Simple Joomla Templates by Web Hosting

  • Home
    Home This is where you can find all the blog posts throughout the site.
  • Categories
    Categories Displays a list of categories from this blog.
  • Archives
    Archives Contains a list of blog posts that were created previously.

सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना में युग-पुरुष स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस पर १२ जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप मे मनाया जाएगा । इस बारे मे जानकारी देते हुए वि.वि प्रबंधन ने बताया कि इस अवसर पर विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद के विचारों से अवगत कराया जाएगा। कार्यक्रम राष्ट्रीय सेवा योजना ईकाई द्वारा आयोजित है।
एकेएसयू मेे फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम होगा आयोजनका 

सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना मे कम्पयूटर साइंस डिपार्टमेंट द्वारा तीन दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम 15 से 17 जनवरी तक आयोजित किया जाएगा । इस बारे मे जानकारी देते हुए विभागाध्यक्ष विजय विश्वकर्मा ने बताया कि इस प्रोग्राम मे कम्पयूटर फंडामेंटल , एनएसटू इनफार्मेशन, हार्डवेयर, इंटरनेट, की बेसिक ट्रेनिंग दी जाएगी।
एकेएसयू फैकल्टी इंटरनेशनल कांफ्रेस मंे लेगे भाग

सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के मैनेजमेंट विभाग के फैकल्टी प्रो. चंदन सिंह एवं प्रकाश सेन सेन्ट एलाॅयसिस आटोनाॅमस कालेज जबलपुर में 5 से 6 जनवरी तक आयोजित दो दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेस में भाग लेगें। जिसमे ये क्रमशः “ओरल कम्यूनिकेशन एण्ड प्रेजेन्टेशन स्किल“ एवं “ए स्टड्ी आॅन लेबर वेलफेयर सिस्टम एडाॅप्ट विथ टैलेंट मैनेजमेंट इन सतना सीमेंट “ विषय पर पेपर प्रेजेंट करेगें।

 

मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

Hits: 2034
0

एकेएस विवि. के सभागार में सभी संकाय के डीन,फैकल्टीज समस्त अधिकारी एवं स्टाफ मेम्बर्स नें नए वर्ष का स्वागत अनोखे अंदाज में किया।सभी ने अपनी हाॅबी के कई अनछु्रए आयाम मंच से दिखाए जिसे देखकर यह अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा था कि जिन्हें मै जानता हूॅ उनके इस हुनर से मैं जो वाकिफ नहीं था।चेयरमैन ने काॅमिक जोक्स से सभी को हॅसाया तो प्रो. वीसी ने नए वर्ष की कविता से संदेश दिया। फैकल्टीज ने गीत गुनगुनाकर और झूमकर नए वर्ष का स्वागत किया।वो भी एकेएस के अंदाज में....

एकेएस के डाॅ पी.के मजूमदार होगें प्रिंसिपल इन्वेस्टीगेटर आॅफ प्रोज्ेाक्ट

गवर्नमेंट आॅफ इंडिया के मिनिस्ट्री आॅफ अर्थ साइंस द्वारा एसाइन्ड‘’डेव्हल्पमेंट आॅफ द मैथेमेटिकल मोडेल फाॅर द एसेसमेंट एण्ड आॅग्मेंटेशन आॅफ ग्राडन्ड वाटर स्टोरेज एण्ड फलो इन फ्रेक्चर्ड राॅक फार्मेशन ‘‘विषय पर दिए गए प्राजेक्ट के डाॅ पी.के मजूमदार प्रिंसिपल इन्वेस्टीगेटर आॅफ प्रोज्ेाक्ट बनाए गए हैं।
है जिसके को- प्रिंसिपल इन्वेस्टीगेटर आॅफ प्रोज्ेाक्ट डाॅ. जी.के. प्रधान एवं डाॅ. बी.के. मिश्रा नियुक्त किए गए हैं।इस प्राजेक्ट के पूर्ण होने पर अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर हाइड्रोलाॅजी एवं क्रियोस्फियर पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध होगी।

एकेएसयू के डाॅॅ प्रधान ने की उडीसा इनवायर्नमेंट काॅग्रेस मे शिरकत

एकेएस यूनिवर्सिटी के माइनिंग डीन डाॅ. जी.के प्रधान ने उडीसा इनवायर्नमेंट काॅग्रेस की दिसंबर मे आयोजित कार्यशाला मे शिरकत की।इस गरिमामयी कार्यक्रम मे देश के 100 विदवानों ने भी शामिल होकर ज्ञान का आदान प्रदान किया। कार्यशाला का विषय ‘‘क्लाइमेट चेन्ज और पाॅवर कन्जर्वेशन ‘‘ रहा कार्यशाला उडीसा पाल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड द्वारा आयोजित की गई।कार्यशाला का शुभारंभ आई.ए.एस. यू.एन. बेहरा द्वारा किया गया।

