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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के डिपार्टमेंट आॅफ माइनिंग इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों ने आईएसएम धनबाद में आयोजित ‘खनन-18’ प्रतिस्पर्धा में शानदार प्रदर्शन किया। इसी कड़ी में आईएसएम धनबाद में कुल 9 प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, इन प्रतियोगिताओं में एकेएस वि.वि. के प्रतिभागी विद्यार्थियों ने 4 ईवेन्ट्स में अच्छा प्रदर्शन किया। पेपर प्रजेंटेशन में विजुअल लाइट कम्युनिकेशन इन अंडरग्राउण्ड माइन्स में आर. सांई वम्सी, एस. नीरज कुमार और एस. सांई कुमार ने प्रथम स्थान हासिल किया। माइनिंग आल्टरिंग पब्लिक परसेप्शन और स्कोप एण्ड फेल्युअर आॅफ लांग वाल माइनिंग इन इंडिया विषय पर भी पेपर प्रजेंटेशन एकेएस के विद्यार्थियों ने किया।यहां पर कुल 12 पेपर प्रजेंट किये गये जो भारतवर्ष के प्रतिष्ठित संस्थानों के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत किये गये। माइन केस स्टडी में प्रशांत शर्मा और रितेश तिवारी ने तृतीय स्थान हासिल किया। माइन इनोवेशन जिसमें नवीनता का पुट हो विजुअल लाइट कम्युनिकेशन इन अंडरग्राउण्ड माइन्स पर एस नीरज कुमार, एस सांई कुमार, टी. राजकुमार ने द्वितीय स्थान अर्जित करते हुए वि.वि. का नाम रोशन किया। इंडियन इंडस्ट्रियल डिजाइन प्राब्लम में 10 टीमों ने सहभागिता दर्ज कराई जिसमें एकेएस वि.वि. के पी यशवंत रेड्डी, के. कृष्णा और टी. राजकुमार ने तृतीय स्थान अर्जित किया। प्रतियोगिता में के. कृष्णा, के. सत्यनारायण, के. कार्तिक, डी. संदीप, वैभवधर द्विवेदी, नितीश कुमार सिंह, अश्विनी राज, शिवम सिंह ने उल्लेखनीय योगदान दिया। उल्लेखनीय है कि खनन-2018 की प्रतिस्पधाओं में आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी बीएचयू, आईआईई एसटी शिवपुर, जैसे प्रसिद्ध व प्रतिष्ठित संस्थानों के विद्यार्थियों ने सहभागिता दर्ज कराई थी। विद्यार्थियों की इस उपलब्धि पर आईआईटी ,आईएसएम धनबाद के डायरेक्टर प्रो. राजीव शेखर, प्रो. मूर्ति (विभागाध्यक्ष माइनिंग), एकेएस वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी, कुलपति प्रो. पारितोष के. बनिक, इंजीनियरिंग डीन जी.के. प्रधान, डाॅ. बी.के. मिश्रा, प्रो. दासगुप्ता आदि ने विद्यार्थियों को सफलता के मार्ग पर तत्पर रहकर आगे बढ़ने का आशीर्वचन दिया और विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की है।कैम्पस एम्बेस्डर के रूप में प्रशांत शर्मा, रितेश तिवारी, एस. नीरज कुमार ने एकेएस वि.वि. का प्रतिनिधित्व किया।

 

 

