पढाई और उसके बाद जाॅब यही सपना होता है एक स्टूडेन्ट का और इस सपने को परवाज देता है संस्थान। विन्ध्य क्षेत्र का शैक्षणिक गौरव एकेएस वि.वि. सतना के डिप्लोमा माइनिंग सर्वेइंग के चार छात्रों को यह अवसर मिला है जेएसडब्ल्यू स्टील में जहाॅ इन्हं सर्वेयर ट्रेनी के पद पर नियुक्ति मिली है। खुशी से लबरेज चयनित छात्रों में सतीष साहू, शुभम सिंह, अमन वाजपेयी और अब्दूल शाकिर JSW Steel में अपनी काबिलियत साबित करके डिप्लोमा इंजीनियर ट्रेनी बने। इन होनहार छात्रों का चयन जेएसडब्ल्यू स्टील में बतौर सर्वेयर ट्रेनी हुआ है। JSW Steel 1982 में प्रारंभ होंकर आज इंडिया का बहुत बडा संस्थान है जहाॅ काम करना सपने के सच होने जैसा है Diploma Mining Surveying Students का यहाॅ चयन सबसीक्वेंट टेस्ट और इंटरव्यू के बाद हुआ है JSW Group में पेड ट्रेनिंग के साथ चयन होने पर स्टील फील्ड में कार्य करने का एक बडा अवसर चयनित विद्यार्थियों को प्राप्त हुआ है। सभी स्टूडेन्टस की 1 वर्ष की परिवीक्षा अवधि रहेगी। एक वर्ष के पश्चात रिवाइज्ड सैलरी पर इन्हे सर्वेयर के पद पर नियुक्ति प्रदान की जाएगी। जिसके साथ सैलरी हाइक भी मिलेगा। इस ज्वायनिंग के बाद चारों विद्यार्थियों को प्रमोशन के महत्वपूर्ण अवसर उपलब्ध होंगें। जो इनकी योग्यता और कार्यक्षमता के आधार पर प्रदान किए जाऐगें। माइनिंग संकाय के विद्यार्थियों के चयन पर वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ.हर्षवर्धन, डाॅ.आर.एस.त्रिपाठी, इंजी.डीन डाॅ.जी.के.प्रधान, प्रो.अनिल मित्तल, विभागाध्यक्ष बी.के.मिश्रा, इंजी.आर.के.श्रीवास्तव के साथ सभी फैकल्टी मेम्बर्स ने हर्ष व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की है। चयनित छात्रों ने एकेएस वि.वि. प्रबंधन और माइनिंग फैकल्टीज के सतत मार्गदर्शन को श्रेय दिया है।
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एकेएस वि.वि. सतना के Diploma Electrical अंतिम वर्ष के छात्रों ने सीटीआई जबलपुर में ट्रेनिंग प्राप्त की। Diploma Electrical Students ने यहाॅ पर ट्रान्सफार्मर्स,तडित चालक और Meter Testing के साथ इलेक्ट्रिकल पावर ट्रान्समिशन की जानकारी प्राप्त की। डिप्लोमा इलेक्ट्रिकल के छात्रों ने डाॅ.ए.के.तिवारी,एसई,जबलपुर,के.के.सोनवाने,एसई,सतना,इंजी.आर.के.श्रीवास्तव,रवि नागवंशी,विभागाध्यक्ष इंजी.रमा शुक्ला का महत्वपूर्ण योगदान रहा। वि.वि. द्वारा सभी संकाय में Industry Oriented Training के भरपूर अवसर दिए जाते हैं। इलेक्ट्रिकल विभागाध्यक्ष और फैकल्टीज के मार्गदर्शन मे सभी छात्रों ने अन्य संबंधित जानकारियाॅ जैसे सबस्टेशन की कार्यप्रणाली,इलेक्ट्रिकल जनरेशन,ट्रान्समिशन,फाॅसिल फ्यूल इलेक्ट्रिक पावर जनरेशन,बल्क Power ,Product, Services, system, Automation, एफीसिएंसी, रिलाबिलिटी और New Sources of Energy ,Supply of voltage, Proper Insulation,हीअिंग इफेक्ट,Electrical Requirement ,क्लायमेट कंडीशन के साथ मैकेनिकल कंपोनेन्ट पर भी जानकारी प्राप्त कीं।
इन मुठिठयों में चाॅद तारे भर के, आसमा की हद से गुजर के, हो जा भीड से जुदा ,भीड से जुदा, भीड से जुदा जी हाॅ ये हैं शुभम, एकेएस वि.वि. सतना के कुशाग्र बुद्वि के प्रतिभावान छात्र जिन्होंने लीक से हटकर सोचा और किया, शुभम सोनी एकेएस वि.वि. बी.टेक.सीएसई फिफ्थ सेमेस्टर के छात्र है। शुभम ने एक ऐसी डिवाइस तैयार की है जो कि कोविड-19 के तीसरे संभावित चरण से बचाव में अहम भूमिका निभा सकती है और आपको social distancing Alert भी लगातार मिलता रहेगा।शुभम से बात करने पर उसने बताया कि चैथे सेमेस्टर के दौरान कोविड की वजह से वि.