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सतना, सोमवार।विन्ध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस वि.वि. में तीन दिवसीय उद्यमिता जागरुकता शिविर का शुभारंभ किया गया। एकऐस विश्वविद्यालय सतना के डिपार्टमेंट आॅफ बायोटेक्नाॅलाॅजी विभाग और डिपार्टमेंट आॅफ फार्मास्यूटिकल साइंस एण्ड टेक्नाॅलाॅजी विभाग के संयुक्त आयोजकत्व में ईडीआईआई डीएसटी एनआईएमएटी द्वारा प्रायोजित तीन दिवसीय उद्यमिता जागरुकता शिविर का आयोजन वि.वि. के कांफ्रेंस हाल में समारोहपूर्वक किया गया। इस मौके पर एकेएस वि.वि. के ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी, डाॅ. सी.के. टेकचंदानी, फाइनेंस आॅफीसर आर.के. गुप्ता, डाॅ. कमलेश चैरे, डाॅ. सूर्यप्रकाश गुप्ता, सी.पी. सिंह, रेनी निगम ने कार्यक्रम के विशेष वक्ता डाॅ. अपूर्व खरे के साथ कार्यक्रम की माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण करने के बाद औपचारिक शुरुआत की। डाॅ. कौशिक मुखर्जी ने हिस्टोरिकल बैकग्राउण्ड, इंडियन वैल्यूज वाय एन्टप्रेन्योरशिप एण्ड द प्रजेंट सेनेरियो पर व्याख्यान दिया। डाॅ. एस.पी. गुप्ता ने आॅब्जेक्टिव आॅफ एन्टप्रेन्योरशिप पर जानकारी दी। सेडमैप के मि. आर.के. शुक्ला ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। डाॅ. अपूर्व ने सक्सेस स्टोरीज, काॅमन प्राब्लम्स फेस्ड बाई एन्टप्रेन्योरशिप पर जानकारी दी। कार्यक्रम में डिपार्टमेंट आॅफ बायोटेक्नाॅलाॅजी विभाग और डिपार्टमेंट आॅफ फार्मास्यूटिकल साइंस एण्ड टेक्नाॅलाॅजी के छात्र छात्राओं को सर्वप्रथम डाॅ. अपूर्व खरे (बायोल्यूशन के सीईओ) ने इस कार्यक्रम की उपयोगिता, उपादेयता और महत्व पर इंटरैक्टिव जानकारी दी। छात्र छात्राओं से कई सवाल पूछे और उन्हें आयोजन के महत्व से परिचित कराया। वि.वि. के फूड टेक्नाॅलाॅजी के डायरेक्टर डा. सी.के. टेकचंदानी ने टेक्नाॅलाॅजी असिस्टेंस फ्राम आर एण्ड डी लैब एण्ड अदर्स आन च्वाइस आॅफ टेक्नाॅलाॅजी के बारे में बताया कि एन्टप्रेन्योरशिप कुछ हजार रुपये से शुरु होकर अगणित संख्याओं तक जा सकती है। उन्होंने कुछ उदाहरण देते हुए स्पष्ट किया कि फूड इण्डस्ट्री, पैकेजिंग इण्डस्ट्री, पेपर इण्डस्ट्री, ओनियन एण्ड टोमैटो पाउडर इण्डस्ट्री, नूडल एण्ड पास्ता इण्डस्ट्री, व्हीट फ्लोर राइस मिल, दाल मिल ऐसी इण्डस्ट्री हैं जहां विकास के अनगिनत मौके उपलब्ध हैं। बस इच्छाशक्ति की जरूरत है और आप फर्श से अर्श तक का सफर सफलतापूर्वक कर सकते हैं। कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे और एन्टप्रेन्योशिप की धारणा पर प्रकाश डाला। ओएसडी प्रो. आर.एन.त्रिपाठी ने कार्यक्रम की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए इसे महत्वपूर्ण निरुपित किया। डाॅ. अपूर्व ने बायोफार्मा में अवसरों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सेवा और लाभ में सेवा को सर्वस्व महत्व दें लाभ अपने आप होगा क्योंकि यहां कार्य शुभ कार्यों के लिये किया जा रहा है। कार्यक्रम के दूसरे दिन अन्य वक्ताओं के उद्बोधन के साथ साथ तीसरे दिन विद्यार्थियों को इण्डस्ट्रियल विजिट कराई जायेगी और सम्बन्धित इण्डस्ट्रीज के उच्चाधिकारियों से इण्डस्ट्री को समझने का अवसर भी प्रदान किया जायेगा।

 

