सतना-एकेएस विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, जिला चिकित्सालय,सतना एवं एच.डी.एफ.सी. बैंक, सतना के संयुक्त तत्वावधान में गुरूवार को स्वेच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया । रक्तदान शिविर में विभिन्न विभागों के फैकल्टी एवं छात्र-छात्राओं ने 50 यूनिट रक्तदान कर कार्यक्रम को सफल बनाया। कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. महेन्द्र कुमार तिवारी, कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. दीपक मिश्रा, अभिषेक सिंह, एच.डी.एफ.सी. बैंक से अमित मिश्रा, सौरभ धाकड़, हरि गोविन्द गौतम, जिला चिकित्सालय से एम.एल. सिंह, अनूप त्रिवेदी, बाबूलाल दाहिया उपस्थित रहें।
Daily University News in Hindi
- Subscribe to this category
- Subscribe via RSS
- 2500 posts in this category
एकेएस विश्वविद्यालय के लायब्रेरी विभागाध्यक्ष दशरथ पाटीदार का रिसर्च पेपर ”इन्डीजीनियस आफ प्रिर्जविंग मेन्यू स्क्रिप्ट इन लाईब्रेरी” इण्टर नेशनल जनरल आॅफ रिसर्च इन लायबे्ररी सांइस के जुलाई से दिसम्बर अंक में प्रकाशित हुआ है। गौरतलब है कि यह शोध पत्र पांडुलिपियों का संग्रह मानव समाज , शोधकर्ता के लिए मूल्यवान हैजो इनका उपयोग आसानी से कर सकते है। इस पेपर का उद्देश्य पुस्तकालय में पांडुलिपियों के संरक्षण से है इसमें पांडुलिपियों के संरक्षण में एनएमएम की भूमिका पर भी चर्चा की है। पुस्कालय ज्ञान का स्थान है, तथा संसाधन साझेदारी का केंन्द्र भी है। इसके साथ-साथ पुस्तकालय वर्तमान समय में सूचना प्रणाली , नेटवर्क और अन्य आधुनिक सुविधाओं के आधुनिकीकरण करने के लिए प्रयासरत् है। निष्कर्ष के तौर पर वर्तमान परिवेश में पांडुलिपि हमारी संस्कृति और भारतीय परम्परा की प्रथमिक स्त्रोत है तथा पुस्कालय में इन पांडुलिपि के रखरखाव एवं संरक्षण पर अधिक जोर दिया जा रहा है ताकि विलुप्त हो रहे ग्रंथो एवं पांडुलिपि को आने वाली पीढ़ी एवं वर्तमान समय में अधिक से अधिक उपयोग किया जा सके।
एकेएस विश्वविद्यालय के बी.टेक सिविल इंजीनियरिंग संकाय के 23 विद्यार्थी 9 से 21 दिसम्बर तक सिविल सिम्पलीफाइड स्काई-फाई लैब सेन्टर हैदराबाद में ट्रेनिंग प्राप्त करेंगे। इस बारे में जानकारी देते हुये प्रो. पी.के. मजूमदार ने बताया कि विद्यार्थी लैब सेन्टर में बिम एण्ड सी.पी.एम. ट्रेनिंग (बिल्डिंग इन्फाॅरमेंशन, माॅडलिंग एण्ड कन्सट्रक्सन एण्ड प्लानिंग मैनेजमेंट) के दौरान क्वालिटी एण्ड क्वांन्टिटी कन्ट्रोल और मेटेरियल, यूज फाॅर बिल्ंिडग, क्वांन्टिटी सर्वेइंग, एनालाइजेशन बिल्ंिडग स्ट्रक्चर्स, 3डी. माॅडलाइजेशन आॅफ टाॅल बिल्ंिडग स्ट्रक्चर्स का विस्तृत तकनीकी अध्ययन करेंगे। इस दौरान विद्यार्थियों का मार्गदर्शन फैकल्टी विशुतोष वाजपेयी करेंगे।
गंाव की महिलाओं को किया स्वरोजगार के लिए प्रेरित
एकेएस विश्वविद्यालय के बी.एस-सी. एग्रीकल्चर सांतवे सेमेस्टर के छात्रों ने कृषि कार्यानुभव के तहत विविध ग्रामों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। ग्राम सहिजना उबारी में छात्रों ने महिला सशक्तिकरण किसान संगोष्ठी, जल संरक्षण जैसे विविधि कार्यक्रमों का आयोजन कर किसानों को जागरूक किया। साथ ही उन्होने गांव की महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर ठमाटर, अमरूद इत्यादि से जैलीय, जैम, केचप एवं शाॅस बनाने का भी प्रशिक्षण दिया।
