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सतना। विंध्य क्षेत्र के उत्कृष्ट शैक्षणिक संस्थान एकेएस वि.वि. सतना मे स्पंदन 2018 की शुरुआत में विंध्य क्षेत्र के व्यंजनों की विविधता, प्राचीन खाद्य पदार्थ, नये भोज्य पदार्थों, स्टीम्ड, रोस्टेड, बेक्ड और अनप्रोसेस्ड भोज्य पदार्थों की प्रतियोगिता के लिये मास्टरशेफ-2018 के लिये आॅडीशन 24 फरवरी को वि.वि. के ए ब्लाक में संपन्न हुए, जिसमें मास्टरशेफ के 27 फरवरी को होने वाले महाआयोजन की रूपरेखा तय हुई। इस बारे में बताते हुए कोआर्डिनेटर इंजी. रमा शुक्ला ने बताया कि प्रतियोगिता में 16 से ज्यादा टीमें लजीज, लज्जतभरे और खुशबूदार व्यंजनों का डेमोस्ट्रेशन करेंगे और प्रतियोगिता के ‘कुक एण्ड विन एक्साइटिंग प्राइजेज’ के विनर भी बनेंगे। मास्टरशेफ के सभी प्रतिभागी पूरे मनोयोग से तैयारियों में दिन रात एक किये हुए हैं और हर कोई विजेता बनने के उत्साह से भरा हुआ है। एक समूह में कम से कम 4 और अधिक से अधिक 6 प्रतिभागी शामिल हो सकते हैं।फ्रूट सलाद,फूड रंगोली,सलाद प्रतियोगिता भी इस कार्यक्रम की गरिमा में चार चाॅद लगाऐंगी और हाथों का हुनर बयान होगा। ये सभी व्यंजन फूड टेक हेड इंजी.राजेश मिश्रा की देखरेख में बनाए जाऐंगें। अव्वल, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कारों के सहभागी जजेस द्वारा चुने जाऐंगें। वि.वि. प्रबंधन ने सभी प्रतिभागियों को प्रतियोगिता के लिये शुभकामनाएं दी हैं।

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सतना। विंध्य क्षेत्र के उत्कृष्ट शैक्षणिक संस्थान एकेएस वि.वि. सतना के प्रांगण में 3 दिवसीय मेगा टेक्निकल फेस्ट ‘सिग्मा-18’ का भव्य शुभारंभ दिनांक 26 फरवरी 2018 को दिन सोमवार को प्रातः 9 बजे चेयरमैन इंजी. अनंत सोनी, कुलपति प्रो. पी.के. बनिक, प्रतिकुलपति डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी, डाॅ. हर्षवर्धन, ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी, डीन इंजीनियरिंग प्रो. जी.के. प्रधान, प्रशासक इंजीनियरिंग इंजी. आर.के. श्रीवास्तव, समस्त प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापकगण एवं समस्त प्रतिभागियों की उपस्थिति में कार्यक्रम का शुभारंभ ध्वजारोहण द्वारा किया जायेगा। इस मेगा टेक्निकल फेस्ट के माध्यम से प्रतिभागियों को उनकी प्रतिभा का परिचय देने के लिये मंच प्रदान करना हमारा लक्ष्य है जिससे उनके शैक्षणिक विकास के साथ-साथ बौद्धिक विकास भी निरंतर होता रहे। इस मेगा टेक्निकल फेस्ट की विशेषता यह है कि इसमें प्रदेश/जिले के अन्य शैक्षणिक संस्थानों के लगभग 1500 प्रतिभागियों ने अपना रजिस्ट्रेशन दर्ज करवाया है। इस फेस्ट के अंतर्गत 50 से अधिक तकनीकी प्रतिस्पर्धाएं आयोजित करवाई जायेंगी और विजेताओं को आकर्षक नकद पुरस्कार एवं सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र द्वारा सम्मानित किया जायेगा।

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विश्वविद्यालय के समस्त छात्र-छात्राओं, कर्मचारियों एवं अधिकारियों को एवं आमजनों को भी अवगत कराया जाता है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन के सद्सहयोग से विश्वविद्यालय में ’ब्राह्मी लिपि’ के अध्ययन-अध्यापन हेतु शीघ्र ही सर्टिफिकेट कोर्स प्रारंभ किया जा रहा है इसमें प्रवेशार्थियों की उम्र का कोई प्रतिबंध नहीं है। किन्तु उसे कम से कम इण्टरमीडिएट उत्तीर्ण होना चाहिए। इसी तारतम्य में यह भी अवगत कराना है कि बाह्मी लिपि के जानकार लोगों के लिए आंनदमय ज्ञान की उपलब्धि के साथ-साथ पुरातत्व विभाग, म्युजियम तथा अन्य क्षेत्रों में रोजगार के प्रचुर अवसर उपलब्ध है। इतिहास विषय के शिक्षक, शोधार्थी एवं प्राचीन भारतीय इतिहास के विधार्थियों के लिए विशेष लाभप्रद है।
अतः समस्त इच्छुक छात्र-छात्रायें एवं अधिकारीगण जो लोग इस लिपि को सीखना चाहते है, वे दिनांक 27 फरवरी 2018 तक अपने नाम श्री भाग्यवेन्द्र सिंह के पास ए-ब्लाॅक कक्ष क्रमांक ए-1 में 500/- पंजीकरण शुल्क से पंजीकृत करावें। इस पाठ्यक्रम का विधिवत् उद्घाटन 26 फरवरी 2018 को ए-ब्लाॅक के सी-11 में किया जावेगा।
पाठ्यक्रम की कुल अवधि 40 पीरियड की होगी। इसका कुल शुल्क 2000/- रूपए निर्धारित किया गया है। प्रमुख शिक्षिका साध्वी शाश्वत पूर्णा श्री जी (सारिका बी. जैन) होंगी। जिन्होनें ब्राह्मी लिपि के अध्ययन हेतु विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों पर जाकर लगभग 8 वर्षों तक शोध कार्य किया है। उन्होने संस्कृत, जैन धर्म, बौद्ध दर्शन व अंग्रेजी का विशेष ज्ञान अर्जित किया है।
उल्लेखनीय है कि प्राचीन भारतीय संस्कृति का लेखन ब्राह्मी लिपि में हुआ है अर्थात् भारत की प्राचीन संस्कृति, धर्म, दर्शन एवं गूढ़तम ज्ञान-विज्ञान को यथार्थ में जानने एवं समझने के लिए ब्राह्मी लिपि का ज्ञान होना आवश्यक है। ठोस एवं मौलिक ज्ञान के उद्गम तक  का मार्ग भी ब्राह्मी विद्या की जानकारी से ही संभव है। क्योंकि यह मानव चेतना के तार से जुड़ी हुई विद्या/लिपि है। दुःखद यह है कि ब्राह्मी लिपि साइंस एवं तकनीकि युग की अंतहीन अंधी दौड़ में युवा इस कारण भटक रहा है कि उसे ज्ञान के उद्गम का पता ही नहीं है। ब्राह्मी लिपि अब लगभग लुप्त होती जा रही है। किन्तु अभी भी इसको सिखाने वाले/मार्गदर्शन करने वाले गुरू एवं साहित्य उपलब्ध हंै। अतः हम सबको प्रयास करना चाहिए कि इस भाषा को जानने वाले गुरूओं एवं साहित्यों के माध्यम से लिपि को समझं। जिससे वर्तमान एवं भावी पीढ़ियों के युवाओं के व्यक्तित्व विकास के साथ साथ उनके संर्वागीण विकास का मार्ग प्रकाशमान् हो तथा भटकाव रूक जाए।