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सतना। एकऐस वि.वि. सतना के काॅमर्स संकाय के फैकल्टी डाॅ. धीरेन्द्र ओझा जो विश्वविद्यालय में प्रबंध एवं व्यावसायिक अधिनियम अर्थशास्त्र के अध्यापक हैं इनका रिसर्च पेपर ‘एफडीआई इम्पैक्ट अपाॅन इंडियाज इकोनाॅमिक डेव्हलपमेंट विद स्पेशल रिफरेंस टू रिटेल सेक्टर’ विषय पर रिसर्च पेपर इंटरनेशनल जर्नल आॅफ रिसर्च इन काॅमर्स एण्ड मैनेजमेंट के वाल्यूम नं. 8, 2017 इश्यू नं. 11 नवम्बर अंक में प्रकाशित हुआ है। उन्हें रिसर्च पेपर में दी गई जानकारियों के आधार पर बधाइयां मिल रही हैं। उन्होंने रिसर्च पेपर में विस्तार से एफडीआई पर जानकारी दी है जो तथ्यपूर्ण, तार्किक एवं न्यायसंगत है जिसकी काफी सराहना हुई।

 

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सतना। एकेएस वि.वि. में शुक्रवार को समस्त संकाय की प्रथम वर्ष की छात्राओं को लैंगिक अपराध विनियम 2015 अधिनियम की विस्तार से जानकारी वि.वि. के अधिकारियों द्वारा प्रदान की गई। छात्राओं को सम्बोधित करते हुए चीफ प्राक्टर डाॅ. हर्षवर्धन ने अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की और कहा कि छात्राओं को निर्भीकता से वि.वि. में अध्ययन में संलग्न रहना चाहिए। यदि किसी प्रकार की अशिष्टता या दुव्र्यवहार किसी के द्वारा किया जाता है तो आंतरिक शिकायत समिति के समक्ष ऐसी शिकायतें तुरंत प्रस्तुत करना है। उन्होंने यह भी कहा कि वि.वि. प्रबंधन इस विषय में पूर्णतः सजग है और शिकायतों पर तत्परतापूर्वक निर्णय लिये जाने का भी प्रावधान है। इस अवसर पर वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने छात्राओं को विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से बताया कि छात्राएं यदि पूर्णतः सजग रहती हैं तो ऐसी कोई भी घटना या दुर्घटना उनके साथ नहीं हो सकती है। साथ ही उन्होंने कहा कि छात्राओं को पूर्ण आत्मबल से अपना अध्ययन करना चाहिए और भविष्य में देश के विकास में अपना योगदान देना होगा। कार्यक्रम में डीन बेसिक साइंस प्रो. आर.एन. त्रिपाठी, डीन छात्र कल्याण प्रो. जी.सी. मिश्रा, इंजी. आर.के. श्रीवास्तव, इंजी. ए.के. मित्तल, रेनी निगम, रमा शुक्ला, सीमा द्विवेदी ने भी छात्राओं को सम्बोधित किया। उल्लेखनीय है कि वि.वि. प्रबंधन द्वारा छात्राओं की सुरक्षा हेतु विभिन्न उपाय पूर्व से ही किये जा रहे हैं और अनुशासनहीनता करने पर कड़ी कार्यवाही की जाती है।

 

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b2ap3_thumbnail_v-c1.JPGb2ap3_thumbnail_vc3.JPG                                                                        सतना। एकऐस वि.वि. सतना में विगत एक वर्ष से विद्यार्थियों को अध्ययन के आधुनिक तरीकों से परिचित कराने हेतु श्रंखलाबद्ध प्रयास किये जा रहे हैं।विश्व में शिक्षण पद्धति की नवीन तकनीकों की जानकारी और आवश्यकता को ध्यान मे रखते हुए विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को विभिन्न नवाचारों से परिचित कराया जा रहा है, परिणामस्वरूप एकेडेमिक गुणवत्ता में शानदार परिवर्तन अब दृष्टिगोचर हो रहा है क्योंकि शिक्षक नवीन पद्धतियों से न केवल परिचित हो रहे हैं बल्कि वे उसे अपनी कक्षाओं में व्यवहारिक प्रयोग कर रहे हैं। इसी कड़ी में माइंड मैपिंग की प्रक्रिया से विद्यार्थी रुबरु हुए जिसमें पाठ्यक्रमों को कैसे समाजपयोगी, प्रायोगिक प्रकृति एवं आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर अध्ययन करना है उन्हें रेखाचित्रों के माध्यम से शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को अवगत कराया जाता है। उल्लेखनीय है कि इससे वि.वि. में अकादमिक गुणवत्ता बढी है ,विद्यार्थियों में पाठ्यक्रमों को समझने एवं स्मरण शक्ति बढ़ाने में मदद मिली है। इस सम्पूर्ण प्रयास में वि.वि. के चेयरमैन इंजी. अनंत कुमार सोनी ने बताया कि शहर के ही नवयुवक वरुण चमड़िया ने इस नवाचार को अंजाम दिया है। उनकी कक्षाएं नियमित रूप से वि.वि. में संचालित हो रही हैं और इसका दूरगामी परिणाम विद्यार्थियों में नजर आ रहा है। सकारात्मक रूप से उनमें ऊर्जा का संचार हो रहा है। विद्यार्थियों ने भी नवीन तकनीक से अध्ययन करने के प्रति अत्यधिक उत्साह प्रदर्शित किया। स्मरणीय है कि यह पद्धति परम्परागत पद्धति से हटकर विद्यार्थियों की समझ एवं विषय ज्ञान को रुचिकर बनाने में मददगार है। 

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