राजीव गाॅधी काॅलेज के सभागार में एक दिवसीय विषद गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता शहर के ख्यात सीए रवि प्रकाश अग्रवाल रहे उन्होंने अपने गहन विचार मंच के समक्ष प्रस्तुत करते हुए GST की अहम और कई जटिलताओं पर सरल शब्दों में प्रकाश डाला। उन्होंने GST की अनिवार्यता एवं सम्पूर्ण प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी जब उपस्थित प्रतिभागियों को दी तो उपस्थित विद्यार्थियों ने interactive Session में सवाल पूॅछे जिनके सारगर्भित जवाब सीए रवि अग्रवाल ने दिए। रवि ने composition scheme , inter State Sales और Intra State Sales पर बताया कि इनमें भी GST का अंतर होता है CGST, SGST,IGST इत्यादि करों के लगने का प्रारुप क्या है इस पर उन्होने व्याख्यान के दौरान प्रकाश डाला। उन्होंने Input Tax Rebate इत्यादि पर भी कार्यपूर्ण जानकारी दी। कार्यक्रम में एकेएस वि.वि. के चांसलर बी.पी.सोनी जी की गरिमामयी उपस्थिति उल्लेखनीय रही उन्होंने GST पर आयोजित कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इससे विद्यार्थियों की जानकारी का ग्राफ उपर उठता है। GST पर आयोजन करने के लिए उन्होंने विभागाध्यक्ष अंजू ओटवानी,प्राचार्य गौरीशंकर पाण्डेय,राजेन्द्र त्रिपाठी की तारीफ की। कार्यक्रम में राजीव गाॅधी काॅलेज के विद्यार्थी खास तौर पर उपस्थित रहे।
AKS University
AKS University, Satna M.P.
देश में इस समय जी.डी.पी. को लेकर सभी चिन्तित हो रहे हैं। कहते है कि 6 वर्ष से लगातार जी.डी.पी. घट रही हैं।इस वर्ष सबसे निचले स्तर पर है।भारत सरकार कह रही है कि भारत की अर्थ व्यवस्था तेजी से बढ़ रही हैं।भारत उभरता हुआ बाजार हैं।कई अर्थषास्त्री एवं चिन्तक कहते है कि भारत की अर्थव्यवस्था चैपट हो रही हैं बड़ी तेजी से घट रही है।सामान्य जनता जो जी.डी.पी. का अर्थ नही समझती वह दुविधा मे फंस जाती है।जी.डी.पी. का मतलब है कुल उत्पादन और कुल बिक्री अर्थात उत्पादित माल कितने का खरीदा गया और उसकी कितनी बिक्री हुई।अर्थशास्त्र की भाषा में क्रय विक्रय का हिसाब।एक बात और समझने की जरुरत है नम्बर एक का अर्थ,व्यवस्था अर्थात सरकार को टैक्स मिलना और नम्बर दो की अर्थव्यवस्था का मतलब है सरकार को टैक्स न मिलना। टैक्स न देने पर व्यापारी ज्यादा पैसा कमाता है और ज्यादा व्यापार बढ़ता है।टैक्स देने पर व्यापारी घाटा महसूस करता है परन्तु सरकार की आय यही हैं टैक्स। 2014 के पूर्व नम्बर. एक की अर्थव्यवस्था से ज्यादा नं. दो की अर्थव्यवस्था चल रही थी।नम्बर. दो की अर्थव्यवस्था बड़ीं तेजी से बढ़ रही थी परन्तु सरकार को टैक्स नही मिलता था। भ्रष्टाचार के माध्यम से मिले पैसे एवं नम्बर दो की आय से जमीन की खरीदी,घर की खरीदी, कार की खरीदी ऐशे-आराम की खरीदी खूब हो रही थी।कोई यह नही पॅूछता था कि कार खरीदने के लिये या जमीन खरीदने के लिये पैसा कहाॅ से मिला। आय के स्त्रोत क्या है।नम्बर दो की अर्थ व्यवस्था से खरीदी बिक्री बहुत ज्यादा हो रही थी जिससे जी.डी.पी. बढ़ी हुई थी। 