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सतना। बी.एड विभाग में विभागाध्यक्ष आर.एस. मिश्रा, बी.डी. पटेल, अनिरुद्ध गुप्ता, नरेन्द्र पटेल, विजय पाण्डेय, नीता सिंह गहरवार, शिखा त्रिपाठी, डाॅ. कल्पना मिश्रा, डाॅ. सरिता सिंह, पूर्णिमा सिंह, रानू सोनी की उपस्थिति में डाॅ. राधाकृष्णन को याद करते हुए उनके नैतिक मूल्यों, दर्शन, उनकी विद्वता, प्रशासन, राजनईक कार्यों, देशभक्ति और शिक्षा सास्त्रार्थ पर जानकारी दी गई। विभागाध्यक्ष ने छात्राध्यापकों और छात्राध्यापिकाओं को संबोधित करते हुए डाॅ. राधाकृष्णन कहा करते थे कि शिक्षक को ज्ञान का दीपक बनकर चारों तरफ अपना प्रकाश विकीर्ण करना चाहिए। सादा जीवन उच्च विचार की उक्ति को शिक्षक को अपने जीवन में चरितार्थ करना चाहिये और उसकी ज्ञानगंगा सदा प्रवाहित होती रहनी चाहिये। बी.एड विभागाध्यक्ष ने बताया कि डाॅ. राधाकृष्णन बुद्धिमत्तापूर्ण व्याख्याओं, आनन्ददायी अभिव्यक्तियों और हंसाने गुदगुदाने वाली कहानियों से अपने छात्रों को मंत्रमुग्ध कर दिया करते थे। वे छात्रों को प्रेरित किया करते थे कि वे उच्च नैतिक आचरणों को अपने मूल्यों में उतारें। वे जिस विषय को पढ़ाते थे उस विषय का पहले खुद गंभीर अध्ययन करते थे। दर्शन जैसे गंभीर विषय को भी वे अपनी शैली की नवीनता से सरल और रोचक बना देते थे। वे कहते थे कि विश्वविद्यालय गंगा जमुना के संगम की तरह शिक्षकों और छात्रों के पवित्र संगम हैं। विश्वविद्यालय जानकारी बेंचने की दुकान नहीं हैं, वे ऐसे तीर्थ स्थल हैं जिनमें स्नान करने से व्यक्ति को बुद्धि, इच्छा और भावना का परिस्कार और आचरण का संस्कार होता है। वि.वि. बौद्धिक जीवन के देवालय हैं, उनकी आत्मा है ज्ञान की शोध। वे संस्कृति के तीर्थ और स्वतंत्रता के दुर्ग हैं। उनके अनुसार उच्च शिक्षा का काम है साहित्यकला और व्यापार व्यवसाय को कुशल नेतृत्व उपलब्ध कराना। उसे मस्तिष्क को इस प्रकार प्रशिक्षित करना चाहिये कि मानव ऊर्जा और भौतिक संसाधनामें में सामंजस्य पैदा किया जा सके। उसे मानसिक निर्भयता, उद्देश्य की एकता और मन की एकाग्रता का प्रशिक्षण देना चाहिये। साविद्या या विमुक्तये यानी विद्या वह है जो हमें मुक्त करे। इस मौके पर छात्राध्यापक और छात्राध्यापिकाओं ने गुरुओं का सम्पूर्ण तन्मयता से सम्मान किया।

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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के सेंट्रल हाॅल में ‘गुरू गोविंद दोउ खड़े, काके लागूं पाय, बलिहारी गुरू आपने गोविंद दियो बताय’ दोहे के साथ टीचर्स डे का भव्य आयोजन किया गया। इस मौके पर एकेएस वि.वि. के सभी टीचर्स को श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। शिक्षक दिवस के मौके पर सभी वरिष्ठजनों ने अपने अपने गुरुओं के विषय में बताया। टीचर्स डे के विषय में बताते हुए सभी ने कहा कि शिक्षक की भूमिका बच्चों के उज्जवलन भविष्य को तराशने और संवारने का कार्य करती है। शिक्षक के द्वारा दिये गये ज्ञान से बच्चे अपनी जिंदगी में कामयाब होते हैं, शिक्षकों का उद्देश्य सिर्फ शिक्षा देना ही नहीं बल्कि समाज मे स्थापित बुराईयों को दूर कर उनका व्यक्तित्व निर्माण करना भी है। इस मौके पर सर्वप्रथम डाॅ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया। डाॅ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का कहना था कि शिक्षक सीखता है और बच्चों को सिखाता है। डाॅ. राधाकृष्णन राष्ट्रपति बनने पर शिक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले गये, उनके विचार में शिक्षक बनने का अधिकारी वही है जो लोगों से अधिक बुद्धिमान हो, विनम्र और एक जिम्मेदार नागरिक बनाने वाला हो। अनुभव और ज्ञान के समन्दर से गुरू ज्ञानामृत की वर्षा करते हैं। अपने शिष्यों के कारण गुरुओं का मान बढ़ता है। बच्चे डाॅक्टर, इंजीनियर, वकील, जज, पायलट, प्रशासनिक अधिकारी या व्यवसायी कुछ भी बनें उनमें व्यवहारिक, सामाजिक और आध्यात्मिक ज्ञान का होना अति आवश्यक है, जिससे वे समाज को सही दिशा प्रदान करने में समर्थ हों। वहीं दूसरी ओर आध्यात्मिक ज्ञान के अभाव में व किसी गलत निर्णय को लेकर परिवार समाज और देश को विनाश की ओर न ले जायें। गुरू हमें जीवन के बहुत से चक्रव्यूह से निकलने का सही रास्ता बताते हैं, क्योंकि बच्चों में गुरू का स्थान माता पिता से बढ़कर होता है। जो बच्चा शिक्षा संस्कार गुरू से प्राप्त करता है वह बच्चा उस शिक्षा के ज्ञान से अपने जीवन में आने वाली समस्याओं और कठिनाइयों का आसानी से सामना करता है। कार्यक्रम में बताया गया कि गुरुओं का हमेशा आदर और सम्मान करें और उनके द्वारा सिखाए गए अच्छे संस्कार और ज्ञान का स्मरण कर जीवन में आगे बढ़ें। गुरू की महिमा का वर्णन करते हुए कहा गया कि गुरू कुम्हार शिष्य कुंभ है, गढ़ि गढ़ि काढ़ै खोट, अंतर हाथ सहार दै, बाहर मारै चोट। कई बार गुरू की बात कठोर और कड़वी लग सकती है पर अपने विद्यार्थी के उज्जवल भविष्य के लिए गुरू हमेशा तत्पर रहते हैं। कार्यक्रम में एकेएस वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी, कुलपति पारितोष के. बनिक, प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन, डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी, ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी, वि.वि. के सभी पदाधिकारी, डीन, डायरेक्टर्स और फैकल्टीज उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मंजू चटर्जी ने किया।

