सतना। शेरगंज स्थित एकेएस विश्वविद्यालय सतना के विशाल प्रांगण में ‘‘स्वच्छ सतना लक्ष्य अपना‘‘ विषय पर वृहद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में नगर निगम के इंजीनियर धर्मेन्द्र सिंह परिहार के द्वारा हजारों विद्यार्थियों को स्वच्छ सतना लक्ष्य अपना के संदर्भ मे सारगर्भित जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम में एकेएस वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन श्रीवास्तव, ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी, माइनिंग डीन डाॅ. जी.के. प्रधान, कमलेश चैरे के साथ समस्त संकाय के फैकल्टीज ने बढचढ कर उपस्थिति दर्ज कराई। इस मौके पर उपस्थित सभी फैकल्टीज व विद्यार्थियों को धर्मेन्द्र सिंह द्वारा शपथ दिलाते हुए केन्द्र सरकार की स्वच्छता की मंशा से अवगत कराया गया और महात्मा गांधी के जन्मदिवस 2 अक्टूबर 1869 पर भारत शासन द्वारा जारी किये गये टोल फ्री नम्बर की जानकारी दी गई। उन्होंने एकेएस वि.वि. की साफ सफाई, पर्यावरण, विद्यार्थियों के अनुशासन की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि एकेएस वि.वि. शिक्षा का सिरमौर है और भविष्य के इंजीनियर्स और सभी संकाय के छात्र छात्राएं प्रशंसा के पात्र हैं।

Daily University News in Hindi
- Subscribe to this category
- Subscribe via RSS
- 2500 posts in this category
सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के सभागार में वि.वि. के डायरेक्टर अवनीश सोनी ने जैन साध्वी सुश्री साश्वत् पूर्णा श्रीजी (सारिका) विंध्य चेम्बर्स आॅफ काॅमर्स के पूर्व अध्यक्ष गिरीश शाह, जैन साध्वी सुश्री दिव्या पूर्णा, वि.वि. के प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन, डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी और प्रो. आर.एन. त्रिपाठी के साथ वि.वि. के फैकल्टी और छात्र छात्राओं के बीच कहा कि एकेएस वि.वि. में ब्रह्मी लिपि पर सर्टिफिकेट कोर्स प्रारम्भ किया जायेगा जो आमजन और विद्यार्थियों के लिये होगा। एकेएस वि.वि. मे आयोजित बृहद कार्यक्रम मे जैन साध्वी सुश्री साश्वत्् पूर्णा श्रीजी ने कहा कि भारतवर्ष की प्राचीन संस्कृति को यदि ब्राह्मी लिपि के माध्यम से समझा जाय तो भारत की बहुत सारी उपलब्धियों विज्ञान, कला और साहित्य को और करीब से समझा जा सकता है। उन्होंने बताया कि भारत प्राचीनकाल से विज्ञान एवं वैज्ञानिक पद्धतियों का प्रयोगकर्ता रहा है जिसके कारण इन पद्धतियों का ज्ञान सम्पूर्ण विश्व को कालांतर में प्राप्त हुआ है। ब्राह्मी लिपि जो लगभग 400 बीसी से पांचवीं शताब्दी तक अपने विकास की दृष्टि से समृद्धि की ओर अग्रसर रही वह ज्ञान धीरे धीरे विलुप्त हो जाने के कारण हमने अपनी राष्ट्रीय अस्मिता, धरोहर, प्राचीन वास्तुशिल्प में क्षरण महसूस किया। ब्राह्मी लिपि का विकास मूल रूप से सम्राट अशोक के राज्य में हुआ। ब्राह्मी लिपि को समझने वाले बहुत कम लोग हैं। आवश्यकता इस बात की है कि हमारी युवा पीढ़ी अपने इतिहास और दर्शन को समझने के लिये ब्राह्मी लिपि का भी अध्ययन करें तो हम बहुत सारे विषयों के समाधान अपने अतीत के आधार पर भी पा सकते हैं। सुश्री साश्वत् ने आगे कहा कि विद्यार्थियों के बौद्धिक विकास एवं कार्यक्षमता वृद्धि में लिपियों की बनावट व उसके उपयोग में सावधानी बरतनी चाहिये क्योंकि हमारे बहुत सारे विचार जो हमारे सबकांसियस माइंड में रहते हैं वह अक्षरों के माध्यम से प्रस्फुटित होते हैं। यदि हमारी लेखनी सही नहीं होती तो वह कहीं न कहीं हमारे मानसिक धरातल की अभिव्यक्ति को सही स्वरुप में व्यक्त नहीं कर पाती है। उन्होंने व्यक्तित्व विकास के संदर्भ में छात्रों को बहुमूल्य सुझाव भी देते हुए कहा कि हमें लिपियों के अध्ययन से समझना होगा कि वह किस प्रकार मनुष्य के सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास में सहायक सिद्ध होती हैं। कार्यक्रम का संचालन ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी ने किया। सभागार में उपस्थित सभी जनों ने ब्राह्मी लिपि पर सर्टिफिकेट कोर्स की घोषणा पर प्रसन्नता व्यक्त की।
सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के सभागार में सरस्वती उच्च्तर माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों ने अपने गुरुजनों के साथ कॅरियर काउन्सिलिंग और वि.वि. की विभिन्न शैक्षणिक जानकारियाॅ प्राप्त की। समूह में 100 विद्यार्थियों के दल ने एकेएस वि.वि. के विभिन्न कोर्सेस के बारे में विषय विशेषज्ञों से मार्गदर्शन और विस्तार से जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर मंच पर ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी, इंजीनियरिंग प्रशासक इंजी. आर.के. श्रीवास्तव, सिविल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष शिवानी गर्ग, फार्मेसी विभागाध्यक्ष सूर्यप्रकाश गुप्ता, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष अजीत सराठे ने विद्यार्थियों को एकेएस वि.वि. की शैक्षणिक प्रणाली, विभिन्न संकायों के लैब्स, सिक्योरिटी और परीक्षा प्रणाली के साथ समस्त जानकारियां मंच से प्रदान कीं। सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य एवं अध्यापकों ने भी एकेएस वि.वि. के बारे में अपनी राय रखते हुए कहा कि वि.वि. में कदम रखते ही इस बात का एहसास हो जाता है कि वि.वि. ने अल्प समय में जो महानगरीय सुविधा और पठन पाठन का माहौल सतना में उपलब्ध कराया है वह सचमुच सराहनीय है। छात्र छात्राओं ने भी विजिट के दौरान विभिन्न लैब्स, हर्बल गार्डन, गौशाला, बायोटेक लैब, फार्मेसी लैब, फूड टेक इंक्यूबेशन सेंटर, इंजीनियरिंग विभाग की उन्नत वर्कशाप्स, पाॅलीहाउस, एग्रीकल्चर फील्ड, मशरूम सेंटर, गौअम्ृत चिकित्सा केन्द्र के साथ साथ आईटी विभाग द्वारा माॅनिटर्ड सीसीटीवी रूम का भी भ्रमण किया। इस मौके पर वि.वि. के फैकल्टी मेम्बर्स ने भी उपस्थित रहकर विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।
सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के सभागार में आईबीएम के एक्सपर्ट राजेन्द्र बेन्द्रे ने वि.वि. के कम्प्यूटर संकाय के समस्त विद्यार्थियों को फील्ड की विविधता के बारे में विस्तार से जानकारी दी उन्होने कहा कि आईबीएम एक बडा सपना था विचार था और उसके विकास की एक अलग कहानी है जो पे्ररणस्पद भी है। मि. बेन्द्रे के व्याख्यान के दौरान बी.टेक सीएस, बीसीए, बी.एससी.आईटी, एमसीए के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। व्याख्यान के दौरान एक्सपर्ट राजेन्द्र बेन्द्रे ने इम्प्रूव्हमेंट आॅफ टेक्निकल स्किल, आईबीएम के विधि प्रोजेक्टस, सेलेक्शन इन आईबीएम एज ए फ्रेशर, क्लाउड कम्प्यूटिंग,एआई और आईओटी पर विस्तार से प्रकाश डाला। अपने व्याख्यान के दौरान उन्होने कहा कि एकेएस वि.वि. अब एक उच्चतम दर्जे का शैक्षणिक केन्द्र है जिसमें प्रतिभाओं की भरमार है।व्याख्यान के दौरान एकेएस वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी, अखिलेश ए वाऊ के साथ सीएस विभाग के समस्त फैकल्टीज की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के समस्त संकायों के छात्र छात्राओं को विषय में दक्ष करने हेतु विषय विशेषज्ञों के व्याख्यान आयोजित किये जाते हैं। गेस्ट लेक्चर की कड़ी में सिविल विभाग के छात्र छात्राओं को व्यासख्यान में उपस्थित रहने का मौका मिला। वैभव गुप्ता, स्टेट टेक्निकल हेड, बिरला गोल्ड प्रीमियम सीमेन्ट, सरला नगर मैहर और नवल किशोर पाठक, टेक्निकल हेड आॅफीसर, सतना ने एकेएस वि.वि. के बी.टेक सिविल और डिप्लोमा सिविल के सभी संकाय के विद्यार्थियों को व्याख्यान के दौरान सिविल इंजीनियरिंग की विशेषताओं के साथ कार्य के दौरान आने वाली समस्याओं और उनके निराकरण पर व्याख्यान दिया। दो घंटे के व्याख्यान के दौरान सीमेन्ट मैन्यूफैक्चरिंग टेस्ट, एडवांटेज आॅफ कांक्रीट प्रोसेस फार मेकिंग और एप्लीकेशन फार सिविल प्रोजेक्ट पर विस्तार से जानकारियां शेयर की गईं। इस दौरान इंजीनियरिंग डीन डाॅ. जी.के. प्रधान, ट्रेनर वैभव गुप्ता और नवल किशोर पाठक और सिविल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष इंजी. शिवानी गर्ग के साथ विशुतोष वाजपेयी ने उपस्थित समस्त छात्र छात्राओं को ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट प्रदान किया।