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एकेएसयू की नई पहल मसालों पर अनुसन्धान

Posted by on in Daily University News in Hindi
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सतना। भारत मसालों का देश है। प्राचीन काल में भारतीय मसालों के नाम पर दुनिया के अन्य देशों के लोगों की लार टपकने लगती थी। मसालों की चाहत ने ही वस्कोडिगामा को लाख बाधाओं को सहकर भी भारत आने के लिए विवश किया था। भारत दुनिया का सबसे बड़ा मसाला उत्पादक तथा निर्यातक मुल्क है।
मसाले कृषि उत्पादों का एक महत्वपूर्ण वर्ग है। जो वास्तव में पाक कला के लिए आवश्यक है। भारत आठ लाख सत्रह हजार दो सौ पचास टन मसाला तथा इसके विभिन्न उत्पादों का निर्यात कर सत्र 2013-14 में तेरह हजार सात सौ छत्तीस करोड़ रुपये अर्जित किया है। अन्य फसले जैसे आनाज, दलहन, तिलहन आदि की तुलना में मसाला फसलों से प्रति इकाई भूमि से किसानों को आमदनी अधिक प्राप्त होती है।
इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए एकेएस विश्वविद्यालय के कृषि एवं प्रौद्योगिकी संकाय ने मसाला फसलों यथा हल्दी, लाल मिर्च, अदरक, लहसून, अजवाइन, सौफ तथा मगरैल पर अनुसन्धान कार्य शुरु किया गया है। फसलों की अधिक उपज बढ़ाने हेतु नई किस्मों का विकास इस संकाय में प्राथमिकता पर लिया गया है। इसी कड़ी में भारत के मुख्य मसाले हल्दी तथा अदरक में प्रजनन कार्य भी प्रारंभ किया गया है।
हल्दी मसालों की मलिका है। पूरे विश्व का भारत 90 प्रतिशत हल्दी का उत्पादन करता है। विंध्य क्षेत्र के लिए हल्दी की उत्तम किस्म विकसित करने हेतु एक शोध परियोजना प्रगति पर है। जिसमें बिहार, आन्ध्रप्रदेश, तमिलनाडू, केरल, उड़ीसा तथा छत्तीसगढ़ की हल्दी की किस्मों को एकत्र कर एकेएस के कृषि शोध परिक्षेत्र में लगाया गया है। इन किस्मों में बिहार की राजेन्द्र सोनिया, उड़ीसा की प्रभा, आन्ध्रप्रदेश की चायापशुदा, मद्रास की कोरूर, केरल की जीएलपुरम-1, कृष्णा, प्रतिभा इत्यादि सम्मिलत है। इस शोध परियोजना मुख्य उद्देश्य अधिक उपज देने वाली तथा अधिक कुरकुमिन वाली कीट तथा रोग प्रतिरोधी किस्मों का विकास करना है। इस परियोजना के पूर्ण होने पर एकेएस विश्वविद्यालय विंध्य क्षेत्र के किसानों को हल्दी की एक ऐसी किस्म देगा। जिसे अर्द्ध छायादार भूमि जैसे आम, अमरूद के बगीचे में ऊगाया जा सकेंगा। यह विश्वविद्यालय आने वाले दिनों में मसाला उत्पादन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में किसान प्रशिक्षण का केन्द्र बनेगा। एकेएस विश्वविद्यालय, सतना अदरक तथा आमआदि (मैंगोजिंजर) पर शोध कार्य प्रगति पर है। मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

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Guest Tuesday, 19 November 2024