सतना। एकेएस वि.वि. के सभी संकाय में कैम्पस ड्राइव के माध्यम से जानी मानी विभिन्न कंपनियों में विद्यार्थियों के चयन का सिलसिला जारी है। इसी कडी में विंध्य क्षेत्र के ष्षैक्षणिक गौरव एकेएस विश्वविद्यालय सतना में बायजूज-द लर्निग एप ने कैम्पस ड्राइव का आयोजन किया। कैम्पस चयन के लिए एमबीए और बीटेक के विद्यार्थियों ने परीक्षा प्रक्रिया में भाग लिया। प्रतिभागी छात्रों में एमबीए,बीटेक,बिजनेष डेव्हलपमेंट एसोसिएट पद के लिए चयन प्रक्रिया में षामिल हुए है। बायजूज-द लर्निग एप के एचआर मैनेजर ने वि.वि. के विद्यार्थियों का त्रिस्तरीय टेस्ट लिया। षार्टलिस्टेड स्टूडेन्टस का सेलेक्सन प्रोसेस में है। एकऐस वि.वि. प्रबंधन, टेªनिंग एवं प्लेसमेंट डायरेक्टर एम. के.पाण्डेय, बालेन्द्र विष्वकर्मा, मनोज सिंह एवं सभी संकाय के फैकल्टीज ने छात्रों को चयन के लिए षुभकामना दी है।

AKS University
AKS University, Satna M.P.
“With an objective to gain the knowledge of open cast mining, three students of final year (mining) will be visiting Thailand”, informed Dr. Gk Pradhan on Friday. Students named B. Chankya, Vijay Kumar and Utkarsh Jain, are set to be there in Thailand where they are scheduled to visit Lignite open cast mining, situated in Lapang Province of the country. Also, the visit will help the students in strengthening their knowledge related to light production, distribution and other functioning of open cast mining.
“It will be a ten days visit which will help the students in acquiring knowledge about Eget, Memo, water protection and conservation”, told Dr. Pradhan adding that the foreign visit like this, will enhance the knowledge of students regarding the assessment and management of the environment.
Notably, four students have been to Thailand in year 2018 as well, where they had been thoroughly informed about the lignite mines of Lapang province. During the current visit, students will be accompanied and guided by S.Das Gupta, one of the faculty members from mining department of AKS University.
सतना। एकऐस विष्वविद्यालय, सतना बी.टेक. माइनिंग सातवें सेमेस्टर के तीन छात्र साउथ ईस्ट एषिया की प्रतिष्ठित माइन थायलैण्ड, ओपेन कास्ट माइनिंग के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेगें। एकेएस वि.वि. के इंजी. डीन डाॅ.जी.के. प्रधान ने जानकारी देते हुए बताया कि एकेएस वि.वि. के तीन विद्यार्थियों बी.चाणक्य, तेलंगाना, विजय कुमार, छत्तीसगढ और उत्कर्ष जैन का चयन लापांग प्रेाविन्स में स्थित लिग्नाइट ओपन कास्ट माइनिंग की कार्यप्रणाली, पावर प्लांट, लाइट प्रोडक्सन और डिस्ट्रीब्यूषन के बारे में जानकारी प्राप्त करने हेतु किया गया है। बी.टेक.सातवे सेमेस्टर के विद्यार्थी अपनी विजिट पाॅच जुलाई को प्रारंभ करके यहाॅ पहुॅचेंगें।ईगट, मेमों, थायलैण्ड में विद्यार्थी 6 जुलाई से 16 जुलाई तक समस्त पहलुओं का विस्तार से विषेष अध्ययन करेगें। उन्हें यहाॅ की उन्नत विद्युत उत्पादन तकनीक, वितरण आदि की जानकारी भी मिलेगी। पर्यावरण सुरक्षा के लिए ईगट, मेमों ,थायलैण्ड में किए कार्य, सीएसआर, जल संरक्षण और संधारण के बारे यहाॅ कैसे कार्य किया जाता है इस पर भी विस्तार से जानकारी दी जाएगी। इनवायर्नमेंटल इम्पैक्ट एसेसमेंट,इनवायर्नमेंटल मैनेजमेंट कार्यक्रम पर भी विद्यार्थी जानकारी प्राप्त करेगें। उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व एकेएस वि.वि. के 4 छात्र लिग्लाइट माइन,थायलैण्ड मे 2018 में प्रषिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। विद्यार्थियों का मार्गदर्षन माइनिंग फैकल्टी एस.दासगुप्ता करेगें। वि.वि. का यह प्रयास है कि सभी संकाय के टेªनिग में दक्षता प्राप्त करें ओर कॅरियर की उॅचाइयाॅ छुऐं।