2014 के बाद मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया,नम्बर दो के व्यापार पर अंकुश लगा।अब जमीन खरीदने, कार, सोना, चाॅदी खरीदने या अन्य मूल्यवान सामान खरीदने पर यह बताना अनिवार्य हो गया है कि आय के स्त्रोत क्या है?नम्बर एक की आय से कीमती सामान खरीदना सम्भव नही रहा और नम्बर दो की अर्थव्यवस्था को नम्बर एक में लाने के लिये सरकार को बहुत ज्यादा टैक्स देना पड़ रहा हैं।ऐसी स्थिति मे खरीदी-बिक्री कम हो गई और जी.डी.पी. का अनुपात घट गया।आयकर विभाग की छापामारी नम्बर दो के व्यापार मंे रुकावट बनी इससे व्यापारी नंम्बर एक का व्यापार करने लगा अर्थात सरकार को टैक्स देने लगा । इससे सरकार की आय बढ़ गई । सरकार की आय बढ़ने से भारत सरकार कह रही है कि अर्थव्यवस्था बड़ी तेजी से बढ़ रही है।धीरे-धीरे नम्बर एक का व्यापार बढ़ेगा सरकार की आय बढ़ेगी परन्तु कर्मचारी या व्यापारी एक नम्बर की आय से ज्यादा खरीदी-बिक्री नही कर पायेगा। इस स्थिति के कारण जी.डी.पी. की दर क्रमशः घटती जा रही है। 2014 के पूर्व 40 प्रतिशत व्यापार नम्बर एक मे होता था और 60 प्रतिशत व्यापार नम्बर दो मे होता था। नंम्बर दो के व्यापार पर रोक लगी जिससे नम्बर दो के व्यापार को घाटा हुआ।अब 60 प्रतिषत नंम्बर दो का व्यापार धीरे-धीरे नम्बर एक मे आ रहा है तथा सरकार की आय बढ़ रही हैं ।
एकेएस वि. वि. सतना के सीएस विभागाध्यक्ष अखिलेश ए.बाउ और 30 Research Scholar ने IIT,मुम्बई में आयोजित दो दिवसीय International Conference में हिस्सा लिया। International Conference का आयोजन IIT, मुम्बई में 29 और 30 नवंबर को SciPy India-2019 के तहत किया गया। International Conference का विषय python for Education और साइंटिफिक कम्प्यूटिंग रहा। SciPy India-2019 का उद्येश्य Scientific Computing को बढावा देना है। International Conference में मोजिला के एमडी मि.मून मिनवेस्टा के सीईओ अशोकन पिचाई और एक्सपेईज से डाॅ.अगित कुमार ने प्रमुख व्याख्यान दिया। एकेएस वि.वि. की तरफ से सीएस विभागाध्यक्ष के अलावा Faculty शिवानी पटनहा और लोकेन्द्र गौर ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। बीटेक, Computer Science And Engineering के विद्यार्थियों में पूजा लोधी, योगबाला सिंह, मेघना अग्रवाल, रोशनी पटेल, हर्ष शर्मा, अभिलाष द्विवेदी, आशुतोष सिंह, अर्चना सिंगरौल, अभिजीत मिश्रा, अभिशेख सोनी, रावेन्द्र सिंह, नितिन त्रिवेदी, लवकुश पाण्डेय, राज शर्मा, अंकित द्विवेदी, शरद विश्वकर्मा, संदीप बुनकर, मंगेश, रितिक ताम्रकार, दीपांशु सिंह शामिल रहे। इसके बाद Students ने Gateway of India, सिद्वि विनायक और मरीन ड्राइव पर जाकर मुम्बई शहर का नजारा भी किया।
