Dr. Kaushik Mukharjee, faculty member, AKSU participated in seven days faculty development programme held in Academic Staff College, Allahabad University from 07/12/2015 to 13/12/2015. Faculty development programme was organized on the topic “Education and Professional Development” in which a large number of faculty members participated. Participants addressed the audience and expressed their views on various aspects of education such as “Ethics in Higher Education”, “American and British System of Education”, “How to be an effective Teacher”. During his address Dr. Mukharjee also imparted valuable information to participants.
आॅन एज्यूकेशन एंड प्रोफेशनल डेव्हलपमेंट’’ में पार्टिसिपेशन
‘‘एकेडमिक स्टाॅफ काॅलेज,इलाहाबाद यूनिवर्सिटी द्वारा ‘‘आॅन एज्यूकेशन एंड प्रोफेशनल डेव्हलपमेंट’’ विषय पर कार्यक्रम 7 से 13 दिसम्बर, 2015 तक आयोजित किया गया। कार्यक्रम में 50 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। बी.एच.यू. एवं इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के विषय विशेषज्ञों ने ‘‘एथिक्स इन हायर एज्यूकेशन,‘‘ ‘‘ए.पी.आई. सिस्टम‘‘, ‘‘अमेरिकन एंड ब्रिटिश सिस्टम आॅफ एज्यूकेशन‘‘, ‘‘हाउ टू बी इफेक्टिव टीचर,‘‘ स्टूडेन्ट्स एडमिनिस्टेªशन एवं मैनेजमेंट के लेटेस्ट कांसेप्ट पर रोचक जानकारियाॅ के साथ व्याख्यान दिए। एकेएस वि.वि. के मैनेजमेंट फैकल्टी डाॅ कौशिक मुखर्जी ने कार्यक्रम में सहभागिता दर्ज कराई।
मीडिया विभाग
एकेएसविष्वविद्यालय,सतना
एकेएस विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधिता दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों के बीच जैव विविधता संरक्षण से सम्बन्धित निबन्ध लेखन, वाद-विवाद एवं परिचर्चा आयोजित की गई। जिसमें छात्र-छात्राओं ने वर्तमान परिवेश में जैव विविधता के महत्व एवं मूल्यों पर अपने विचार उद्घृत किये। कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष पर्यावरण विज्ञान विभाग डाॅ. महेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 1993 से अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधिता दिवस का आयोजन 29 दिसम्बर को किया जाता रहा है। उन्होंने जन-मानस व हमारे आस-पास मौजूद जैव विविधता की उपयोगिता और उनके अतिदोहन के कारण एवं उन पर छाये संकट पर विस्तार से जानकारियाँ शेयर की। उन्हांेने बताया कि मध्यप्रदेश शासन की जैव विविधता बोर्ड द्वारा सम्पादित प्रोजेक्ट के माध्यम से भी लोगों में आई.ई.टी. (रेयर इन डेन्जर्स थ्रेटिंड) की प्रजातियों के संवर्धन, उनके मूल्यों आदि पर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिससे की वे इनके संरक्षण के प्रति सचेत हो सके और इनके महत्व और मूल्यों का उपयोग आने वाले समय में कर सके। फैकल्टी सुमन पटेल ने कहा कि जैव विविधता सस्टेनेबल डेव्हलपमेंट में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। अतः हम सबको उनके संरक्षण में तत्पर रहना चाहिए। निलाद्री शेखर राय ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा मानव की बढ़ती हुई जनसंख्या और इससे उत्पन्न अन्य प्रभावों जैसे नगरीकरण एवं औद्योगिकीकरण जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण खतरे है। रिसर्च फैलो भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा जैव विविधता संरक्षण के प्रति अधिक जागरूक है। अतः उनके संरक्षण के लिए विभिन्न वैज्ञानिक विधियों एवं प्रयासों को उन तक पहुँचाना आवश्यक है। इस अवसर पर सभी संकायों के छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहें।
एकेएसविष्वविद्यालयसतना
एकेएस विश्वविद्यालय में ‘‘स्प्रिच्युअल विभागाध्यक्ष डाॅ. निमेष त्रिपाठी‘‘ का शोध पत्र ‘‘वेटेनरी साइंस इन अग्नि महापुराण नाम से प्रकाशित हुआ है। शोध पत्र ‘‘रिसर्च रीफार्मर इन्टरनेशनल रेफरीड आॅन लाइन रिसर्च जनरल‘‘ के अक्टूबर, 2015 के अंक में प्रकाशित हुआ। डाॅ. नेमिश नें बताया कि इस शेाध पत्र में विभिन्न प्रजातियों जैसे गाय,घोड़ा और हाथी के विभिन्न रोगों के इलाज में काम आने वाली आयुर्वेदिक औषधियों के बारे में पुख्ता जानकारियाॅ दी गईं हैं। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के परिपेक्ष्य में औषधियों के बाॅटनिकल और अंग्रेजी नेम के साथ प्रस्तुत किया गया है। इसकी सहायता से विभिन्न प्रकार की औषधियां कम लागत में आसानी से बनाई जा सकती हैं।
एकेएस विश्वविद्यालय
विन्ध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस वि.वि. मेें नियमित कैम्पस हो रहे हैं इसी कड़ी में गुरुवार को वि.वि. में प्रतिष्ठित सीमेंट कम्पनी ‘‘केजेएस सीमेंट,मैहर के एचआर नें सीमेंन्ट टेक्नाॅलाजी के छात्रों का चयन किया।कैम्पस ड्राइव के आयोजन में 17 छात्रों को चयनित किया गया। इसमें एकेएस विश्वविद्यालय के डिप्लोमा सीमेंट टेक्नाॅलाजी के 90 छात्राओं ने उपस्थित दर्ज करायी । विद्यार्थियों को एकेएस वि.वि. के कुलाधिपति बी.पी.सोनी,कुलपति प्रो.पारितोष के.बानिक, प्रतिकुलपति डा. आर.एस. त्रिपाठी ,डाॅ.जी.सी.मिश्रा, डायरेक्टर, सीमेंन्ट टेक्नाॅलाजी एवं वि.वि. के फैकल्टीज नें बधाइयाॅ एवं भविष्य की शुभकामनाऐं दीं हैं। कैम्पस के दौरान प्लेसमेंट डायरेक्टर एम.के.पाण्डेय,बालेन्द्र विश्वकर्मा,मनोज सिंह,आदर्श सिंह,मोनू त्रिपाठी की अहम भूमिका रही।
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना