सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के मैनेजमेंट विभाग में बसंत पंचमी के अवसर पर सरस्वती पूजन का भव्य आयोजन किया गया। प्रकृति के श्रंगार नवीनता और खुशी के पर्व बसंत पंचमी पर विश्वविद्यालय के एमबीए और बीबीए के विद्यार्थियों ने सरस्वती पूजन में हिस्सा लिया। शनिवार को सुदरकांड के मनमोहक पाठ को विश्वदीप और साथियों ने वाद्ययंत्रों की सुमधुर तान के बीच आध्यात्म की गंगा से सभी को सात्रराबोर किया। यादगार बना यह पल स्टूडेन्टस ने कैमरे में कैद किया।। विद्या की देवी सरस्वती की स्थापना के साथ पूजन अर्चन किया गया। बसंत के मौसम का प्रतीक पीला और केशरिया रंग विजय और उल्लास का रंग है। जो हंसते और खिलखिलाते हुए अपनी कमजोरियों से पार पाने का संदेश देता है। मंत्रोच्चार के बीच सुवासित सुगंधित बासंती बयार हमारे विचारों को सुवासित करने का संदेश देती है। बसंत पंचमी पर चारों ओर पीले फूलों की बहार छा जाती है। वर दे वीणा वादिनी वर दे की धुन पर सरस्वती पूजन का आयोजन वि.वि. में किया गया चारों ओर फैले उल्लास के बीच विद्या की देवी सरस्वती की पूजा पीले फूलों, फलों और पीले व्यंजनों से की गई। मां सरस्वती का यह दिन बच्चों की शिक्षा-दीक्षा के आरम्भ के लिये शुभ माना जाता है। बसंत पंचमी हिन्दू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। यह त्यौहार हर वर्ष माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन ही बह्माण्ड की रचना हुई तथा समस्त जीवों और मानवों का प्रादुर्भाव हुआ था। इसी दिन को देवी सरस्वती का प्राकट्य उत्सव माना जाता है, इसीलिये देवी सरस्वती की पूजा का विधान है। अतिथियों ने बताया कि मां सरस्वती को बुद्धि, ज्ञान और कला की देवी माना जाता है इसलिये इस दिन गुरू के समक्ष बैठकर उनसे शिक्षा ग्रहण करने का शुभारंभ करते हैं। पुस्तक, वाद्य यंत्रों आदि को देवी के समक्ष रखकर पूजा की जाती है। बसंत पंचमी का अर्थ है शुक्ल पक्ष का पांचवाँ दिन, अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार यह पर्व जनवरी फरवरी तथा हिन्दू तिथि के अनुसार माघ के महीने में मनाया जाता है। बसंत को ऋतुओं का राजा अर्थात सर्वश्रेष्ठ ऋतु माना गया है, इस समय पंचतत्व अपना प्रकोप छोड़कर सुहावने रूप में प्रकट होते हैं। पंचतत्व यानि जल, वायु, धरती, आकाश और अग्नि सभी अपना मोहक रूप दिखाते हैं। वि.वि. में आयोजित सरस्वती पूजन के दौरान मैनेजमेंट विभाग की समस्त फैकल्टीज डाॅ. कौशिक मुखर्जी, डाॅ. प्रदीप चैरसिया, प्रमोद द्विवेदी, प्रकाश सेन, श्वेता सिंह, शीनू शुक्ला, प्रियंका शर्मा और चंदन सिंह आदि उपस्थित रहे। पूजा के बाद हवन किया गया जिसमें वि.वि. परिवार ने हिस्सा लिया।