय कोऑर्डिनेटर डॉक्टर अश्विनी ए.है। कार्यक्रम के लिए बायोटेक विभाग के डीन प्रोफेसर जी.पी. रिछारिया और विभाग अध्यक्ष डॉ. कमलेश चौरे ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं प्रदान की। इस कार्यक्रम में प्रो चांसलर श्री अनंत सोनी, कुलपति डा.बी.ए. चोपड़े, प्रोफेसर आर.एस. त्रिपाठी डा. हर्षवर्धन ने अपनी मौजूदगी से विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ाया। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों से फैकल्टी मौजूद रहे और विद्यार्थियों का उत्साह वर्धन किया। बायोटेक विभाग से प्रो. दीपक मिश्रा, पारस कोशे, धीरेंद्र मिश्रा, पियूष कांत राय, वीरेंद्र पांडे,कीर्ति समदरिया,मोनिका सोनी,प्रिया द्विवेदी,शिल्पी सिंह, विवेक अग्निहोत्री,लक्ष्मण सोनी कार्यक्रम में मौजूद रहे।
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एकेएस यूनिवर्सिटी के तत्वाधान मैं  पेप्टेक सिटी,सतना में तीन दिन का निशुल्क फिजियोथेरेपी  कैंप ।                             दिनाँक 20 अगस्त से एकेएस विश्वविद्यालय के तत्वाधान में पेप्टेक सिटी सतना मैं तीन दिन का निशुल्क फिजियोथेरेपी  कैंप का शुभारंभ कुलपति बी.ए.चोपड़े के द्वारा किया गया।  फिजियोथेरेपी कैंप मे विभिन्न प्रकार के मरीजो का इलाज फिजियोथेरेपी की मदद से किया गया। कैंप मैं विषय संबंधित डॉक्टर उपस्थित रहे। जिसमे डॉ.अनिल कुमार मिश्रा,
 डॉ.बी.के. पटेल, डॉ.पूनम सिंघारिया,डॉ.शैलेंद्र तिवारी
एवं टीम उपस्थित रही।
ये कैंप तीन दिन तक चलेगा जो 20 अगस्त से 22 अगस्त तक निर्धारित है। जिसमें रोगों का फिजियोथेरेपी द्वारा इलाज विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टीम के द्वारा किया जा रहा है। कैंप में लगातार रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं और तीन दिन के बाद भी मरीजों को रोग के अनुसार फिजियोथैरेपी की सुविधा प्रदान की जाएगी। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने विभाग को इस पुनीत कार्य के लिए शुभकामनाएं दी है। शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान फैकेल्टी अनिल मित्तल और डॉ अश्विनी वाउ के साथ विश्वविद्यालय के कई अन्य फैकल्टी भी उपस्थित रहे।
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सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान के हैंड्स आन ट्रेनिंग  प्रोग्राम में एकेएस की दो फैकल्टीज शामिल।              दुर्गेश कुमारी गुप्ता और नीलम सिंह ,राजीव गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मेसी एकेएस यूनिवर्सिटी सतना की फैकल्टीज            सतना। राजीव गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मेसी, एकेएस यूनिवर्सिटी सतना की फैकल्टीज    दुर्गेश और नीलम ने फॉर्मूलेशन एंड कैरक्टराइजेशन टेक्निक इन ड्रग डिलीवरी पर 31 जुलाई से 6 अगस्त तक हैंडस आन ट्रेनिंग प्रोग्राम में हिस्सा लिया ।यह ट्रेनिंग प्रोग्राम डिपार्टमेंट ऑफ फार्मेसी, स्कूल ऑफ केमिकल साइंस एंड फार्मेसी, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान में आयोजित हुआ ।इस कार्यक्रम के साथ डीएसटी स्तुति,जामिया हमदर्द,न्यू दिल्ली एसोसिएटेड रही ।कार्यक्रम के कन्वीनर डॉ. उमेश गुप्ता, अध्यक्ष प्रो. विपिन कुमार,
