सतना। एकेएस वि.वि. के रावे के छात्रों द्वारा कार्यक्रम समन्वयक श्री सात्विक सहाय बिसारिया के मार्गदर्शन में ग्राम सोहवला में किसान संगोष्ठी का आयोजन किया। संगोष्ठी में किसानों द्वारा खेती में आने वाली समस्याओं को उजागर किया गया, विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा किसानों की समस्याओं का निदान बताया गया। एकेएस वि.वि. के कृषि संकाय अधिष्ठाता डाॅ. एस.एस. तोमर ने फसल उत्पादन, अखिलेश जागरे ने फसल सुरक्षा, सात्विक सहाय ने कहा कि कृषि भारत का भविष्य भी है और वर्तमान भी, कृषि भारतीय अर्थ व्यवस्था की नींव है। इसी क्रम में उन्हांेने कहा कि अगर हमें कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाना है तो हमें उन्नत प्रौद्योगिकी का प्रयोग करना होगा। सरपंच सोहौला ने एकेएस यूनिवर्सिटी व कार्यक्रम समन्वयक सात्विक सहाय को धन्यवाद दिया और भविष्य में भी इसी तरह की संगोष्ठियां आयोजित करने का भी आग्रह किया। कार्यक्रम के समापन अवसर पर कार्यक्रम समन्यवयक सात्विक ने कहा कि आप सभ्ज्ञी धन्यवाद के पात्र हैं। उन्होंने सभी उपस्थित अन्नदाताओं का आभार व्यक्त किया कार्यक्रम में लगभग 50 अन्नदाताओं व एकेएसयू के रावे के छात्रों ने हिस्सा लिया।

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सतना। एकेएस वि.वि. सतना के दो छात्र गिरीश कुमार करिया बी.टेक. सेकेन्ड ईयर और विशाल ठाकुर,बी.टेक. तुतीय सेमेस्टर के छात्र फूड सुरक्षा और स्टैण्डर्ड क्विज मे सहभागिता करेगे। प्रतियोगिता कन्फेडरेशन आॅफ इंडियन इंडस्ट्रीज,सुरक्षित खाद्य अभियान 12 सितंबर 2018 को भोपाल में आयोजित की जाएगी। इस प्रतियोगिता में 163 यूनिवर्सिटीज और संस्थानों के विद्यार्थी सहभागिता दर्ज कराऐंगें। उल्लेखनीय है कि प्रतियोगिता में तीन स्तर पर विद्यार्थी प्रतिस्पर्धा करेंगें। प्रथम स्तर पर फूड सेफ्टी प्रोजेक्ट,द्वितीय स्तर पर फूड सेफ्टी लीडर्स और तृतीय स्तर पर फूड सेफ्टी एम्बेस्डर्स पर प्रतिस्पर्धा है। विद्यार्थियों का मार्गदर्शन फैकल्टी बीरेन्द्र तिवारी करेंगें। विद्यार्थियों को एकेएस वि.वि. प्रबंधन और विभागाध्यक्ष इंजी.राजेश ने प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन करने की शुभकामनाऐं दीं हैं।
सतना। एकेएस वि.वि. के सभागार में सोमवार को सोसायटी फाॅर द प्रमोशन आॅफ इंडियन क्लासिकल म्यूजिक एण्ड कल्चर अमंग यूथ के सौजन्य से कथकली नृत्य का एक अनछुआ,अलौकिक एहसास विद्यार्थियों और उपस्थित जनों को हुआ। कथकली की अलौकिक प्रस्तुति से सम्पूर्ण सभागार कला के रंग में डूब गया कथकली को रंगवेदी या कलियरंगु भी कहते हैं इसकी प्रस्तुति अदृभुत रही। उल्लेखनीय है कि एकेएस वि.वि. में विभिन्न संकाय के विद्यार्थियों को भारत की सांस्कृतिक विविधता, देशकाल और भारत की प्राचीनता और अनेकता से परिचय करवाने हेतु इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित होते हैं। इसके पूर्व अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती और नटराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद दीप प्रज्जवलन किया गया। तत्पश्चात् देवार्चन करके देवाशीष लिया गया मंगल आरती की गई। कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कथकली कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकदीर्घा को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस मौके पर बताया गया कि कथकली का इतिहास केरल के राजाओं के इतिहास के साथ जुड़ा है। भारतीय क्लासिकल परिकल्पना के अनुसार नवरसों की नाट्य प्रस्तुति कथकली में प्रमुखता से होती है। कथकली संगीत के आधार पर ही नट अभिनय करते हैं। कथकली संगीत को मूड म्यूजिक भी कहा जाता है। कथकली संगीत पर कर्नाटक संगीत का भी प्रभाव है। कुछ विशिष्ट राग जैसे कि पाटि पुरनिरा आदि रागों का प्रयोग केवल कथकली में ही होता है। सर्वाधिक प्रसिद्ध आट्ट कथाओं में उण्णायि वारियर का नल चरितम्, कोट्यम तम पुराण का कल्याण सौगंधिकम् इत्यादि प्रसिद्ध आट्ट कथाएं हैं। कथकली की शैली में जो छोटे छोटे भेद होते हैं उन्हें चिट्टकल कहते हैं। कथकली के विकास के लिये महाकवि वल्लतोल नारायण मेनन द्वारा स्थापित केरल कला मंडलम् और अनेक केन्द्र प्रशिक्षण देते हैं। इसी कड़ी में दूसरी प्रस्तुति कुट्टी किशन द्वारा दी गई। विदेशों में सैकड़ों प्रस्तुति दे चुके गुरु सदानन कुट्टी औरी कुट्टी किशन ने कथकली पर अपने विचार भी व्यक्त किये और वि.वि. के सभागार में विद्यार्थियों को कला के कई आयामों से परिचय कराया। कथकली का समापन धनाशि अनुष्ठान के साथ हुआ कथकली के कलाकारों में कलामंडलम श्रीकुमार,कलानिलयम विनोद,कलामंउलम देवराजन,कलानिलयम पद्मनाभम,सदानम धनीष, इत्यादि को सम्मानित किया गया। एकेएस वि.वि. की तरफ से कुलपति प्रो. पारितोष के. बनिक, प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन, डायरेक्टर अमित सोनी, इंजी. आर.के. श्रीवास्तव,प्रो. जी.पी. रिछारिया,नीलम तिवारी, कमलाकर सिंह उपस्थित रहे। जबकि सोसायटी फाॅर द प्रमोशन आॅफ इंडियन क्लासिकल म्यूजिक एण्ड कल्चर अमंग यूथ की ओर से स्पिक मैके के अध्यक्ष डाॅ. हेमंत कुमार डेनियल, सचिव प्रशांत श्रीवास्तव, वीरेन्द्र सहाय सक्सेना, प्रतीक अग्रवाल,श्रीराम अग्रवाल, राज गुप्ता, रंजना सोनी और राहुल जैन की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के फैकल्टी आॅफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलाॅजी के सीमेन्ट टेक्नोलाॅजी विभाग द्वारा ड्यूरेबल कांक्रीट मेकिंग प्रेक्टिसेस विषय पर दो दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम 7 और 8 सितम्बर को हो रहा है, 7 सितम्बर को कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ अतिथियों द्वारा अल्ट्राटेक सीमेन्ट के 18 मार्केटिंग आॅफीसियल्स की ट्रेनिंग के दौरान इंजीनियरिंग डीन डाॅ. जी.के. प्रधान, सीमेन्ट टेक्नोलाॅजी के डायरेक्टर प्रो. जी.सी. मिश्रा, प्रो. करुणानाथ भट्टाचार्य ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। दो दिवसीय कार्यक्रम में एप्लीकेशन आॅफ सीमेन्ट कांक्रीट मेकिंग प्रेक्टिसेस, सीमेन्ट टेस्टिंग और कांक्रीट टेस्टिंग पर विस्तार से जानकारी दी जायेग। कार्यक्रम की अंतिम कड़ी में 8 सितम्बर को मार्केटिंग स्ट्रेटेजी आॅफ सीमेन्ट पर विस्तृत जानकारी दी जायेगी। ट्रेनिंग प्रोग्राम के दौरान दी जाने वाली जानकारी के प्रेक्टिकल जानकारी भी एकेएस वि.वि. के सीमेन्ट टेक्नोलाॅजी लैब में प्रदान की जा रही है। ट्रेनिंग कार्यक्रम में सहभागिता दर्ज करा रहे मार्केटिंग आॅफीसियल्स ने कहा कि पूर्व में हुई ट्रेनिंग उद्देश्यपरक, जानकारीभरी और सारगर्भित थी। अल्ट्राटेक सीमेन्ट के जिन मार्केटिंग आॅफीसियल्स ने ट्रेनिंग प्राप्त की उनकी कार्य करने की क्षमता और दक्षता में विकास देखा गया। एकऐस वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने सभी को शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम का संचालन रवि पाण्डेय ने किया।
