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134 देशो के प्रतिनिधियों ने लिया भाग

सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के प्रतिकुलपति प्रो. भूषण दीवान ने ब्रिटिश हॅाईकमीशन के निमंत्रण पर नई दिल्ली 12 मार्च को ”द ग्रेट ब्रिटेन कैम्पेन“ मे शिरकत की। इस कार्यक्रम मे देश-विदेश के ख्यात शिक्षाविद्ों ने सहभागिता दर्ज करायी गौरतलब है, कि ”द ग्रेट ब्रिटेन कैम्पेन“ ”इंग्लिश इज ग्रेट “ का हिस्सा है, जो यूनाइटेड किंग्डम की सरकार का ऐसा कैम्पेन है, जो वर्तमान मे 134 देशो मे चल रहा है। वैश्विक परिदृश्य में व्यक्तिगत और प्रोफेशनल दोनो लहजों से अंग्रेजी की प्रासांगिकता पर व्यापक चर्चा हुई कि वर्तमान युवा अंग्रेजी के प्रभाव को समझें एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना हर उस सकारात्मक गतिविधि का एडाप्टेशन करने के लिये ख्यात है। जो कि वैश्विक परिदृश्य से विद्यार्थियों को रूबरू कराये ।

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एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के फिजिक्स फैकल्टी निलेश राय बुन्देलखंड यूनिवर्सिटी, झाँसी में आयोजित ‘‘इंटरनेशलन वर्कशाॅफ आॅफ मोडलिंग आॅफ मटेरियल’’ में शामिल हुए। जिसमें उन्हांेने ‘‘नेनोकम्पोजिट एवं एक्सपेरिमेंटल विश्लेषण’’ पर अपने विचार लगभग दस देशों से शामिल हुए विषय विशेषज्ञों के समक्ष प्रस्तुत किये एवं भविष्य में इस मटेरियल का उपयोग एनर्जी डिवाइसेंस में व्यापक स्तर पर करने की चर्चा की।

यह वर्कशाॅप मिशीगन टेक्नालाॅजीकल यूनिवर्सिटी हाॅटन अमेरिका एवं यूनिवर्सिटी डि टोरिनों इटली के संयुक्त तत्वाधान में बुन्देलखंड यूनिवर्सिटी झाँसी में 7 मार्च से 12 मार्च तक सम्पन्न की गई। 
भारत के विभिन्न टेक्निकल इंस्टीट्यूट एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर से आए विभिन्न शिक्षण संस्थानों के विद्धवानों में से अमेरिका, इजिप्ट, कोरिया, इटली आदि के रिसर्च एप्रोच को काफी सराहा गया। इसी पंक्ति में नीलेश राय का प्रदर्शन भी सराहनीय रहा। नीलेश राय के इस प्रदर्शन पर विश्वविद्यालय परिवार ने प्रसन्नता व्यक्त की।

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शासकीय विद्यालय शेरगंज में जाना शासकीय योजनाओं को

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एन.सी.टी.ई. से मिली मान्यता, सेमेस्टर वाइज होगी परीक्षा

 एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना में ‘‘बैचलर आॅफ एजूकेशन’’ (बी.एड.) पाठ्यक्रम जुलाई सत्र् से प्रारंभ हो रहा है। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना मध्यप्रदेश का एक मात्र ऐसा निजी विश्वविद्यालय है जिसमें (बी.एड.) की सेमेस्टर वाइज परीक्षाएंे ली जायेगी। एकेएस की बी.एड कोर्स की 100 सीटों में प्रवेश के इच्छुक अभ्यार्थियों को इन्ट्रेन्स एक्जाम की प्रक्रिया से भी गुजरना होगा, जिसमें 75 प्रतिशत अंक प्रवेश परीक्षा के एवं 25 प्रतिशत अंकों के लिए साक्षात्कार लिया जायेगा। बी.एड. अभ्यार्थियों का चयन मेरिट प्रवेश परीक्षा के आधार पर होगा। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के अभ्यार्थियों के लिये सीटे सुरक्षित रखी जायेगी। एकेएस के इस कोर्स में प्रोजेक्ट वर्क अहम होगा, जिसमें अभ्यार्थियों के थ्योरी एवं प्रैक्टिकल पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। ऐसा प्रवेशार्थियों के भविष्य में बेहतर शिक्षक के रूप में तैयार करने के लिहाज से किया जायेगा। इन्ट्रेन्स एक्जाम की सूचना एकेएस की वेबसाइट पर जल्द ही उपलब्ध होगी। 1 वर्षीय बी.एड. पाठ्यक्रम का पहला सत्र् जुलाई- 2014 से प्रारंभ होगा फस्र्ट सेमेस्टर की परीक्षायें नवम्बर-दिसम्बर में एवं दूसरे सेमेस्टर की परीक्षायें मई-जून में सम्पन्न होगी। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने बताया कि समय पर पठन-पाठन और समय पर परीक्षा परिणाम बी.एड. पाठ्यक्रम की मुख्य विशेषता होगी।