सतना। एकेएस वि.वि. सतना की छात्रा कंचन गुप्ता, बी.एस-सी. (मैथ्स ग्रुप) को भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) नई दिल्ली द्वारा इंस्पायर स्काॅलरषिप प्रदान की गई है। यह स्काॅलरषिप टाॅप वन रैंक के मेधावी विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ उत्कृट षोध करने के लिए प्रदान की जाती है। यह स्काॅलरषिप केवल बेसिक साइन्स के विषयों जैसे भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान एवं गणित विज्ञान आदि विषयों में उत्कृष्ट षोध करने के लिए प्रदान की जाती है। इस स्काॅलरषिप में छात्रा को 80000 रुपये प्रतिवर्ष 5 वर्षों तक के लिए प्रदान किये जायेंगे। इसके लिए छात्रा की मार्कश्षीट एवं षोध रिपोर्ट को डीएसटी के लिए भेजा गया था। छात्रा की इस सफलता में उनका मार्गदर्षन को-आर्डिनेटर एवं भौतिकी विभागाध्यक्ष डाॅ. नीलेष राय द्वारा षोध प्रपोजल एवं अन्य दस्तावेजों को तैयार करके आनलाइन भेजा गया था। इस प्रकार की उत्कृष्ट स्काॅलरषिप बहुत ही प्रतिभाषाली विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है। दिनांक 30 जून 2019 को छात्रा के खाते में दो वर्ष की समेकित स्काॅलरषिप राषि 1,60,000 रूपये दर्ज हो चुकी है। इस राषि को पाकर छात्रा कंचन गुप्ता बहुत उत्साहित है। वास्तव में इस प्रकार की स्काॅलरषिप का मुख्य उद्देष्य विज्ञान विषयों में षोध को बढ़ावा देना है एवं विद्यार्थियों में आइन्स्टीन, भाभा, न्यूटन, क्यूरी, रमन, आर्यभट्ट, प्लांक, थाॅमसन, रदरफोर्ड, रामानुज जैसे महान वैज्ञानिक को जन्म देना है। एकेएस वि.वि. छात्रा को इन पांच वर्षों में विज्ञान के गूढ़ रहस्यों पर षोध कार्य के लिए प्रोत्साहित करेगा। छात्रा को आगे डीएसटी द्वारा षोध कार्य के लिए देष एवं विदेषों में संचालित उत्कृष्ट लैबों में भी भेजा जाएगा। छात्रा की यह सफलता एकेएस ही नहीं अपितु पूरे विंध्य क्षेत्र के लिए गौरव की बात है। इस स्काॅलरषिप को पाकर छात्र बहुत खुष हैं एवं वह आगे पढ़ाई के साथ-साथ षोध पर फोकस करके देष के लिए उत्कृष्ट कार्य करेंगे, साथ-साथ विद्यार्थियों ने एकेएस वि.वि. प्रबंधन एवं उत्कृष्ट फैकल्टी के मार्गदर्षन का भी धन्यवाद ज्ञापित किया। छात्रा की इस सफलता पर एकेएस वि.वि. प्रबंधन के साथ समस्त संकायों के डीन, डायरेक्टर्स एवं फैकल्टीज ने विद्यार्थियों को षुभकामनाएं दी हैं।
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के माइनिंग इंजीनियरिंग संकाय के 800 से ज्यादा विद्यार्थी देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में वोकेशनल टेªनिंग प्राप्त कर रहे हैं इसमें एकेएस वि.वि. में संचालित बी. टेक. माइनिंग और डिप्लोमा माइनिंग के विद्यार्थी शामिल हैं। वि.वि.के माइनिंग संकाय के 300 से ज्यादा विद्यार्थी शहडोल से चिरमिरी तक संचालित भूमिगत खदानों में 28 दिन की वोकेशनल ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे हैं इनमे उमरिया, जोहिला, सोहागपुर, कुसमुंडा, जेवरा, जमुना, बिजुरी और अनूपपुर, कोतमा प्रमुख हैं। माइनिंग क्षेत्र मे स्किल निखारने पर जोर देने के प्रयास के तहत बी.टेक.माइनिंग के विद्यार्थी पीजीपीटी और डिप्लोमा माइनिंग के विद्यार्थी पीडीपीटी 28 दिन की वोकेशनल ट्रेनिग प्राप्त कर रहे हैं जिसमें वह एकेडमिक पाठ्यक्रम को माइंस में पै्रक्टिकल के माध्यम से समझ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि वि.वि. के समस्त संकायों में विद्यार्थियों को इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग और वोकेशनल ट्रेनिंग अनिवार्य रुप से प्रदान किए जाने से विद्यार्थी इंडस्ट्री की जरुरतों के हिसाब से तैयार होते हैं। बेहतर उच्च शिक्षा से विद्यार्थियों के लिए बेहतर नौकरियों के अवसर भी निर्मित हो रहे हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बदौलत विद्यार्थियों को बेहतरीन कैम्पस के अवसर भी प्राप्त हो रहे हैं। गौरतलब है कि माइनिंग संकाय के पासआउट विद्यार्थी विभिन्न सरकारी और गैरसरकारी संस्थानों में कार्यरत हैं। एकेएस वि.वि. के 300 से ज्यादा विद्यार्थी भारत सरकार द्वारा आयोजित डीजीएमएस की गैस टेस्टिंग परीक्षा भी उत्तीर्ण कर चुके हैं और एकेएस वि.वि. गवर्नमेंट आफ इंडिया से अनुमोदित गैस टेस्टिंग एक्जामिनेशन सेन्टर भी है जहाॅ माइनिंग इंजीनियरिंग स्टूडेन्टस के लिए परीक्षा आयोजित होती हैं। एकेएस वि.वि. में माइनिंग के क्षेत्र में कार्य करने के समस्त गुर विद्यार्थियों को सिखाए जाते हैं। इस बात की जानकारी देते हुए इंजी. डीन प्रो.जी.के.प्रधान ने बताया कि एकेएस वि.वि. के प्रत्येक संकाय के हर छात्र को बेहतरीन शैक्षणिक माहौल में अध्ययन करने का अवसर प्राप्त हो रहा है जिससे विद्यार्थी कॅरियर की ऊँचाइयों पर पहुंच रहे हैं।
“Vocational Training, in various prestigious institutions of India, has been arranged for the 800 students of Mining Engineering. Approximately 300 mining students (B.Tech & Diploma) have been sent to underground mines, situated in areas like Umariya, Johila, Sohagpur, Kusmunda, Jewara, Jamuna, Bijuree, Anup Pur and Kotma. With an objective to refine their skills, students are receiving 28 days vocational training, which will help them to learn the practical aspect of their class room learning. Students, thus trained, will get shaped up as per the requirement of the industries”, told Director (T&P) of AKS University.
Speaking on the performance of the students, GK Pradhan (Dean, Engineering) told that the success of the students in recent past, has been the result of the excellent educational environment of AKS University. Quality education paves the way for the quality job, and this is evident through the list of students employed in various reputed organizations of India and abroad. Till date, 300 students of AKS University have passed the gas testing examination conducted by DGMS. Notably, AKS University is an authorized center for the Gas Testing Examination, and has conducted the exams many times in recent past.
Er. Anant Soni, Pro-Chancellor, AKSU, was in Delhi last week, where he participated in a conference, which had been organized by Center for Education Growth and Research. While attending the conference, he called on the representatives of various Universities and institutions, and explored the ways to elevate the academic excellence of the students. Pro-Chancellor, under the programme named Academiya-Academiya Collaboration, signed MoUs with 16 different Universities and educational institutions.
As it is well known, Er. Anant Soni has always been raising the voice in favour of Academiya-Academiya collaboration among the educational institutions. First time it was observed that the Universities and other educational institutions came together in such a large number, signed MoUs, and built up the consensus on various issues. MoUs, thus signed, will pave the way for AKS students to carry out their research works in various institutions of national and international level.
