AKS University, Satna
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लगातार संघर्ष ही सफलता की पूंजी है- आर.के.बक्शी
सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के विशाल सभागार में ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट विभाग द्वारा ”इण्डस्ट्री इंस्टीट्यूशन इंटरेक्शन प्रोग्राम“ का आयोजन डायरेक्ट्रेट ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट एम.के.पाण्डेय के मार्गदशन मे किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर आये आर. के. बक्शी (अस्सिटेंट वाइस प्रेसिडेंट पी एण्ड ए बिड़ला कार्पोरेशन लि़) ने अपना महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया। कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों को पुष्प गुच्छ देकर किया गया, तत्पश्चात आर. के. बक्शी ने विद्यार्थियों को कम्यूनिकेशन स्किल , पर्सनालिटी डेव्हलपमेंट , साॅफ्टवेयर इंडस्ट्रीयल आटो मिशन , टेक्नीकल नाॅलेज से संबधित अत्याधुनिक तकनीकों का समुचित ज्ञान दिया। उद्योग जगत ़के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा करते हुए विशेष स्किल्स जैसे कैड, कैम, एडिशन स्किल जैसे कम्प्यूटर का ज्ञान ,जैसे गुण विकसित करने की सलाह दी साथ ही उन्होंने उद्योग जगत की बारीक से बारीक महत्वपूर्ण जानकारियों से रूबरू कराया। इस अवसर पर समस्त संकायों के फैकल्टीज एवं इंजीनियंरिंग, एमबीए, काॅमर्स तथा बाॅयोटेक्नोलाॅजी के करीब 200 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।
‘‘आधुनिक समय में अपशिष्ट के सदुपयोग पर ध्यान केन्द्रित
सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के सभागार में पर्यावरण विज्ञान विभाग, फैकल्टी आॅफ लाइफ साइंस एवं टेक्नालाॅजी एवं इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ वेस्ट मैनेजमेंट भोपाल के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय नेशनल वर्कशाप एण्ड कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम आॅन ‘‘वेस्ट टू वेल्थ’’ का आयोजन किया गया। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बी.पी. सोनी ने की एवं वरिष्ठ समाजसेवी श्रीकृष्ण माहेश्वरी ने मुख्य अतिथि के रूप के उपस्थित होकर कार्यक्रम की गरिमा में सप्तऋषि का अंकन किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में डाॅ. एम.पी. सिंह (प्राध्यापक, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय), डाॅ.आर.एस. परिहार (म.प्र. प्रदूषण इकाई सतना), डाॅ. एस.एस. मालवीय (एक्सक्यूटिव इंजीनियर म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण हेड आॅफिस भोपाल) एवं डाॅ. वर्षा निगम गौर (कार्यक्रम समन्वयक, अंतर्राष्ट्रीय अपशिष्ट प्रबंधन संस्थान, भोपाल) उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ
दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ मां वीणापाणि की सस्वर वंदना एवं पुष्पमाल की अर्चना से हुआ तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ देकर किया गया। इसी तारतम्य में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीकृष्ण माहेश्वरी ने अपने उद्बोधन में बताया कि हमें समाज का कल्याण करना है तो अपनी प्राचीनतम परम्पराओं का ध्यान रखकर अपनी जीवन शैली में उचित परिवर्तन करने होंगे एवं अपशिष्ट उत्पादन के शोध पर ही उसका निवारण करना होगा। कार्यक्रम के अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलाधिपति बी.पी. सोनी ने कहा कि आज के समाज में हमारी युवा पीढ़ी को मुख्य रूप से यह चिंतन करने की नितांत आवश्यकता है कि किस प्रकार से हम अपशिष्ट को व्यर्थ न समझ कर मानव जाति के कल्याण हेतु मूल्यवान बना सकते हैं उन्होंने अपशिष्ट की उपयोगिता के संबंध में प्रकाश डालते हुए विभाग को इस क्षेत्र में सक्रिय सहभागिता निभाने का संदेश दिया।
तकनीकी सत्र में हुए विशेषज्ञों के व्याख्यान
