एकेएस विश्वविद्यालय सतना में उन्नत वर्मी कंपोस्ट खाद यूनिट
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एकेएस विश्वविद्यालय सतना में उन्नत वर्मी कंपोस्ट खाद यूनिट
सतना। एक विशिष्ट प्रजाति के केंचुए जो गोबर पेड़ पौधों के अवशेष सब्जियों के अवशेष एवं कार्बनिक पदार्थों को खाकर मल द्वारा चाय की पत्ती जैसा काले भूरे रंग का पदार्थ निकालते हैं जिसे केंचुए की खाद या वर्मी कंपोस्ट कहते हैं।फास्फोरस रिच वर्मी कंपोस्ट खाद संयुक्त कार्बनिक पदार्थों जैसे. गोबर खाद एफसल अपशिष्टए चीनी मिल का प्रेसमड एजूस उद्योग का अपशिष्टए पदार्थ विभिन्न प्रकार की खली आदि को रॉक फास्फेट के साथ मिक्स करके केंचुए की सहायता से बनाई जाती है। यह प्रोम मिनरल उर्वरक एवं जैविक खाद का मिश्रण है जो केवल कृषि में उपयोग के लिए लिया जाता है। प्रोम का उपयोग पौधों को फास्फोरस ;फास्फोरस पादप पोषक तत्वद्ध उर्वरक प्रदान करने के लिए किया जाता है। केंचुए रॉक फास्फेट एवं गोबर कार्बनिक पदार्थ के मिश्रण को खा कर उसे मल के रूप में प्रदान करते हैं इस कारण प्रोम शुद्ध रुप से जैविक है। प्रोम जैविक खाद बनाने की एक नई तकनीकी है रिच वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए गोबर तथा रॉक फास्फेट को प्रयोग में लाया जाता है।ऐ के एस विश्व विद्यालय के अंतर्गत कृषि विज्ञान एवम् प्रौद्योगिकी संकाय में जैविक खेती के ऊपर विस्तृत अनुसंधान चल रहा है मध्यप्रदेश शासन द्वारा घोषित जैविक खेती के अंतर्गत ऐ के एस ण् विश्वविद्यालय में 12 एकड़ के क्षेत्र पर पिछले 4 वर्षों से जैविक खेती हेतु आवश्यक अदान हेतु विभिन्न इकाइयां जैसे पशुपालन एवर्मी कंपोस्ट ;केंचुआ खाद द्ध विधि द्वारा जैविक खाद का उत्पादन किया जा रहा है इसके अलावा जैविक कीटनाशक जैसे कि अमृत संजीवनी का उत्पादन किया जाता हैवर्मी कंपोस्ट केंचुआ खाद बनाने के लिए सर्वप्रथम 8 .10 फीट ऊंचाई का शेड तैयार कर लें यदि बहुत सघन वृक्ष है तो वह भी उपयुक्त है ताकि उपयुक्त तापमान व छाया रखी जा सके।अपनी सुविधा अनुसार बनवा लें जैसे. वर्मी बैड एवं ईट के बैड बनाएं जिसका आकार 10 ’ 4 ’ 2 फिट कर सकते हैं ।जमीन की सतह से 2 फीट ऊंचाई ही रखें ।इसके पश्चात बैड में 2 से 3 इंच घास फूस व पत्ते डालें तत्पश्चात बैड में सड़े गले कार्बनिक पदार्थ 10 से 15 दिन पुराना गोबर बेड में 1 से 1ण्5 फीट की ऊंचाई पर डाल दें। बैड भरने के बाद दिन में एक बार सिंचाई करें 5 से 7 दिन तक जिससे गोबर की गैस निकल जाए एवं तापमान सामान्य हो जाए इसके बाद 5 से 7 दिन बाद तापमान देख लें 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए। तैयार बैड में 12 ’ 4 ’ 2 फीट में 2 से 3 किलोग्राम केंचुए डाल दे। फिर उसके ऊपर जूट की बोरी या धान के पुआल से ढक दें ।बैड की नमी 30 से 45 प्रतिशत बनाएं सर्दियों में एक बार तथा गर्मियों में 2 बार प्रतिदिन पानी का छिड़काव करना चाहिए। लगभग 45 से 60 दिनों में गोबर एवं कार्बनिक पदार्थ को केंचुए खाकर खाद तैयार कर देते हैं। इस यूनिट का प्रबंधन अधिष्ठाता डॉ एसएस तोमर के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। यहां पर राहुल और अमित विश्वकर्मा संपूर्ण कार्यक्रम की देखरेख भी कर रहे हैं।