सतना। इरादे अटल हों और नजरें लक्ष्य पर हों तो हर मंजिल आपके कदमों में होगी, कुछ ऐसा ही हुआ एकेएस वि.वि. के होनहार विद्यार्थी शनि रैकवार के साथ जिन्हें वि.वि. के चेयरमैन का मार्गदर्शन मिला और सीमेन्ट टेक्नोलाॅजी विभाग के एक्सिलेंट कार्य का। फैकल्टी आॅफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलाॅजी के सीमेन्ट टेक्नोलाॅजी विभाग के बी.टेक के विद्यार्थी शनि रैकवार का चयन 1906 में स्थापित जर्मनी की लब्ध प्रतिष्ठित कम्पनी लोसे इंडिया में हुआ है। उल्लेखनीय है कि लोसे विश्व में इंजीनियरिंग के क्षेत्र की सर्वाधिक बड़ी कम्पनी है, यह डिजाइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग और सेवा प्रदाता कम्पनी के रूप में कार्य करती है। कम्पनी का इंडोनेशिया, ब्राजील, चाइना, भारतवर्ष, रसिया, साउथ अफ्रीका, नाइजीरिया, स्पेन, यूनाइटेड अरब अमीरात के साथ यूनाइटेट किंगडम और यूनाइटेड स्टेट्स जैसे 30 देशों में कार्य सम्पादित होता है। एकेएस वि.वि. के विद्यार्थी शनि रैकवार का चयन 4 लाख 60 हजार रूपये पर एनम पर नोएडा के लिए किया गया है। वि.वि. के विद्यार्थी के चयन पर वि.वि. में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। गौरतलब है कि विद्यार्थी की मां शिवकुमारी रैकवार घरों में काम करती हैं और पिता गणेश रैकवार सामान्य चैकीदार का काम करके परिवार का भरण पोषण का कार्य करते हैं। इस मौके पर मां शिवकुमारी को सम्मानित किया गया। मां के मजबूत इरादों की वजह से ही शनि इस मुकाम तक पहुंचा है। मंच से शनि की मां ने बताया कि वि.वि. प्रबंधन ने विषम आर्थिक स्थिति से उबारते हुए शनि में पढ़ने का जज्बा पैदा किया जिसे उसने दिन रात मेहनत करके पूर्ण किया। गौरतलब है कि नोएडा में शनि रैकवार बतौर असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर कार्य दायित्व सम्हालेगा। सीमेन्ट टेक्नोलाॅजी विभाग के डायरेक्टर प्रो. जी.सी. मिश्रा ने बताया कि लोसे जर्मनी में कार्य करना हर युवा का सपना होता है। कम्पनी द्वारा शनि रैकवार को सैलरी के साथ अन्य सभी सुविधाएं भी प्रदान की जायेंगी। कार्यक्रम के दौरान वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी, कुलपति प्रो. पारितोष के. बनिक, प्रतिकुलपति डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी, इंजीनियरिंग फैकल्टी के डीन डाॅ. जी.के. प्रधान की उपस्थिति उल्नेखनीय रही। सभागार में चयनित छात्र और उनकी मां को वि.वि. के चेयरमैन और कुलपति द्वारा गणेश जी प्रतिमा और भगवत गीता प्रदान की गई। वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने कहा कि वि.वि. में सभी संकाय में पासआउट और अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिये विभिन्न प्रतिष्ठित कम्पनियों में चयन सुनिश्चित किया जाता है और अभी तक सभी छात्रों का प्लेसमेंट तकरीबन हो चुका है।