सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के सीमेन्ट टेक्नोलाॅजी डायरेक्टर प्रो. जी.सी. मिश्रा को 2 वर्षों के लिये नेशनल काउंसिल फार सीमेन्ट एण्ड बिल्डिंग मटेरियल की सलाहकार परिषद का सदस्य मनोनीत किया गया है। उनकी नियुक्ति 2 वर्षों के लिये की गई है। उल्लेखनीय है कि एकेएस वि.वि. सतना में बी.टेक इन सीमेन्ट टेक्नोलाॅजी डिग्री और डिप्लोमा दोनों कोर्स सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं इसके पूर्व वि.वि. में उन्नत सीमेन्ट सीमेन्ट टेक्नोलाॅजी लैब की स्थापना की गई। इस लैब से सीमेन्ट, कांक्रीट और बिल्डिंग मटेरियल की गुणवत्ता और परीक्षण सरल हो गये हैं। प्रो. जी.सी. मिश्रा के मार्गदर्शन में सतना और विंध्य क्षेत्र के समस्त सीमेन्ट के प्रतिष्ठित संस्थान कई स्तर पर ट्रेनिंग भी प्राप्त कर रहे हैं। वि.वि. में अधोसंरचना विकास और बिल्डिंग मटेरियल की टेस्टिंग की उन्नत सुविधा उपलब्ध है जो प्रो. जी.सी. मिश्रा के सतत प्रयासों का ही प्रतिफल है। एनसीसीबीएम का सलाहकार बनने के बाद प्रो. जी.सी. मिश्रा को एकेएस वि.वि. के कुलाधिपति बी.पी. सोनी, प्रो. चांसलर अनंत कुमार सोनी, कुलपति प्रो. पारितोष के. बनिक, प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन, डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी, ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी, इंजी. आर.के. श्रीवास्तव के साथ प्रो. के.एन. भट्टाचार्जी, प्रो. बी.के. सिंह, प्रो. एस.के. झा, रवि पाण्डेय, आयुष गुप्ता इत्यादि ने प्रसन्नता व्यक्त की है।

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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के प्रांगण में एक शोक सभा का आयोजन करके आईईडी ब्लास्ट के जरिए जवानों से भरी बस को निसाना बनाने की कायरतापूर्ण हमले की निंदा की गई। 14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ के जवानों पर किये गये कायराना आतंकी हमले की भत्र्सना करते हुए बताया गया कि श्रीनगर जा रही सीआरपीएफ की 70 गाडियों के काफिले पर काश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने फियादीन हमला कर 54वीं बटालियन के 40 जवानों को मार दिया। एकेएस वि.वि. परिवार ने इस हमले की कठोर निंदा की और शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की गई। इसके साथ ही यह अपेक्षा भी व्यक्त की गई कि भारत सरकार इस हमले का मुंहतोड़ जवाब दे। दो मिनट का मौन रखकर सभी शहीदों को याद किया गया और उन्हें पुरनम श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के बी.एससी. एग्रीकल्चर के छात्र गाडे रामना रेड्डी, पिता नागी रेड्डी, माँ मल्लेश्वरी ने जय जवान,जो देश की सेवा करते हैं और जय किसान जो भारत के लाल है और हमे अन्न उपलब्ध कराते हैं उनके सम्मान में 4500 किलोमीटर की सायकल यात्रा 25 दिन में पूर्ण करने का प्रण लेकर अपनी यात्रा आंध्र प्रदेश से प्रारम्भ की।उनकी यात्रा के बाद आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री ने युवक को सर्टिफिकेट और शुभकामना प्रदान की। रामना रेड्डी का कहना है कि हम सेना के जज्बे को सलाम करते हैं और भारत की जनता के लिये अन्न उपलब्ध कराने वाले किसान के सम्मान में यह सायकल यात्रा की। एग्रीकल्चर पूर्ण करने के बाद पेशे के रूप में रामना रेड्डी वैज्ञानिक बनना चाहते हैं और एथलेटिक्स में भी बराबर सक्रिय रहना चाहते हैं। 31 दिसम्बर 2018 से रेड्डी ने अपनी यात्रा आंध्रप्रदेश गुंटूर से शुरू की यात्रा तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा होते हुए नई दिल्ली पहुंची। गाडे रामना रेड्डी की सायकल यात्रा को हरी झंडी आंध्रप्रदेश के फायनेंस मिनिस्टर प्रतिपति पुल्लाराव ने दिखाकर रवाना किया। सतना के अस्थिरोग विशेषज्ञ मुकेश त्रिपाठी और वीरेन्द्र रावल के मार्गदर्शन में रेड्डी ने सायकलिंग सीखी उन्हें अपनी यात्रा राजस्थान में हैवी रेनिंग और स्नो फालिंग की वजह से रोकनी पड़ी। 