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पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी कैम्पस मे हुआ आयोजन 

एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के कुलपति डाॅ. अशोक कुमार ने तीसरी इंटरनेशनल कान्फ्रेन्स में भाग लिया यह कान्फ्रेन्स इस मायने में काफी अहम रही जिसमें सात देशों भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, पाकिस्तान, म्यांमार के शैक्षणिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने शिरकत की। कान्फ्रेन्स के विषय ‘‘ह्यूमन वैल्यूज इन हायर एज्यूकेशन’’ पर प्रतिनिधियों ने चर्चा की। इस कान्फ्रेन्स का उद्देश्य ‘‘इन्क्लूजन आॅफ ह्यूमन वैल्यूज इन काॅलेज एंड यूनिविर्सिटीज’’ रहा। इस विषय पर कुलपति डाॅ. अशोक कुमार ने व्याख्यान दिया और एकेएस यूनिवर्सिटी की शैक्षणिक उन्नति एवं शिक्षा के वैश्वीकरण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। कार्यक्रम का आयोजन पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कपूरथला कैम्पस में किया गया। इसी कड़ी में अगली कान्फ्रेन्स भूटान में होनी तय हुई है और राॅयल यूनिवर्सिटी आॅफ भूटान के साथ एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना की एम.ओ.यू. पर विस्तार से चर्चा होगी। जो दोनों पक्षों के निरन्तर सहयोग से एक दूसरे के विकास में अहम होगा।

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7 एवं 8 मार्च, 2014 को राजस्थान में है आयोजन

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न.सी.टी.ई. से मिली मान्यता, सेमेस्टर वाइज होगी परीक्षा 

सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना में ‘‘बैचलर आॅफ एजूकेशन’’ (बी.एड.) पाठ्यक्रम जुलाई सत्र् से प्रारंभ हो रहा है। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना मध्यप्रदेश का एक मात्र ऐसा निजी विश्वविद्यालय है जिसमें (बी.एड.) की सेमेस्टर वाइज परीक्षाएंे ली जायेगी। एकेएस की बी.एड कोर्स की 100 सीटों में प्रवेश के इच्छुक अभ्यार्थियों को इन्ट्रेन्स एक्जाम की प्रक्रिया से भी गुजरना होगा, जिसमें 75 प्रतिशत अंक प्रवेश परीक्षा के एवं 25 प्रतिशत अंकों के लिए साक्षात्कार लिया जायेगा। बी.एड. अभ्यार्थियों का चयन मेरिट प्रवेश परीक्षा के आधार पर होगा। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के अभ्यार्थियों के लिये सीटे सुरक्षित रखी जायेगी। एकेएस के इस कोर्स में प्रोजेक्ट वर्क अहम होगा, जिसमें अभ्यार्थियों के थ्योरी एवं प्रैक्टिकल पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। ऐसा प्रवेशार्थियों के भविष्य में बेहतर शिक्षक के रूप में तैयार करने के लिहाज से किया जायेगा। इन्ट्रेन्स एक्जाम की सूचना एकेएस की वेबसाइट पर जल्द ही उपलब्ध होगी। 1 वर्षीय बी.एड. पाठ्यक्रम का पहला सत्र् जुलाई- 2014 से प्रारंभ होगा फस्र्ट सेमेस्टर की परीक्षायें नवम्बर-दिसम्बर में एवं दूसरे सेमेस्टर की परीक्षायें मई-जून में सम्पन्न होगी। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने बताया कि समय पर पठन-पाठन और समय पर परीक्षा परिणाम बी.एड. पाठ्यक्रम की मुख्य विशेषता होगी।

 

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29वीं म.प्र. यंग साइंटिस्ट कांग्रेस में की षिरकत 

सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के फिजिक्स फैकल्टी डाॅ. नीलेष राय ने ‘‘म.प्र. काउंसिल आॅफ साइन्स एंड टेक्नोलाॅजी’’ विज्ञान भवन भोपाल में आयोजित ‘‘29वीं म.प्र. यंग साइंटिस्ट कांग्रेस’’ में षिरकत की। इस दौरान उन्होंने फिजिकल साइंस पर रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया। कार्यक्रम 27 एवं 28 फरवरी को रखा गया था। जिसमें उन्होंने कम्प्रेटिव स्ट्डी आॅन नेनोकम्पोजिट पोलिमर जेल इलेक्ट्रोलाइट एवं देयर नेनो फाइबर फाॅर इलेक्ट्रोकेमीकल डिवाइस एप्लीकेसन्स पर अपना रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया। उनके इस रिसर्च पेपर प्रेजेन्टेषन के आधार पर उन्हें दो वर्ष तक के लिए किसी भी नेषनल रिसर्च लेबोरेटरी में रिसर्च वर्क करने के लिए फैलोषिप प्रदान की गई है। इसके लिए विष्वविद्यालय परिवार ने बधाई दी।

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कृषि में विविधीकरण द्वारा प्राकृतिक आपदा के बाद भी उबर सकते है किसान, कम से कम हो सकती है क्षति


एकेएस विश्वविद्यालय,सतना के प्रांगण में ‘‘एग्रीटेक मध्यप्रदेश‘‘-2014 किसान मेले का आयोजन 26-28 फरवरी के बीच इस उद्येश्य से किया गया कि किसानों के जीविकोपार्जन के साधन कृषि को कैसे लाभ का धंधा बनाया जा सकता है मेले की थीम थी ‘‘कृषि में विविधीकरण द्वारा ग्रामीण समृद्वि‘‘ जो वर्तमान समय में मध्यप्रदेश के किसानों के हित में है ज्ञातव्य हो कि खरीफ में अति वृष्टि की मार से सोयाबीन की फसल नष्ट हो गई थी जिसके दर्द से किसान अभी भी उबरा नहीे था कि अचानक जनवरी महीनें में 130 मिमी. वर्षा हो गई तथा 27 व 28 फरवरी को 5मि.मी.बारिस होने तथा ओला वृष्टि के कारण गेहूॅ, जौ, चना, मटर, मसूर, अलसी, अरहर और आम की फसल को भारी नुकसान हुआ है यह अनुमान लगाया गया है कि केवल सलना जिले में लगभग 50 करोड की तथा म.प्र. में अरबो की फसल तबाह हो गई है। रबी की कितनी फसल बर्बाद हुई है सर्वेक्षण से पता चलेगा।

विभिन्न फसलों के नष्ट होने के फलस्वरुप किसानों को 40 से 60 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की भारी क्षति का अनुमान है कृषि में विविधीकरण के माध्यम से प्राकृतिक आपदा से काफी हद तक बचाव सम्भव है ।माननीय मुख्यमंत्री,मध्यप्रदेश श्री शिवराज सिंह चैहान नें भी कृषको को होने वाले नुकसान को कुछ हद तक पूरा करने का आदेश दिया है ।

परन्तु एकेएस विश्वविद्यालय,सतना के कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संकाय ने इस क्षतिपूर्ति का अलग रास्ता निकाला है ।संकाय के अधिष्ठाता कृषि के अनुसार चना,मटर,तथा मसूर की जो फसल सड गई है उसकी मिट्टी हल से पलट दें जिससे जमीन में नमी बनी रहेगीतथा उर्वरता बनी रहेगी। यदि किसान भाई के पास एक या दो सिंचाई के साधन हैं तो 15 मार्च के पहले तैयार भूमि में मंग ,उड़द या तिल लगाए। मंूग की किस्म ट्राम्बे-37, के-851, पूसा बैशाखी या जवाहर मूंग में से कोई एक किस्म लगाए। उड़द की किस्म जवाहर उड़द-2, जवाहर उड़द-3, पंत उड़द-35 या एल.वी.जी.-20 में से मंग एवं उड़द को बोने से पहले राइजोबियम कल्चर से उपचारित अवश्य करे, इनमें से किसी एक को प्राथमिकता दे। सूर्यमुखी की किस्म पैराडेबी या मोरडन और तिल की किस्म कृष्णा लगाए। मूंग मं तिल या सूरन की अन्तरावर्ती खेती अधिक लाभप्रद पाई गई है। आवश्यकता है इसे अमल में लाकर अधिक आमदनी प्राप्त करने की। 
एकेएस यूनिवर्सिटी के डीन डाॅ. के.आर. मोर्य, डाॅ. आर.पी. जोश् प्रोफेसर रीवा एग्री. काॅलेज, डाॅ. एस.एस. तोमर के साथ विमर्श में सभी ने एक मत से किसान हितैशी विविधीकरण प्रक्रिया से सहमति और एक राय जाहिर की।

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