 डॉ. ईश्वर श्रीनिवासन और माननीय वाइस चांसलर, प्रो. आनंद भालेराव के हाथों हैंड्स  आन ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट नीलम सिंह और दुर्गेश गुप्ता को मिला। कार्यक्रम में की नोट लेक्चर में रोल ऑफ नैनो टेक्नोलॉजी एंड सोफिस्टिकेटेड टेक्निक्स ,कंपाउंड यूनानी फॉर्मूलेशन ,यूज़ ऑफ ड्रोन इन स्ट्रैंथनिंग ऑफ हेल्थ केयर डिलीवरी इन डिफिकल्ट टेरेंस, पार्टिकल साइज कैरक्टराइजेशन विद स्पेशल रेफरेंस टू नैनोमेडिसिन, मॉलिक्यूलर डॉकिंग ऑफ रिंग्स कंप्यूटेशनल, स्पीड टू स्ट्रक्चर डिलीवरी नॉन कंपार्टमेंटल फॉरमेको काइनेटिक्स फॉर ड्रग डिलीवरी रिसर्च एन इंट्रोडक्शन टू प्रोटॉन स्पेक्ट्रोस्कोपी,स्ट्रक्चर एलुसीडेशन, यूजिंग एनएमआर स्पेक्ट्रोस्कॉपी और टेबलेट फॉर्मूलेशन के बाद फीडबैक सेशन भी रखा गया। कार्यक्रम के अंतिम दिन सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान किए गए। कार्यक्रम में सफल सहभागिता के लिए फॉर्मेसी विभाग के डायरेक्टर डॉ.सूर्य प्रकाश गुप्ता ने दोनों फैकल्टीज को बधाई दी है।
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एकेएस विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट संकाय के छात्र का स्ट्राइकर इंदौर में चयन
एकेएस विश्वविद्यालय सतना के मैनेजमेंट विभागाध्यक्ष डॉ कौशिक मुखर्जी के सुयोग्य एवं कुशल मार्गदर्शन में एमबीए के स्टूडेंट्स नित नई ऊंचाइयां हासिल कर रहे हैं इसी कड़ी में एमबीए तृतीय सेमेस्टर के विनय शर्मा का चयन स्ट्राइकर कंपनी इंदौर में किया गया है उन्हें डाटा हैंडलिंग ऑपरेटर का पद ऑफर किया गया है विनय को ढाई लाख रुपए सैलरी पैकेज के साथ अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट विभाग द्वारा आयोजित प्लेसमेंट ड्राइव के दौरान विनय का चयन स्ट्राइकर कंपनी में हुआ है विनय के चयन पर विश्वविद्यालय प्रबंधन के साथ.साथ मैनेजमेंट संकाय के विभागाध्यक्ष और समस्त फैकेल्टी मेंबर्स ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए लगन और मेहनत से कार्य करने की सलाह दी है स्ट्राइकर कंपनी की शुरुआत अस्थि रोग विशेषज्ञ और सर्जन डॉक्टर होमर स्ट्राइकर ने की थी कंपनी 1941 में प्रारंभ हुई और आज वैश्विक मंच पर स्ट्राइकर कंपनी की एक शानदार पहचान है

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एकेएस यूनिवर्सिटी में कुलाधिपति ने फहराया तिरंगा