कार्यशाला के तकनीकी सत्र में डाॅ. वर्षा निगम गौर ने प्रतिभागियों को अपशिष्ट प्रबंधन के विभिन्न तरीकों अपशिष्ट प्रबंधन, अपशिष्ट से ऊर्जा उत्पादन की विभिन्न तकनीकी, इंडस्ट्रीयल स्केल में बायो गैस उत्पादन, ई-वेस्ट एवं वेस्ट पर केन्द्रित सारगर्भित व्याख्यान दिया तथा एस.एस. मालवीय ने म.प्र. शासन एवं भारत सरकार द्वारा जारी अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित कानून एवं नियम, सीमेन्ट उद्योगों में वेस्ट मटेरियल का उपयोग एवं वेस्ट मैनेजमेंट एवं वेलुएडेड प्रोडक्ट्स से संबंधित दिशा-निदेशों एवं अधिनियमों की विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर उपस्थित अन्य वक्ताओं ने भी अपने विषय के संबंध में ज्ञानवर्धक वक्तव्य प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. कमलेश चैरे ने किया एवं आभार प्रदर्शन (पी.ओ अंतर्राष्ट्रीय अपशिष्ट प्रबंधन संस्थान, भोपाल) गिरिराज मंडोली ने किया । कार्यक्रम को सफल बनाने में आर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र कुमार तिवारी , सुमन पटेल, नीलाद्रीशेखर राॅय डाॅ. दीपक मिश्रा, कान्हा सिंह तिवारी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अवसर पर समस्त विभागों के विभागाध्यक्ष, फैकल्टीज एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
दूसरे दिन के कार्यक्रम
कार्यशाला के दूसरे दिन प्रतिभागियों एवं विद्यार्थियों को क्षेत्र की इकाइयों का भ्रमण भी कराया जायेगा एवं औद्योगिक इकाइयों द्वारा वेस्ट मैनेजमेंट में उपयोग लाई जाने वाली विधियों एवं अन्य गतिविधियों के बारे में प्रायोगिक जानकारी दी जायेगी।
‘‘बाॅयोटेक पाॅप्यूलर लैक्चर सीरीज-2014’’ में डाॅ. एम.पी. सिंह,
सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के सभागार में (इलाहाबाद विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के प्राध्यापक) डाॅ. एम.पी. सिंह, ने बाॅयोटेक क्षेत्र में विश्वभर में मशरूम की उपयोगिता के बारे में विस्तृत व्याख्यान दिया। इन्होने बताया कि मशरूम भोजन और औषधि दोनों ही रूपों में उपयोगी होने के साथ पोषण का भरपूर स्रोत हैं। इसे खाने से हृदय रोग होने का खतरा कम हो जाता है, क्योंकि मशरूम में कोलेस्ट्रोल कम करने की क्षमता है. यह मधुमेह को नियंत्रित करता है और कैंसर रोगियों की कीमोथेरेपी के बाद होने वाले साइड इफेक्ट को भी कम करता है. व्यवसायिक मशरूम उत्पादन तकनीक के जरिए ओएस्टर, बटन, मिल्की, पैडी स्ट्रा, शिटेक और रेशी आदि किस्मों के मशरूम का उत्पादन किया जा सकता है इस दौरान बाॅयोटेक, फार्मेसी एवं एग्रीकल्चर विभाग के प्रोफेसर्स एवं सभी विद्यार्थी उपस्थित रहे।
स्कूल की दहलीज से काॅलेज कैम्पस की सपनों की दुनिया में कदम रखने की अनुभूति विश्वविद्यालय के सभागार में उपस्थित छात्रों के चेहरों पर नुमायां हुयी और इस अनुभूति के साथ शामिल रहे भविष्य के सपने, कुछ बनने के सपने माता-पिता के सपनों को पंख लगाते ख्वाहिशों के बादल और विश्वविद्यालय द्वारा इन्डक्सन कार्यक्रम के दौरान दिये गये प्रेरणास्पद लफ्जों में हकीकत की बानगी इस सब के बीच सम्पन्न हुए एकेएस के विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों का इन्डक्सन कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए जानकारी भरा प्रेरणास्पद एवं रोचक रहा। विद्या की देवी सरस्वती के समक्ष कुलाधिपति बी.पी. सोनी ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम के आगे का मार्ग प्रशस्त किया। अगले दौर में विद्यार्थियों के अंकाक्षाओं के सवाल व उनके वस्तुनिष्ठ जवाब फैकल्टीज ने दिये। नव प्रवेशी विद्यार्थियों को एकेएस विश्वविद्यालय की स्थापना के उद्देश्यों और अवधारणा से प्रो. आर.एन. त्रिपाठी ने रूबरू कराया। गौरतलब है कि एकेएस शैक्षणिक विविधता का एक ऐसा स्थान बन चुका है जहां विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास होता है। विश्वविद्यालय का इन्डस्ट्री ओरियेन्टेड पाठ्यक्रम, विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल ट्रेनिंग हेतु विभिन्न कंम्पनियों में इटर्नशिप, व्यक्तित्व विकास हेतु एस.एस.