वि. में आकर अध्ययन करना संभव नहीं हो पा रहा था दिमाग में कुछ करने का ख्याल चल रहा था पुरे विश्व में जब हर सख्स Mask, सैनिटायजर और social distancing के साथ कोविड से प्रोटेक्सन में लगा था तभी मेरे जहन में एक विचार कौंधा कि क्यों न एक ऐसी डिवाइस पर काम किया जाए जो सोशल डिस्टेंसिग अलर्ट के रुप में हमे आगाह करती रहे कि हम अभी सोशल डिस्टेंसिंग के दायरे में हैं कि नहीं। यह डिवाइस गैजेट धारक व्यक्ति और अन्य व्यक्ति के बीच की दूरी को एक मीटर से कम होने पर बजर की बीप और लाल बत्ती से अलर्ट करती है। गैजेट का पूरा संचालन प्रोग्रामिंग द्वारा नियंत्रित है। अमरपाटन के एक छोटे व सामान्य परिवार के छात्र शुभम ने जिस सरोकार से इस सोशल डिस्टेंसिग अलर्ट डिवाइस का निर्माण किया व वि.वि. परिसर में इसका वि.वि. के अधिकारियों के समक्ष डेमोस्ट्रेशन किया सभी उपस्थित जनों ने छात्र की प्रतिभा की तारीफ की। छात्र ने बताया कि इसको एंड्रायड आईओएस डिवाइस से भी कंट्रोल किया जा सकता है और सेफ डिस्टेंन्स को घटाया व बढाया जा सकता है। वि.वि. को प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी ने कहा कि अभी इसे युनिवर्सिटी के प्रोडक्सन प्लान में रख कर सस्ती, सुदर और बहुउपयोगी डिवाइस के रुप में विकसित किया जाएगा। जिसकी लागत भी कम हों और यह सुलभ भी हो। वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ.हर्षवर्धन, डाॅ. आर. एस. त्रिपाठी, विभागाध्यक्ष डाॅ.अखिलेश ए. बाऊ के साथ विभाग के सभी फैकल्टीज ने छात्र शुभम की मेधा की तहेदिल से तारीफ करते हुए उसे उज्जवल भविष्य की शुभकामनाऐं दीं हैं।
गत दिवस म.प्र. शासन के उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. मोहन यादव की अध्यक्षता में म.प्र. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन हेतु गठित टास्कफोर्स कमेटी की बैठक भोपाल में संपन्न हुई।बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में म.प्र. मेें शिक्षा को अधिक गुणवत्तापूर्ण एवं रोजगारपरक बनाने के लिये शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव किये जायेंगे। सेंट्रल बोर्ड आॅफ स्टडीज द्वारा लगभग 79 पाठ्यक्रमों में समाज की आवश्यकतानुसार व्यापक परिवर्तन किये जा रहे हैं। बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिपेक्ष्य में मध्यप्रदेश के संदर्भ में इस नीति के क्रियान्वयन हेतु गठित समिति में एकेएस वि.वि. के प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन द्वारा महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किये गये। आगे डाॅ. हर्षवर्धन ने स्थानीय रोजगार को प्रोत्साहित करने के लिये व्यापक सर्वेक्षण की आवश्यकता प्रतिपादित की और इसमें औ़द्योगिक संस्थानों,व्यापारिक संगठनों, तथा चेम्बर आॅफ काॅमर्स, लघु उद्योग संघ एवं अन्य व्यावसायिक जगत से जुड़े उद्यमियों के परामर्श से व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का समावेश उच्च शिक्षा में किये जाने पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि हैंड्स आॅन ट्रेनिंग एवं अप्रेंटिस ट्रेनिंग हेतु भारत सरकार की योजना अनुसार अधिक से अधिक छात्रों को म.प्र. में लाभान्वित कराया जाय। अतः इस दिशा में सार्थक पहल के साथ ही साथ शासकीय संस्थानों,विकास से जुड़े हुए विभिन्न विभागों के साथ जिला प्रशासन का सहयोग भी जरूरी होगा। इस बैठक में बिलासपुर स्थित वि.वि. के कुलपति डाॅ. ए.डी.एन. वाजपेयी, डाॅ. अशोक ग्वाल, डाॅ. गोपाल शर्मा, डाॅ. उमाशंकर पचैरी, ,सदस्य टास्क फोर्स कमेटी के अतिरिक्त उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव अनुपम राजन, आयुक्त उच्च शिक्षा मि. बालिम्बे सहित टास्कफोर्स समिति के अन्य सदस्यों ने भी अपने सुझाव रखे। बैठक में ओएसडी अनिल पाठक, अजय खरे इत्यादि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम का संचालन धीरेन्द्र शुक्ला, ओएसडी उच्च शिक्षा द्वारा किया गया। एकेएस वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि एकेएस विश्ववि़द्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में अपनी महती भूमिका का निर्वहन करेगा।