एकेएस विश्वविद्यालय के बी.टेक सांतवे सेमेस्टर माइनिंग इंजीनियरिंग के 15 विद्यार्थी हट्टी गोल्ड माइंस, रायचूर डिस्ट्रिक, कर्नाटका की इण्डस्ट्रिीयल विजिट करेंगे। माइन्स फैकल्टी प्रो. जे.एन. सिंह ने बताया कि इस दौरान विद्यार्थी गोल्ड माइंस (मैटल माइंस), सर्फेस अण्डरग्राउण्ड माइंस, मिनंरल प्रोसेसिंग, जियोलाॅजिकल डिटेल्स, माइंस मशीनरी, मैटलार्जिकल प्रोसेस का तकनीकी अध्ययन करेंगे।
एकेएस विश्वविद्यालय के फैकल्टी डाॅ. पंकज श्रीवास्तव ने अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेन्स में नवीन शेाध पत्र प्रस्तुत किया। डाॅ. पंकज में अपने शोध-पत्र ’’पैरामेट्रिक एनालिसिस माॅडलिंग एण्ड आप्टमाइजेसन आॅफ सर्फेस रफनेस ड्यूरिंग स्टडी ए.जी. यूजिंग सी.बी.एन एब्रेसिव’’ में कई नवीन आॅकडे भी बताए।
शेाधपत्र है कई विषयों मे उपयोगी-वि.वि. फैकल्टी का कार्य सराहनीय
यह शेाधपत्र मेडिकल, इलेक्ट्रिकल संरचनात्मक उद्योगो में उपयोगी अत्याधुनिक पदार्थो की उन्नत मशीनिंग के सुगम, सरल एवं किफायती बनाने हेतु बहुत उपयोगी अनुसंधान होगा। यह शेाध मुख्यतः टाइटेनियम एलायस, कम्पोजिट मटेरियल्स (आॅयरन, काॅपर, एलाॅय) एवं निकिल हार्डन्ड एलाॅयज जिनकी परम्परागत मशीनिंग प्राणालियाॅ महंगी हैं इस विषय को यह सरल एवं मितव्ययी बनाने में उपयोगी है।
जटिल एवं सूक्ष्म पाटर््स का त्वरित गति से निर्माण एवं उत्पादन होगा संभव
अत्याधुनिक गैरपरम्परागत मशीनी पद्धतियों जैसे इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज मशीनिंग अथवा ईडीजी ग्राइंडिंग विधियों द्वारा मशीनिंग करने से होने वाले लाभों जैसे टूल वियर रेट, मटीरियल रिमूवल रेट, हाई स्पीड मशीनिंग का साफ्ट कम्प्यूटिंग द्वारा विश्लेषण एवं अत्यंत सूक्ष्म ज्यामितीय आकारों के कलपुर्जों की सीबीएन एब्रेसिव द्वारा मैटेरियल रिमूवल की उपादेयता प्रतिपादित की गई है।इस शोध के द्वारा विभिन्न प्रकार के उद्योगों में उपयोग होने वाले अत्यन्त जटिल एवं सूक्ष्म पाटर््स का त्वरित गति से निर्माण एवं उत्पादन करना संभव हो सकेगा।
वि.वि. के पदाधिकारियों ने दी शुभकामनाऐं
वि.वि. का गौरव बढाने एवं शेाध पत्र के माध्यम से नई पद्वतियाॅ बताने पर वि.वि. के कुलाधिपति श्री बी.पी.सोनी,कुलपति पारितोष के बनिक एवं चेयरमैन अनंत सोनी, प्रतिकुलपतिद्वय,डीन और डायरेक्टर्स ने डाॅ. पंकज को बधाई दी है।
23 से 25 नवम्बर तक रहा दुबई मे आयोजन
