एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के सभागार में एक सारगर्भित कार्यक्रम रखकर सातवें ‘‘वल्र्ड आटिज्म डे‘‘ के अवसर पर 2 अप्रैल को संगोष्ठी रखी गई । संगोष्ठी के दौरान सभी विभागों के फैकल्टीज ने वल्र्ड आटिज्म दिवस पर प्रकाश डाला व स्वलीनता क्या होती है पर विचार प्रस्तुत किए। अॅाटिज्म वास्तव में ऐसी अवस्था होती है जिसमें मस्तिष्क सामान्य से कम सक्रिय होता है और ऐसे लोगों को विशेष देखभाल की जरुरत भी होती है पूरे विश्व में आटिज्म के मरीजों और उनकी देखभाल के लिए किए जा रहे प्रयासों पर भी संगोष्टी के दौरान चर्चा हुई ।
एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के एम.एस.डब्ल्यू. विभाग के विद्यार्थियों द्वारा ग्राम खूंथी स्थित प्राथमिक माध्यमिक शास. शाला का सर्वे किया गया। सर्वे के प्रथम चरण में विद्यालय के प्रधानाध्यापक से सभी छात्रों ने विद्यालय की सम्पूर्ण जानकारियां प्राप्त कीं एवं सम्पूर्ण छात्र संख्या की ब्यौरेवार जानकारी प्राप्त की। विद्यार्थियों को शैक्षणिक प्रशिक्षण दिया, तत्पश्चात छात्रों ने मध्यान्ह भोजन एवं उसकी गुणवत्ता को जाना ।इस दौरान छात्रों ने ग्राम का भ्रमण भी किया तथा वहां की सामाजिक, आर्थिक स्थिति का भी अवलोकन किया इस दौरान छात्र/छात्राओं को गांव की समस्याएं गरीबी, अशिक्षा देखने को मिलीं। सर्वे कार्य में छात्र/छात्राओं का निर्देशन प्रो. राजीव सोनी एवं भावना मिश्रा ने किया।
एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के मैनेजमेंट विभाग के फैकल्टी डाॅ. धीरेन्द्र ओझा (असिस्टेंट प्रोफेसर काॅर्मस) ने यू.जी.सी भोपाल द्वारा सेंट एलाॅयसिस काॅलेज जबलपुर में 28 एवं 29 मार्च को आयोजित दो दिवसीय नेशनल कान्फ्रेन्स मे हिस्सा लिया । डाॅ. ओझा ने ‘‘विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का भारतीय आर्थिक विकास मे प्रभाव (खुदरा क्षेत्र के विशेष सन्दर्भ में)’’ विषय पर व्याख्यान दिया। कान्फ्रेन्स मे मुख्य अतिथि के तौर पर डाॅ. आर.एस सुहाने डाॅ. एच.एस. चीमा, डाॅ. फादर जी.वाजहन अरासु, डाॅ. मिसेज सोनल राय उपस्थित रहे।गौरतलब है कि डाॅ. ओझा ने भारतीय खुदरा बाजार में विदेशी पूंजी निवेश से खुदरा बाजार में नई तकनीकों और पूंजी का निवेश हो जाने से भारतीय बाजार में विकास की गति तीव्र होगी। उपस्थित जनों ने डाॅ. धीरेन्द्र ओझा के विचारों को व्यापक संदर्भ में सकारात्मक विचार करार दिये और व्यापक सराहना की।
एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के बायोटेक्नोलाॅजी विभाग के विद्यार्थियों ने विभागाध्यक्ष डाॅ. कमलेश चैरे के मार्गदर्शन में कम लागत पर एक इन्क्यूवेटर सेकर का निर्माण किया है यह सेकर सूक्ष्म जीवों से संबंधित शोध कार्य करने में उपयोग किया जाता है। इस मशीन के माध्यम से सूक्ष्म जीवों की वृद्धि वृहद रूप में की जाती है। मशीन का बाजार भाव लाखों में है जिसको विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने अथक प्रयास करके बनाया है जिसकी लागत अत्यंत कम आई है। इस मशीन का सफल प्रयोग भी यूनिवर्सिटी की प्रयोगशाला में किया जा चुका है। मशीन का निर्माण बी.एससी. बायोटेक के छात्र वीरेन्द्र पाण्डेय, सौरभ, मोहित तिर्की एवं प्रवीण मिश्रा,उदित नरायण ने किया है। इस उपलब्धि पर बायोटेक्नोलाॅजी विभाग के डीन डाॅ. आर.पी.एस. धाकरे एवं समस्त फैकल्टीज ने विद्यार्थियों को बधाई दी है।