AKS University
AKS University, Satna M.P.
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के फैकल्टी आॅफ एग्रीकल्चर साइंस एण्ड टेक्नाॅलाॅजी में अतिथियों की उपस्थिति में एग्रीकल्चर सातवे सेमेस्टर के विद्यार्थियों के लिए बृहद उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रावे-(ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव) और एग्रो इंडस्ट्री अटैचमेंट कार्यक्रम में एग्रीकल्चर संकाय के सभी स्टूडेन्टस के लिए कार्यक्रम का आयांेजन किया गया। इसमें फैकल्टी आॅफ एग्रीकल्चर साइंस एण्ड टेक्नाॅलाॅजी 2016-2019 बैच के विद्यार्थी षामिल हुए। रावे-(ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव) एग्रो इंडस्ट्री अटैचमेंट कार्यक्रम के समन्वयक सात्विक सहाय बिसारिया के मार्गदर्षन मे उन्मुखीकरण का बेहद सफल आयोजन हुआ। इसमें एग्रीकल्चर संकाय के विद्यार्थियों को सतना और आसपास के 36 गाॅवों मेें जाने के लिए विद्यार्थियों के 36 समूह बनाए गए और कैसे गाॅवों में जाकर समस्या समझना है फिर उसके निराकरण के लिए कार्य करना है इत्यादि के साथ कृषक संगोष्ठी, सामाजिक सोद्वेष्यता के कार्यक्रम ,महिला सषक्तिकरण, स्वच्छता अभियान, बाल मजदूरी ग्रामीण क्षेत्रों में फैली कुरीतियों पर व्यापक जनअभियान चलाने के बारे मे विस्तार से दिषा-निर्देष एग्रीकल्चर फैकल्टीज द्वारा प्रदान किए गए। रावे-(ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव) एग्रो इंडस्ट्री अटैचमेंट कार्यक्रम के पिछले बैच के विद्यार्थियों के कार्यो को स्लाइडस के माध्यम से दिखाया गया। कई गाॅवों की भैागोलिक संरचना और वहाॅ क्या कार्य किए जाऐं ,ग्रामीण परिवेष,खेती-बाडी और सभी एकेडमिक संदर्भो केा समझाया गया।कार्यक्रम में डीन डाॅ. एस.एसत्र. तोमर, डाॅ. नीरज वर्मा, सात्विक सहाय बिसारिया, डी.पी.चतुर्वेदी, संजीव सिंह,रमा षर्मा ,अमित तिवारी, संतोष कुमार, राजवीर सिंह ने एग्रीकल्चर संकाय के छात्र-छात्राओं केा रावे की बारीकियों से अवगत कराया।
Guru-Dakshina, the play which reflected the vivid scenes of Dwapar age, mesmerized the audience when staged at the jam packed auditorium of AKS University. The theme of the play, which touched the soul of the audience, was portrayed magnificently by the artists, who had been trained by the Cultural Directorate Department of AKS University.
The conversations, took place between Eklavya and Dronacharya, and Arjuna & Dronacharya, were beautifully and vividly displayed in the play. Delicate and compassionate staging of various scenes like Eklavya, relentlessly practicing archery standing in front of the portrait of Guru Dronacharya, fulfillment of Dronacharya’s promise given to Arjuna, and the thumb demand of Dronacharya from Eklavya as Guru Dakshina, were presented outstandingly in the play.
Artists named Amit Shukla, Rohit Khilwani, Ranjana Bunkar, Puja Sen, Akshay Balecha, Shubham Jain, Payal Gupta, Devendra Verma, Shilpa dwivedi and Swati Prithwani, gave the outstanding performance, and received the big round of applause from the audience.
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के कल्चरल डायरेक्टोरेट विभाग द्वारा बुधवार 26 जून को जीवन और वचनों के दंष को झेलता द्वापर युग का एक ऐसा सजीव नजारा प्रस्तुत किया गया जों महाभारत कालीन प्रसंग था और अपने विषय से मंच और दर्षकों के मन को छू गया। नाटक में गुरु की प्रतिमा के समक्ष एकरत होकर धनुर्विद्वा का अभ्यास करता एकलव्य,धनुर्धर अर्जुन और गुरु द्रोणाचार्य के बीच हुए संवाद के प्रसंगों को उभारा गया। गुरु पर अगाध आस्था रखते हुए एकलव्य की गुरु द्रोण की प्रतिमा के समक्ष धनुर्विद्या का अनवरत अभ्यास, गुरु द्रोण की धर्मनिठता के बीच अर्जुन को दिए वचन की पूर्णाहुति के लिए एकलब्य से अगूठा मांगने का दृष्य और उपस्थित होने वाला विरल और करुणामयी दृष्य प्रस्तुत हुआ। सीमाओं, दायरों और बाडों वाली षिक्षा का साक्षात्कार और वर्ण विसंगति के साथ देषकाल, वातावरण और परिस्थिति का भी भान कराता रहा नाटक। परिधानों की बानगी, प्राचीन अस्त्र-षस्त्रों का प्रयोग, पूर्ण मानक ऐतिहासिक परिवेष से ओतप्रोत भाषा मौखिक और सांकेतिक भाषा के साथ नेत्रों की पूर्ण परिष्कृत भाषा का अहम दृष्य, बहुलतावादी संस्कृति वाले देष की पहनावे, खानपान, वोली, जीवनपद्वति भी उभरी। जहाॅ उपस्थित हुआ द्वापर युग का महान पल, क्षण और सांस्कुतिक विरासत की वीथिका। 