गौरतलब है कि डाॅ. पंकज ने 23 से 25 नवम्बर तक दुबई में ”साफ्ट कम्प्यूटिंग एण्ड मशीन इंटेलिजेंस” विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस में हिस्सा लिया और एकेएस वि.वि. के साथ विन्घ्य का भी गौरव बढ़ाया। डाॅ पंकज एकेएसयू में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष है। आयोजन में अमेरिका, चीन, जापान, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, बंगलादेश सहित भारत के युवा शोधर्थियों ने शेाधपत्र प्रस्तुत किया।।डाॅ. श्रीवास्तव के शोध पत्र का चयन लगभग 3000 शोध पत्रो मे से किया गया और महज 50 शोध पत्रो का ही चयन हुआ। उल्लेखनीय है कि वि.वि. हमेशा थिंक ग्लोबल,एक्ट लोकल पर कार्य करता है और अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय परिदृष्य में हो रहे परिवर्तन पर वि.वि. की सतत निगाह रहने से वि.वि. के फैकल्टीज छात्र-छात्राओं के लिए नवज्ञान एवं नवाचार का संचार भी करते है।इसके पूर्व भी वि.वि. के फैकल्टीज विश्व के कई देशों में उपयोगी एवं महत्वपूर्ण शोधपत्र पुस्तुत कर चुके हैं।जिन्हे भरसक सराहना मिली है।
एकेएस. विश्वविद्यालय के बी.एस-सी. एग्रीकल्चर सांतवें सेमेस्टर के रावे विद्यार्थियों ने ग्राम कुलार में कृषक संगोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के रावे इन्चार्ज डाॅ. डूमर सिंह एवं फैकल्टी धीरेन्द्र चतुर्वेदी द्वारा कृषि की नवीन तकनीकों से किसानो को अवगत कराया गया। डाॅ. डूमर ने कृषकों को गाय के गोबर व मूत्र से प्राकृतिक खाद्य बनाने और भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के तरीके बताऐ। उन्होने कार्बनिक खेती पर जोर देेत हुए मृदा की उर्वरता बनाये रखने पर जोर दिया। फैकल्टी धीरेन्द्र चतुर्वेदी ने कृषकों को बर्मी कम्पोस्ट बनाने एवं मौसम के अनुसार फसलो की बुआई की नयी तकनीकी एवं अमृत संजीवनी खाद्य के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के छात्र राजदीप, श्रीकांत, नीतिश, संजय, रंजीत, राहिल, सत्यम, रोहित एवं विशाल भूषण की भूमिका उल्लेखनीय रही।
एकेएस विश्वविद्यालय के बी.एस-सी. एग्रीकल्चर सातवें सेमेस्टर के छात्र रावे कार्यक्रम के तहत किसानों एवं ग्रामीणों के लिए विविध कार्यक्रमों का आयोजन कर रहें है। ग्राम लोहरा एवं ग्राम सेमरा में छात्रों ने किसान संगोष्ठी का आयोजन कर ग्रामीण कृषकों को कृषि संबंधी नई तकनीकों से अवगत कराया। संगोष्ठी में रावे के समूह में छात्र अनूप, चंदू बोस, राज, श्रवण, अमित, सज्जन, नरेन्द्र, सतेन्द्र, विपिन,सचिन, कन्हैया, हरवंश, गौरव, कमलेश, दिलीप, आंनद एवं मनीष शामिल रहे। ग्राम सहिजना कोठार में स्वच्छता अभियान एवं कृषक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। छात्र आशीष, कोमल, आदित्य, राजीव, चंचलेश, अरविंद, दिनेश, नीरज, विपिन, मिथुन ने अपने ज्ञान को किसानो तक पहुंचाया और किसानी की विभिन्न पöतियों के बारे में किसानों से बातचीत की।
एकेएस. विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग डीन डाॅ. जी.के. प्रधान ने भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय द्वारा मेघालय की राजधानी सिंलाॅग में 17 नवम्बर को आयोजित बैठक में हिस्सा लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता भारत सरकार के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. वी.पी. उपाध्याय ने की।
इन पहलुओं पर हुई चर्चा
बैठक में मेघालय में स्थित लाइम स्टोन एवं सीमेंट प्लांट के पर्यावरण पर पड़ रहे प्रभाव के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गयी।
इन संस्थानों की रही सहभागिता
भारत सरकार के चंडीगढ़, भोपाल, जे.एस.आई. (जुलाजिकल सर्वे आॅफ इण्डिया), मिजोरम युनिवर्सिटी, बोटानिकल सर्वे आॅफ इण्डिया, सी.एस.आई. हैदराबाद आदि प्रमुख संस्थानों से विषय विशेषज्ञो ने सहभागिता दर्ज कराई। कार्यक्रम में मेघालय के 13 सीमेंट कंपनियों के मुख्य अधिकारी एवं इंजीनियर्स की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
सर्फेस माइनर के प्रचलन पर दिया गया जोर
खनन संबंधी चर्चा के लिए एकेएस. विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग डीन डाॅ. जी.के. प्रधान को आमंत्रित किया गया। डाॅ. प्रधान ने खनन द्वारा पर्यावरण के प्रभाव पर विस्तृत जानकारी देते हुये पूर्वोत्तर भारत में खनन प्रक्रिया में बारूद का प्रयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करने पर जोर देते हुये वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रावधानों पर जोर दिया।साथ ही पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी सूचना में बारूद का प्रयोग प्रतिबंधित करने के साथ सर्फेस माइनर के प्रचलन पर महत्व दिया।
एकेएस करेगा सहयोग
म्स्टिर प्रधान ने कहा कि एकेएस. विश्वविद्यालय मेघालय में संचालित इन 13 खदानों में अपनी रिसर्च के माध्यम से सर्फेस माइनर के प्रचलन पर कार्य करेगा। और इसके परिणाम भविष्य के लिए सुखद हों इस बात की भी कोशिश की जाएगी।
सतना। एकेएस विश्वविद्यालय में मंगलवार को गवर्मेंेट एक्सीलेंस हायर सेकेण्डरी स्कूल (व्यंकट-1) के कक्षा नौवी,दसवीं और ग्यारहवीें के अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिये ”कॅरियर गाइडेंस” का आयोजन किया गया। इसका मकसद है छात्र-छात्राओं को सही वक्त पर सही कॅरियर मार्गदर्शन प्राप्त हो सके ओर वो वह बने जो वह बनना चाहते हैं।
कम्प्यूटर क्षेत्र है संभावनाओं भरा क्षेत्र -प्रो.अखिलेश ए. वाऊ
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में कम्प्यूटर साइंस विभागाध्यक्ष प्रो. अखिलेश ए. वाऊ द्वारा छात्रों को ”कम्प्यूटर क्षेत्र में कॅरियर की संभावनाएं” विषय पर विस्तृत जानकारियां दी गईं जिसमें डिजिटल इंडिया में विद्यार्थियों के लिये जाॅब संभावनाएं, कम्प्यूटर हार्डवेयर साफ्टवेयर, एनीमेशन जैसे क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला गया।
फैकल्टीज ने दी छात्रों को कम्प्यूटर क्षेत्र की तकनीकी जानकारी
फैकल्टी शंकर बेरा एवं टेक्नीशियन चन्द्रशेखर विश्वकर्मा द्वारा छात्रों को कम्प्यूटर हार्डवेयर एवं नेटवर्किंग पर हैण्ड्स आॅन ट्रेनिंग दी गई। तत्पश्चात् छात्रों को विश्वविद्यालय की डिजिटल लायब्रेरी, विभिन्न कम्प्यूटर लैब्स, सी.सी.टी.वी. कंट्रोल रूम एवं साफ्टवेयर डेवलपमेंट सेल की विजिट के दौरान तकनीकी जानकारियां दी गईं। इस दौरान छात्रों का मार्गदर्शन गवर्मेंेट एक्सीलेंस हायर सेकेण्डरी स्कूल के नोडल अधिकारी एस.के. निगम एवं वोकेशनल आईटी ट्रेनर अभिषेक पाण्डेय, एकेएस वि.वि. के फैकल्टी विजय विश्वकर्मा, सुभद्रा साॅ, प्रज्ञा श्रीवास्तव एवं वीरेन तिवारी ने किया।
मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना