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एकेएस विश्वविद्यालय के इन्वार्मेंटल साइंस डिपार्टमंट के तत्वाधान में दिनांक 6 एवं 7 अप्रैल को दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन किया जा रहा है  थीम है जलवायु परिवर्तन का पर्यावरण पर प्रभाव भारतीय परिपेक्ष्य में। इस राष्ट्रीय सेमीनार में पर्यावरण पर जलवायु परिवर्तन का राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव, प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन, स्वास्थ्य व पर्यावरण प्रदूषण का खतरा व आपदा प्रबंधन, पर्यावरणीय समस्याओं का जैव प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों के द्वारा उपचार एंव मरम्मत, वानिकी, जैवविविधता, कृषि उत्पादन व खाद्य सुरक्षा जैसे रोचक विषयों पर चर्चा की जायेगी। इस सेमिनार में देश के प्रतिष्ठित शासकीय एवं अर्द्धशासकीय संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इस सेममिनार के प्रायोजक मध्यप्रदेश विज्ञान एव प्रौद्योगिकी परिषद्, भोपाल एवं एकेएस विश्वविद्यालय,सतना है तथा प्रमुख सहयोगी संस्थान राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी बीईआर चैप्टर एवं माइक्रोबायोलाजिस्ट सोसायटी इंडिया है। संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य है जलवायु परिवतर्नन के विषय में आम लोगों तक पहुंचाना एवं ह समझाना है कि जलवायु परिवर्तन विगत कई वर्षो से लगातार कितना बड़ा मुद्दा बना हुआ है। यह आज पूरे विश्व की सबसे ज्वलंत समस्या है। जलवायु में विश्वभर मे हो रहे लगातार परिवर्तन से न केवल पर्यावरण को अपितु पूरे समाज को खतरा हैं। तापमान में हो रही लगातार वृद्धि जलवायु परिवर्तन के लिए सर्वाधिक जिम्मेदार हैं। तापमान में हुई अचानक वृद्धि के कारण गर्मियों के दौरान उच्चतापीय तरंगे व शीत ऋतु में छोटी ठंडी तरंगे बनती है जिसके कारण जलवायु में परिवर्तन हो रहा हैं। जिसके फलस्वरूप भीषण सूखा, बाढ़, भू-स्खलन व तूफानों इत्यादि की आवृत्ति होती रहती हैं। दूसरी मुख्य समस्या हैं समुद्रों का बढ़ता जलस्तर,और तापमान बढ़ने के कारण हिमखंड व ग्लेशियर पिघल रहे हैं ग्रीन हाउस गैसों की सांद्रता बढ़ जाने से यह गैसें ताप को वायुमण्डल में लाॅक कर देती हैं। कुछ गैसे जैसे कार्बन डाई आक्साइड प्राकृतिक रूप से पाई जाती हैं लेकिन मानव क्रियाकलापों जैसे तेल, कोयला, प्राकृतिक गैसे इत्यादि ,गाड़ियों से निकलने वाले धुँए, डीजल आदि के कारण ग्रीन हाउस गैसों की सांद्रता बढ़ती जा रही हैं जो जलवायु परिवर्तन के लिये मुख्य रूप से उत्तरदायी हैं। कल्पना करके देखिये बिना पानी के जीवन की व अत्याधिक विषैली वायु में सांस लेने की, हम निश्चित तौर पर अपने बच्चों को ऐसी खतरनाक जिंदगी नहीं देना चाहेगे। इसलिये अभी भी समय हैं हमें और भी ज्यादा सचेत और जिम्मेदार बनना होगा। हमारे सतना शहर ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विन्ध्य क्षेत्र को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य है। हमारे आप-पास जितने भी उद्योग हैं उन सबसे निकलता कार्बन, हमारे वाहनों के धुँए से निकलता कार्बन ग्रीन हाउस गैसों को बढ़ावा दे रहा है। आज इतनी संस्था में वृक्ष भी मौजूद नहीं हैं जो कि इस ग्रीन हाउस गैसों को कम कर सके यही ग्रीन हाउस गैसे वैश्विक गर्माहट के लिए जिम्मेदार हैं एवं वैश्विक गर्माहट जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार हैं तो अगर हमें जलवायु परिवर्तन को रोकना हैं तो हमे अपने अपने व्यक्तिगत स्तर पर कार्बन के उत्सर्जन को कम करना होगा। सेमिनार के अतिथि श्री आर.जी. सोनी, प्रोफेसर रहस्यमनि मिश्रा,पूर्व कुलपति अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा, गणेश सिंह सांसद, सतना, रविन्द्र कन्हरे ,भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति, डाँ बी.बी. सिंह आई.एफ.एस होगे। प्रथम तकनीकी सत्र के वक्ता डाॅ. एम. काली दुरई आई.एफ.एस.,रीवा,द्वितीय सत्र के वक्ता आर. जी. सोनी मध्यप्रदेश जैव विविधता बोर्ड के मैम्बर सेक्रटरªी होंगे, तृतीय सत्र एवं पाचवें सत्र को विभिन्न शासकीय व अर्द्धशासकीय संस्थानों के प्रतिनिधि संबोधित करेंगे। चतुर्थ सत्र में पोस्टर का प्रदर्शन किया जायेगा। कार्यक्रम के संरक्षक विश्वविद्यालय के चांसलर बी.पी. सोनी व आयोजक पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र कुमार तिवारी होंगे।