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सतना।विन्ध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस विश्वविद्यालय सतना के डिपार्टमेंट आॅफ माइनिंग इंजीनियरिंग के विद्यार्थी रितेश तिवारी पुत्र अरुण कुमार तिवारी और प्रशांत शर्मा पुत्र रामलखन शर्मा ने आईआईटी, आईएसएम धनबाद में आयोजित तीन दिवसीय ‘‘खनन’18’’ प्रतिस्पर्धा में ओव्हरआॅल तीसरा स्थान प्राप्त करके एकेएस वि.वि. व अपने परिजनों का नाम रोशन किया है। उल्लेखनीय है कि इस प्रतिस्पर्धा में आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी बीएचयू, आईआईई एसटी शिवपुर, जैसे प्रसिद्ध व प्रतिष्ठित संस्थानों ने सहभागिता दर्ज कराई थी। विद्यार्थियों की इस उपलब्धि पर आईआईटी आईएसएम धनबाद के डायरेक्टर प्रो. राजीव शेखर, प्रो. मूर्ति (विभागाध्यक्ष माइनिंग), एकेएस वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी, कुलपति प्रो. पारितोष के. बनिक, इंजीनियरिंग डीन जी.के. प्रधान, डाॅ. बी.के. मिश्रा, प्रो. दासगुप्ता आदि ने विद्यार्थियों को सफलता के मार्ग पर तत्पर रहकर आगे बढ़ने और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।

 

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सतना। वि.वि. में कई संकायों में भी टीचर्स डे गरिमा के साथ मनाया गया। बायोटेक विभाग में विभागाध्यक्ष डाॅ. कमलेश चैरे, डाॅ. समित कुमार, डाॅ. दीपक मिश्रा, डा. अश्विनी वाऊ, रेनी निगम, कीर्ति समदरिया, संध्या पाण्डेय, मोनिका सोनी, शिल्पी सिंह, प्रिया तिवारी, रामजी सिंह, भारत सोनी, हर्ष प्रताप सिंह, महेन्द्र सिंह, धीरेन्द्र मिश्रा, श्रेयांस परसाई, विवेक अग्निहोत्री, सौरभ सिंह, पीयूष रायकी उपस्थिति में डाॅ. राधाकृष्णन को याद किया गया। गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः, गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुः साक्षात् परब्रह्मा, तस्मै श्रीगुरुवे नमः के मंत्रोच्चार के साथ गुरुओं का नमन किया गया। डाॅ राधाकृष्णन ने कहा था शिक्षक का काम है ज्ञान एकत्र करना, प्राप्त करना और फिर उसे बांटना। इस मौके पर कार्यक्रम का संचालन करते हुए बायोटेक की छात्रा ने कहा कि टीचर्स आर जस्ट लाइक ए कैंडल, हू बर्न देम सेल्फ फार द इनलाइटमेंट आॅफ स्टूडेंट्स। कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने अपनपे टीचर्स के साथ पुरानी यादें भी साक्षा कीं और उन्हें नमन किया। विद्यार्थियों द्वारा भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

 

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