डी. टेªनिंग, प्लेसमेंट विभाग एवं प्रथम सेमेस्टर में अनिवार्य विषय स्प्रिच्युअल स्ट्डीज है। जिसमें विद्यार्थी को गीता, कुरान, बाइबिल में से किसी एक धर्म ग्रन्थ का चयन के आधार पर अध्ययन करवाया जाता है। जिससे विद्यार्थियों को अध्यात्मिक विकास होता है जो उनके जीवन के लिहाज से काफी अहम है। यहां की विविधता ही है जिसे व्यापक सराहना राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय फलक पर मिल रही हैं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की ऐकेडमिक एक्सीलेंस से विद्यार्थियों को रूबरू कराया गया। इसमें एकेएस को विगत दिनों 27 मई को ‘‘बेस्ट एक्सीलेंस प्राइवेट यूनिवर्सिटी एवार्ड -2014’’ एवं 19 जुलाई को ‘‘बेस्ट यूनिवर्सिटी इन आई इन्फ्रास्ट्रक्चर-2014’’ के साथ ‘‘एशिया इंटरनेशनल अचीवर्स एवार्ड इन एज्यूकेशनल एक्सीलेंस’’ और ‘‘इन्डो नेपाल सद्भावना एवार्ड- 2014’’ रहा।
इसी के साथ विद्यार्थियों को एक्जाम पैटर्न, अटेन्डेन्स के साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों को अपडेट रखने हेतु विभिन्न प्रक्रियाओं से भी परिचित कराया गया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के चेयरमैन ने एक सूत्र वाक्य कहा कि ‘‘जीवन के इन विश्वविद्यालयीन वर्षों में लक्ष्य तय करें और एकाग्र होकर तब तक चले जब तक मंजिल न मिल जाए तो जीवन के अगले पड़ावों पर खुशियां आपका दामन भर देगी’’। विद्यार्थियों ने तालियों की करतल ध्वनि से वाक्यों को जज्ब किया और एक स्वर में कठिन मेहनत करने की शपथ ली। इस मौके पर विभिन्न संकायों के फैकल्टीज के साथ नव प्रवेशी विद्यार्थी उत्साह से लवरेज होकर शामिल हुए। इस मौके पर विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनायें दी गई।
सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के माइनिंग डीन, डाॅ. जी.के. प्रधान आई.आई.टी. खड़गपुर के डिपार्टमेन्ट आॅफ माइनिंग में 22 एवं 23 अगस्त को आयोजित होने वाले कार्यक्रम में आमंत्रित वक्ता के रूप शामिल होगें। यह इस लिहाज से काफी अहम है कि इसमें देश के काफी ख्यात 20 सीनियर माइनिंग इंजीनियर एवं मैनेजर्स भी विषय पर अपनी राय जाहिर करेगें। एकेएस विश्वविद्यालय प्रबंधन ने बताया कि इस शैक्षणिक कार्यक्रम का विषय सरफेस माइनिंग हैं। डाॅ. जी.के. प्रधान को सभी ने बधाई दी है।
सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के पर्यावरण विज्ञान विभाग, फैकल्टी आॅफ लाइफ साइंस एण्ड टेक्नालाॅजी एवं ‘‘इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ वेस्ट मैनेजमेंट’’ भोपाल के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय नेशनल वर्कशाप एण्ड ‘‘कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम आॅन’’ ‘‘वेस्ट टू वेल्थ’’ आगामी 22 एवं 23 अगस्त को आयोजित किया जायेगा। कार्यक्रम में (इलाहाबाद विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के प्राध्यापक) डाॅ. एम.पी. सिंह, (जबलपुर विश्वविद्यालय के प्राध्यापक )डाॅ. सुरेन्द्र सिंह, (जबलपुर कृषि विद्यालय के प्राध्यापक) एल.पी.एस. राजपूत, (एक्सक्यूटिव इंजीनियर म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण हेड आॅफिस भोपाल) डाॅ. एस.एस. मालवीय एवं आईआईटी एवं एकेएस विश्वविद्यालय के प्राध्यापक एवं वैज्ञानिक शिरकत करेंगे। वर्कशाप में अपशिष्ट प्रबंधन की वैज्ञानिक तकनीकों एवं इनसे बनने वाले वैलुएडेड प्रोडक्ट्स के बारे में जानकारी दी जायेगी।
कार्यक्रम के आर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि कार्यक्रम में विंध्य क्षेत्र में स्थापित औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधि, विभिन्न महाविद्यालयों के प्राध्यापक एवं शोध छात्र उपस्थित रहेंगे। जिसमें विषय विशेषज्ञों द्वारा अपशिष्ट प्रबंधन, अपशिष्ट से ऊर्जा उत्पादन की विभिन्न तकनीकी, इंडस्ट्रीयल स्केल में बायो गैस उत्पादन, ई-वेस्ट एवं वेस्ट से संबंधित कानून एवं नियम, सीमेन्ट उद्योगों में वेस्ट मटेरियल का उपयोग एवं वेस्ट मैनेजमेंट एवं वेलुएडेड प्रोडक्ट्स आदि पर विषय विशेषज्ञों द्वारा अपने अनुभव एवं अनुसंधानों पर आधारित व्याख्यान होंगे। प्रतिभागियों को क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों का भ्रमण भी कराया जायेगा एवं औद्योगिक इकाइयों द्वारा वेस्ट मैनेजमेंट में उपयोग लाई जाने वाली विधियों एवं अन्य गतिविधियों के बारे में प्रायोगिक जानकारी दी जायेगी।