 

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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के फैकल्टी आॅफ लाइफ साइंस एण्ड टेक्नोलाॅजी, डिपार्टमेंट आॅफ इन्वायर्नमेंट साइंस के विभागाध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि क्लाइमेट चेंज एण्ड इट्स इम्पैक्ट आॅन इन्वायर्नमेंट इन इंडियन पर्सपेक्टिव पर नेशनल सेमिनार 6 और 7 अप्रैल को आयोजित होना तय किया गया है जिसके स्पांसर्ड एमपी काउंसिल आॅफ साइंस एण्ड टेक्नोलाॅजी भोपाल और एकेएस युनिवर्सिटी सतना रहेंगे। नेशनल सेमिनार में देश के ख्यात इन्वायर्नमेंटलिस्ट शिरकत करेंगे और अपने अभूतपूर्व अनुभवों से उपस्थितजनों को क्लाइमेट चेंज के प्रति जागरुक करेंगे। भारतीय परिदृश्य में क्लाइमेट चेंज का क्या असर हो रहा है और आगे की पीढ़ी के लिये किस तरह की दुरूह स्थितियां निर्मित हो रही हैं और वातावरण के साथ-साथ मौसम के मिजाज में जो तब्दीली आ रही है उसमें कहीं न कहीं प्रकृति का असंतुलित दोहन और प्रकृति के सानिध्य में रहकर निरंतर उसका नुकसान करने की वजह से हो रही है। हम जितना प्रकृति से लेते हैं उसे उतना लौटाने की भी परम्परा अगर कायम रखें तो प्राकृतिक संतुलन बना रहेगा और प्रकृति के साथ साथ मानव सभ्यता भी सुरक्षित रहेगी।

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Dr. Vivek Kumar Singh, Faculty Member from Agriculture department of AKS University, participated in an international conference held recently in Dhanbad, Jharkhand. The conference had been organized between 29th to 31st of March, by the name “ICFA-2018, Outstanding Achievement Award”, where Dr Vivek Kumar Singh was awarded for his valuable contribution to agriculture field. Dr. Singh was also awarded with Best Presenter Award for presenting the Research Paper of Gayatri Sahu, one of the students of AKS University.

 Two more Faculty Members named Mr. Nag and Akhilesh Jagre (both from AKS University, Satna) were also felicitated with Young Scientist Award in the same forum. On this occasion, Dr. Vinayak Sadekar, and Mrs. Asmita from Ohiya University were also present, while the function was chaired by Dr. Esmail Ducate, Prof. from Nebraska University.

