
AKS University
AKS University, Satna M.P.
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के फैकल्टी आॅफ एग्रीकल्चर साइंस एण्ड टेक्नाॅलाॅजी में अतिथियों की उपस्थिति में एग्रीकल्चर सातवे सेमेस्टर के विद्यार्थियों के लिए बृहद उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रावे-(ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव) और एग्रो इंडस्ट्री अटैचमेंट कार्यक्रम में एग्रीकल्चर संकाय के सभी स्टूडेन्टस के लिए कार्यक्रम का आयांेजन किया गया। इसमें फैकल्टी आॅफ एग्रीकल्चर साइंस एण्ड टेक्नाॅलाॅजी 2016-2019 बैच के विद्यार्थी षामिल हुए। रावे-(ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव) एग्रो इंडस्ट्री अटैचमेंट कार्यक्रम के समन्वयक सात्विक सहाय बिसारिया के मार्गदर्षन मे उन्मुखीकरण का बेहद सफल आयोजन हुआ। इसमें एग्रीकल्चर संकाय के विद्यार्थियों को सतना और आसपास के 36 गाॅवों मेें जाने के लिए विद्यार्थियों के 36 समूह बनाए गए और कैसे गाॅवों में जाकर समस्या समझना है फिर उसके निराकरण के लिए कार्य करना है इत्यादि के साथ कृषक संगोष्ठी, सामाजिक सोद्वेष्यता के कार्यक्रम ,महिला सषक्तिकरण, स्वच्छता अभियान, बाल मजदूरी ग्रामीण क्षेत्रों में फैली कुरीतियों पर व्यापक जनअभियान चलाने के बारे मे विस्तार से दिषा-निर्देष एग्रीकल्चर फैकल्टीज द्वारा प्रदान किए गए। रावे-(ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव) एग्रो इंडस्ट्री अटैचमेंट कार्यक्रम के पिछले बैच के विद्यार्थियों के कार्यो को स्लाइडस के माध्यम से दिखाया गया। कई गाॅवों की भैागोलिक संरचना और वहाॅ क्या कार्य किए जाऐं ,ग्रामीण परिवेष,खेती-बाडी और सभी एकेडमिक संदर्भो केा समझाया गया।कार्यक्रम में डीन डाॅ. एस.एसत्र. तोमर, डाॅ. नीरज वर्मा, सात्विक सहाय बिसारिया, डी.पी.चतुर्वेदी, संजीव सिंह,रमा षर्मा ,अमित तिवारी, संतोष कुमार, राजवीर सिंह ने एग्रीकल्चर संकाय के छात्र-छात्राओं केा रावे की बारीकियों से अवगत कराया।
Guru-Dakshina, the play which reflected the vivid scenes of Dwapar age, mesmerized the audience when staged at the jam packed auditorium of AKS University. The theme of the play, which touched the soul of the audience, was portrayed magnificently by the artists, who had been trained by the Cultural Directorate Department of AKS University.
The conversations, took place between Eklavya and Dronacharya, and Arjuna & Dronacharya, were beautifully and vividly displayed in the play. Delicate and compassionate staging of various scenes like Eklavya, relentlessly practicing archery standing in front of the portrait of Guru Dronacharya, fulfillment of Dronacharya’s promise given to Arjuna, and the thumb demand of Dronacharya from Eklavya as Guru Dakshina, were presented outstandingly in the play.
Artists named Amit Shukla, Rohit Khilwani, Ranjana Bunkar, Puja Sen, Akshay Balecha, Shubham Jain, Payal Gupta, Devendra Verma, Shilpa dwivedi and Swati Prithwani, gave the outstanding performance, and received the big round of applause from the audience.