एकेएस यूनिवर्सिटी में कुलाधिपति श्री बी पी सोनी जी ने तिरंगा फहराया इस मौके पर उन्होंने कहा की इस पावन पर्व को गरिमा और उत्साह के साथ मनाया जाता है 74 वां गणतंत्र दिवस कई यादों को समेटे हुए है एकेएस विश्वविद्यालय में गणतंत्र दिवस गरिमा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के साथ मनाया गया एकेएस विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में यूसीसी और एनसीसी कैडेट्स द्वारा की गई विहंगम परेड आकर्षण का प्रमुख केंद्र रही इस मौके पर परेड की सलामी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री बी पी सोनी ने ली 74 वें गणतंत्र दिवस समारोह के इस पुनीत मौके पर एनसीसी और यूसीसी कैडेट्स को सर्टिफिकेट और मेडल प्रदान किए गए कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी संकायों के डीन डायरेक्टर्स और फैकेल्टी मेंबर्स के साथ राजीव गांधी कंप्यूटर कॉलेज और राजीव गांधी कॉलेज के प्राचार्य फैकल्टीज और छात्र छात्राएं सम्मिलित हुए

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अमरपाटन गवर्नमेंट एक्सीलेंस स्कूल और गुरुकुल स्कूल अमरपाटन के विद्यार्थियों ने प्राप्त की एकेएस विश्वविद्यालय में निशुल्क करियर काउंसलिंग।

सतना ।अपने जहन में उबर रहे कैरियर से संबंधित अनेक सवालों के जवाब एकेएस विश्वविद्यालय सतना के विवेकानंद सभागार में एक्सीलेंस स्कूलए अमरपाटन और गुरुकुल स्कूल एअमरपाटन के विद्यार्थियों ने विषय विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में प्राप्त किए । करियर सेमिनार के दौरान गणितए विज्ञान और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के विद्यार्थी शामिल हुए। विश्वविद्यालय के सभागार में डॉ सुधीर जैन ने स्टूडेंट्स को लॉ क्षेत्र में करियर की संभावनाओं पर विस्तृत जानकारी दी इसी तरह उन्होंने स्टूडेंट्स को मोटिवेट करते हुए कहा कि अगर आप एक लक्ष्य लेकर अपने कैरियर का चयन करेंगे और आगे बढ़ेंगे तो भविष्य आपके हाथों में होगा सबसे पहले जान लीजिए कि आपको क्या बनना है एक्या करना है और उसके लिए संकल्प शक्ति की जरूरत है एआपको वह मिलेगा जो आप चाहेंगे कंप्यूटर साइंस विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर अखिलेश  ए वाउ ने कंप्यूटर क्षेत्र की विविधताओं की संपूर्ण जानकारी देते हुए उन्हें आईटी एएनीमेशन एफिल्म्सए मीडिया और संचार के तमाम माध्यमों में हो रहे परिवर्तन और वहां जरूरी प्रोफेशनल के बारे में संपूर्ण जानकारी शेयर की। इसके बाद दोनों स्कूल के सैकड़ों विद्यार्थियों को एकेएस विश्वविद्यालय के कंप्यूटर लैबए रामनाथन लाइब्रेरी एएग्रीकल्चर फील्ड और बायोटेक लैब की विधिवत जानकारी भ्रमण के दौरान दी गई। उल्लेखनीय है सतना के विद्यालय  और आसपास के स्टूडेंट्स के साथ प्रदेश के कई जिलों के विद्यार्थी भी लाभान्वित हो रहे हैं विजिट का आयोजन मार्केटिंग हेड अविनाश मिश्रा के मार्गदर्शन में मार्केटिंग ऑफिसर राघवेंद्र सोनीए अनूप सिंह  और राजू चौधरी ने विश्वविद्यालय की संपूर्ण एकेडमिक प्रणाली के बारे में जानकारी के लिए कार्य किया विश्वविद्यालय प्रबंधन ने बताया दोनों स्कूल के प्राचार्य ने एक एस विश्वविद्यालय की तहे दिल से सराहना करते हुए कि स्टूडेंट्स अपने करियर का चुनाव करें और अपने जीवन में आगे बढ़े इसी उद्देश्य के साथ इस तरह के शैक्षणिक भ्रमण के लिए निरंतर आयोजित किए जाते हैं। शासकीय एक्सीलेंस स्कूल अमरपाटन और गुरुकुल स्कूल अमरपाटन के विद्यार्थियों ने सभी प्रश्नों के जवाब प्राप्त किए दोनों स्कूल के प्राचार्य ने विजिट को मार्गदर्शन का अच्छा जरिया बताया और एक एस विश्वविद्यालय प्रबंधन को आभार भी व्यक्त किया। कार्यक्रम के अंत में राघवेंद्र सोनी अनूप सिंह और राजू चौधरी ने प्राचार्य और स्टूडेंट के साथ आए फैकल्टीज का आभार व्यक्त किया।

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शैक्षणिक डेयरी प्रक्षेत्र. पशुविज्ञान एवं मत्स्यिकी विभाग एण्केण्एस विश्वविद्यालय में
सतना.एण्केण्एसण् विश्‍वविद्यालयएसतना के अंतर्गत शैक्षणिक डेयरी प्रक्षेत्र में उन्‍नत नस्‍ल की गायें साहीवाल एवं गिर रखी गई हैं जिसका प्रमुख उद्देश्‍य भारतीय कृषि अनुसंधान परिषदए नई दिल्‍ली द्वारा अनुशंशित कृषि‍ संकाय के स्‍नातक एवं स्‍नाकोत्‍तर छात्रों को शैक्षणिक एवं अनुसंधान सुविधाएं प्रदान करना एवं इच्‍छुक कृषकों तथा पशुपालकों को पशुपालन की वैज्ञानिक तकनीकों से अवगत कराना है।एण्केण्एसण् विश्‍वविद्यालय में डेयरी प्रक्षेत्र के साथ.साथ कुकुट पालनए मत्‍स्‍य पालनए अजोला उत्‍पादनए केंचुआ खाद तथा फसल उत्‍पादन एकीकृ‍त फसल पद्धति से संचालित है जिसमें सभी उपक्रम एक.दूसरे को लाभान्‍वित करते हुए उत्‍पादन लागत में कमी एवं सकल आय बढ़ाने में योगदान करते हैं। साहीवाल दुधारू गायों में से सर्वाधिक दूध देने वाली नस्‍ल है। इस गाय की औसत दुग्‍ध उत्‍पादन क्षमता 15 से 20 लीटर प्रतिदिन तथा साल भर में एक ब्‍यात काल अवधि में लगभग 2000 से 3000 लीटर तक है। साहीवाल नस्‍ल से ।2 नामक विशेष प्रोटीन युक्‍त दूध प्राप्‍त होता है जो कि मानव शरीर के मानसिक एवं शारीरिक विकास हेतु अत्‍यंत लाभकारी है। इसके दूध में फैट और दूसरे पोषक तत्‍वों की मात्रा अधिक पायी जाती है।गिर नस्‍ल की गाय दूसरी सबसे ज्‍यादा दूध देने वाली गाय होती है। इस गाय का मूल स्‍थान काठियावाड़ ;गुजरातद्ध का गिर जंगल हैए जिसकी वजह से इनका नाम गिर गाय पड़ गया। अच्‍छी देखभाल पर इस गाय के दूध देने की क्षमता बढ़कर 10 से 20 लीटर प्रतिदिन तक हो सकती है। इजरायल और ब्राजील जैसे देशों में भी इस गाय को पाला जाता है।नस्‍ल की गाय.दूध व्‍यवसाय भारत में बेहद तेजी से फल.फूल रहा हैए ये ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आमदनी का एक बढि़या स्‍त्रोत है।एण्केण्एसण् विश्‍वविद्यालय में वर्तमान में साहीवाल नस्‍ल की 18 तथा गिर नस्‍ल की 4 गायों से दूध प्राप्‍त किया जा रहा है।जबकि साहीवाल एवं गिर नस्‍ल की एक वर्ष से ऊपर की बछियों की संख्‍या क्रमशारू 19 एवं 3 है। डेयरी से प्राप्‍त दूध का उपयोग विश्‍वविद्यालय के कर्मचारियों एवं छात्रों द्वारा किया जाता हैए अतिरिक्‍त बचे हुए दुध से विद्यार्थियों द्वारा प्रायोगिक कक्षाओं में उपयोग कर उत्‍तम गुणवत्‍ता युक्‍त दुग्‍ध पदार्थ जैसे. खोवाए पनीरए घी एवं छाछ का भी निर्माण किया जाता है। जिले के किसानों एवं पशुपालक तथा विश्‍वविद्यालय के विद्यार्थियों के शिक्षण एवं प्रशिक्षण हेतु यहां की डेयरी प्रमुख भूमिका निभाती हैं। जैविक खेती को दृढ़ता प्रदान करने में डेयरी पशुओं से प्राप्‍त गोबर का बेहतरीन उपयोग केंचुआ खाद तैयार कर वृहद रूप से किया जा रहा है। इस केंचुआ खाद का उपयोग कृषि अनुसंधान एवं शैक्षणिक प्रक्षेत्रोंए बागवानी फसलों तथा चारा उत्‍पादन प्रक्षेत्र में बेहतरीन ढंग से किया जा रहा है। डेयरी पशुओं को उच्‍च गुणवत्‍ता युक्‍त संतुलित पशुआहारए खनिज तत्‍व तथा वर्ष भर हरा चारा उनकी आवश्‍यकतानुसार प्रदान किया जाता है। गायों से उत्‍तम किस्‍म का स्‍वच्‍छ दूध पैदा करने के लिए पशु शाला की साफ.सफाई पर विशेष ध्‍यान दिया जाता है। यहां की गौशाला रूफ वेन्‍टीलेटरए पंखेए कूलरए मिल्‍किंग मशीन तथा काऊ मैट जैसी सुविधाओं से युक्‍त है। परिणामस्‍वारूप पशुओं का स्‍वास्‍थ्‍य सदैव अच्‍छा बना रहता है।

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एकेएस विश्वविद्यालय एसतना के कला विभाग के विद्यार्थियों का कालिंजर किला एबाँदा; उण्प्र ण्द्धका शैक्षणिक भ्रमण ।

एकेएस विश्विविद्यालय एसतना के कला विभाग के ठ। कोर्स के प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के लगभग 50 छात्र .छात्राओं के दल को विभाग के विभागाध्यक्ष मिर्जा समीउल्ला बेग एवं अन्य प्राध्यापकों के कुशल मार्गदर्शन में 17 दिसंबर 2022 को शैक्षणिक भ्रमण हेतु ऐतिहासिक महत्व के कालिंजर किला एजिला बाँदा ;उण्प्रण्द्धले जाया गया। विंध्याचल की पहाड़ियों में स्थित कालिंजर का किला चंदेल शासको द्वारा बनवाया गया था ।अपनी विशाल प्राचीर एवं अवस्थिति के कारण लंबे समय तक अजेय बना रहा एवं बाबर एवं हुमायूँ जैसे शासक भी इसे जीतने में असफल रहे ।शेरशाह सूरी की मृत्यु भी इसी किले में तोप के बारूद में विस्फोट के कारण हुई थी।अकबर के द्वारा प्रथम जीत के पश्चात अकबर ने इसे बीरबल को दे दिया । बीरबल के बाद यहां पर कुछ समय बुन्देल शासक छत्रसाल का भी शासन रहा । भ्रमण के दौरान कला विभाग में राजनीति विज्ञान पढ़ाने वाले एवं वास्तुविद राजीव बैरागी द्वारा छात्र छात्राओं को इस किले की वास्तु संरचना एवम इसके महत्व के विषय मे बताया गया कि राजा के महल के उत्तर दिशा में स्थित पानी का स्त्रोत साम्राज्य को उन्नति एवं स्थायित्व प्रदान करता है वही विभाग में इतिहास पढ़ाने वाले गौरव सिंह के द्वारा छात्र छात्राओं को किले के इतिहास एवं महत्व के विषय मे विस्तार से बताया गया ।इस शैक्षणिक भ्रमण में छात्र छात्राओं के मार्गदर्शन हेतु विभागाध्यक्ष मिर्जा समीउल्ला बेग के साथ राजीव बैरागी एप्राची सिंह एडॉ ण् पुष्पा सोनी एपूर्णिमा सिंह एगौरव सिंह एवं अश्विनी कुमार ओमरे उपस्थित थे ।इस शैक्षणिक भ्रमण हेतु चैयरमैन इंजी ण् अनंत कुमार सोनी एप्रो कुलपति प्रो ण्आर एस त्रिपाठी एप्रशासनिक अधिकारी ब्रजेन्द्र सोनी एडीन समाज विज्ञान संकाय डॉण् हर्षवर्धन श्रीवास्तव एविभागाध्यक्ष मिर्ज़ा समीउल्ला बेग एवं विभाग के शैक्षणिक स्टाफ का अभूतपूर्व सहयोग प्राप्त हुआ एवम प्रसन्नता व्यक्त की ।

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एकेएस विश्वविद्यालय सतना में उन्नत वर्मी कंपोस्ट खाद यूनिट
