सतना। विंध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस विश्वविद्यालय में ख्याति के अनुरूप भारत वर्ष की सभी प्रतिष्ठित कम्पनियां प्लेसमेंट के लिए नियमित रूप कैम्पस का आयोजन करके छात्रों का चयन कर रही है। इसी कड़ी में सोमवार को देश की सुप्रसिद्व कंपनी लार्सन एंड टर्बो के एचआर मैनेजर ने एकेएस विश्वविद्यालय के बी.टेक मैकेनिकल के विद्यार्थियों के लिए कैम्पस का आयोजन किया जिसमें विश्वविद्यालय के 25 छात्रों ने सहभागिता दर्ज कराई। इनमे पाॅच छात्रों का चयन कंपनी द्वारा किया गया। इनका चयन विषय पर चर्चा, लिखित परीक्षा, टेक्निकल परीक्षा, एचआर राउण्ड वन-टू-वन डिस्कसन के बाद किया गया। विद्यार्थियों का सेलरी पैकेज चार लाख पर एनम तय किया गया है। चयनित छात्रों मे पाॅच छात्रों हेमन्त शुक्ला,सुनील शुक्ला,सचिन्द्र शुक्ला,अनंत ताम्रकार,अमित कुमार सोनी का चयन एप्लीकेशन इंजीनियर के रूप में सतना और सिंगरौली रीजन के लिए हुआ है। विद्यार्थियों में एल.एन.टी. कैम्पस में चयन के बाद हर्ष का माहौल है। एकेएस वि.वि. के कुलपति प्रो. पारितोष के. बनिक, चेयरमैन अंनत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति, डाॅ. हर्षवर्धन, डाॅ. आर. एस. त्रिपाठी, प्रो आर. एन. त्रिपाठी एवं सभी संकाय के डीन, डायरेक्टर्स, फैकल्टीज के साथ विश्वविद्यालय प्रबंधन ने चयनित विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। कंपनी के एच.आर.मैनेजर ने एकेएस वि.वि. के छात्रों को प्रतिभाशाली एवं एकेडमिक्स को एक्सीलेंट बताया।

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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के कृषि एवं तकनीकी विभाग के आर.सी. त्रिपाठी,डिप्टी डायरेक्टर, वानिकी विज्ञान, वाइल्ड लाइफ एस्टीमेशन पर एक दिवसीय मास्टर्स ट्रेनर्स प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने मुकुन्दपुर वन क्षेत्र में सतना एवं रीवा वन मण्डल के एसडीओ, परिक्षेत्र अधिकारी, उप वन परिक्षेत्र अधिकारी समेत 48 मास्टर्स ट्रेनर्स को मांसाहारी एवं शाकाहारी वन्य प्राणियों के व्यवहार, उपस्थिति के प्रत्यक्ष एवं अप्रात्यक्ष प्रमाण, उनके सर्वेक्षण की विधि, ट्रांजिट लाइन पर सर्वेक्षण, वनस्पति आच्छादन, वाइल्ड लाइफ मंे मानव व्यवधान का असर आदि के बारे में एकेएस वि.वि. के प्रशिक्षक ने जानकारी दी। प्रशिक्षण के दौरान डाटा संग्रहण एवं सकलन के बारे में भी मास्टर्स ट्रेनर्स को समझाया गया। प्रशिक्षण में उपस्ािित मुख्य वन संरक्षक, रीवा एवं डीएफओ ,सतना द्वारा वन्य प्राणी आंकलन का उद्देश्य एवं टाइम प्लान की जानकारी दी गई। भविष्य में यहां अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रम रखे जाने का भी विषय प्रकाश में रखा गया। प्रशिक्षण के बाद फील्ड में प्रायोगिक जानकारी भी उपस्थित मास्टर्स ट्रेनर्स को दी गई। अंत में भक्षक एवं भक्ष्य के अंतर संबंध, उनकी व्यवहार पद्धति, साइन एवं सिम्पटम पर भी विस्तार से चर्चा इुई। उपस्थित सभी जनों ने वि.वि. प्रबंधन एवं डिप्टी डायरेक्टर वानिकी विज्ञान आर.सी. त्रिपाठी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
सतना। एकेएस विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट आॅफ एग्रीकल्चर सांइस एंड टेक्नोलाॅजी विभाग मे कार्यरत् फैकल्टी विवेक कुमार सिंह को दो दिवसीय नेशनल कान्फ्रेन्स प्रोमोटिंग एंड रीइनविगोरेटिंग एग्रीहार्टी टेक्नोलाॅजीकल इनोवेशन्स,प्रगति-2017, धनबाद, झारखण्ड में यंग प्रोफेशनल एवार्ड से नवाजा गया । उनकी इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय प्रबंधन के साथ एग्रीकल्चर विभाग ने विवेक को भविष्य की शुभकामनाऐं दी है।
सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना की महिला खो-खो टीम जीत के जज्बे के साथ हर वर्ष की भंाति इस वर्ष भी एसोशियेशन आॅफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के तत्वावधान में आयोजित यूनिवर्सिटी नेशनल गेम-2017-18 में भाग लेने के लिए रवाना हो गई है। मुकाबला बी.बी.एस पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर में 22 नवम्बर से 26 नवम्बर तक आयोजित है। जिसमें विभिन्न वि.वि. की खो-खो टीमों से एकेएस वि.वि. की टीम प्रतिस्पर्धा में अपना दम-खम दिखायेंगी। गौरतलब है कि पिछले वर्ष एकेएस विश्वविद्यालय के महिला खो-खो टीम ने क्वार्टर फाइनल तक खेलकर उत्कृष्ट खेल का मुजाहिरा किया था। यह जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय स्पोर्टस आॅफीसर सुनील पाण्डेय ने बताया कि वि.वि. की टीम प्रतिस्पर्धा में पूरी तैयारियों के बाद उतर रहीं है और अन्य टीमो को कडी टक्कर देने का खिलाडियों में मनोबल है। वि.वि. की टीम को वि.वि. प्रबंधन ने जीत के लिए शुभकामना दी है।
सतना। एकेएस विश्वविद्यालय के सभागार में बुधवार को ‘‘ड्यूरेबल काॅन्क्रीट मेकिंग प्रैक्टिसेस‘‘ अल्ट्राटेक सीमेंट में नियुक्त 15 इंजीनियरों को एकेएस वि.वि. के सीमंेट टेक्नोलाॅजी विभाग द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर एकेएस वि.वि. के कुलपति प्रो. पारितोष के. बनिक ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अल्ट्राटेक के युवा इंजीनियरों को सीमेंट के उत्पादन, मार्केटिंग एवं आम उपभोक्ताओं को जरुरी जानकारियाॅ देने के दृष्टिकोण से अत्यंत अहम है। उन्होंने आगे कहा कि अल्ट्राटेक के नियुक्त प्रशिक्षार्णियों को सीमेंट उत्पादन की बारीकियां बताने में विश्वविद्यालय का सीमेंट टेक्नोलाॅजी विभाग अहम भूमिका निभा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के अवसर पर सीमेंट टेक्नोलाॅजी विभाग के डायरेक्टर डाॅ. जी. सी. मिश्रा ने कंन्क्रीट मेकिंग मैटेरियल्स एण्ड देयर इंम्पैक्ट आॅन ड्यूरेबिलिटी,कंन्क्रट ग्रेड्स,प्रापर्टीज एण्ड वर्क एबिलिटी विषय पर विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि दो दिन के सघन प्रशिक्षण के दौरान सीमेंट के उत्पादन, कंक्रीट की महत्ता, मार्केटिंग के नये उपाय एवं विभिन्न अनुभवों के आधार पर यह एक सारगार्भित प्रशिक्षण होगा। डाॅ.भटटाचार्य ने सीमेंन्ट मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस,टाइप्स आॅफ सीमेंन्ट एण्ड देयर अप्लीकेबिलिटी,फिजिकल एण्ड केमिकल प्रापर्टीज आॅफ सीमेंन्ट,हाइड्रेशन आॅफ सीमेन्ट पर व्याख्यान दिया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डाॅ हर्षवर्धन ने भी विश्वविद्यालय की ओर से सभी प्रशिक्षुओं का स्वागत एवं मार्गदर्शन किया। प्रतिकुलपति डाॅ. आर. एस. त्रिपाठी, इंजीनियरिंग विभाग के प्रशासक इंजी. आर. के. श्रीवास्तव ने भी कार्यक्रम में प्रशिक्षुओं को सम्बोधित किया। इस अवसर पर अल्ट्राटेक सीमेंट के इंजीनियर एवं कार्यक्रम प्रभारी विनय कुमार चैरसिया, इंजी.राहुल ओमर, इंजी.सी. के. झा, इंजी बी. के. सिंह एवं रवि पाण्डेय के साथ अल्ट्राटेक के 16 इंजीनियरों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। इसके पूर्व इसी तरह का प्रशिक्षण प्रिज्म सीमेंट के इंजीनियर्स एवं वर्कर्स को उनके ज्ञानवर्धन में अतिसहायक सिद्ध हुआ था।