सतना। एकऐस वि.वि. सतना ने 27 जून को दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में सेंटर फार एजुकेशन ग्रोथ एण्ड रिसर्च के तत्वावधान में आयोजित कांफ्रेंस में भाग लिया एवं विभिन्न संस्थानों के साथ विविध एकेडेमिक एक्सिलेंस के मुद्दों पर चर्चा की। एकेएस वि.वि. की तरफ से युनिवर्सिटी के प्रो चांसलर अनंत कुमार सोनी और प्रतिकुलपति डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी ने शिक्षा के विकास और विविध आयामों पर विभिन्न युनिवर्सिटीज/शैक्षणिक संस्थानों से चर्चा की एवं प्रथम बार एकेडमिया-एकेडमिया कोलैबरेशन के तहत 16 युनिवर्सिटीज एवं उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग साइन किया। इस मौके पर श्री ए.पी. मित्तल, मेम्बर सेक्रेटरी एआईसीटीई, वाइस चांसलर गुजरात टेक्निकल युनिवर्सिटी उपस्थित रहे। एकेएस वि.वि. ने गुजरात टेक्निकल युनिवर्सिटी, जी हिमगिरी युनिवर्सिटी, हिमालयन युनिवर्सिटी, अरूणाचल युनिवर्सिटी, आईईसी युनिवर्सिटी, शोभित युनिवर्सिटी सहित विभिन्न संस्थानों के साथ एमओयू साइन किया। इस एमओयू से एकेएस वि.वि. तथा संबंधित युनिवर्सिटीज/संस्थानों के बीच फैकल्टी एक्सचेंज, स्टूडेंट एक्सचेंज, गेस्ट लेक्चर्स, कोलैबरेटिव रिसर्च और सांस्कृतिक आदान प्रदान का परस्पर विनिमय हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि इण्डस्ट्री एकेडमिया के अलावा एकेडमिया-एकेडमिया कोलैबरेशन की बात कई मंचों पर एकेएस वि.वि. के प्रो चांसलर अनंत कुमार सोनी हमेशा उठाते रहे हैं। यह पहली बार है जब इतनी संख्या में युनिवर्सिटीज/संस्थान एक ही मंच पर एक साथ आए हों और उन्होंने आपसी सहमति के आधार पर एमओयू साइन किया हो। इससे एकेएस वि.वि. के विभिन्न संकायों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उच्च मानकों वाले संस्थानों में अध्ययन/रिसर्च करने का मौका मिलेगा।
Two days workshop, which aimed at receiving certain suggestions from the intellectuals, was organized in AKS University on Friday. On his inaugural address, PK Banik, the Vice –Chancellor told that the HRD Ministry, which was keen to bring certain reforms in National Education Policy, constituted a committee, which recently submitted its report to central government, thereafter, the Universities have been advised to give their suggestions to build up a consensus on National Education Policy. The draft prepared by the Kastoori Rangan committee, has already been uploaded in official website of HRD Ministry.
Starting the “Brainstorming Session”, the Vice-Chancellor highlighted the objective behind the constitution of National Education Commission, and its way of functioning. He laid emphasis on the need of Liberal Art Education, and briefly informed about the education policy, and suggested certain points from his side.
Speaking on the occasion, Singhai Sanjay Jain, a renowned Chartered Accountant of the District, suggested that the educational institutions must be brought under section-25 of the company act. Taking note on the optimum utilization of financial resources, he said bringing all the educational institutions under section 25, will encourage investment, and will ensure the maximum transparency in functioning of these institutions.
Pro-VC Dr. Harshvardhan gave his sinceare suggestions on transformation of regulatory system, and its systematic monitoring. In his suggestion, Professor GC Mishra talked about the optimum utilization of resources and their availability.
सतना। एकेएस वि.वि. सतना में दो दिवसीय वर्कषाॅप का आयोजन किया गया। चर्चा का आयोजन 26 और 27 जून केा एकेएस वि.वि. के कुलपति प्रो.पारितोष के बनिक की अध्यक्षता में किया गया। उल्लेखनीय है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ,नई दिल्ली द्वारा गठित कमेटी प्रो.कस्तूरीरंगन समिति ने अपना सुझाव केन्द्र सरकार को सौंप दिया है जो मानव संसाधन विकास मंत्रालय की वेबसाइट्स पर उपलब्ध है। वर्कषाॅप की अध्यक्षता करते हुए एकेएस वि.वि. के कुलपति प्रो.पारितोष के बनिक ने ट्रान्सफार्मिग एज्यूकेषन-राष्ट्रीय षिक्षा आयोग के गठन ओर कार्यप्रणाली और लिबरल आर्ट एज्यूकेषन पर विस्तार से प्रकाष डाला। अपने सारगर्भित उदबोधन में उन्होने रिपोर्ट के संदर्भ में अत्यंत उपयोगी सुझाव दिए। चार्टर्ड एकांउटेंट सिंघई संजय जैन ने कहा कि जो संस्थाऐं, ट्रस्ट, समितियाॅ, निजी षिक्षण संस्थान स्थापित करती हैं उन्हें कंपनी एक्ट की धारा 25 के अंतर्गत लाया जाए उन्होने विस्तार से वित्तीय संसाधनों के उपयोग और संकलन केे बारे में सारगर्भित जानकारी देते हुए कहा कि आयोग को समस्त निजी निवेषकों केा स्कूल, काॅलेज ,वि.वि. स्थापित करने की प्रक्रिया में कम्पनी एक्ट की धारा 25 मे सम्मिलित करने से अधिक निवेष भी होगा और पारदर्षिता भी रहेगी। प्रतिकुलपति डाॅ.हर्षवर्धन ने ट्रान्सफार्मिग द रेग्युलेटरी सिस्टम ( नियामक संस्था) और उसकी माॅनिटरिंग पर अहम सुझाव दिए। प्रो.जी.सी.मिश्रा ने इंन्स्टीटयूषनल रिस्ट्रक्चरिंग एण्ड कन्सोलिडेषन पर सुझाव देते हुए संसाधनों की उपलब्धता और उनके उपयुक्त उपयोग के बारे में सुझाव दिया। डाॅ.कमलेष चैरे ने रिसर्च फाउंडेषन के लिए एक व्यवस्थित योजना दर्षाई जिससे कि देष में उपयोगी एवं महत्वपूर्ण षेाध हो सकें जिससे समाज,उद्योग,स्वास्थ्य विषयों पर अंतरराष्ट्रीय रिसर्च हो सके। वर्कषाप का संचालन करते हुए ओएसडी प्रो.आर.एन.त्रिपाठी ने बताया कि वि.वि.प्रबंधन और प्रषासन द्वारा गठित समिति में षामिल वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी,कुलपति प्रो.पारितोष के बनिक,डाॅ हर्षवर्धन,डाॅ.आर.एस.त्रिपाठी,प्रो.आर.एन.त्रिपाठी,प्रो.जी.सी.मिश्रा के मार्गदर्षन में सभी सुझावों को पुनर्परीक्षित कर मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार को 30 जून 2019 तक प्रेषित किया जाएगा। वर्कषाॅप में डाॅ.जी.के.प्रधान,कैपासिटी,प्लानिंग,गवर्नेन्स,रेग्युलेषन एण्ड एक्रीडिएषन इन टेक्निकल एज्यूकेषन ने अपने सुझाव दिए। वर्कषाॅप में डाॅ.आर.एस.पाठक ने गवर्नेन्स, रेग्युलेषन एण्ड एक्रीडिएषन इन एग्रीकल्चर एज्यूकेषन,डाॅ.एस.एस.तोमर ने न्यू रिसर्च फाउंडेषन एण्ड फडिंग फाॅर रिसर्च, डाॅ.कौषिक मुखर्जी ने वोकेषनल एज्यूकेषन ,डाॅ. आर.सी.त्रिपाठी ने लीगल एज्यूकेषन, डाॅ. अखिलेष बाउ ने आईटी,एज्यूकेषन,, डाॅ.एस.पी.गुप्ता ने प्रेाफेषलन एज्यूकेषन, इंजी.आर.के.श्रीवास्तव ने इम्प्रूविंग टीचिंग लर्निग एण्ड इवैलयुएषन प्रोसेस, डाॅ.त्रिभुवन सिंह ने एज्युकेषन आॅफ एग्रीकल्चर, बीरेन्द्र पाण्डेय ने हेल्थकेयर एज्यूकेषन पर अपने अहम सुझाव दिए।