सतना। एक विशिष्ट प्रजाति के केंचुए जो गोबर पेड़ पौधों के अवशेष सब्जियों के अवशेष एवं कार्बनिक पदार्थों को खाकर मल द्वारा चाय की पत्ती जैसा काले भूरे रंग का पदार्थ निकालते हैं जिसे केंचुए की खाद या वर्मी कंपोस्ट कहते हैं।फास्फोरस रिच वर्मी कंपोस्ट खाद संयुक्त कार्बनिक पदार्थों जैसे. गोबर खाद एफसल अपशिष्टए चीनी मिल का प्रेसमड एजूस उद्योग का अपशिष्टए पदार्थ विभिन्न प्रकार की खली आदि को रॉक फास्फेट के साथ मिक्स करके केंचुए की सहायता से बनाई जाती है। यह प्रोम मिनरल उर्वरक एवं जैविक खाद का मिश्रण है जो केवल कृषि में उपयोग के लिए लिया जाता है। प्रोम का उपयोग पौधों को फास्फोरस ;फास्फोरस पादप पोषक तत्वद्ध उर्वरक प्रदान करने के लिए किया जाता है। केंचुए रॉक फास्फेट एवं गोबर कार्बनिक पदार्थ के मिश्रण को खा कर उसे मल के रूप में प्रदान करते हैं इस कारण प्रोम शुद्ध रुप से जैविक है। प्रोम जैविक खाद बनाने की एक नई तकनीकी है रिच वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए गोबर तथा रॉक फास्फेट को प्रयोग में लाया जाता है।ऐ के एस विश्व विद्यालय के अंतर्गत कृषि विज्ञान एवम् प्रौद्योगिकी संकाय में जैविक खेती के ऊपर विस्तृत अनुसंधान चल रहा है मध्यप्रदेश शासन द्वारा घोषित जैविक खेती के अंतर्गत ऐ के एस ण् विश्वविद्यालय में 12 एकड़ के क्षेत्र पर पिछले 4 वर्षों से जैविक खेती हेतु आवश्यक अदान हेतु विभिन्न इकाइयां जैसे पशुपालन एवर्मी कंपोस्ट ;केंचुआ खाद द्ध विधि द्वारा जैविक खाद का उत्पादन किया जा रहा है इसके अलावा जैविक कीटनाशक जैसे कि अमृत संजीवनी का उत्पादन किया जाता हैवर्मी कंपोस्ट केंचुआ खाद बनाने के लिए सर्वप्रथम 8 .10 फीट ऊंचाई का शेड तैयार कर लें यदि बहुत सघन वृक्ष है तो वह भी उपयुक्त है ताकि उपयुक्त तापमान व छाया रखी जा सके।अपनी सुविधा अनुसार बनवा लें जैसे. वर्मी बैड एवं ईट के बैड बनाएं जिसका आकार 10 ’ 4 ’ 2 फिट कर सकते हैं ।जमीन की सतह से 2 फीट ऊंचाई ही रखें ।इसके पश्चात बैड में 2 से 3 इंच घास फूस व पत्ते डालें तत्पश्चात बैड में सड़े गले कार्बनिक पदार्थ 10 से 15 दिन पुराना गोबर बेड में 1 से 1ण्5 फीट की ऊंचाई पर डाल दें। बैड भरने के बाद दिन में एक बार सिंचाई करें 5 से 7 दिन तक जिससे गोबर की गैस निकल जाए एवं तापमान सामान्य हो जाए इसके बाद 5 से 7 दिन बाद तापमान देख लें 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए। तैयार बैड में 12 ’ 4 ’ 2 फीट में 2 से 3 किलोग्राम केंचुए डाल दे। फिर उसके ऊपर जूट की बोरी या धान के पुआल से ढक दें ।बैड की नमी 30 से 45 प्रतिशत बनाएं सर्दियों में एक बार तथा गर्मियों में 2 बार प्रतिदिन पानी का छिड़काव करना चाहिए। लगभग 45 से 60 दिनों में गोबर एवं कार्बनिक पदार्थ को केंचुए खाकर खाद तैयार कर देते हैं। इस यूनिट का प्रबंधन अधिष्ठाता डॉ एसएस तोमर के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। यहां पर राहुल और अमित विश्वकर्मा संपूर्ण कार्यक्रम की देखरेख भी कर रहे हैं।

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ए के एस विश्वविद्यालय सतना में योकोहमा टायर्स कंपनी का केंपस ड्राइव

सतना एकेएस विश्वविद्यालय सतना के सभागार में योकोहमा टायर्स कंपनी के एचआर मैनेजर ने विश्वविद्यालय के कई स्ट्रीम्स के छात्र.छात्राओं का इंटरव्यू किया योकोहमा टायर्स जापान की कंपनी है जिसकी स्थापना सैकड़ों वर्ष पूर्व हुई थी एकेएस विश्वविद्यालय सतना के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर बालेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि इस केंपस ड्राइव का उद्देश्य अच्छे प्रोफेशनल्स तलाशना था विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने त्रिस्तरीय चयन प्रक्रिया में हिस्सा लिया जिसमें सर्वप्रथम रिटन टेस्ट हुआ ग्रुप डिस्कशन आयोजित किया गया तत्पश्चात इंटरव्यू के बाद 30 छात्राओं का सिलेक्शन योकोहमा टायर्स के एचआर मैनेजर ने सुनिश्चित किया हुई 30 छात्राओं में 23 एकेएस विश्वविद्यालय सतना अध्ययनरत हैं जबकि 7 छात्राएं अन्य संस्थानों में अध्ययनरत हैं इन सभी की छात्राओं का चयन गुजरात के भरूच रीजन के लिए बतौर ट्रेनी अच्छे वेतनमान पर किया गया है ट्रेनी की पोस्ट कई विविधताओं को समेटे हुए है जिसमें भविष्य में प्रमोशन के अनेक अवसर भी शामिल है उल्लेखनीय है कि एकेएस विश्वविद्यालय में केंपस प्लेसमेंट नियमित प्रक्रिया के तहत आयोजित होते रहते हैं जिसमें सभी संकाय के छात्र छात्राओं को चयन का अवसर मिलता है कैंपस प्लेसमेंट में चयनित होने वालों में रितिका त्रिपाठी एबीएससी एअंजली सिंह बघेल एबीएससी एअंकिता पांडेए डिप्लोमा सीमेंट टेक्नोलॉजीए अंचल कुशवाहा एलक्ष्मी सोनिया एप्रतिक्षा मिश्रा एकार्तिका गर्ग एएमएससी केमिस्ट्रीए महिमा बागरीए एमएससी केमिस्ट्री एप्राची पांडे एएमएससी केमिस्ट्री एरूपाली चौरसियाए एमएससी केमिस्ट्री एइशिका मोरिया एकॉमर्स एअदिति सिंह एबीकॉमए चांदनी चौधरी एहनी कुशवाहाए शताब्दी पांडे एरीतिका साहू एसाक्षी तिवारी एअंकिता सिंह परिहारए महक जैन एसंस्कृति नेमाए रितिका सरकारए श्रेया मिश्रा निकिता कोरी एकाजल कुशवाहा और निधि पांडे के नाम शामिल हैं विश्वविद्यालय के कई संकाय से चयनित होने वाली समस्त छात्राओं को विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर अनंत कुमार सोनी और ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर बालेंद्र विश्वकर्मा ने कैरियर उन्नति की शुभकामनाएं दी हैं कुल मिलाकर यह केंपस ड्राइव वूमेन एंपावरमेंट की दिशा में अहम रहा जिसमें सभी चयनित छात्राएं शामिल हैं

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एकेएसयू के डिपार्टमेंट आफ मैकेनिकल के छात्रों की विजिट
बीटेक के छात्रों ने भेल, भेापाल में समझीं बारीकियाॅ
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के बी. टेक मैकेनिकल संकाय के छात्रों ने भारत के सार्वजनिक क्षेत्र की इंजीनियरिंग एवं विनिर्माण क्षेत्र की सबसे बडी कंपनी भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड, (भेल) भोपाल की विजिट के दौरान वि.वि. के सहायक प्राध्यापक आलोक रंजन तिवारी और इंजी.आर के शुक्ला के मार्गदर्शन में भेल की स्थापना एवं इसके हैवी इलक्ट्रिकल पार्ट निर्माण पर प्राथमिक जानकारी प्राप्त की साथ ही विजिट के दौरान अन्यान्य महत्वपूर्ण जानकारियाॅ भेल भोपाल के सीनियर इंजीनियर अरविंद तिवारी और सौरव जी के साथ छात्रों ने देखीं और सीखीं जिसमें स्टीम, टरबाइन, ट्रैक्शन मोटर, ट्रान्सफार्मर, रेक्टिफायर, टरबाइन की एसेम्बिली की जानकारी जिसमें हाई प्रेशर, इटरमीडिएट पे्रशर तथा लो प्रेशर टरबाइन की जानकारी प्रमुख रही। यहाॅ पर छात्रों ने केसिंग रोटर तथा ब्लेड के निर्माण की प्रक्रिया भी समझी। विभागाध्यक्ष डाॅ. इंजी. पंकज श्रीवास्तव ने विजिट पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि विजिट से छात्रों को प्रैक्टिकल जानकारी होती है ओर उन्हें करके सीखने का मौका मिलता हे तथा वह विशेषज्ञों की अहम जानकारियों से भी परिचित होते हैं।

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एकेएस यूनिवर्सिटी का म.प्र सेडमैप से एमओयू
गत दिवस एकेएस यूनिवर्सिटी सतना एवं म.प्र राज्य उद्यमिता संस्थान भोपाल के मध्य एक समझौता डवन् संपन्न हुआ। इस समझौते के अंतर्गत राज्य उद्यमिता संस्थान द्वारा एकेएस यूनिवर्सिटी के छात्रों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के दृष्टिकोण से प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन समय-समय पर किया जावेगा। साथ ही संस्थान द्वारा इंटर्नशिपए अनुसंधानएकंसलटेंसी,प्रोजेक्ट,केस स्टडी, कान्फ्रेन्स, वर्कशाॅप का आयोजन किया जायेगा। उद्यमिता संस्थान, स्किल लैब स्थापित करने के अतिरिक्त सर्वे आदि की कार्यवृद्धि में सहयोग करेगा। उल्लेखनीय है कि, इस समझौते के तहत उद्यमिता संस्थान ने विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए एक चेन्ज मेकर क्लब की अवधारणा स्थापित की है, जिसमें छात्रों को निशुल्क पंजीयन की सुविधा उपलब्ध होगी। उक्त संस्थान विश्वविद्यालय के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में विशेषज्ञों की सुविधा भी उपलब्ध करायेगा। इस अनुबंध हेतु विश्वविद्यालय की ओर से प्रति कुलपति डाॅ.हर्षवर्धन एवं राज्य उद्यमिता संस्थान की ओर से उनके एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्रीमती अनुराधा सिंघई ने भोपाल में हस्ताक्षर किये इस मौके पर सेडमैप के श्री.बी.पी.सिंह भी उपस्थित विश्व विद्यालय के प्रो.चांसलर इंजीनियर अनंत कुमार सोनी, प्रति कुलपति डाॅ.आर.एस.त्रिपाठी, ओ.एस.डी. आर.एन.त्रिपाठी, प्रो. आर.के. श्रीवास्तव एवं डाॅ. बिपिन ब्यौहार ने इस अनुबंध के प्रति प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा है कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी उक्त सुविधा का अधिक से अधिक लाभ उठायें। स्वरोजगार एवं रोजगार उपलब्ध कराये जाने में विश्वविद्यालय की इस पहल की सर्वत्र सराहना की जा रही है।

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