एकेएस वि. वि. सतना के सभागार में वि.वि. में 2018 में गठित Club पहल Club के अंतर्गत कार्यक्रम का आयोजन किया गया पहल का उद्येश्य Woman Heath Development है इसी के अंतर्गत एकेएस वि. वि. सतना के सभागार में "Elimination Of violence Against Woman" विषय पर बृहद कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका उद्येश्य समाज का विकास, घरेलू हिंसा में कमी, आत्मनिर्भर बनाना, गरीबी कम करने, समाज में सम्मान मिलना महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी खास तौर पर उपस्थित रहे। आईसीडीएस सुपरवाइजर, वंदना पाण्डेय ने Elimination Of violence Against Woman का प्रमुख उद्येश्य और उसकी प्रासंगिकता पर व्याख्यान दिया इस मौके पर क्षमा द्विवेदी आईसीडीएस सुपरवाइजर ने महिलाओं के संविधान सम्मत अधिकारों और उनके हनन कैसे होते हैं महिलाऐं क्या कर सकती हैं और उन्हें क्या करना चाहिए पर विधिवत व्याख्यान दिया बालिकाओं के लिए चलने वाली विविध योजनाओं पर भी प्रकाश डाला गया। वन स्टाप सेंटर-सखी उत्पीडित महिलाओं के लिए कैसे कार्य करता है इत्यादि पर भी जानकारी प्रदान की गई। महिला सशक्तिकरण पर चलित फिल्म के माध्यम से अमर सिंह ने व्योरेवार Data analysis दिया। श्याम किशोर द्विवेदी,असिस्टेंट डायरेक्टर ने महिला के साथ होने वाली हिंसा और कानून के बारे में बताया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ.दीपक मिश्रा ने किया जबकि आभार प्रदर्शन वि.वि. की वायोटेक फैकल्टी रेनी निगम ने किया। इस मौके पर डाॅ.अश्विनी वाउ,मधु गुप्ता,प्रज्ञा श्रीवास्तव, सुमन पटेल,शीनू शुक्ला,संध्या पाण्डेय,के साथ पहल Club के सभी सदस्यगण और विशिष्टजनों के साथ वि.वि. के विभिन्न संकाय की छात्राऐं उपस्थित रहीं।
एकेएस वि. वि.सतना के सभागार में नरेन्द्र सिंह परमार, आई.ए.एस., Secretory Minerals Resources, म.प्र.सरकार अल्प समय के लिए पधारे वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी ने उनका पुष्पगुच्छ से सभागार में स्वागत किया। एकेएस वि.वि. के विद्यार्थियों से संवाद के दौरान उन्होंने खनिज संसाधनों की प्रचुर उपलब्धता, परिचालन, संरक्षण के पहलुओं पर चर्चा के साथ उनके संतुलित दोहन पर विमर्श किया उन्होंने Faculty और विद्यार्थियों के साथ पर्यावरण पर चर्चा करते हुए Minerals Development Fund की जानकारी प्रदान की। पर्यावरण की महत्ता और उसका मानव जीवन के परिपेक्ष्य में अंर्तसंबंध पर जोर देते हुए माननीय ने बताया कि पर्यावरण संतुलन के लिए हर दिन उच्चस्तर पर चर्चा परामर्श हो रहा है ओर इसके सकारात्मक परिणाम भी दृष्टिगोचर हो रहे हैं। वि.वि. के प्रोचांसलर ने 2018 में मि. परमार के साथ चायना Mining की यात्रा के दौरान के अपने अनुभवों को विस्तार से शेयर किया।वि.वि. के प्रतिकुलपति डाॅ.हर्षवर्धन ने मि. परमार के समक्ष वि.वि. के माइनिंग संकाय के Faculty, बी.टेक Mining, Mine And Mining surveying के साथ समस्त Faculty में अध्ययन, अध्यापन और विशिष्टता पर जानकारी दी जिस पर उन्होंने वि.वि. को उत्तरोत्तर प्रगति की शुभकामनाऐं दीं। इस कार्यक्रम में वि.वि. के प्रोचांसलर और चेयरमैन अनंत कुमार सोनी, डाॅ.हर्षवर्धन, प्रो.आर.एन.त्रिपाठी,डाॅ.जी.के.प्रधान के साथ समस्त संकाय के Dean, Director Faculty के साथ छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहे।