एकेएस वि.वि. सतना के @NSS (National Service Scheme) के विद्यार्थियों के लिए उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें बताया गया कि 1969 में गाॅधी शताब्दी वर्ष के रुप में प्रांरभ किया गया था इसका पुनीत उद्येश्य था विद्यार्थियों का व्यक्तित्व विकास और community Service,यह वि.वि.और काॅलेजों में विद्यार्थियों को लक्ष्य करके बनाया गया जिस पर विद्यार्थियों ने तालियों की करतल ध्वनि से सभागार को गुॅजा दिया। अतिथियों का स्वागत किया गया देवार्चन और माल्यार्पण के बाद अतिथियो का पुष्पाहार से सत्कार हुआ। वि.वि. के प्रतिकुलपति डाॅ.हर्षवर्धन ने इस मौके पर विद्याथियों को संबोधित करते हुए कहा कि National Service Scheme एक बहुआयामी कार्यक्रम है जिसमें हम व्यक्तित्व के विविध पहलुओं को समझते हैं उन्होने कहा कि सामाजिक कार्यो की बदौलत हम समाज के ढाॅचे को समझते हैं और अपने जीवन को भी समाजकार्य में लगाते हैं। प्रो. जी.पी.रिछारिया ने कहा कि सामाजिक कार्यो की बदौलत मानव जीवन में संतुष्टि आती है और हमें समाज में पहचान भी मिलती है। कार्यक्रम का सफल संचालन साहिर कुरैशी ने किया इस मौके पर प्राची सिंह, कार्यक्रम समन्वयक और कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. महेन्द्र तिवारी, डाॅ.दीपक मिश्रा उपस्थित रहे।
AKS University
AKS University, Satna M.P.
Every Blood donor is a life saver वाक्य को शिरोधार्य करके विद्यार्थियों ने Blood Donate किया। एकेएस वि.वि. सतना के सभागार में HDFC bank और जिला अस्पलात के सौजन्य से बृहद Blood Donation camp का आयोजन किया गया जिसमें वि.वि. के विभिन्न संकाय के विद्यार्थियों ने स्वप्रेरणा से Blood Donate किया। विद्यार्थियो ने बढ-चढ कर हिस्सा लिया और अन्य को प्रेरित भी किया। इस कार्यक्रम के समन्यवयक डाॅ.दीपक मिश्रा और डाॅ.महेन्द्र कुमार तिवारी उपस्थित रहे। HDFC Bank की तरफ से मि.अमित मिश्रा अपनी टीम के साथ रहे उन्होने कहा कि आपका Blood Donation किसी के चेहरे पर मुस्कुराहट वापस ला सकता है। और जिला अस्पताल Blood bank की तरफ से डाॅ.सी.एम.तिवारी ने कहा कि आपका Blood Donation सर्वश्रेष्ट समाजसेवा हैै मौके पर वि.वि. के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
एकेएस वि.वि. सतना के समाजकार्य विभाग मे गरिमामयी भव्य Freshers Party का आयोजन किया गया। सुवासित सभागार में देवार्चन और दीप प्रज्वलन के बाद माॅ वीणपाणि की आराधना की गई असतो माॅ सद्गमय,तमसो माॅ ज्येातिर्गमय,मृत्योर्मा अमृतम गमय के मंत्रोच्चार के बाद अतिथियों ने आशीर्वचनों दिए जिसमें प्रो.चांसलर अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ.हर्षवर्धन,जी.पी.रिछारिया,एकेएस वि.वि. के Director अजय सोनी, प्राचार्य गौरीशंकर पाण्डेय, विभागाध्यक्ष काॅमर्स अंजू ओटवानी, विभागाध्यक्ष समाजकार्य मंजू चैटर्जी,कमलाकर सिंह की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ देकर करते हुए समाजकार्य विभागाध्यक्ष के साथ अन्य Faculty ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। स्वागत गीत के बाद गीत संगीत की प्रस्तुति ने महफिल में चार चाॅद लगाते हुए आगे का सफर आसान किया। मैने पायल है छनकाई जैसे ही हवा मे तैरा तो सभी ने इसे कोरस दिया और गीत यादगार बन गया। एक उॅचा लंबा कद की पंजाबी बीट ने सभी को झूमने पर मजबूर किया। बोले चूडियाॅ,बोले काॅगना की दिलकश प्रस्तुति से सभागार मंत्रमुग्ध हुआ। ये चाॅद कोई दीवाना है ने मुग्ध किया। अंत में miss fresher चंदा ,मि. फ्रेसर अमरजीत,मि.party मोहन और miss party प्रिया के जलवे बिखरे। उन्हे crown पहनाकर और gift देकर सम्मानित किया गया। सभी ने खुशी का इजहार करते हुए एक दूसरे को बधाई दी। juniors का seniors से परिचय प्राप्त हुआ और कुछ सलाह मशविरा भी हुआ। कार्यक्रम का खुशनुमा संचालन मयंक वर्मा,सरिता,पूनम और ज्येति ने किया।
एकेएस वि.वि. सतना के @Fashion_designing विभाग में आयोजित सात दिवसीय Hand made Silk Thread Jewelry के प्रशिक्षण के अंतिम दिन अपने उद्गार में Hand made Silk Thread Jewelry Expert प्रियंका बागरी का कहना था कि सौदर्य की बाहरी चमक दमक से लेकर शील और रुचि का प्रतीक आभूषण है उन्होने बताया कि आभूषण के निर्माण में अक्सर रत्न, सिक्के और अन्य कीमती वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाता है पर Silk Thread Jewelry के गहनों में कम लागत के बकरम, आई पिन, Silk Thread,Stone Chain, purl Chain, Earing Stud base जैसी चीजों का बेहतर इस्तेमाल करते हुए उनकों कम लागत में तैयार करने का प्रशिक्षण देना उद्येश्य रहा। Ear Rings व अन्य गहनों में Silk Thread का प्रयोग कैसे करें व कम लागत में बेहतर Jewelry कैसेे बनाऐं इस पर प्रशिक्षण संपन्न हुआ Fashion designing विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में 100 से ज्यादा प्रशिक्षणार्थियों को Silk Thread का प्रयोग करना बताया गया। कार्यक्रम की Trainer प्रियंका बागरी ने बताया कि उन्होंने इसे शौक के रुप में प्रारंभ किया और अब यह जुनून की तरह हो गया है कुछ अलग करने की प्रेरणा और उल्लास में उन्होंने दिल्ली में Silk Thread jewelry का कार्य प्रारंभ किया धीरे-धीरे लोग जुडते गए और अब यह बडा स्वरुप ले चुका है। jewelry designing भी एक रचनात्मक कार्य है जिसमें Silk Thread का इस्तेमाल करके प्रियंका ने Necklace Greeting Cards, Best to Best,paper Ring बनाए और practical करवाकर प्रतिभागियों को आत्मविश्वास से भर दिया। work Form home पर उपस्थित प्रतिभागियों को उन्होंने विस्तृत जानकारी और मार्गदर्शन दिया। सात दिनो तक चली Training में दिल्ली से अपना प्रिया Collection चलाने वाली प्रियंका बागरी ने बताया कि hand made silk Thread jewelry training कार्यक्रम में step by step प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षिका ने बताया कि घर पर रहकर कार्य करने, रचनात्मक दृष्टिकोण रखने वाले और इसे रोजगार का माध्यम बनाने के लिए महिलाओं और girls के लिए यह रोजगारपरक प्रशिक्षण है। समापन कार्यक्रम में वि.वि. के प्रोचासलर अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन, प्रो.जी.सी.मिश्रा, प्रो.जी.पी.रिछारिया, मिर्जा समीउल्ला बेग, चुमन यादव और रेनू शुक्ला की उपस्थिति में प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। कार्यक्रम के समापन पर training प्रियंका को वि.वि. के वरिष्ठजनों ने शुभकामनाओं के साथ स्मृति चिन्ह प्रदान किया। प्रतिभागियों ने भी इस मौके पर अपने अनुभव शेयर किए और प्रसन्नता जताई।
एकेएस वि.वि. सतना के computer science विभाग में एक दिवसीय कार्यक्रम रखा गया उल्लेखनीय है कि एकेएस वि.वि. #IIT_Mumbai का Remote Center है जहाॅ से Video conferencing के द्वारा E Block के smart class room में remote center कार्यक्रम रखा गया। वीडियो conferencing के दौरान लाॅरी बीर ने अपने Quiz जिसमें वैश्विक परिदृष्य में Technology के फायदे ओर Technology के दूरगामी परिणामों पर चर्चा की। इस दौरान एकेएस वि.वि. के Smart classes सभागार में 30 से ज्यादा विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के Convener अखिलेश बाउ और Support हेमं Technical का रहा।
वि.वि. में नियमित रुप से विद्यजनों के व्याख्यान होते हैं इसी कडी में एकेएस वि.वि. सतना के Bio tech विभाग में popular guest lecture series-2019 के तहत प्रो.आर.सी.दुबे ,गुरुकुल काॅगडी वि.वि., हरिद्वार ने व्याख्यान दिया उन्होने कहा कि Biotechnology हमें प्रकृति से संबंध रखना सिखाती है । प्रो. दुबे का परिचय देते हुए डीन प्रो. जी.पी.रिछारिया ने बताया कि उनका 33 वर्ष की Teaching experience और 13 से ज्यादा प्रकाशित किताबें उनकी बृहद योग्यता की परिचायक हैं। जैव प्रौद्योगिकी के विविध पहलुओं पर डाॅ. दुबे ने बताया कि सूक्ष्म जीव विज्ञान एक बृहद विज्ञान है जिसपर काफी research हो रही है। उन्होंने वेदों में वर्णित सूक्ष्मजीव विज्ञान और biotechnology पर चर्चा की। पर्यावरण नियंत्रण एवं प्रौद्योगिकी दोनो को दिशा देने वाली जैवप्रौद्यागिकी है और भारत में इस पर काफी कार्य हो रहे हैं। उन्होंने गंगा के तट पर पाए जाने वाले Bacteriophage और उनके अनेक रोगों को अपने रासायनिक क्रिया से नष्ट करने के शोध के बारे में भी विद्यार्थियों को अवगत कराया। गंगा पर चल रहे शेाध कार्यो के साथ वैदिक काल के सूक्ष्मजीवों के प्रसंग की भी जानकारी साझा की। Biotechnology में बढ रहे रोजगार के अवसरों पर उन्होंने सभी विद्यार्थियों को अवगत कराया। विभागाध्यक्ष,बायोटेक डाॅ. कमलेश चैरे ने उनका आभार व्यक्त किया।