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के कल्चरल डायरेक्टोरेट विभाग द्वारा बुधवार 26 जून को जीवन और वचनों के दंष को झेलता द्वापर युग का एक ऐसा सजीव नजारा प्रस्तुत किया गया जों महाभारत कालीन प्रसंग था और अपने विषय से मंच और दर्षकों के मन को छू गया। नाटक में गुरु की प्रतिमा के समक्ष एकरत होकर धनुर्विद्वा का अभ्यास करता एकलव्य,धनुर्धर अर्जुन और गुरु द्रोणाचार्य के बीच हुए संवाद के प्रसंगों को उभारा गया। गुरु पर अगाध आस्था रखते हुए एकलव्य की गुरु द्रोण की प्रतिमा के समक्ष धनुर्विद्या का अनवरत अभ्यास, गुरु द्रोण की धर्मनिठता के बीच अर्जुन को दिए वचन की पूर्णाहुति के लिए एकलब्य से अगूठा मांगने का दृष्य और उपस्थित होने वाला विरल और करुणामयी दृष्य प्रस्तुत हुआ। सीमाओं, दायरों और बाडों वाली षिक्षा का साक्षात्कार और वर्ण विसंगति के साथ देषकाल, वातावरण और परिस्थिति का भी भान कराता रहा नाटक। परिधानों की बानगी, प्राचीन अस्त्र-षस्त्रों का प्रयोग, पूर्ण मानक ऐतिहासिक परिवेष से ओतप्रोत भाषा मौखिक और सांकेतिक भाषा के साथ नेत्रों की पूर्ण परिष्कृत भाषा का अहम दृष्य, बहुलतावादी संस्कृति वाले देष की पहनावे, खानपान, वोली, जीवनपद्वति भी उभरी। जहाॅ उपस्थित हुआ द्वापर युग का महान पल, क्षण और सांस्कुतिक विरासत की वीथिका। 26 जून को रंगमंच पर उतरे कलाकारों ने गुरुदक्षिणा प्रसंग का मंचन किया जिसमें पीरियड ड्रामा गुरुदक्षिणा के लिए मंच तैयार हुआ एकेएस वि.वि. के कलामंच पर एक खास कालखंड की प्रस्तुति पेष की गई। विंध्य क्षेत्र के षैक्षणिक गौरव एकेएस विष्वविद्यालय सतना में समय की परत और कलावीथिका में कला के अनकहे, अकाटय सत्येां से परिचित हुए दर्षक रंगकर्मी सविता दाहिया के निर्देषन और कलाकारों ने ड्रामा विधा केे तहत रंगमंच से लेकर नेपथ्य तक अपना रंग दिखाया। प्रतिभागियों अमित षुक्ला, रोहित खिलवानी, रंजना बुनकर, पूजा सेन, अक्षय वलेचा, षुभम जैन, पायल गुप्ता, देवेन्द्र वर्मा, षिल्पा द्विवेदी, अभिलास सोनी, रुपाली कृष्णानी, राजेष वर्मा, हनी अग्रवाल, अभिषेक सोनी, अभिषेक पटेल, षीलधर द्विवेदी, वंषिका श्रीवास्तव, स्वाति पृथ्वानी आदि कलाकारो ने अपने उम्दा अभिनय से सम्पूर्ण चरित्रों को जीया और भरपूर तालियाॅ बटोरीं। पाषर््व ंसगीत अभिनंदन उर्मलिया, दिव्यांषु दाहिया, हिमांषु सामुन्द्रेय, वस्त्र विन्यास सोमती साकेत, प्रकाष संचालन अनिल वर्मन, सहायक निदेषन अमित षुक्ला ने दिया। इस मौके पर कला के विविध आयामों और प्रस्तुति में षामिल हुए भाव में हर्ष, दुःख, अतिरेक, विषाद ,प्रेम ,घृणा, वीरता, षेाक, रुग्णता की दिल से की गई सजीव प्रस्तुति दिखी। वि.वि. के सभागार में खास प्रस्तुति एकेएस वि.वि. कल्चरल डायरेक्टोरेट द्वारा पेष की गई जिसमें वरिष्ठजन उपसिथत रहे और नाटक का आनंद लिया अंत में तालियों की गडगडाहट से सारा सभागार गूॅज उठा।श्संचालन डाॅ.दीपक मिश्रा ने किया।
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के फैकल्टी आफ एग्रीकल्चर साइंस एण्ड टेक्नाॅलाॅजी में अतिथियों की उपस्थिति में बृहद उद्घाटन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रावे-(ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव) एग्रो इंडस्ट्री अटैचमेंट कार्यक्रम के एग्रीकल्चर संकाय के 532 स्टूडेन्टस के लिए कार्यक्रम का आयांजन किया गया। इसमें फैकल्टी आफ एग्रीकल्चर साइंस एण्ड टेक्नाॅलाॅजी 2016-2019 बैच के विद्यार्थी शामिल हुए। रावे-(ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव) एग्रो इंडस्ट्री अटैचमेंट कार्यक्रम के समन्वयक सात्विक सहाय बियारिया के मार्गदर्शन मे आयोजित होगा जिसमें एग्रीकल्चर संकाय के विद्यार्थी सतना औा आसपास के 36 गाॅवों मेें जाकर कृषक संगोष्ठी,सामाजिक सोद्वेश्यता के कार्य,महिला सशक्तिकरण,स्वच्छता अभियान, बाल मजदूरी ग्रामीण क्षेत्रों में फैली कुरीतियों पर व्यापक जनअभियान चलाऐंगें। रावे-(ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव) एग्रो इंडस्ट्री अटैचमेंट कार्यक्रम के पिछले बैच के विद्यार्थियों ने कई मानक स्थापित करते हुए ग्रामीण परिवेश,खेती-बाडी और सभी एकेडमिक संदर्भो केा समझा और अब कई विद्यार्थी विभिन्न कंपनियों में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाऐं भी प्रदान कर रहे हैं।सोमवार को हुए इस आयोजन में विपिन वेहवार,पूर्व चेयरमैन एमपीपीएससी,साकेत मालवीय,जिला पंचायत,सीईओ,आर.एस.शर्मा,उपसंचालक कृषि,इलीशियस कुजूर,डीडीएम,नाबार्ड,गैारव शर्मा, कुलपति प्रो.पारितोष के बनिक,प्रतिकुलपति डाॅ.हर्षवर्धन,ओएसडी प्रो.आर.एन.त्रिपाठी, डीन हार्टीकल्चर, प्रो.के.आर.मौर्या, वि.वि. के डायरेक्टर अवनीश सोनी, डीन एग्रीकल्चर, एस.एस.तोमर के साथ वि.वि. के एग्रीकल्चर संकाय के छात्र-छात्राऐं शामिल हुए। अतिथियों ने इस मौके पर बताया कि एग्रीकल्चर भारत का परिचय हे और हम कृषि प्रधान देश है भविष्य में कृषि आधारित उद्योग धन्धे बढेंगें और रोजगार के अवसर भी सुगम होगें। अब खेतों में हरियाली लहलहा रही है, नहरे पानी दे रही हैं और अब खेती किसानी का प्रयोग भी बढा है। खेती का रकबा बढ रहा है ओर आप सब जब गाॅवों में जाऐंगें तो किसानों को नई तकनीकों पर जानकारी देंगें उन्हे उन्नत बीजों के बारे में बताऐंगें, उन्हे जागरुक करेगें तो निश्चित ही बदलाब की आहट आएगी। सभी अतिथियों ने अपने अनुभव शेयर किए और विद्यार्थियों को शुभाशीष ओर सीखें दी।
“Culture Directorate department of AKS University, is organizing a 30 days workshop, where students are being given free of cost training on Fine Arts”, told Director, cultural department of AKS University, adding that the training like this, will help the students in development of their presentation skills as well.
Khushbu Pal, one of the trainers in workshop, told that the students are being trained on various fields of Fine Arts like Technique with colour, conceptual art, colour therapy, Art material and their uses, sketching, drawing, painting, designing differently, best out of best and art exhibition etc. “The workshop, which runs between 10 AM to 12 PM, is aimed at ensuring the holistic development of the students”, she informed.
सतना। ‘‘स्मार्ट फार्म फार स्मार्ट सिटी’’शहरों की जरुरत है ऐसा कहना है एकेएस वि.वि. के इलेक्ट्रिकल संकाय के फैकल्टी और छात्रों का।
यह कारक है पर्यावरण के प्रदूषण-जलवायु परिवर्तन के
आज के दौर में बढ़ती हुई जनसंख्या तथा उसके लिए भोजन की व्यवस्था एक बड़ी समस्या है तथा यह समस्या और ज्यादा विकराल तब हो जाती है जब आधुनिकीकरण के कारण कृषि योग्य भूमि का लगातार अधिग्रहण, किसानों का नौकरी के लिए कृषि से पलायन तथा पर्यावरण प्रदूषण के कारण जलवायु में लगातार परिवर्तन हो रहे हैं, इसके साथ ही कम भूमि में उच्च पैदावार करने के लिए रासायनिक खाद तथा कीटनाशकों का प्रयोग व्यापक रूप से किया जाता है जिसके कारण ये रसायन खाद्य श्रंखला में आ जाते हैं तथा स्वास्थ्य को हानि पहुँचाते हैं। अगर हम नगरों तथा महानगरों की बात करें तो प्रदूषण का असर खतरनाक स्तर तक पहुँच चुका है तथा स्वच्छ भोजन व पानी न मिलने के कारण इसके गंभीर स्वास्थ्य संबंधी परिणाम देखने को मिलते हैं।
समस्याऐं हैं तो समाधान खोजना ही होगा-हाइड्रोफानिक्स है विधि
इन सभी समस्याओं से निपटने तथा स्मार्ट सिटी सतना के प्रत्येक कोने को हरा भरा रखने के उद्देश्य से एकेएस युनिवर्सिटी के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत अच्युत पाण्डेय तथ बी.टेक इलेक्ट्रिकल 8वें सेमेस्टर के छात्रों ने मिलकर ‘‘स्मार्ट फार्म फार स्मार्ट सिटी’’की अवधारणा पर कार्य करना प्रारंभ किया।इस प्रोजेक्ट में एक कृषि पद्धति पर कार्य किया गया जिसे हाइड्रोफोनिक्स कहते हैं। हाइड्रोफोनिक्स एक ऐसी कृषि पद्धति है जिसमें फसल तथा पौधों के उत्पादन के लिए मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती। अगर पौधों की संरचना तथा उनके बायोलाॅजिकल सिस्टम को देखें तथा पौधे मिट्टी का प्रयोग खड़े रहने तथा पानी व आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित करने के लिए करते हैं। इसके अलावा मिट्टी की उनके लिए कोई आवश्यकता नहीं। अतः अगर हम चाहें तो पौधों को बिना मिट्टी का प्रयोग किए केवल पानी तथा आवश्यक पोषक तत्वों की सहायता से भी उगा सकते हैं। हाइड्रोफोनिक्स तकनीक में पौधों को सामान्यतः एक जालीदार कप में उगाया जाता है
ये आवश्यक तत्व हैं विधि को चलाने के लिए
जिसमें पौधों को खड़ा रखने के लिए छोटी गिट्टी, रेत, नारियल की जटा व स्पंज का प्रयोग किया जाता है तथा पौधें की जड़ें कप के छिद्रों से बाहर निकली हुई होती है इन कपों को एक पाइप में छेद करके उनमें लगाया जाता है तथा इन पाइपों में शुद्ध जल जिसमें आवश्यक पोषक तत्व मिले होते हैं प्रवाहित किया जाता है जिससे वे वृद्धि कर सकें। विद्यार्थियों ने जो सिस्टम बनाया है वो एक स्मार्ट हाइड्रोपोनिक सिस्टम है जिसमें पौधों के स्वास्थ्य तथा वृद्धि दर को मेंटेन करने के लिए एक इलेक्ट्रानिक सिस्टम लगाया है यह इलेक्ट्रानिक सिस्टम विभिन्न प्रकार के सेंसर्स जेसे टैम्प्रेचर सेंसर, ह्युमिडिटी सेंसर तथ पीएच सेंसर से जुड़ा रहता है। ये इलेक्ट्रानिक सिस्टम जीएसएम मोड्यूल के द्वारा इन सभी डाटा को स्मार्ट फोन के एक ऐप में भेजा जाता है जिसे हम कहीं से देख सकते हैं। इसके अलावा इस हाहड्रोपोनिक सिस्टम में हमने एक विशेष प्रकार के एलईडी बल्ब का प्रयोग किया है जो लाल तथ नीले रंग का प्रकाश देता है जो पौधों के प्रकाश संस्लेषण क्रिया के लिए आवश्यक है। इसका अर्थ यह है कि इस सिस्टम को कमरे के अंदर रख कर भी पौधे उगाये जा सकते हैं इसके कई लाभ हैं जैसे हाइड्रोफोनिक तकनीक के द्वारा की गई खेती में 90 प्रतिशत पानी कम खर्च होता है क्योंकि इसमें पानी को बार-बार रीसाइकल कराया जाता है,उत्पादन मिट्टी की तुलना में अधिक होता है, विपरीत वातावरण से बचाव किया जा सकता है,किसी भी प्रकार के हानिकारक कीटनाशकों की आवश्यकता नहीं होती, पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचता, पैदावार में अपेक्षाकृत अधिक पोषक तत्व होते हैं।
सतना। इंडियाज बेस्ट प्रायवेट यूनिवर्सिटी में 27वीं रैंक प्राप्त और बेस्ट इनोवेटिव यूनिवर्सिटी इन म.प्र. एवार्ड-2019 से सम्मानित एकेएस वि.वि. के प्रति विभिन्न कंपनियाॅ कैम्पस ड्राइव के लिए उत्सुक हैं। इसी क्रम में वि.वि. के इलेक्ट्रिकल संकाय में कैम्पस ड्राइव के माध्यम से जापान की बहुराष्ट्रीय कंपनी मित्सुबिसी ने विद्यार्थियों का चयन किया। उल्लेखनीय है कि विभिन्न कंपनियों सभी संकाय के विद्यार्थियों के चयन का सिलसिला लगातार जारी है। इसी कडी में विंध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस विश्वविद्यालय सतना के इलेक्ट्रिकल संकाय के छात्रों के लिए कैम्पस ड्राइव का आयोजन किया गया। कैम्पस चयन के लिए इलेक्टिएकल के विद्यार्थियों ने एक्जाम प्रोसेस में हिस्सा लिया। प्रतिभागी छात्रों का चयन दिल्ली में किया गया। ट्रेनी इंजी. पद के लिए होने वाली परीक्षा में मित्सुबिसी के मानव संसाधन मैनेजर और अधिकारियों ने विद्यार्थियों का इंटरव्यू लिया। इंटरव्यू के बाद डिप्लोमा इलेकिट्रकल के पाॅच होनहार छात्रों का सेलेक्सन हरियाणा रीजन के लिए किया गया। इनका चयन एक लाख साठ हजार पर एनम पर किया गया। एकऐस वि.वि. सतना के टेªनिंग एवं प्लेसमेंट विभाग के डायरेक्टर एम. के.पाण्डेय, इंजी.डीन डाॅ.जी.के. प्रधान, इले. इंजी. विभागाध्यक्ष रमा शुक्ला, बालेन्द्र विश्वकर्मा, मनोज सिंह एवं इंजीनियरिंग संकाय के फैकल्टीज ने छात्रों को चयन के बाद शुभकामनाऐं दी है। चयन के लिए सिर्फ इले.इंजी 2019 बैच के छात्र ही शामिल हुए।
सतना। एकेएस युनिवर्सिटी सतना के कृषि संकाय में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में वि.वि. के एग्रीकल्चरसंकायके छात्रों ने म.प्र. शासन को अपना धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा है कि म.प्र. शासन द्वारा दोनो शासकीय कृषि विश्वविद्यालयों में प्रवेश संबंधी त्रुटि को ठीक कर दिया गया है, इससे म.प्र. के सभी विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी जिनकी कृषि संकाय में उच्चतर शिक्षा(एमएससी,एग्रीकल्चर) प्राप्त करने में अभिरुचि है उन्हें समान अवसर पूर्ववत मिलेंगें। उल्लेखनीय है कि म.प्र. शासन के इस निर्णय से सभी छात्रों को अध्ययन के समान अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। दूरस्थ अंचल के ग्रामीण परिवेश के मेधावी छा़त्रों को प्रवेश परीक्षा में समान अवसर प्रदान करने के लिए छात्रों ने माननीय मुख्यमंत्री म.प्र.शासन, श्री कमलनाथ जी, कृषि मंत्री श्री सचिन यादव जी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल जी का धन्यवाद ज्ञापित किया है। सोमवार 17 जून को एकऐस वि.वि. में आयोजित एक विशेष आयोजन में छात्रों ने शासन की पूर्व में स्थापित प्रवेश नीति को बहाल रखने में शासन की नीति की मुक्त कंठ से प्रशंसा की है और धन्यवाद व्यक्त किया है। प्रवेश संबंधी त्रुटि को दूर करने के लिए जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति श्री पी.के. बिसेन और राजमाता विजयराजे सिंधिया एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय, ग्वालियर के कुलपति श्री कोटेश्वर राव के साथ दोनों युनिवर्सिटीज के डीन एवं एकेडेमिक काउंसिल के सदस्यों का भी छात्रों ने धन्यवाद व्यक्त किया है। विद्यार्थियों में अत्यंत प्रसन्नता है।
सतना। 20 जून को ग्राम पंचायत करही खुर्द ब्लाक उचेहरा में पाँच दिवसीय नदी पुनर्जीवन अभियान यात्रा के समापन कार्यक्रम के अवसर पर एकेएस वि.वि. के समाजकार्य विभाग के एमएसडब्ल्यू के छात्र छात्राओं ने सम्मिलित होकर अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। इस अवसर पर परिचर्चा के साथ-साथ उपस्थित ग्रामीण महिला पुरुषों को तीन समूहों में बांट कर नदी आधारित प्रश्नों को चर्चा हेतु दिया गया, समूह चर्चा को सहज बनाने एवं चर्चा के बिन्दुओं को कलमबद्ध करने की जिम्मेदारी एवं नेतृत्व एकेएस वि.वि. के एमएसडब्ल्यू के छात्र-छात्राओं को सौंपा गया। छात्र-छात्राओं ने समूह चर्चा को विधिवत कराते हुये चर्चा से निकले बिन्दुओं की समूह क्रमांकवार प्रस्तुति दी। कार्यक्रम मंे वरिष्ठ समाजसेवियों द्वारा दिये गये उद्बोधन से छात्र-छात्राओं ने नदी पुनर्जीवन यात्रा का उद्देश्य, नदियों की वर्तमान स्थिति एवं उसके कारण उसके निदान के उपायों एवं जल के महत्व से जुड़े पहलुओं को जाना साथ ही भूमिगत जल स्तर को कैसे बढ़ाया जा सकता है एवं िकस प्रकार से नदियों को पहले जैसे 10 या 20 वर्ष पहले था जैसे सदानीरा रखा जा सकता है आदि सीख बनायी। उक्त नदी पुनर्जीवन अभियान का संचालन जल बिरादरी के संयोजक अरुण त्यागी द्वारा किया गया। समापन कार्यक्रम में गणमान्य नागरिकों, वरिष्ठ समाजसेवियों, पत्रकार, ग्रामीण महिला पुरुष एवं वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के साथ एकेएस वि.वि. के समाजकार्य विभाग से मंजू चटर्जी एवं कमलाकर सिंह, एमएसडब्ल्यू के छात्र-छात्रा शिप्रा बागरी, पूनम विश्वकर्मा, प्रियंका सिंह, मानेन्द्र प्रताप सेन, पंकज अहिरवार एवं मयंक वर्मा ने वि.वि. के प्रतिकुलपति डाॅ. हषवर्धन श्रीवास्तव एवं वि.वि. के डायरेक्टर श्री अमित सोनी जी के मार्गदर्शन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की।
सतना। एकेएस वि.वि. के इलेक्ट्रिकल संकाय में कैम्पस ड्राइव के माध्यम से जापान की बहुराष्ट्रीय कंपनी मित्सुबिसी विद्यार्थियों का चयन करेगी। उल्लेखनीय है कि विभिन्न कंपनियों सभी संकाय के विद्यार्थियों के चयन का सिलसिला लगातार जारी है। इसी कडी में विंध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस विश्वविद्यालय सतना के इलेक्ट्रिकल संकाय के छात्रों के लिए कैम्पस ड्राइव का आयोजन किया गया। कैम्पस चयन के लिए इलेक्ट्रिएकल के विद्यार्थियों ने एक्जाम प्रोसेस में भाग लिया। प्रतिभागी छात्रों का चयन दिल्ली में किया जाएगा। ट्रेनी इंजी. पद के लिए होने वाली परीक्षा में मित्सुबिस के मानव संसाधन मैनेजर और अधिकारियों ने विद्यार्थियों का इंटरव्यू लिया। इंटरव्यू के बाद सेलेक्सन हरियाणा रीजन के लिए किया जाएगा।एकऐस वि.वि. सतना के टेनिंग एवं प्लेसमेंट विभाग के डायरेक्टर एम. के.पाण्डेय, इंजी.डीन डाॅ.जी.के. प्रधान, इले. इंजी. विभागाध्यक्ष रमा शुक्ला, बालेन्द्र विश्वकर्मा, मनोज सिंह एवं इंजीनियरिंग संकाय के फैकल्टीज ने छात्रों को चयन के लिए शुभकामना दी है। चयन के लिए सिर्फ इले.इंजी 2019 बैच के छात्र ही शामिल हुए।
सतना। एकेएस वि.वि. के सभी संकाय में कैम्पस ड्राइव के माध्यम से विभिन्न कंपनियों में विद्यार्थियों के चयन का सिलसिला अनवरत जारी है। इसी कडी में विंध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस विश्वविद्यालय सतना में एक्सिस बैक ने कैम्पस ड्राइव का आयोजन किया। कैम्पस चयन के लिए एमबीए के विद्यार्थियों ने आनलाइन परीक्षा प्रक्रिया में भाग लिया। प्रतिभागी छात्रों में सभी 2019 बैच एमबीए है। असिस्टेंट मॅनेजर पद के लिए होने वाली परीक्षा में एक्सिस बैंक के एचआर मैनेजर और अधिकारियों ने विद्यार्थियों का आनलाइन टेस्ट एकेएस वि.वि. के विशाल और सर्वसुविधायुक्त कम्प्यूटर लैब में आयोजित किया।शार्टलिस्टेड स्टूडेन्टस का इंटरव्यू के बाद सेलेक्सन किया जाएगा। यह प्रक्रिया 18 और 19 जून को चली। एकऐस वि.वि. सतना के टेªनिंग एवं प्लेसमेंट विभाग के डायरेक्टर एम. के.पाण्डेय, मैनेजमेंट विभागाध्यक्ष कौशिक मुखर्जी, बालेन्द्र विश्वकर्मा, मनोज सिंह एवं मैनेजमेंट संकाय के फैकल्टीज ने छात्रों को चयन के लिए शुभकामना दी है।