सतना। एकेएस वि.वि. सतना में दो दिवसीय वर्कषाॅप का आयोजन किया गया। चर्चा का आयोजन 26 और 27 जून केा एकेएस वि.वि. के कुलपति प्रो.पारितोष के बनिक की अध्यक्षता में किया गया। उल्लेखनीय है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ,नई दिल्ली द्वारा गठित कमेटी प्रो.कस्तूरीरंगन समिति ने अपना सुझाव केन्द्र सरकार को सौंप दिया है जो मानव संसाधन विकास मंत्रालय की वेबसाइट्स पर उपलब्ध है। वर्कषाॅप की अध्यक्षता करते हुए एकेएस वि.वि. के कुलपति प्रो.पारितोष के बनिक ने ट्रान्सफार्मिग एज्यूकेषन-राष्ट्रीय षिक्षा आयोग के गठन ओर कार्यप्रणाली और लिबरल आर्ट एज्यूकेषन पर विस्तार से प्रकाष डाला। अपने सारगर्भित उदबोधन में उन्होने रिपोर्ट के संदर्भ में अत्यंत उपयोगी सुझाव दिए। चार्टर्ड एकांउटेंट सिंघई संजय जैन ने कहा कि जो संस्थाऐं, ट्रस्ट, समितियाॅ, निजी षिक्षण संस्थान स्थापित करती हैं उन्हें कंपनी एक्ट की धारा 25 के अंतर्गत लाया जाए उन्होने विस्तार से वित्तीय संसाधनों के उपयोग और संकलन केे बारे में सारगर्भित जानकारी देते हुए कहा कि आयोग को समस्त निजी निवेषकों केा स्कूल, काॅलेज ,वि.वि. स्थापित करने की प्रक्रिया में कम्पनी एक्ट की धारा 25 मे सम्मिलित करने से अधिक निवेष भी होगा और पारदर्षिता भी रहेगी। प्रतिकुलपति डाॅ.हर्षवर्धन ने ट्रान्सफार्मिग द रेग्युलेटरी सिस्टम ( नियामक संस्था) और उसकी माॅनिटरिंग पर अहम सुझाव दिए। प्रो.जी.सी.मिश्रा ने इंन्स्टीटयूषनल रिस्ट्रक्चरिंग एण्ड कन्सोलिडेषन पर सुझाव देते हुए संसाधनों की उपलब्धता और उनके उपयुक्त उपयोग के बारे में सुझाव दिया। डाॅ.कमलेष चैरे ने रिसर्च फाउंडेषन के लिए एक व्यवस्थित योजना दर्षाई जिससे कि देष में उपयोगी एवं महत्वपूर्ण षेाध हो सकें जिससे समाज,उद्योग,स्वास्थ्य विषयों पर अंतरराष्ट्रीय रिसर्च हो सके। वर्कषाप का संचालन करते हुए ओएसडी प्रो.आर.एन.त्रिपाठी ने बताया कि वि.वि.प्रबंधन और प्रषासन द्वारा गठित समिति में षामिल वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी,कुलपति प्रो.पारितोष के बनिक,डाॅ हर्षवर्धन,डाॅ.आर.एस.त्रिपाठी,प्रो.आर.एन.त्रिपाठी,प्रो.जी.सी.मिश्रा के मार्गदर्षन में सभी सुझावों को पुनर्परीक्षित कर मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार को 30 जून 2019 तक प्रेषित किया जाएगा। वर्कषाॅप में डाॅ.जी.के.प्रधान,कैपासिटी,प्लानिंग,गवर्नेन्स,रेग्युलेषन एण्ड एक्रीडिएषन इन टेक्निकल एज्यूकेषन ने अपने सुझाव दिए। वर्कषाॅप में डाॅ.आर.एस.पाठक ने गवर्नेन्स, रेग्युलेषन एण्ड एक्रीडिएषन इन एग्रीकल्चर एज्यूकेषन,डाॅ.एस.एस.तोमर ने न्यू रिसर्च फाउंडेषन एण्ड फडिंग फाॅर रिसर्च, डाॅ.कौषिक मुखर्जी ने वोकेषनल एज्यूकेषन ,डाॅ. आर.सी.त्रिपाठी ने लीगल एज्यूकेषन, डाॅ. अखिलेष बाउ ने आईटी,एज्यूकेषन,, डाॅ.एस.पी.गुप्ता ने प्रेाफेषलन एज्यूकेषन, इंजी.आर.के.श्रीवास्तव ने इम्प्रूविंग टीचिंग लर्निग एण्ड इवैलयुएषन प्रोसेस, डाॅ.त्रिभुवन सिंह ने एज्युकेषन आॅफ एग्रीकल्चर, बीरेन्द्र पाण्डेय ने हेल्थकेयर एज्यूकेषन पर अपने अहम सुझाव दिए।
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के फैकल्टी आफ एग्रीकल्चर साइंस एण्ड टेक्नाॅलाॅजी में अतिथियों की उपस्थिति में एग्रीकल्चर सातवे सेमेस्टर के विद्यार्थियों के लिए बृहद उन्मुखीकरण कार्यक्रम के समापन अवसर पर रोगोपचार पर डाॅ.डूमर सिंह, और फूड इंडस्ट्री के बारे मे षक्ति सिंह चैहान ने विस्तार से बताया। रावे-(ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव) और एग्रो इंडस्ट्री अटैचमेंट कार्यक्रम में एग्रीकल्चर संकाय के सभी स्टूडेन्टस के लिए चार दिनी कार्यक्रम का आयांजन किया गया। । इसमें एग्रीकल्चर संकाय के विद्यार्थियों को सतना और आसपास के सभी गाॅवों मेें जाने के लिए विद्यार्थियों के समूह बनाए गए और कैसे गाॅवों में जाकर समस्या समझना है फिर उसके निराकरण के लिए कार्य करना है प्रसार गतिविधियों के दौरान यह बताया गया कि बेटी बचाओ, गाजर घास उन्मूलन कृषक संगोष्ठी, सामाजिक सोद्वेष्यता के कार्यक्रम ,महिला सषक्तिकरण, स्वच्छता अभियान, बाल मजदूरी ग्रामीण क्षेत्रों में फैली कुरीतियों पर व्यापक जनअभियान चलाने के बारे मे विस्तार से दिषा-निर्देष एग्रीकल्चर और फूड फैकल्टीज द्वारा प्रदान किए गए। रावे-(ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव) एग्रो इंडस्ट्री अटैचमेंट कार्यक्रम के पिछले बैच के विद्यार्थियों के कार्यो और समाचार पत्रों की कतरन को एकेएस वि.वि. की वेबसाइटस के माध्यम से दिखाया गया। समस्त गाॅवों की भैागोलिक संरचना और वहाॅ क्या कार्य किए जाऐं, ग्रामीण परिवेष,खेती-बाडी और सभी एकेडमिक संदर्भो केा समझाया गया। कार्यक्रम में एकेएस वि.वि. के प्रो-चांसलर अनंत कुमार सोनी ने कहा कि गाॅवों के परिवेष को समझे, किसानों से मिलें और उनसे कृषि की बारीकियाॅ भी समझें। कार्यक्रम में डीन डाॅ. एस.एस. तोमर, डाॅ. नीरज वर्मा, सात्विक सहाय बिसारिया, डी.पी.चतुर्वेदी, संजीव सिंह, रमा षर्मा ,अमित तिवारी, कुमार मंगलम मिश्रा, संतोष कुमार, राजवीर सिंह ने एग्रीकल्चर संकाय के छात्र-छात्राओं केा रावे की बारीकियों से अवगत कराया। इसमें फैकल्टी आफ एग्रीकल्चर साइंस एण्ड टेक्नाॅलाॅजी 2016-2019 बैच के विद्यार्थी षामिल हुए । रावे-(ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव) एग्रो इंडस्ट्री अटैचमेंट कार्यक्रम के समन्वयक सात्विक सहाय बिसारिया के मार्गदर्षन मे चार दिवसीय उन्मुखीकरण का बेहद सफल आयोजन हुआ विद्यार्थियों में उत्साह देखा गया।