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सतना।एकेएस वि.वि. सतना की विजिट के दौरान इंदिरा कन्या महाविद्यालय की छात्राओं ने एकेएस वि.वि. में चल रह विभिन्न कोर्सेस के बारे मे जानकारी प्राप्त की और उनमें क्या जाॅब अपाॅचर््युनिटी होती है कहाॅ कहाॅ वह जाॅब प्राप्त कर सकती है और वि.वि. के कोर्सेस कैसे इंडस्टीª ओरिएन्टेड है पठन-पाठन की प्रणाली लर्न व्हायल यू डू की तर्ज पर है प्रैक्टिकल्स के माध्यम से छात्र समस्त सिलेबस को समझते है और वि.वि. शिक्षा के क्षेत्र में सिरमौर बनने के लिए प्रतिबद्व है और वि.वि. में अध्ययनरत तकरीबन आठ हजार छात्र-छात्राऐं कैम्पस के माध्यम से चयनित होने का अवसर भी नियमित रुप से प्राप्त कर रहे हैं। डाॅ.अंजनी कुमार पाण्डेय ने कहा कि वि.वि. के कोर्सेस रोजगारपरक और इंडस्ट्री ओरिएन्टेड है और हमें यहाॅ आकर काफी सुचारु जानकारी मिली। एकेएस वि.वि. विन्ध्य की पहचान है और हम सब इससे गर्वोक्ति का अनुभव करते है जब लोग कहते है आप जहाॅ एकेएस वि.वि. है वहाॅ के निवासी हैं तो हमें अत्यंत प्रसन्नता होती है।जिस पर सभी उपस्थितजनों ने तालियाॅ बजाकर उनके विचारों का अभिवादन किया। कॅरियर काउन्सिलिंग के मौके पर वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने छात्राओं को कॅरियर के लिहाज से अहम बातें बताई और कहा कि जो भी करो मन लगाकर और कार्य को पूजा की तरह करो आप का समय प्रबंधन और गोल निर्धारण आपके जीवन को नई उॅचाइयाॅ प्रदान करेगा। सही कोर्सेस का चयन करें सही अध्ययन करें मंजिल मिलेगी। सबसे पहले अपने आप को कमतर न समझें और अपना सम्मान खुद करें। एकेएस वि.वि. हर कदम पर अपने छात्रों के विकास का खाका तैयार करके उन्हंे प्रोत्साहन देता है जैसे चांसलर स्काॅलरशिप से हजारों छात्र लाभान्वित होते हैं कई छात्र विदेशेंा में भी  वि.वि. का नाम रोशन कर रहे है। ओएसडी प्रो.आर.एन त्रिपाठी ने वि.वि. की एकेडमिक प्रगति पथ की जानकारी छात्राओं को दीं उन्होने बताया कि शैक्षणिक गतिविधियों के साथ ही एक्स्ट्रा करीक्यूलर एक्टीविटीज औा च्वाइस बेस्ड कªेडिट सिस्टम से छात्रों का उच्चतम व्यक्तित्व विकास होता है । छात्र अपनी उत्तरपुस्तिका भी देख सकते हैं समय पर परीक्ष ओर समय पर परिणाम भी एकेएस वि.वि. में प्रभावी रुप से जारी है। राजीव गाॅधी काॅलेज,राजीव गाॅधी कम्प्यूटर काॅलेज,एकेएस वि.वि. की एकेडमिक यात्रा के बारे में उन्होंने विस्तार से जानकारी दी। अन्त में छात्राओं ने वि.वि. के विभिन्न लैब्स जैसे बायोटेक के उन्नत लैब,संरक्षित खेती के क्षेत्र पाॅली हाउस,दुग्ध उत्पादन केन्द्र,बेकरी केन्द्र और वि.वि. के सभी ब्लाॅकों की विजिट  की छात्राओं और उनके प्राध्यापकों ने कहा कि एकेएस वि.वि. आना कॅरियर के लिहाज से काॅफी जानकारीभरा  रहा जिसमे हमने प्रबंधन,एमएसडब्ल्यू,फार्मेसी,बायोटेक,एग्रीकल्चर,इंजी. के विभिन्न संकाय,सीमेंन्ट और माइनिंग,फैशन डिजायनिंग,कम्प्यूटर के विभिन्न कोर्सेस की जानकारी ली।