200 किलोमीटर प्रतिदिन सायकल चलाकर उसने अपनी यात्रा पूरी करने का प्रण किया उनके पिता चिरूमामिल्ला गांव के तेलगूदेशम पार्टी के अध्यक्ष हैं। उनकी आर्थिक मदद सेवा संस्थान चिरूमामिल्ला और आंध्रप्रदेश के फायनेंस मिनिस्टर ने की। भविष्य में वह इस तरह की और सायकल यात्राएं करके सेना और किसानों को सम्मान देना चाहते हैं। यह एक राष्ट्रीय रिकार्ड भी है। सायकिलिंग में 200 किलोमीटर, 300 किलोमीटर, 400 किलोमीटर और 600 किलोमीटर की रेस भी उन्होंने पूरी की है। गाडे रामना रेड्डी ने बताया कि उसने हाफ मैराथन और फुल मैराथन के साथ अल्ट्रा मैराथन भी पूर्ण की है। वि.वि. प्रबंधन ने छात्र को भविष्य की यात्राओं के लिए शुभकामनाऐं दीं हैं।
सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के काॅमर्स डिपार्टमेंट द्वारा आयोजित फंडामेंटल एनालिसिस आफ कम्पनी प्रजेंटेशन, काम्पटीशन के दौरान डाॅ. असलम सईद, डाॅ. कौशिक मुखर्जी, सीएमए बिकास साहा, डाॅ. धीरेन्द्र ओझा, महेन्द्र तिवारी, सच्चिदानन्द, विपिन सोनी, भरत सोनी की उपस्थिति में चार समूहों में विभाजित स्टूडेन्ट्स ने प्रजेंटेशन में हिस्सा लिया, इनके नाम बिरला सीमेन्ट, आईसीआईसीआई बैंक, अमेजन, इन्फोसिस शामिल रहे। एकेएस वि.वि. के डिपार्टमेंट आफ काॅमर्स एण्ड फाइनेंसियल स्टडीज के स्टूडेंट्स को काम्पटीशन के बारे में बताया गया। इस दौरान विद्यार्थियों को रिसर्च ,प्रजेंटेशन ,कम्युनिकेशन और टीम वर्क के बारे में डाॅ. बिकास साहा ने जानकारी दी। भविष्य में इसी तरह की अन्य विषयपरक जानकारियां भी विद्यार्थियों को वर्कशाप के माध्यम से दी जायेंगी।
सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के इंजीनियरिंग डीन डाॅ. जी.के. प्रधान ने कुसमुंडा एरिया में आयोजित सेमिनार में हिस्सा लिया। सेमिनार के दौरान कोयला उत्पादन के साथ सुरक्षा पर भी चर्चा हुई। एसईसीएल कुसमुंडा एरिया के महाप्रबंधक यू.के. सिंह ने इस अवसर पर कहा कि कुसमुंडा खदान से मेगा कोयला उत्पादन के लिये कम्प्यूटर टेक्नोलाॅजी और आईटी प्लानिंग कारगर साबित होगी। भावी पीढ़ी को एसईसीएल कुसमुंडा एरिया में खनन तकनीक पर जानकारी देने के लिये सेमिनार का आयोजन किया गया। एकेएस वि.वि. के इंजीनियरिंग डीन डाॅ. जी.के. प्रधान ने एसईसीएल एवं कुसमुंडा क्षेत्र का आभार जताते हुए कहा कि एकेएस वि.वि. के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण में सहायता देने और उपलब्ध ज्ञान साझा करने में एसईसीएल अग्रणी रहा है। इस मौके पर माइनिंग विभागाध्यक्ष डाॅ. बी.के. मिश्रा ने एकेएस वि.वि. में संचालित माइनिंग डिप्लोमा स्टूडेंट्स के 3 बैचों ने डीजीएमएस स्टेचुअरी सर्टिफिकेट एवं बी.टेक माइनिंग स्टूडेंट्स के 2 बैचों द्वारा प्राप्त की गई सफलता पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि एकेएस वि.वि. में पढ़ाये जाने वाले सभी कोर्सेस डीजीएमएस द्वारा अनुमोदित हैं जिसमें डिप्लोमा इन माइनिंग, डिप्लोमा माइनिंग एण्ड माइन सर्वेइंग, बी.टेक माइनिंग, एम.टेक माइनिंग पूर्णकालिक एवं अंशकालिक पाठ्यक्रमों की सम्पूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि युनिवर्सिटी से उत्तीर्ण अधिकतम छात्रों ने डीजीएमएस का ओवरमैन एवं सेकेण्ड क्लास सर्टिफिकेट प्राप्त करके कोयला क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। कार्यक्रम में अन्य वरिष्ठजन भी उपस्थित रहे। आभार ज्ञापन एस.के. मोहन्ती, महाप्रबंधक खनन कुसमुंडा परियोजना द्वारा किया गया।