वि.वि शिक्षा का ऐसा केन्द्र है जहाॅ निरंतर ज्ञान की आभा फैलती है और यहाॅ के होनहार कल का भविष्य है इसी बात को वि.वि. ने सुत्र वाक्य माना है इसी कडी में 10 जुलाई को विन्ध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस वि.वि. सतना के Department of Pharmaceutical Science And Technical में एक दिवसीय स्टूडेन्ट नाॅलेज ओरिएन्टेड बृहद वेबिनाॅर का आयोजन किया गया। मौका था Department of Pharmaceutical Science And Technical के कार्यक्रम मे स्टूडेन्टस से विमर्स का और कार्यक्रम में आए व्याख्यानकर्ता थे मि. प्रणव पाण्डया, सीनियर मैनेजर International रेग्युलेटरी एफेयर्स, सन फार्मास्युटिकल इंडिया लिमिटेड वडोदरा, संवाद के दौरान उन्होने प्रतिभागियों को बताया कि विकास के चरणों के दौरान दवा कंपनियों को मनुष्यों में दवा की सुरक्षा और प्रभ्ज्ञावकारिता सुनिश्चित करने के लिए कई सख्त नियमों और दिशानिर्देशों का पालन काना पडता है यह कंपनी में विभिन्न विभागों में एक कडी के रुप में कार्य करते हैं। Regulatory Submission में Series of Documents Set by A Drug Company to Health Authorities Evidence of compliance होता है जिसमें Drug Development की कई प्रक्रिया शामिल है इसी के साथ उन्होने बताया कि मेडिकल प्रोडक्ट के मार्केट में परिचय देने के बाद कई चरणबद्व प्रक्रिया में इसे बाजार तक कस्टमर के लिए लाया जाता है पर इसमें कई लिमिट होती है प्रावधान, नियम और शर्तें होती हैं जिनका पालन रेग्युलेटरी बाॅडी द्वारा अनिवार्य होता है मि. प्रणव पाण्ड्या ने कहा कि नियामक मामले विपणन लायसेन्स के रखरखाव को सुनिश्चित करते हैऔर जीवन चक्रविस्तार गतिविधियों को नेतृत्व करते हैं।कार्यक्रम का विषय था overview of Regulatory Submission For complex product, कोविड 19 के दूसरे चरण की विषम स्थिति को देखते हुए इसे online आयोजित किया गया। फार्मैसी प्रोफेशन पर उनका कहना था कि फार्मेसी के फील्ड में नियामक मामलों में भी कॅरियर है। इसमें आदर्श, सेवा और मानवता के साथ आत्मीयता और जीवन सुरक्षित करने वाला फील्ड है। कोविड काल में पाॅजिटिव रहने और जीवन की सीख पर भी उन्होने कहा कि बुरा वक्त आकर चला जाएगा पर हमे सोच भविष्यात्मक रखनी है। online जुडे प्रतिभागियों के Regulatory Submission इन काॅम्पलेक्स फार्मूल्येशन पर सवालों के विषयसम्मत जवाब उन्होंने दिए। कार्यक्रम में जुडे सभी प्रतिभागियों ने विषय को चर्चात्मक, रोचक, जानकारी पूर्ण और ज्ञानपूर्ण माना। वेबिनाॅर में एकेएस वि.वि. के बी.फार्मेसी और डी.फार्मेसी के विद्यार्थियों के साथ अन्य संस्थानों के सैकडों प्रतिभागी शामिल हुए । Regulatory Submission इन Complex Formulation पर online कार्यक्रम की समस्त जानकारी फार्मेसी विभागाध्यक्ष डाॅ. सूर्यप्रकाश गुप्ता ने प्रदान की और अतिथियों का परिचय कोविड की वजह से online जुडे प्रतिभागियों से कराया। वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ.हर्षवर्धन, डाॅ. आर. एस. त्रिपाठी, coordinator प्रभाकर तिवारी और इवनीत कौर भाटिया ने कार्यक्रम की सफलता पर खुशी जाहिर की। सभी प्रतिभागियों को कार्यक्रम में सहभागिता के लिए हस्ताक्षरित online certificate प्रदान किए जाऐंगें।