छात्रों ने किया एम कैट(एस्पायरिंग माइंडस कम्प्यूटर एडेप्टिव टेस्ट ) क्वालीफाय
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के सीएस विभाग के तीन छात्रों कामता प्रसाद, बीटेक,सीएसई, सिक्स्थसेमेस्टर,सचिन मिश्रा, बीटेक, सीएसई, सिक्स्थ सेमेस्टर और आशीष पाण्डेय, एमसीए का चयन एस्पायरिंग माइंडस कम्प्यूटर एडेप्टिव टेस्ट के लिए किया गया है। इस टेस्ट को क्वालीफाय करने के बाद उन्हें आईटी ओर कम्प्यूटर फील्ड,आईटी सेवा प्रदाता कंपनियों,टेलीकम्यूनिकेशन विभाग,फायनेन्सियल सर्विसेस,आटोमोबाइल्स और कार्पोरेट फील्ड में कई अवसरों के द्वार खुलेंगें विद्यार्थियों ने अपनी सफलता का श्रेय सीएस विभागाघ्यक्ष अखिलेश और अपने प्राध्यापकों दीपेन्द्र शुक्ला,शंकर बेरा के योग्य और कुशल मार्गदर्शन को दिया है। वि.वि. के समस्त सीएस विभाग के शिक्षकोें ने भी छात्रों को बधाई दी है।

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कला और संस्कृति है हमारी सजीव धरोहर-अनंत सोनी,प्रो.चांसलर,एकेएस वि.वि.
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के सभागार में शनिवार को स्पंदन-2018 के कार्यक्रम प्रस्तुतकर्ता प्रतिभागियों को उनके उल्लेखनीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रस्तुतिकरण के लिए सम्मानित किया गया। कलाकारों को सर्टिफिकेट वितरण किए गए।सादे किंतु गरिमामय कार्यक्रम के दौरान मंच से उनको सम्मानित किया गया जिन्होंने स्पंदन-2018 को अकल्पनीय, अद्भुत, अविस्मरणीय, अद्वितीय, ऐतिहासिक बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोडी थी। पल-पल, छिन-छिन घडी की टिक-टिक के साथ कार्यक्रमों का कारवाॅ मंच पर आता रहा और आज भी वि.वि. की वेबसाइट पर लगातार देखा जा रहा है, पसंद किया जा रहा है वि.वि. के प्रो.चांसलर अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ.आर.एस.त्रिपाठी, डाॅ.हर्षवर्धन, प्रो.आर.एन त्रिपाठी, डाॅ.जी.के.प्रधान, प्रेा.जी.सी.मिश्रा, प्रो.जी.पी.रिछारिया के हाथेां वि.वि. के उन कलाकार प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया जिन्होंने स्पंदन- 2018 को बेहद खास बनाया। अपने गीत,संगीत,नाटक,ध्वनि,पात्र,चरित्र चित्रण और कलमकारी के हुनर और डायरेक्सन के जुदा अंदाजे-ए-बयाॅ, एंकरिंग की जलवा नुमाइश,दर्शकों की खुशी की चीख, यादों के रुप में कुछ क्लिपिंग जब पावर प्वाइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से स्क्रीन पर दिखीं तो ऐसा लगा जैसे कुछ अपना सा फिर घटित होने लगा। सजे-धजे मंच पर वि.वि. की विशिष्ट जनों के बीच गणेश वंदना,आर.के.व्यायज,वन्दे मातरम,मालकिन उपासे हैं,सोलो डांस,पंजाबी डांस,देवी नृत्य,अजि सर्वत्र वर्जयेत,आरंभ,बचपन से पचपन,वार एण्ड पीस,फेस्टिवल शो,स्कैरी डांस,हनुमान चालीसा,आॅख चल गई,मिले सुर मेरा तुम्हारा,फैशन-शो,एमजे-5,दुर्गा स्तुति, माइम, जल ही जीवन है, ट्रिब्यूट टू श्रीदेवी, ढिंचक डांस, केदारनाथ और जनगणमन के निदेशकों के साथ प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। सभागार में तालियों के मस्त माहौल के बीच कलाकार सम्मानित होते रहे और यादों के कोठार से स्मृतियों के दीप प्रज्वलित होते रहे। स्पंदन प्रतिभा सम्मान समारोह कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को उनकी मेहनत,लगन और लगन से किए गए कार्यो के लिए प्रशंसा की गई।
सतना। मध्यम रोशनी से झिलमिलाता एकेएस वि.वि. सतना का सभागार और उसके बीच उतरती मानवीय आकृतियाॅ बहुत कुछ भाव समेटे हुए थी जो कह रही थीं सभी जन एक है - मौका था एकेएस वि.वि. के विभिन्न संकाय के विद्यार्थियों के द्वारा अभिनीत नाटक वसुधैव कुटुम्बकम के सजीव प्रस्तुतिकरण और अभिनय कला के माध्यम से अपनी अभिव्यक्ति को नया आयाम दिया नाटक के प्रमुख कलाकारों करण, अनिल, शीलधर, फलक, केशान्गी, आनंद, अभिजीत, आदिल, शैलजा, अभिषेक, प्रकाश आदि ने। कास्ट्यूम, मंच और प्रसतुतिकरण सभी सराहनीय रहा। जहाॅ डालडाल पर करती हैं सोने की चिडिया बसेरा गीत की पॅक्तियाॅ मंच पर उभरीं वैसे ही कलाकारों का हुजूम रंगमंच के विविध आयामों का भावप्रणय अभिनय और समाज की विसंगतियों पर चोट करते हुए अपनी बात कहता रहा,उत्तम जाति,रंग,रुप का आडंबर जहाॅ पंडित के चरित्र से उभरा वहीं पंडिताइन ने अपने तर्को से उन्हे खंडित किया और अंत में सुखंात के रुप में रघुपति राघव राजाराम की धुन ने सबको विषय का विस्तार समझाया।धर्म और अधर्म के तर्क, भारतीय समाज में जाति की विषबेल, उच्चता का भ्रामक स्वरुप के बीच बताया गया कि ईश्वर ने मानव को बनाया और मानव ने धर्म और अन्य कटूक्तियाॅ जोड दीं जबकि रंग,रुप,वेशभूषा चाहे जो हो सभी जन एक हैं की सीख के साथ नाटक अंत पर पहुॅचा जहाॅ सभी जातियों के घरों से सामग्री प्रसाद का सामान इकठठा करके प्रसाद बनाया गया और सभी वर्गो ने मिल-बैठकर उसे ग्रहण किया।वसुधैव कुटुम्बकम का अर्थ है द वल्र्ड इज वन फैमिली, इसी कडी पर बात आगे बढाते हुए सभी कलाकारों ने अपने उम्दा अभिनय से दर्शक दीर्घा को तालियाॅ बजाने के लिए मजबूर कर दिया।घर, परिवार, समाज,देश के माध्यम से बात करते हुए कलाकारों ने रिश्तों की बानगी भी पेश की। च्वायस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम जो कि वि.वि. में लागू है इसके अंतर्गत यूनिवर्सिटी लेबल ओपन इलेक्टिव विषयों के रुप में संगीत,नृत्य कला एवं नाटक जैसी विधाओं की शिक्षा दी जाती है। यह नाटक एकेएस वि.वि. के जीवन विज्ञान के डीन डाॅ. जी. पी. रिछारिया द्वारा लिखित है उसका सधा निर्देशन रंगकर्मी सविता दाहिया ने किया है। नाटक का पोस्टर डिजायन आनंद पयासी, बीसीए आनर्स ने किया। कलाकारांे और उन पर जानकारी डाॅ.दीपक मिश्रा, असिस्टेंट डायरेक्टर कल्चरल ने प्रदान की है। संगीत प्रमोद शर्मा, शैलेन्द्र, सुधांसु ने दिया।
सतना। एकेएस वि.वि. के इंजीनियरिंग डीन प्रो.जी.के.प्रधान ने बताया कि वि.वि. के पाठ्यक्रम के अनुरुप वि.वि. के बीटेक और एमटेक कें विद्यार्थी नियमित रुप से भ्रमण पर जाकर प्रैक्टिकल ट्रेनिंग प्राप्त करते हैं इसी कडी में बी.टेक माइनिंग , और माइन एण्ड माइन सर्वेइंग अंतिम सेमेस्टर के विद्यार्थी मध्यप्रदेश की जमुनाकोतमा क्षेत्र की भूमिगत खदान में शैक्षणिक भ्रमण पर गए। छत्तीसगढ की हल्दीवाडी खदान में भी एकदिवसीय भ्रमण में विद्यार्थियों ने जानकारी प्राप्त की। विद्यार्थियों का मार्गदर्शन,बी.टेक माइनिंग,और माइन एण्ड माइन सर्वेइंग के फैकल्टीज ने किया। विद्यार्थियों ने भ्रमण को काॅफी जानकारीपूर्ण बताया।
सतना। एकेएस वि.वि. के इंजीनियरिंग डीन प्रो.जी.के.प्रधान ने बताया कि वि.वि. के पाठ्यक्रम के अनुरुप वि.वि. के बीटेक और एमटेक कें विद्यार्थी नियमित रुप से भ्रमण पर जाकर प्रैक्टिकल ट्रेनिंग प्राप्त करते हैं इसी कडी में बी.टेक माइनिंग , और माइन एण्ड माइन सर्वेइंग अंतिम सेमेस्टर के विद्यार्थी मध्यप्रदेश की जमुनाकोतमा क्षेत्र की भूमिगत खदान में शैक्षणिक भ्रमण पर गए। छत्तीसगढ की हल्दीवाडी खदान में भी एकदिवसीय भ्रमण में विद्यार्थियों ने जानकारी प्राप्त की। विद्यार्थियों का मार्गदर्शन,बी.टेक माइनिंग,और माइन एण्ड माइन सर्वेइंग के फैकल्टीज ने किया। विद्यार्थियों ने भ्रमण को काॅफी जानकारीपूर्ण बताया।