Hits: 1957
0

सतना। भारत मसालों का देश है। प्राचीन काल में भारतीय मसालों के नाम पर दुनिया के अन्य देशों के लोगों की लार टपकने लगती थी। मसालों की चाहत ने ही वस्कोडिगामा को लाख बाधाओं को सहकर भी भारत आने के लिए विवश किया था। भारत दुनिया का सबसे बड़ा मसाला उत्पादक तथा निर्यातक मुल्क है।
मसाले कृषि उत्पादों का एक महत्वपूर्ण वर्ग है। जो वास्तव में पाक कला के लिए आवश्यक है। भारत आठ लाख सत्रह हजार दो सौ पचास टन मसाला तथा इसके विभिन्न उत्पादों का निर्यात कर सत्र 2013-14 में तेरह हजार सात सौ छत्तीस करोड़ रुपये अर्जित किया है। अन्य फसले जैसे आनाज, दलहन, तिलहन आदि की तुलना में मसाला फसलों से प्रति इकाई भूमि से किसानों को आमदनी अधिक प्राप्त होती है।
इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए एकेएस विश्वविद्यालय के कृषि एवं प्रौद्योगिकी संकाय ने मसाला फसलों यथा हल्दी, लाल मिर्च, अदरक, लहसून, अजवाइन, सौफ तथा मगरैल पर अनुसन्धान कार्य शुरु किया गया है। फसलों की अधिक उपज बढ़ाने हेतु नई किस्मों का विकास इस संकाय में प्राथमिकता पर लिया गया है। इसी कड़ी में भारत के मुख्य मसाले हल्दी तथा अदरक में प्रजनन कार्य भी प्रारंभ किया गया है।
हल्दी मसालों की मलिका है। पूरे विश्व का भारत 90 प्रतिशत हल्दी का उत्पादन करता है। विंध्य क्षेत्र के लिए हल्दी की उत्तम किस्म विकसित करने हेतु एक शोध परियोजना प्रगति पर है। जिसमें बिहार, आन्ध्रप्रदेश, तमिलनाडू, केरल, उड़ीसा तथा छत्तीसगढ़ की हल्दी की किस्मों को एकत्र कर एकेएस के कृषि शोध परिक्षेत्र में लगाया गया है। इन किस्मों में बिहार की राजेन्द्र सोनिया, उड़ीसा की प्रभा, आन्ध्रप्रदेश की चायापशुदा, मद्रास की कोरूर, केरल की जीएलपुरम-1, कृष्णा, प्रतिभा इत्यादि सम्मिलत है। इस शोध परियोजना मुख्य उद्देश्य अधिक उपज देने वाली तथा अधिक कुरकुमिन वाली कीट तथा रोग प्रतिरोधी किस्मों का विकास करना है। इस परियोजना के पूर्ण होने पर एकेएस विश्वविद्यालय विंध्य क्षेत्र के किसानों को हल्दी की एक ऐसी किस्म देगा। जिसे अर्द्ध छायादार भूमि जैसे आम, अमरूद के बगीचे में ऊगाया जा सकेंगा। यह विश्वविद्यालय आने वाले दिनों में मसाला उत्पादन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में किसान प्रशिक्षण का केन्द्र बनेगा। एकेएस विश्वविद्यालय, सतना अदरक तथा आमआदि (मैंगोजिंजर) पर शोध कार्य प्रगति पर है। मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

Hits: 2173
0

विश्वविद्यालय के लिए रहे गौरवमयी एवं उपलब्धि भरे

b2ap3_thumbnail_14J31.jpgb2ap3_thumbnail_14J31_1.jpg

सतना। एकेएस विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में एक एैसे उद्येष्य के साथ आगे बढ़ रहा है। जो विद्यार्थियो मे संस्कृति, सभ्यता और अनुशासन के साथ कुछ बनने और कुछ करने का जज्बा भी पैदा कर सके। और इस मिशन के प्रेरणास्रोत है एडवाइजर टू चांसलर इंजी राजेश मोदी जो विश्वविद्यालय के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी के मार्गदर्शक और गुरू भी है। विश्वविद्यालय अपने पांच सूत्रीय डेडिकेशन के फर्मूले यूनिकनेस, एक्सीलेंस, क्रियेटिविटी, इनोवेशन, और परफेक्शन के साथ आगे बढ़ रहा है।एकेएस विश्वविद्यालय की स्थापना उच्च शिक्षा व्यवस्था मे गंभीर खामियों को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों के लिए ऐसे परिदृश्य का सृजन करने कि कोशिशों के साथ हुआ जिसे अब तक शिक्षा जगत मे उपेक्षित स्थान हासिल होता था। यूजीसी की सूची मे महाकौशल का एकेएस विश्वविद्यालय प्रादेशिक सूची मे प्रथम स्थान पर एवं यूजीसी की देश की सूची मे पचासवंे क्रमांक पर दर्ज है।