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सतना। विंध्य क्षेत्र के उत्कृष्ट शैक्षणिक संस्थान एकेएस वि.वि. सतना इंजीनियरिंग डीन डाॅ. जी.के. प्रधान ने चन्द्रपुर महाराष्ट्र की अल्ट्राटेक सीमेन्ट के अवरपुर प्लांट की विजिट की। उन्होंने अल्ट्राटेक सीमेन्ट के चीफ एग्जिक्यूटिव मि. जी. बालसुब्रमनियम जो एक दक्ष प्रशासक और माइंस इंजीनियर हैं, उनसे मीटिंग के दौरान एकेएस वि.वि. के सीमेन्ट एवं अन्य संकायों के विद्यार्थियों की इण्डस्ट्रियल विजिट, वोकेशनल ट्रेनिंग और कंसल्टेंसी प्रोजेक्ट्स के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। वहां पर वि.वि. के इंजीनियरिंग डीन डाॅ. जी.के. प्रधान ने माइनिंग के अन्य सीनियर अधिकारियों से चर्चा की।

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सतना। विंध्य क्षेत्र के उत्कृष्ट शैक्षणिक संस्थान एकेएस वि.वि. सतना को 11वें एसोचैम हायर एज्युकेशन समिट 2018 और नेशनल एक्सिलेंस अवार्ड 2018 के आयोजन के मौके पर बेस्ट युनिवर्सिटी इन आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर अवार्ड 2018 से सम्मानित किया गया। 17 फरवरी 2018 को होटल इम्पीरियल जनपथ नई दिल्ली में आयोजित विशेष कार्यक्रम में डाॅ. सत्यपाल सिंह, मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उच्च शिक्षा, भारत सरकार के करकमलों से यह अवार्ड एकेएस वि.वि. सतना की तरफ से डायरेक्टर अमित सोनी ने प्राप्त किया। इस अवसर पर माननीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डाॅ. सिंह ने कहा कि उच्च शिक्षा में पाठ्यक्रमों में वर्तमान परिपेक्ष्य व आवश्यकतानुसार संसोधन किया जाना नितांत जरूरी है ताकि भारतीय विद्यार्थी विश्व की वर्तमान चुनौतियों को समझ सकें तथा अपने आपको उसके अनुरूप तैयार कर सकें। इस दिशा में युनिवर्सिटीज को भारतीय अर्थव्यवस्था की मांग तथा उद्योगों की आवश्यकता के अनुसार लचीला रुख अपनाना चाहिये। ज्ञातव्य है कि यह अवार्ड विशिष्ट ज्यूरी मेम्बर्स, शिक्षाविदों और विशिष्टजनों द्वारा एकेएस वि.वि. का चयन आईटी एक्सिलेंस की कसौटी पर खरा उतरने पर प्रदान किया गया। पुरस्कार वितरण के दौरान विभिन्न युनिवर्सिटीज और इंस्टीट्यूशन्स के कुलाधिपति, कुलपति, और डायरेक्टर्स की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। स्मरणीय है कि इसके पूर्व वि.वि. को कई अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय अवार्ड प्रदान किये जा चुके हैं, इनमें ‘मोस्ट इनोवेटिव युनिवर्सिटी अवार्ड इन म.प्र. 2017’, ‘बेस्ट इनोवेटिव युनिवर्सिटी अवार्ड 2017’, ‘एज्युकेशन नेशनल एक्सिलेंस अवार्ड 2016’ और ‘बेस्ट युनिवर्सिटी इन रूरल एरिया अवार्ड 2016’ से भी सम्मानित किया जा चुका है। बेस्ट युनिवर्सिटी इन आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर अवार्ड 2018 से सम्मानित होने के बाद वि.वि. में हर्ष का माहौल है और वि.वि. को बधाई संदेश लगातार प्राप्त हो रहे हैं। वि.वि. को यह सभी अवार्ड विभिन्न एकेडेमिक मापदंडों पर खरा उतरने पर मिले हैं। वि.वि. प्रबंधन ने सभी अधिकारियों, फैकल्टीज और छात्र छात्राओं की कठिन मेहनत को इस अवार्ड का सही हकदार बताया है। 

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