26 जून को रंगमंच पर उतरे कलाकारों ने गुरुदक्षिणा प्रसंग का मंचन किया जिसमें पीरियड ड्रामा गुरुदक्षिणा के लिए मंच तैयार हुआ एकेएस वि.वि. के कलामंच पर एक खास कालखंड की प्रस्तुति पेष की गई। विंध्य क्षेत्र के षैक्षणिक गौरव एकेएस विष्वविद्यालय सतना में समय की परत और कलावीथिका में कला के अनकहे, अकाटय सत्येां से परिचित हुए दर्षक रंगकर्मी सविता दाहिया के निर्देषन और कलाकारों ने ड्रामा विधा केे तहत रंगमंच से लेकर नेपथ्य तक अपना रंग दिखाया। प्रतिभागियों अमित षुक्ला, रोहित खिलवानी, रंजना बुनकर, पूजा सेन, अक्षय वलेचा, षुभम जैन, पायल गुप्ता, देवेन्द्र वर्मा, षिल्पा द्विवेदी, अभिलास सोनी, रुपाली कृष्णानी, राजेष वर्मा, हनी अग्रवाल, अभिषेक सोनी, अभिषेक पटेल, षीलधर द्विवेदी, वंषिका श्रीवास्तव, स्वाति पृथ्वानी आदि कलाकारो ने अपने उम्दा अभिनय से सम्पूर्ण चरित्रों को जीया और भरपूर तालियाॅ बटोरीं। पाषर््व ंसगीत अभिनंदन उर्मलिया, दिव्यांषु दाहिया, हिमांषु सामुन्द्रेय, वस्त्र विन्यास सोमती साकेत, प्रकाष संचालन अनिल वर्मन, सहायक निदेषन अमित षुक्ला ने दिया। इस मौके पर कला के विविध आयामों और प्रस्तुति में षामिल हुए भाव में हर्ष, दुःख, अतिरेक, विषाद ,प्रेम ,घृणा, वीरता, षेाक, रुग्णता की दिल से की गई सजीव प्रस्तुति दिखी। वि.वि. के सभागार में खास प्रस्तुति एकेएस वि.वि. कल्चरल डायरेक्टोरेट द्वारा पेष की गई जिसमें वरिष्ठजन उपसिथत रहे और नाटक का आनंद लिया अंत में तालियों की गडगडाहट से सारा सभागार गूॅज उठा।श्संचालन डाॅ.दीपक मिश्रा ने किया।
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के फैकल्टी आफ एग्रीकल्चर साइंस एण्ड टेक्नाॅलाॅजी में अतिथियों की उपस्थिति में बृहद उद्घाटन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रावे-(ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव) एग्रो इंडस्ट्री अटैचमेंट कार्यक्रम के एग्रीकल्चर संकाय के 532 स्टूडेन्टस के लिए कार्यक्रम का आयांजन किया गया। इसमें फैकल्टी आफ एग्रीकल्चर साइंस एण्ड टेक्नाॅलाॅजी 2016-2019 बैच के विद्यार्थी शामिल हुए। रावे-(ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव) एग्रो इंडस्ट्री अटैचमेंट कार्यक्रम के समन्वयक सात्विक सहाय बियारिया के मार्गदर्शन मे आयोजित होगा जिसमें एग्रीकल्चर संकाय के विद्यार्थी सतना औा आसपास के 36 गाॅवों मेें जाकर कृषक संगोष्ठी,सामाजिक सोद्वेश्यता के कार्य,महिला सशक्तिकरण,स्वच्छता अभियान, बाल मजदूरी ग्रामीण क्षेत्रों में फैली कुरीतियों पर व्यापक जनअभियान चलाऐंगें। रावे-(ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव) एग्रो इंडस्ट्री अटैचमेंट कार्यक्रम के पिछले बैच के विद्यार्थियों ने कई मानक स्थापित करते हुए ग्रामीण परिवेश,खेती-बाडी और सभी एकेडमिक संदर्भो केा समझा और अब कई विद्यार्थी विभिन्न कंपनियों में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाऐं भी प्रदान कर रहे हैं।सोमवार को हुए इस आयोजन में विपिन वेहवार,पूर्व चेयरमैन एमपीपीएससी,साकेत मालवीय,जिला पंचायत,सीईओ,आर.एस.शर्मा,उपसंचालक कृषि,इलीशियस कुजूर,डीडीएम,नाबार्ड,गैारव शर्मा, कुलपति प्रो.पारितोष के बनिक,प्रतिकुलपति डाॅ.हर्षवर्धन,ओएसडी प्रो.आर.एन.त्रिपाठी, डीन हार्टीकल्चर, प्रो.के.आर.मौर्या, वि.वि. के डायरेक्टर अवनीश सोनी, डीन एग्रीकल्चर, एस.एस.तोमर के साथ वि.वि. के एग्रीकल्चर संकाय के छात्र-छात्राऐं शामिल हुए। अतिथियों ने इस मौके पर बताया कि एग्रीकल्चर भारत का परिचय हे और हम कृषि प्रधान देश है भविष्य में कृषि आधारित उद्योग धन्धे बढेंगें और रोजगार के अवसर भी सुगम होगें। अब खेतों में हरियाली लहलहा रही है, नहरे पानी दे रही हैं और अब खेती किसानी का प्रयोग भी बढा है। खेती का रकबा बढ रहा है ओर आप सब जब गाॅवों में जाऐंगें तो किसानों को नई तकनीकों पर जानकारी देंगें उन्हे उन्नत बीजों के बारे में बताऐंगें, उन्हे जागरुक करेगें तो निश्चित ही बदलाब की आहट आएगी। सभी अतिथियों ने अपने अनुभव शेयर किए और विद्यार्थियों को शुभाशीष ओर सीखें दी।