ये है एकेएस के एक्सीलेन्स का इतिहास

विश्वविद्यालय नेशनल हाइवे-7 शेरगंज पन्ना रोड पर स्थित हैं। जहां विद्यार्थी अपनी आंखों में कुछ बननें का सपना लिए प्रवेश करते हैं । और विश्वविद्यालय उनके सपनो को पंख लगाता हैं । जिससे विद्यार्थी अपनी तय मंजिल तक पहुंचते हैं। यह यात्रा पिछले 19 वर्षो से चरैवेति चरैवेति की तर्ज पर राजीव गांधी काॅलेज से होते हुए एकेएस विश्वविद्यालय तक पूरी सजगता ,सहजता एवं तन्मयता से आगे बढ़ रही हैं यह और गौरवशाली होकर आगे बढ़ेगी। इसे विश्वविद्यालय के चेयरमैन शिक्षा का एक ऐसा केन्द्र बनाना चाहते है जो कि शिक्षा जगत में मिशाल बन सकें।

Hits: 2474
0

b2ap3_thumbnail_14l30.jpgसतना। इस बारे में जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डाॅ. शेखर मिश्रा ने बताया कि सत्र-2014-15 के लिए विभिन्न संकायों की सेमेस्टर परीक्षाएं 16 दिसम्बर से प्रारंभ हो चुकी है। यह क्रम 24 जनवरी तक अनवरत रहेगा। विश्वविद्यालय की परीक्षा प्रणाली के अनुसार विद्यार्थियोें के परीक्षा परिणाम भी क्रमवार जनवरी के प्रथम सप्ताह से आने प्रारंभ हो जायेगंे। जिन विद्यार्थियों की परीक्षायें क्रमवार समाप्त होती जाएगी। उनके परिणाम 15 दिवस के अन्दर घोषित होने शुरु हो जाएगें। जिन्हें एकेएस विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर प्राप्त किया जा सकता है।

मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

Hits: 1987
0

सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना में विद्यार्थी खाद्य से संबंधित अनेकों उत्पाद बना रहे है। जिन पर आधारित उद्योग खोले जा सकते है। इस तरह जब ये विद्यार्थी चार वर्ष बाद 2018 में इस पाठ्यक्रम को पूरा करके निकलेगें तो उनके पास सैकड़ों खाद्य उत्पादों के निर्माण की जानाकरी होगी एवं वे अनेकों उत्पादों को बनाने में दक्ष होगे। यह प्रोग्राम विद्यार्थियों के इक्यूवेशन के रूप में चलाया गया है। इस प्रथम सेमेस्टर में विद्यार्थियों को पाँच समूहों में विभाजित किया गया है। हर समूह को एक या दूसरा खाद्य उत्पाद बनाना है। व उसकी मार्केटिंग करनी है। ये उत्पाद चाॅकलेट, टाॅफी, सोयाबीन से दूध व पनीर का निर्माण, केक, क्रीमरोल एवं एल्कोहल का निर्माण करेंगे। इस उत्पादांे के निर्माण करने के बाद हर समूह दूसरे समूह को अपने उत्पाद की जानकारी देगा एवं उस उत्पाद के निर्माण में उन्हें दक्ष भी करेंगा। इस तरह प्रथम सेमेस्टर के अन्त तक विद्यार्थी पाँच उत्पादों मंे दक्षता हाॅसिल करेंगे। यह एक नए प्रकार का प्रयोग है। जिसकी सफलता से दूसरे विभाग भी इसे प्रारंभ करेंगे।

मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

 

 

Hits: 1930
0

 

                                                                 

सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना में विद्यार्थी खाद्य से संबंधित अनेकों उत्पाद बना रहे है। जिन पर आधारित उद्योग खोले जा सकते है। इस तरह जब ये विद्यार्थी चार वर्ष बाद 2018 में इस पाठ्यक्रम को पूरा करके निकलेगें तो उनके पास सैकड़ों खाद्य उत्पादों के निर्माण की जानाकरी होगी एवं वे अनेकों उत्पादों को बनाने में दक्ष होगे। यह प्रोग्राम विद्यार्थियों के इक्यूवेशन के रूप में चलाया गया है। इस प्रथम सेमेस्टर में विद्यार्थियों को पाँच समूहों में विभाजित किया गया है। हर समूह को एक या दूसरा खाद्य उत्पाद बनाना है। व उसकी मार्केटिंग करनी है। ये उत्पाद चाॅकलेट, टाॅफी, सोयाबीन से दूध व पनीर का निर्माण, केक, क्रीमरोल एवं एल्कोहल का निर्माण करेंगे। इस उत्पादांे के निर्माण करने के बाद हर समूह दूसरे समूह को अपने उत्पाद की जानकारी देगा एवं उस उत्पाद के निर्माण में उन्हें दक्ष भी करेंगा। इस तरह प्रथम सेमेस्टर के अन्त तक विद्यार्थी पाँच उत्पादों मंे दक्षता हाॅसिल करेंगे। यह एक नए प्रकार का प्रयोग है। जिसकी सफलता से दूसरे विभाग भी इसे प्रारंभ करेंगे।

मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

 

 

Hits: 1939
0

b2ap3_thumbnail_14l29.1.jpgb2ap3_thumbnail_14l29.2.jpgसतना। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के एम.एस.डब्ल्यू विभाग के विद्यर्थियों ने रीवा स्थित बाल संप्रेषण गृह एवं एकेएस वि.वि. का भ्रमण किया इस दौरान विद्र्यािथयों को संस्था के प्रमुख अधीक्षक जीतेन्द्र गुप्ता ने बाल अपराध एवं उससे जुड़ी न्यायालीन गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। तत्पश्चात विद्यार्थी अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय पहुॅचे । विद्यार्थीयों ने एपीएस विवि के एम.एस.डब्ल्यू विभाग की विभागाध्यक्ष डाॅ. अंजली श्रीवास्तव से मुलाकात कीे। विद्यार्थियों का मार्गदर्शन प्रो. राजीव सोनी एवं भावना मिश्रा ने किया।

मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

Hits: 1979
0

b2ap3_thumbnail_14l27.1.jpgb2ap3_thumbnail_14l27.2.jpgb2ap3_thumbnail_14l27.3.jpgb2ap3_thumbnail_14l27.4.jpgसतना। एकेएस विष्वविद्यालय, सतना ने दिल्ली स्थित अर्ष प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेषक डाॅ. राजन सहनी का ‘‘बायोटेक अनुसंधान की नई दिशायें’’ नाम विषय पर वृहद व्याख्यान का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर दोनों संस्थाओं के बीच एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर चेयरमैन अनंत कुमार सोनी तथा डाॅ. राजन सहनी ने किया। इंजी. सोनी ने बताया कि एकेएस विश्वविद्यालय तथा अर्ष बाॅयोटेक प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली अब साथ-साथ मिलकर आलू के विषाणु रोगों के नियंत्रण के सरल तरीके ढूढ़ने हेतु सघन अनुसंधान कार्य की योजना पर कार्य करेंगे। साथ ही साथ विश्वविद्यालय के छात्र-छात्रायें तथा वैज्ञानिक अर्श प्राइवेट लिमिटेड के प्रयोगशाला में भी प्रशिक्षण एवं अनुसंधान परियोजना कर सकेंगे।
ये रहे उद्देश्य
अर्श प्राइवेट लिमिटेड के डाॅ. राजन सहनी ने आलू तथा कपास के उपर विषाणु रोगों के नियंत्रण पर वृहद योजना बनाने के लिए सलाह दी ताकि विषाणु रोगों से होने वाली फसलों की महान क्षति को रोका जा सकें। उन्होंने इस कार्य हेतु डाॅ. नीरज वर्मा से अपील किया कि दोनों संस्थायें मिलकर आलू के विषाणु रोगों के नियंत्रण का ाीघ्र हल ढूढ़ सकेंगे।

मीडिया विभाग
एकेएसविश्वविद्यालय, सतना

Hits: 1985
0

b2ap3_thumbnail_14l24.jpgसतना। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के फैकल्टी डाॅ. धीरेन्द्र ओझा का रिसर्च पेपर आदर्श रिसर्च सेल, ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशन्स, बैंगलौर में प्रकाशन हेतु चयनित हुआ है। रिसर्च का विषय ‘‘प्राॅब्लम आॅफ एग्रीकल्चर सेक्टर एंड वेज आॅफ साल्व देम विथ स्पेशल रिफ्रेरन्स टू सतना डिस्ट्रिक्ट ’’ है
एकेएसयू में हुई राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर परिचर्चा

सतना।एकेएस विश्वविद्यालय सतना में एन.एस.एस. विभाग द्वारा “राष्ट्रीय उपभेाक्ता दिवस“ पर परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमे मुख्य कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. महेन्द्र कुमार तिवारी ने विद्यार्थियों को उपभोक्ता के हितो के बेहतर संरक्षण एवं विवादों के निपटारे संबधी जानकारी दी।


मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

Hits: 1956
0