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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के सभागार सी-11 में 3 अप्रैल 2018 को स्पंदन-2017 सत्र के पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का गरिमामय आयोजन किया गया। सर्टिफिकेट और पुरस्कार वितरण की कड़ी में स्पंदन-2017, सांसद ट्राफी प्रतियोगिता सांस्कृतिक कार्यक्रम, एन्टी रैगिंग फिल्म निर्माण प्रतियोगिता, राष्ट्रीय मतदाता जागरुकता दिवस 2017, राष्ट्रीय युवा दिवस 2017 के विजेता प्रतिभागियों को वि.वि. के कुलपति प्रो. पारितोष के बनिक और डायरेक्टर अवनीश सोनी द्वारा सम्मानित किया गया। प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करने के लिए वि.वि. के सभी संकाय के डीन,डायरेक्टर्स, फैकल्टीज की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। गौरतलब है कि स्पंदन-2018 की तैयारियाॅ भी चरम पर हैं। घडी की सुइयाॅ जैसे जैसे स्पंदन के नजदीक आ रही हैं वैसे ही प्रतिभागी भी तैयारियों को मुकम्मल स्वरुप देने मे दिन रात एक किए हुए हैं। कही है आवाज की कशिश,कहीं है परवाज की गूॅज,कहीं बज रहे है ढोल-नगाडे जो कहीं हो रहा है पतवार की तरह कार्यक्रम की नैया खेने वाले एंकर्स का रियाज,कोई गाना चाहता है,कोईबजाना चाहता है और कोई झूम-झूम कर चाहता है नाचना क्योंकि बनना है हमे खास और देनी है अपने हुनर को आवाज तेज गति से चल रही स्पंदन-2018 की तैयारियाॅ अविरल जल की तरह प्रवाहमान हैं। अप्रैल में ही स्पंदन-2018 का आयोजन तय है, जिसमें वि.वि. के समस्त संकायों के छात्र-छात्रायें अपने हुनर, कौशल, कला, नृत्य, गीत, संगीत के माध्यम से इसे इंद्रधनुष के सात रंगों की तरह सजाएंगे और बनाएंगे इसे यादगार के साथ-साथ शानदार कार्यक्रमों का गुलदस्ता जिसमें हर रंग होंगे जुदा, लेकिन कहेंगे स्पंनदन-2018 की कहानी अलहदा और अविस्मरणीय, जो होगा एकेएस वि.वि. की गरिमामयी परम्परा के अनुकूल।अनदेखा,अनजाना,अनछुआ,अलौकिक,अद्भुत,नयनाभिराम ओर बन जाएगा स्पंदन-2018 श्रंखला मेंसमय की शिला पर अंकित हो जाएगा हमेशा याद आने के लिए,मुलाकात होगी स्पंदन-2018 से अप्रैल के महीने में आशाओं,आकांक्षाओं से भरा होगा स्पंदन-2018,जिसे हर कोई कहेगा हम तुम्हें यूॅ भूला न पाऐंगें....हर कोई कह रहा है कम एण्ड बी द पार्ट आॅफ एवरगे्रट एण्ड मोस्ट अवेटिंग-स्पंदन 2018....।

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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के फैकल्टी डाॅ. विवेक कुमार सिंह को आईसीएफए-2018 आउटस्टैंडिंग अचीव्हमेंट अवार्ड, इंटरनेशनल कांफ्रेंस आन फूड एण्ड एग्रीकल्चर के आयोजन के दोरान प्रदान किया गया। धनबाद झारखण्ड में आयोजित यह कांफ्रेंस 29 से 31 मार्च तक आयोजित हुई। डाॅ. विवेक कुमार सिंह को यह अवार्ड कृषि के क्षेत्र में किये गये उनके योगदान के लिये दिया गया। डाॅ. विवेक ने एकेएस विश्वविद्यालय की छात्रा गायत्री साहू का रिसर्च पेपर भी यहां प्रजेंट किया। इसके लिये इन्हें बेस्ट प्रजेंटर अवार्ड भी दिया गया। इस मौके पर कार्यक्रम के चेयरमैन डाॅ. इस्माइल ड्यूकैट, प्रो. नेब्रास्का विश्वविद्यालय, संयुक्त राज्य अमेरिका और ओहिया वि.वि. अमेरिका की अस्मिता व डाॅ. विनायक साडेकर सदस्य के रूप में मंच पर उपस्थित रहे। इसी मौके पर वि.वि. के दो अन्य फैकल्टीज मि. नाग व अखिलेश जागरे को युवा वैज्ञानिक सम्मान से सम्मानित किया गया। वि.वि.के एग्रीकल्चर संकाय के डीन,डायरेक्टर और फैकल्टीज ने तीनो फैकल्टीज को बधाई दी है।

 

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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के इंजीनियरिंग डीन डाॅ. जी.के. प्रधान ने बताया कि सस्टनेबल डेव्हलपमेंट आॅफ मिनरल रिसोर्सेस पर राष्ट्रीय वर्कशाप का आयोजन द इंडियन माइनिंग एण्ड इंजीनियरिंग जर्नल द्वारा किया जायेगा। इस कार्यक्रम के संयोजक डाॅ. जी.के. प्रधान, प्रोफेसर आॅफ माइनिंग इंजीनियरिंग, फैकल्टी आॅफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलाॅजी, एकेएस युनिवर्सिटी सतना ने समस्त कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए कहा कि कार्यक्रम खजुराहो में विशिष्टजनों की उपस्थिति मे आयोजित किया जायेगा, जिसमें देश विदेश के माइनिंग इंजी.के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

 

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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के एम.एससी. फिजिक्स विभाग की छात्राओं शिवानी सिंह परिहार एवं अनामिका मिश्रा ने अवघेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के भौतिक शास्त्र विभाग द्वारा विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित ‘रिसेंट ट्रेंड्स इन स्पेस साइंस एण्ड नैनो मटेरियल’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय शोध सम्मेलन में हिस्सा लिया। एकेएस वि.वि. की भौतिक शास्त्र विभाग की छात्राओं ने नैनो टेक्नोलाॅजी विषय पर रिसर्च पेपर प्रजेंट किया जो कि विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. नीलेश राय एवं साकेत कुमार के मार्गदर्शन में तैयार किये गये थे। विद्यार्थियों ने कहा कि वे एकेएस वि.वि. की गतिविधियों एवं शिक्षण पद्धति से संतुष्ट हैं। इस दो दिवसीय राष्ट्रीय शोध सम्मेलन के समापन अवसर पर प्रो. हरिओम वत्स, वैज्ञानिक स्पेस एज्युकेशन एण्ड रिसर्च फाउंडेशन अहमदाबाद एवं विशिष्ट अतिथि मटेरियल साइंस के प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रो. नवीन चंद्र रहे। प्रो. नवीन चंद्र ने स्पेस साइंस तथा नैनो मटेरियल के संबंधों के महत्व पर प्रकाश डाला। शोध सम्मेलन के संयोजक एवं भौतिक शास्त्र विभाग के प्रो. ए.पी. मिश्र तथा सहसंयोजक प्रो. एस.एल. अग्रवाल ने विभिन्न दिशाओं से आए हुए वैज्ञानिकों, प्राध्यापकों तथा शाधार्थियों का स्वागत करते हुए इस शोध सम्मेलन की सफलता पर समस्त प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं। शोध सम्मेलन के फीड बैक प्रो. आर.के. तिवारी एवं डाॅ. नीलेश राय ने प्रस्तुत किया। समापन सत्र के पूर्व शोध सम्मेलन के दूसरे दिन तकनीकी सत्रों में प्रो. हरिओम वत्स, प्रो. नवीन चंद्र, प्रो. फरीद खान (हरि सिंह गौर वि.वि.) के आमंत्रित व्याख्यान के साथ विभिन्न प्राध्यापकों एवं शाधार्थियों के ओरल एवं पोस्टर प्रजेंट हुए जिनमें डाॅ. नीलेश राय, डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद, कु. शिवानी सिंह परिहार, कु. अनामिका मिश्रा, साकेत कुमार, डाॅ. विजय मिश्रा आदि शामिल रहे इन्हें प्रतिभागी प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

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